आख़िर शायर / गीतकार के ही साथ नाइंसाफी क्यों ????? प्यार के मोड़ पर मिल गए हो अगर,और मिलने मिलाने का वादा करो आ गए हो तो जाने की ज़िद न करो,जा रहे हो तो आने का वादा करो चलिये माना ये उल्फ़त का दस्तूर है,हुस्न की ये अदा हम को मंजूर है रूठना है ज़रूरी तो रूठो मगर,बाद में मान जाने का वादा करो मुझ से बिछड़े तो गुम ख़ुद भी हो जाओगे,इस उजालों की दुनिया में खो जाओगे मेरी तारिक दुनिया का जुगनू हो तुम , रौशनी में न आने का वादा करो आंसुओं से तो सब राज़ खुल जाएंगे,और ख़यानत मोहब्बत में हो जाए गी मेरी मेहबूब तुम हो अमानत मेरी, ग़म में भी मुस्कुराने का वादा करो मैं ही *"शाहिद"* नहीं तुम को भी है पता, बात आगे बढ़ाने से क्या फ़ायदा जब निभाने की हिम्मत नहीं है तो फिर, सारे वादे भुलाने का वादा करो शायर :-शाहिद कबीर (किताब :- उसकी गली, संकलन ;-डॉ। समीर कबीर /2014 उर्दू /हिंदी ) ये ग़ज़ल मेरे पिता जनाब शाहिद कबीर (1932 - 2001) की लिखी हुई है, हिन्दुस्तान और पाकिस्तान में मिलकर इस ग़ज़ल को बहोत सारे गायकों ने गया है कुछ लोगों ने लोकगीत के तौर पे भी गया है, जिस में बड़े नाम ,मक़बूल सबरी सबरी, उस्ताद राईस खान , अज़ीज़ मियां , उस्मान मीर ,और बहोत से , सभी ने मक़्ता भी गया है मैं ही *"शाहिद"* नहीं तुम को भी है पता, बात आगे बढ़ाने से क्या फ़ायदा जब निभाने की हिम्मत नहीं है तो फिर, सारे वादे भुलाने का वादा करो गाते गाते शायर का नाम भी लिया है के यह ग़ज़ल शहीद कबीर की लिखी हुई है इस ग़ज़ल को वक़्त वक़्त पे बड़ी बड़ी म्यूजिक कंपनी ने अपनी कंपनी से रिलीज़ भी किया है जैसे T-SERIES, EMI Pakistan ,Sisodiya Music , Nupur ऑडयो etc . इन सब म्यूजिक कंपनी ने जब ये कलाम अपनी कंपनी से रिलीज़ किया तब अपने cassette cover और TH-cam चैनल शायर का नाम नहीं मेंशन किया आख़िर ऐसा क्यूँ ????? क्या गाने वालों ने बताया नहीं के वो किस का कलाम गा रहे हैं ? या कंपनी ने पूछा नहीं ? क्या कलाम हवा में पैदा होगया ? किसी भी म्यूजिक को बनाने में तीन अहम् कड़ी होती है शायर म्यूजिक डायरेक्टर सिंगर तो तीनो को बराबर का क्रेडिट क्यों नहीं ? मैं यहाँ पे कुछ खास कंपनी के लिंक शेयर कर रहा हूँ th-cam.com/video/8aAT2py-SWQ/w-d-xo.html th-cam.com/video/gFJ1WULfnBI/w-d-xo.html th-cam.com/video/C04c1r_AzBc/w-d-xo.html th-cam.com/video/WoVidVZosWI/w-d-xo.html th-cam.com/video/Gw0wii_Cn9E/w-d-xo.html th-cam.com/video/olNazJeJhpQ/w-d-xo.html th-cam.com/video/iy-TeJWtjSs/w-d-xo.html
Shahid Kabir bohat azim shayer hain Urdu literature me ye un ka kalam hai
Zahoor
बहुत वर्षो के इस प्रकार की कव्वाली सुनने को मिली।
👍👌
Azez sahb kmal k kwal the
Kia awaz or kia khoobsoorut shyree
Nice quwwali Aziz mian
Very nice qaw
Thanks four uploaded very good voice aziz miya
Kya bat hai
wow
Nice
Wow
V nice
Amazing poetry
Saeed sahab Eid Mubarak
But khoob
Mary baba mian good ❤️❤️🌹🌹❤️❤️🌹🌹👍👍👍👍❤️❤️🌹🌹👍🌹🌹
V good
kamal
AZIZ KA KOI SANI NAHR
For You 9
Hi
Wah bahut lajwab
Bahut achchha
आख़िर शायर / गीतकार के ही साथ नाइंसाफी क्यों ?????
प्यार के मोड़ पर मिल गए हो अगर,और मिलने मिलाने का वादा करो
आ गए हो तो जाने की ज़िद न करो,जा रहे हो तो आने का वादा करो
चलिये माना ये उल्फ़त का दस्तूर है,हुस्न की ये अदा हम को मंजूर है
रूठना है ज़रूरी तो रूठो मगर,बाद में मान जाने का वादा करो
मुझ से बिछड़े तो गुम ख़ुद भी हो जाओगे,इस उजालों की दुनिया में खो जाओगे
मेरी तारिक दुनिया का जुगनू हो तुम , रौशनी में न आने का वादा करो
आंसुओं से तो सब राज़ खुल जाएंगे,और ख़यानत मोहब्बत में हो जाए गी
मेरी मेहबूब तुम हो अमानत मेरी, ग़म में भी मुस्कुराने का वादा करो
मैं ही *"शाहिद"* नहीं तुम को भी है पता, बात आगे बढ़ाने से क्या फ़ायदा
जब निभाने की हिम्मत नहीं है तो फिर, सारे वादे भुलाने का वादा करो
शायर :-शाहिद कबीर
(किताब :- उसकी गली, संकलन ;-डॉ। समीर कबीर /2014 उर्दू /हिंदी )
ये ग़ज़ल मेरे पिता जनाब शाहिद कबीर (1932 - 2001) की लिखी हुई है, हिन्दुस्तान और पाकिस्तान में मिलकर इस ग़ज़ल को बहोत सारे गायकों ने गया है कुछ लोगों ने लोकगीत के तौर पे भी गया है,
जिस में बड़े नाम ,मक़बूल सबरी सबरी, उस्ताद राईस खान , अज़ीज़ मियां , उस्मान मीर ,और बहोत से , सभी ने मक़्ता भी गया है
मैं ही *"शाहिद"* नहीं तुम को भी है पता, बात आगे बढ़ाने से क्या फ़ायदा
जब निभाने की हिम्मत नहीं है तो फिर, सारे वादे भुलाने का वादा करो
गाते गाते शायर का नाम भी लिया है के यह ग़ज़ल शहीद कबीर की लिखी हुई है
इस ग़ज़ल को वक़्त वक़्त पे बड़ी बड़ी म्यूजिक कंपनी ने अपनी कंपनी से रिलीज़ भी किया है जैसे T-SERIES, EMI Pakistan ,Sisodiya Music , Nupur ऑडयो etc .
इन सब म्यूजिक कंपनी ने जब ये कलाम अपनी कंपनी से रिलीज़ किया तब अपने cassette cover और TH-cam चैनल शायर का नाम नहीं मेंशन किया
आख़िर ऐसा क्यूँ ?????
क्या गाने वालों ने बताया नहीं के वो किस का कलाम गा रहे हैं ? या कंपनी ने पूछा नहीं ?
क्या कलाम हवा में पैदा होगया ?
किसी भी म्यूजिक को बनाने में तीन अहम् कड़ी होती है
शायर
म्यूजिक डायरेक्टर
सिंगर
तो तीनो को बराबर का क्रेडिट क्यों नहीं ?
मैं यहाँ पे कुछ खास कंपनी के लिंक शेयर कर रहा हूँ
th-cam.com/video/8aAT2py-SWQ/w-d-xo.html
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