"आचार्य प्रशांत से समझें गीता, लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00032 ✨ प्रतिमाह 20+ लाइव सत्र और नियमित परीक्षाएँ ✨ 40,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी ✨ पिछले 1,000+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क ✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल"
दूसरों की जिंदगी में उनकी इजाजत के बिना दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए, लेकिन ऐसा लगता है जैसे भारतीयों को यह बीमारी हो गई है और वे दूसरों की जिंदगी में बिना इजाजत के दखलंदाजी करते रहते हैं। नतीजा यह होता है कि हम सार्वजनिक जगहों पर भी यही करने लगते हैं।
जीवन में दूसरों का दखल, एक सीमा तक ही होना चाहिए। खासकर, हमें उनसे दूर रहना चाहिए, जो हमारी आवाज को दबाने की कोशिश करते हैं। हम लोगों को नहीं बदल सकते, पर उनके साथ अपने रिश्तों को बदल सकते हैं। हमें लगातार ऐसी जगह बने रहने की कोई जरूरत नहीं है, जहां रहना हमें तकलीफ देता है।
वारि जाऊँ मैं सतगुरु के, किया मेरा भरम सब दूर। चंद चढ़ा कुल आलम देखे, मैं देखूँ भरम दूर।। हुआ प्रकाश आस गयी दूजी, उगिया निर्मल नूर। माया मोह तिमिर सब नाशा, पाया हाले हुज़ूर।। विषय विकार लार जेता है, सब कुछ धूल कर दिया। पिया पियाला सुधि-बुधि बिसारि, हुआ चकनाचूर।। हुआ अमर मरें नहीं कबहूँ, पाया जीवन मूल। बंधन कटा छूटिया जम से, किया दरस मंजूर ।। ममता गई भई उर समता, सुख-दुख डारा दूर। समझे बनै कहे नहीं आवै, भयो आनंद भरपूर ।। कहें कबीर सुनो भाई साधो, बाजिया निर्मल तूर। वारि जाऊँ मैं सतगुरु के, किया मेरा भरम सब दूर।। ☝🏻संत कबीर
कोटि कोटि नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏 मुझे मेरे हर सवाल का जवाब मिल जाता है🙏 जैसे सिंगल लाइफ रहना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है ना कि लोगो की झूठी खुशी के कारण अपनी निजता को दाव पे लगाना,, जो लोग खुद फस जाते है समाज के इस नियम मे,वो खुद नरक की जिंदगी जीते ही है चाहते है की सबको जबरदस्ती इस नर्क के दल दल मे धकेल दो ताकि उन्हे आपकी जिंदगी बर्बाद होते देख सके, is se ज्यादा नीजी कुछ नही की आप अपनी मर्ज़ी से किसी को अपनी जिंदगी मे लाये और ना लाये🙏 जिसको लोग शादी कहते है वो एक समझौता है, जिंदगी भर का बंधन और कुछ नहीं😢
मनुष्य एक धार्मिक प्राणी है ताकि सही गलत में भेद कर सके और चेतना से सही दिशा में ले जाना चाहिए जो मानवता के कल्याण के लिए जरूरी हैं वहीं करना धर्म है यही अन्तर नर और पशु को अलग करता है
Acharya ji ne apni jindgi bita di hum logo ko yani samaj ko sudharne main sahi galat ka gyaan karane main ab bhi agr hum unko aadarsh na mane ya unhen samaan na de to ye humare insaniyat or insan hone ki rohini/apman hoga isaliye acharya ji ko jarur sune aor unhen samjhe .
💜 civilization (सभ्यता)की एक बहुत बड़ी पहचान होती है, "Respect for individuality (व्यक्तित्व)"निजता का सम्मान बढ़ने लगता है जैसे जैसे सभ्यता बढ़ती है। और अगर निजता का सम्मान नहीं बढ़ रहा तो, अभी हम बहुत असभ्य लोग हैं 🙏*ना दखल करिए ना दखल करने दीजिए। Thnx sir 🙏🙏❤️
Acharya Prashant ji is very deep man of india ⭐👌🏻🗿♥️ his work 👏🏻 is always appreciable and honorable 🙏🏻🙏🏻🙇🏻🙇🏻. Acharya ji we hats of to you and your work always . After manage my economic condition I'll prefer his all videos because I feel these videos are very very informative, knowledgeable,deep,ethical,integrity,aptitude 💯🙌🏻🤍
"आचार्य प्रशांत से समझें गीता,
लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00032
✨ प्रतिमाह 20+ लाइव सत्र और नियमित परीक्षाएँ
✨ 40,000+ गीता छात्रों की कम्युनिटी
✨ पिछले 1,000+ घंटों के सत्रों की रिकॉर्डिंग - निशुल्क
✨ आचार्य प्रशांत से पूछें अपने सवाल"
दूसरों की जिंदगी में उनकी इजाजत के बिना दखलंदाजी नहीं करनी चाहिए, लेकिन ऐसा लगता है जैसे भारतीयों को यह बीमारी हो गई है और वे दूसरों की जिंदगी में बिना इजाजत के दखलंदाजी करते रहते हैं। नतीजा यह होता है कि हम सार्वजनिक जगहों पर भी यही करने लगते हैं।
मनुष्य एक धार्मिक प्राणी हे। धर्म माने सही गलत का भेद करने का विचार।
सभ्यता माने निजता का सम्मान
कुछ भी हमारा अपना होता है क्या? हम पूरी तरह समाज के गुलाम होते हैं- आचार्य प्रशांत
जीवन में दूसरों का दखल, एक सीमा तक ही होना चाहिए। खासकर, हमें उनसे दूर रहना चाहिए, जो हमारी आवाज को दबाने की कोशिश करते हैं। हम लोगों को नहीं बदल सकते, पर उनके साथ अपने रिश्तों को बदल सकते हैं। हमें लगातार ऐसी जगह बने रहने की कोई जरूरत नहीं है, जहां रहना हमें तकलीफ देता है।
निजता का सम्मान स्वतंत्रता से आता है।
स्वतंत्र हुआ नहीं जा सकता बिना बोध के बिना ज्ञान के
वारि जाऊँ मैं सतगुरु के, किया मेरा भरम सब दूर। चंद चढ़ा कुल आलम देखे, मैं देखूँ भरम दूर।।
हुआ प्रकाश आस गयी दूजी, उगिया निर्मल नूर। माया मोह तिमिर सब नाशा, पाया हाले हुज़ूर।।
विषय विकार लार जेता है, सब कुछ धूल कर दिया। पिया पियाला सुधि-बुधि बिसारि, हुआ चकनाचूर।।
हुआ अमर मरें नहीं कबहूँ, पाया जीवन मूल। बंधन कटा छूटिया जम से, किया दरस मंजूर ।।
ममता गई भई उर समता, सुख-दुख डारा दूर। समझे बनै कहे नहीं आवै, भयो आनंद भरपूर ।।
कहें कबीर सुनो भाई साधो, बाजिया निर्मल तूर। वारि जाऊँ मैं सतगुरु के, किया मेरा भरम सब दूर।।
☝🏻संत कबीर
👏👏🕊🕊
न दखल करिए किसी के जीवन में, और
न दखल करने दीजिए, इसमें प्यार की
बात नहीं होती, ये कोई अपनेपन की
बात नहीं होती, ये हिंसा है,
Aacharyaji, pranam, ramautarverma, lucknow
कोटि कोटि नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏 मुझे मेरे हर सवाल का जवाब मिल जाता है🙏 जैसे सिंगल लाइफ रहना हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है ना कि लोगो की झूठी खुशी के कारण अपनी निजता को दाव पे लगाना,, जो लोग खुद फस जाते है समाज के इस नियम मे,वो खुद नरक की जिंदगी जीते ही है चाहते है की सबको जबरदस्ती इस नर्क के दल दल मे धकेल दो ताकि उन्हे आपकी जिंदगी बर्बाद होते देख सके, is se ज्यादा नीजी कुछ नही की आप अपनी मर्ज़ी से किसी को अपनी जिंदगी मे लाये और ना लाये🙏 जिसको लोग शादी कहते है वो एक समझौता है, जिंदगी भर का बंधन और कुछ नहीं😢
मनुष्य एक धार्मिक प्राणी है
ताकि सही गलत में भेद कर सके और चेतना से सही दिशा में ले जाना चाहिए
जो मानवता के कल्याण के लिए जरूरी हैं वहीं करना धर्म है
यही अन्तर नर और पशु को अलग करता है
मनुष्य की निजता ही उसकी गरिमा है- आचार्य प्रशांत
Acharya ji ne apni jindgi bita di hum logo ko yani samaj ko sudharne main sahi galat ka gyaan karane main ab bhi agr hum unko aadarsh na mane ya unhen samaan na de to ye humare insaniyat or insan hone ki rohini/apman hoga isaliye acharya ji ko jarur sune aor unhen samjhe .
💜 civilization (सभ्यता)की एक बहुत बड़ी पहचान होती है,
"Respect for individuality (व्यक्तित्व)"निजता का सम्मान बढ़ने लगता है जैसे जैसे सभ्यता बढ़ती है। और अगर निजता का सम्मान नहीं बढ़ रहा तो, अभी हम बहुत असभ्य लोग हैं 🙏*ना दखल करिए ना दखल करने दीजिए।
Thnx sir 🙏🙏❤️
आज bhut सारी जानकारी मिली
अगर निजता का सम्मान नहीं बढ़ रहा है तो समझ लो अभी हम बहुत असभ्य हैं- आचार्य प्रशांत
आचार्य जी को कोटि कोटि नमन करती हूं हमारे जीवन में चयन और शांति प्रदान करने के लिए 🏹👍💯🌺💪🙏🌺❤
धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏🙏
किसी के मन पर और शरीर पर मत चढ़ो। दुरीया बनाना सीखीए।
Atm gyan / self reflection
हमारी जिंदगी में कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है।
आचार्य जी आपको कोटि कोटि नमन करती हूं सही शिक्षा प्रदान करने के लिए 💪🏹🙏🪔💯🌺❤
Jai shree krishna Guru ji
फिल्मों के आधार पर जीवन जीना बंद करो मेरे भारत के सभी जनता से निवेदन है
फिल्मों में उपभोग का जो संसाधन है उसको खरीदना बंद करो
Personal space का concept हमारे लिए विदेशी है- आचार्य प्रशांत
भारत मे भीड़ ही भीड़ है,
क्या❓ फायदा,
यहाँ SPACE ही नहीं है तो
Personal Space कहॉ से आएगा...!?
🙏🙏🙏
Right bata bole 🙏❤👍🫡
प्रणाम आचार्य श्री 🙏🙏💯💯
प्रणाम आचार्य जी मैं आपका अर्जुन याद तो हैं न आचार्य आप भूल गए न 😢😢😢
Same incident has happened with me soldier bhai l watched video of Aacharya sir
Attention of your personal space
❤❤❤❤❤
🛐🛐
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Acharya Prashant ji is very deep man of india ⭐👌🏻🗿♥️ his work 👏🏻 is always appreciable and honorable 🙏🏻🙏🏻🙇🏻🙇🏻.
Acharya ji we hats of to you and your work always .
After manage my economic condition I'll prefer his all videos because I feel these videos are very very informative, knowledgeable,deep,ethical,integrity,aptitude 💯🙌🏻🤍
🙏 🙏 🙏 🙏
❤❤❤❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏
❤
🙏🙏🙏🙏💕💕💕💕💕💕🇳🇵
🪔🙏
आचार्य श्री सादर प्रणाम 🙏🏻
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
❤
❤
❤❤❤❤