आज आपका पश्चिमी देशों की सभ्यता से की गई कापी पेस्ट का न्यूज़ विश्लेषण मुझे प्रभावित कर गया बहुत दिनों से यह विचार मन के अंदर ज्वालामुखी की तरह धधक रहे थे जो आज आपने पूरे देश को दिखाया सह्दय धन्यवाद
यहां का एजूकेशन सिस्टम गलत है। यहां किताबों के भारी-भरकम बस्ते चकाए जाते है। बार-बार परीक्षाओं और अधिक नंबरों पर ही बल दिया जाता है। शिक्षा में मात्र भाषा की बजाय अंग्रेजी को महत्व दिया जाता है। आज हमारे स्कूल-कालेज बेरोजगारी पैदा करने वाली वो फैक्ट्रीयां बन चुकी हैं जिन्होंने 50 करोड़ से ज्यादा बेरोजगारों की फौज तैयार कर दी है। मतलब 90% नौजवान बेरोजगार। हमारी शिक्षा प्रणाली ने ही देश को अराजकता और तबाही की ओर धकेल दिया है। आज पढ़ा लिखा नौजवान यां तो सरकारी नौकरी की तरफ़ भागता है यां केवल अंग्रेजी सीख कर विदेशों की और। जबकि देश में अच्छे कारीगरों की बहुत कमी है। शिक्षा ढांचा हमारी रोज़ाना की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। करोना महामारी के बाद हमें आधुनिक टैक्नोलॉजी से जुड़ा शिक्षा का नयां तंत्र विकसित करना चाहिए। स्कूलों, कालजों, युनिवर्सिटीओं को वर्कशॉपों में तब्दील करने की जरूरत है। यहां रोज़ाना के कामों से जुड़ी शिक्षा दी जाए। जैसे कार, मुबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स यंत्रों, कृषि, मेडिकल ऐड, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ओर कंस्ट्रक्शन का काम सिखाया जाए। किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा ना हो। शिक्षा मातृभाषा में हो। MA, BEd, MSc, PhD जैसे कोर्सों को खत्म किया जाना चाहिए। शिक्षा संस्थानों में अलग-अलग कामों के कारीगरों को भर्ती किया जाए। देश को तरक्की की ओर ले जाने और कैंसर बने मसलों का एक ही हल है कि अब देश की शिक्षा-व्यवस्था को पूरी-तरह बदल दिया जाए। आशा करता हूं करोना के बाद जब भी स्कूल-कालेज खुलें तो कुछ नयां लेकर ही खुलें। New World Order भी यहीं है। Writer **Sukhi Boparai** *Boparai Chak Wala*
यहां का एजूकेशन सिस्टम गलत है। यहां किताबों के भारी-भरकम बस्ते चकाए जाते है। बार-बार परीक्षाओं और अधिक नंबरों पर ही बल दिया जाता है। शिक्षा में मात्र भाषा की बजाय अंग्रेजी को महत्व दिया जाता है। आज हमारे स्कूल-कालेज बेरोजगारी पैदा करने वाली वो फैक्ट्रीयां बन चुकी हैं जिन्होंने 50 करोड़ से ज्यादा बेरोजगारों की फौज तैयार कर दी है। मतलब 90% नौजवान बेरोजगार। हमारी शिक्षा प्रणाली ने ही देश को अराजकता और तबाही की ओर धकेल दिया है। आज पढ़ा लिखा नौजवान यां तो सरकारी नौकरी की तरफ़ भागता है यां केवल अंग्रेजी सीख कर विदेशों की और। जबकि देश में अच्छे कारीगरों की बहुत कमी है। शिक्षा ढांचा हमारी रोज़ाना की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। करोना महामारी के बाद हमें आधुनिक टैक्नोलॉजी से जुड़ा शिक्षा का नयां तंत्र विकसित करना चाहिए। स्कूलों, कालजों, युनिवर्सिटीओं को वर्कशॉपों में तब्दील करने की जरूरत है। यहां रोज़ाना के कामों से जुड़ी शिक्षा दी जाए। जैसे कार, मुबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स यंत्रों, कृषि, मेडिकल ऐड, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ओर कंस्ट्रक्शन का काम सिखाया जाए। किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा ना हो। शिक्षा मातृभाषा में हो। MA, BEd, MSc, PhD जैसे कोर्सों को खत्म किया जाना चाहिए। शिक्षा संस्थानों में अलग-अलग कामों के कारीगरों को भर्ती किया जाए। देश को तरक्की की ओर ले जाने और कैंसर बने मसलों का एक ही हल है कि अब देश की शिक्षा-व्यवस्था को पूरी-तरह बदल दिया जाए। आशा करता हूं करोना के बाद जब भी स्कूल-कालेज खुलें तो कुछ नयां लेकर ही खुलें। New World Order भी यहीं है। Writer **Sukhi Boparai** *Boparai Chak Wala*
सुधीर चौधरी जी इतनी सही प्रस्तुति के लिए हृदय से धन्यवाद, देश की जनता व नेतृत्व को सोचने की आवश्यकता है कि ईमानदारी से शासन करने से सबका चतुर्दिक वह स्थाई विकास होगा । जो भी हो शिक्षा और सोच को विश्लेषण करना होगा । संविधान में सकारात्मक परिवर्तन आवश्यक हो गया है । धन्यवाद
तुलनात्मक आंकड़ों के माध्यम से देश के कम विकास की सही तस्वीर दिखाने के लिए आपको हृदय से धन्यवाद 🙏 ! कुर्सी बचाने और हथियाने वाले नेताओं का ध्यान भला इस तरफ कैसे जाता।
सुधीर जी एक आप ही हैं जो ये topic कवर करने की हिम्मत रखते हैं। ये हमारे जैसे देशभक्तों की सोच को आगे बढ़ाने के लिए ही है। हम चाहते है कि हर एक छोटी बड़ी चीज़ हमारे देश कि बनी हुई इस्तेमाल करें। लेकिन चाह कर भी कर नहीं पाते। क्यूँकि हमारे नागरिक देशभक्ति के लिए वोट नहीं करते फ़्री की चीज़ों के लिए अपना क़ीमती वोट बर्बाद करते hain
यहां का एजूकेशन सिस्टम गलत है। यहां किताबों के भारी-भरकम बस्ते चकाए जाते है। बार-बार परीक्षाओं और अधिक नंबरों पर ही बल दिया जाता है। शिक्षा में मात्र भाषा की बजाय अंग्रेजी को महत्व दिया जाता है। आज हमारे स्कूल-कालेज बेरोजगारी पैदा करने वाली वो फैक्ट्रीयां बन चुकी हैं जिन्होंने 50 करोड़ से ज्यादा बेरोजगारों की फौज तैयार कर दी है। मतलब 90% नौजवान बेरोजगार। हमारी शिक्षा प्रणाली ने ही देश को अराजकता और तबाही की ओर धकेल दिया है। आज पढ़ा लिखा नौजवान यां तो सरकारी नौकरी की तरफ़ भागता है यां केवल अंग्रेजी सीख कर विदेशों की और। जबकि देश में अच्छे कारीगरों की बहुत कमी है। शिक्षा ढांचा हमारी रोज़ाना की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। करोना महामारी के बाद हमें आधुनिक टैक्नोलॉजी से जुड़ा शिक्षा का नयां तंत्र विकसित करना चाहिए। स्कूलों, कालजों, युनिवर्सिटीओं को वर्कशॉपों में तब्दील करने की जरूरत है। यहां रोज़ाना के कामों से जुड़ी शिक्षा दी जाए। जैसे कार, मुबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स यंत्रों, कृषि, मेडिकल ऐड, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ओर कंस्ट्रक्शन का काम सिखाया जाए। किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा ना हो। शिक्षा मातृभाषा में हो। MA, BEd, MSc, PhD जैसे कोर्सों को खत्म किया जाना चाहिए। शिक्षा संस्थानों में अलग-अलग कामों के कारीगरों को भर्ती किया जाए। देश को तरक्की की ओर ले जाने और कैंसर बने मसलों का एक ही हल है कि अब देश की शिक्षा-व्यवस्था को पूरी-तरह बदल दिया जाए। आशा करता हूं करोना के बाद जब भी स्कूल-कालेज खुलें तो कुछ नयां लेकर ही खुलें। New World Order भी यहीं है। Writer **Sukhi Boparai** *Boparai Chak Wala*
स्मिता सही है महाठग केजरी मीया फ्रि का जासा देकर पहला एटेक हमारी नारी ओको कर दिल्ही की सत्ता पर सवार होके आज ए मीया मसजिदो मदरेसा मूल्लो को समरुद्ध कर रहा है ए जेहादी हमे लूटने गझवाए हिंद के मकसद से धूसा है,अनशन का ढोग नौटंकी कर, जैसेगद्दार मीया जवाहर गाधी की पीठ पर सवार होके भारत की सत्ता पर बैठा था
संविधान सभा को गलत कहने पहले यह बात सुन लो तुम्हारे बाल गंगाधर तिलक ने भी एक संविधान लिखा था और उसमें इतना भेदभाव ताकि उसे सिरे से खारिज कर दिया गया था तो जिन्होंने संविधान लिखा है उनकी इज्जत करोऔर दूसरी बात अगर लोग ही भ्रष्ट रिश्वतखोर हो तो कितने ही अच्छे संविधान क्यों ना हो उसका कोई मतलब नहीं है
@@manishmalviya1620 hello bhed bhab nahi tha bal gangadhar ke Constitution lekin isliye cancel hua ki Gandhi Nehru ki galati aur unki dirty politics keliye,,, agar aise he to ambedkar ki constirutionpe st, sc, obc, general, secularism, Islam, hindu, kashmir keliye 370,muslim keliye haaj ki paise ye sab kyu isiliye to aaj indiape hindu muslim politics attankwadi badhta ja rahe,,,,,, aise kyu nahi kiyagaya ki only two caste just rich n poor, jab kashmir indiaka he to total india same law, jab aaj 38crore muslim keise wo lok alpasankhyak pura world pe jyada muslim indiame,,,,,,,, apni humanity ki taraf se dekho sab samajh paoge
हमारे देश का विभाजन धर्म के आधार पर किया था भारत मे केवल हिन्दू ओर हिन्दू राष्ट्र घोषित किया हो तो हम विकास पथ पर बहुत आगे होते अब भी भारत को एक देश एक कानून एक देश एक शिक्षा की आवश्यकता है
इन्हीं बातों को मैं लोगों के सामने रखता हूँ। या फिर किसी सोशल मीडिया पर लिखता हूँ तो मेरी बातों का पुरजोर विरोध होता है। लेकिन आपने जो बताया या मैं जो सोचकर बोलता हूँ वो समान हैं। और ये बातें और बिश्लेशण बिल्कुल सही है। 🙏🙏👌👌👌👌
यहां का एजूकेशन सिस्टम गलत है। यहां किताबों के भारी-भरकम बस्ते चकाए जाते है। बार-बार परीक्षाओं और अधिक नंबरों पर ही बल दिया जाता है। शिक्षा में मात्र भाषा की बजाय अंग्रेजी को महत्व दिया जाता है। आज हमारे स्कूल-कालेज बेरोजगारी पैदा करने वाली वो फैक्ट्रीयां बन चुकी हैं जिन्होंने 50 करोड़ से ज्यादा बेरोजगारों की फौज तैयार कर दी है। मतलब 90% नौजवान बेरोजगार। हमारी शिक्षा प्रणाली ने ही देश को अराजकता और तबाही की ओर धकेल दिया है। आज पढ़ा लिखा नौजवान यां तो सरकारी नौकरी की तरफ़ भागता है यां केवल अंग्रेजी सीख कर विदेशों की और। जबकि देश में अच्छे कारीगरों की बहुत कमी है। शिक्षा ढांचा हमारी रोज़ाना की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। करोना महामारी के बाद हमें आधुनिक टैक्नोलॉजी से जुड़ा शिक्षा का नयां तंत्र विकसित करना चाहिए। स्कूलों, कालजों, युनिवर्सिटीओं को वर्कशॉपों में तब्दील करने की जरूरत है। यहां रोज़ाना के कामों से जुड़ी शिक्षा दी जाए। जैसे कार, मुबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स यंत्रों, कृषि, मेडिकल ऐड, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ओर कंस्ट्रक्शन का काम सिखाया जाए। किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा ना हो। शिक्षा मातृभाषा में हो। MA, BEd, MSc, PhD जैसे कोर्सों को खत्म किया जाना चाहिए। शिक्षा संस्थानों में अलग-अलग कामों के कारीगरों को भर्ती किया जाए। देश को तरक्की की ओर ले जाने और कैंसर बने मसलों का एक ही हल है कि अब देश की शिक्षा-व्यवस्था को पूरी-तरह बदल दिया जाए। आशा करता हूं करोना के बाद जब भी स्कूल-कालेज खुलें तो कुछ नयां लेकर ही खुलें। New World Order भी यहीं है। Writer **Sukhi Boparai** *Boparai Chak Wala*
यहां का एजूकेशन सिस्टम गलत है। यहां किताबों के भारी-भरकम बस्ते चकाए जाते है। बार-बार परीक्षाओं और अधिक नंबरों पर ही बल दिया जाता है। शिक्षा में मात्र भाषा की बजाय अंग्रेजी को महत्व दिया जाता है। आज हमारे स्कूल-कालेज बेरोजगारी पैदा करने वाली वो फैक्ट्रीयां बन चुकी हैं जिन्होंने 50 करोड़ से ज्यादा बेरोजगारों की फौज तैयार कर दी है। मतलब 90% नौजवान बेरोजगार। हमारी शिक्षा प्रणाली ने ही देश को अराजकता और तबाही की ओर धकेल दिया है। आज पढ़ा लिखा नौजवान यां तो सरकारी नौकरी की तरफ़ भागता है यां केवल अंग्रेजी सीख कर विदेशों की और। जबकि देश में अच्छे कारीगरों की बहुत कमी है। शिक्षा ढांचा हमारी रोज़ाना की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। करोना महामारी के बाद हमें आधुनिक टैक्नोलॉजी से जुड़ा शिक्षा का नयां तंत्र विकसित करना चाहिए। स्कूलों, कालजों, युनिवर्सिटीओं को वर्कशॉपों में तब्दील करने की जरूरत है। यहां रोज़ाना के कामों से जुड़ी शिक्षा दी जाए। जैसे कार, मुबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स यंत्रों, कृषि, मेडिकल ऐड, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ओर कंस्ट्रक्शन का काम सिखाया जाए। किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा ना हो। शिक्षा मातृभाषा में हो। MA, BEd, MSc, PhD जैसे कोर्सों को खत्म किया जाना चाहिए। शिक्षा संस्थानों में अलग-अलग कामों के कारीगरों को भर्ती किया जाए। देश को तरक्की की ओर ले जाने और कैंसर बने मसलों का एक ही हल है कि अब देश की शिक्षा-व्यवस्था को पूरी-तरह बदल दिया जाए। आशा करता हूं करोना के बाद जब भी स्कूल-कालेज खुलें तो कुछ नयां लेकर ही खुलें। New World Order भी यहीं है। Writer **Sukhi Boparai** *Boparai Chak Wala*
1947 से 77 तक 5 मौलाना भारत के शिक्षामंत्री रहे' इसीलिए महाराणा प्रताप और शिवाजी महाराज पृथ्वीराज चौहान हिन्दुओ के पुस्तको किताबो में कमजोर है । अकबर ओर ओरंगजेब महान है।
O modi bhakt kabhi ginti bhi kar liya karo abhi hum 73 republic mana rahe hai aur ydi 70 sal me nahi hua to 4 sal madi ke aur atal ji ki sarkar me kya ho raha tha
Hoga,, ab to thik thak log aaye hain...ache nahi keh skte lekin pichle walo se jada thik to keh hi skte hain....Made in India program se hoga...Orr ho bhi ra hai gradually
अगर आज़ादी के बाद सरदार पटेल, या नेता जी सुभाष चंद्र बोस के हाथो में भारत की सत्ता होती तो हमारा देश अखंण्ड होता और भारत आज भी सोने का चिड़िया कहलाता व भारतवंशियों का भारत आज भी विश्व गुरु होता 💫💫❤️❤️👨🎤
गरीब संविधान नाही संविधान चालाने वाले बना रहे हैं| भूल गया Babasaheb Ambedkar 🙏 ने कहा था संविधान कितना भी अच्छा q na ho उसको अमल और इस्तमाल मै लाने वाले लोग भी अच्छे होणे चाहीये। दुनिया का सबसे अच्छा संविधान हे भारत का 🇮🇳🙏
@@costarico9924 ये अंधभक्ति छोड़ो और तर्क पर विश्वास करो। देखो अगर आप चाण्क्य का अर्थ शास्त्र pdoge तो और आज के चुनाव कि निति देखोग्ते बिल्कूल् भद्दी इस सविधान से संसद मे अच्छे लोग भरे हि नहीं जा सकते और दंड सहिता 1860वलि कॉपी पेस्ट है बिलकुल बदली नहीं जो अंग्रेजो ने बनाई थी कपि पेस्ट के बदोकत् हि देश के सविधान मे आज तक 103सन्सोधन् हुए सुनो जो दंड सहिता आज है वहीं पाक और बंगला मे भी इसलिए ये हि देश भ्रस्ट और गरीब है ।
सुधीर जी आज पुरानी बातों को ही याद करके हम शुरू से ही परेशान रहे हैं पर किसी ने भी कोई सकारात्मक सोल्यूशन नहीं ढूंढा आज अगर मोदी जी कुछ कर रहे हैं तो तो हमारे देश के लोग समर्थन नहीं देते 🙏🚩🌹🇮🇳।
भारत ने आज़ादी के बाद केवल एक ही गलती की जो भारत की आज तक की सबसे भयानक गलती है वो ये कि गांधी खानदान को हमने भारत के सिंहासन पर बैठा दिया। जय भारत, जय राष्ट्रवाद 🇮🇳🇮🇳🚩🚩
बहुत अच्छा लगा सुधीर जी गणतंत्र दिवस के मौके पर आपने देश के बारे में हमें बहुत सी बातें बताई हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी जो देश को एक ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं लेकिन कहीं ना कहीं विपक्षी नेताओं को यह बात अच्छी नहीं लगी मुझे लगता है इस देश का कुछ नहीं होगा
Brilliant analysis of India's misfortune.Modiji has given our country a right boost by encouraging invention of newer missiles and weapon systems by DRDO and other indigenous public and private companies.
I am nepali form now qatar Sudhir sir aap mahan ki aaj pure duniya ke saamne aesi baat kiye hai ki log sochne ke khatir majbur hojaye or sochne suru karde ye sahi hai
आपकी तुलनात्मक विवेचना बिल्कुल सही है । पर मेरे हिसाब से जब देश का बंटवारा जाति के आधार पर हो ही रहा था तो उस समय सारे के सारे हिन्दू एक देश मे और सारे के सारे मुस्लिम दूसरे देश मे रहने चाहिए थे । वैसी स्थिति मे दोनो ही देशों मे शांतिपूर्ण वातावरण होता । लोग घूमने एक दूसरे के देश मे आसानी से आ जा सकते, अपने अपने धार्मिक स्थानों पर आ जा सकते । और तब दोनो देशो का विकास भी होता, क्यूंकि तब एकदूसरे पर आक्षेप और आतंक की जरूरत ही नहीं होती । पर हम तो हम हैं
चीन भारत के बाद आजाद हो कर कहां से कहां चला गया (चीन जनसंख्या नियंत्रण में, अर्थ व्यवस्था में, Infrastructure में, निवेश में , अंतरिक्ष में, Defence में , Smart City's में हर एक में चीन आगे है ) हम और हमारे सरकार क्या करते हैं ?हम देश तरक्की करना नहीं जानते
यहां का एजूकेशन सिस्टम गलत है। यहां किताबों के भारी-भरकम बस्ते चकाए जाते है। बार-बार परीक्षाओं और अधिक नंबरों पर ही बल दिया जाता है। शिक्षा में मात्र भाषा की बजाय अंग्रेजी को महत्व दिया जाता है। आज हमारे स्कूल-कालेज बेरोजगारी पैदा करने वाली वो फैक्ट्रीयां बन चुकी हैं जिन्होंने 50 करोड़ से ज्यादा बेरोजगारों की फौज तैयार कर दी है। मतलब 90% नौजवान बेरोजगार। हमारी शिक्षा प्रणाली ने ही देश को अराजकता और तबाही की ओर धकेल दिया है। आज पढ़ा लिखा नौजवान यां तो सरकारी नौकरी की तरफ़ भागता है यां केवल अंग्रेजी सीख कर विदेशों की और। जबकि देश में अच्छे कारीगरों की बहुत कमी है। शिक्षा ढांचा हमारी रोज़ाना की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। करोना महामारी के बाद हमें आधुनिक टैक्नोलॉजी से जुड़ा शिक्षा का नयां तंत्र विकसित करना चाहिए। स्कूलों, कालजों, युनिवर्सिटीओं को वर्कशॉपों में तब्दील करने की जरूरत है। यहां रोज़ाना के कामों से जुड़ी शिक्षा दी जाए। जैसे कार, मुबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स यंत्रों, कृषि, मेडिकल ऐड, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ओर कंस्ट्रक्शन का काम सिखाया जाए। किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा ना हो। शिक्षा मातृभाषा में हो। MA, BEd, MSc, PhD जैसे कोर्सों को खत्म किया जाना चाहिए। शिक्षा संस्थानों में अलग-अलग कामों के कारीगरों को भर्ती किया जाए। देश को तरक्की की ओर ले जाने और कैंसर बने मसलों का एक ही हल है कि अब देश की शिक्षा-व्यवस्था को पूरी-तरह बदल दिया जाए। आशा करता हूं करोना के बाद जब भी स्कूल-कालेज खुलें तो कुछ नयां लेकर ही खुलें। New World Order भी यहीं है। Writer **Sukhi Boparai** *Boparai Chak Wala*
आज आपका पश्चिमी देशों की सभ्यता से की गई कापी पेस्ट का न्यूज़ विश्लेषण मुझे प्रभावित कर गया बहुत दिनों से यह विचार मन के अंदर ज्वालामुखी की तरह धधक रहे थे जो आज आपने पूरे देश को दिखाया
सह्दय धन्यवाद
Jbbbjbjbbbbbbbbbbbb🤩🤩🤩😇🤐🤐🤐🤫🤥👿😳😳😳😕🤔👍👍✊👍👍☠️♥️♥️♥️♥️♥️🙉🙊🙉👿👿👿👿👿👿👿👿👿♥️😵🔷🔛🇨🇱🇨🇲🇧🇳
Bharat ma sara nata chor ha serf apna gar vharta ha
यहां का एजूकेशन सिस्टम गलत है। यहां किताबों के भारी-भरकम बस्ते चकाए जाते है। बार-बार परीक्षाओं और अधिक नंबरों पर ही बल दिया जाता है। शिक्षा में मात्र भाषा की बजाय अंग्रेजी को महत्व दिया जाता है। आज हमारे स्कूल-कालेज बेरोजगारी पैदा करने वाली वो फैक्ट्रीयां बन चुकी हैं जिन्होंने 50 करोड़ से ज्यादा बेरोजगारों की फौज तैयार कर दी है। मतलब 90% नौजवान बेरोजगार। हमारी शिक्षा प्रणाली ने ही देश को अराजकता और तबाही की ओर धकेल दिया है। आज पढ़ा लिखा नौजवान यां तो सरकारी नौकरी की तरफ़ भागता है यां केवल अंग्रेजी सीख कर विदेशों की और। जबकि देश में अच्छे कारीगरों की बहुत कमी है। शिक्षा ढांचा हमारी रोज़ाना की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। करोना महामारी के बाद हमें आधुनिक टैक्नोलॉजी से जुड़ा शिक्षा का नयां तंत्र विकसित करना चाहिए। स्कूलों, कालजों, युनिवर्सिटीओं को वर्कशॉपों में तब्दील करने की जरूरत है। यहां रोज़ाना के कामों से जुड़ी शिक्षा दी जाए। जैसे कार, मुबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स यंत्रों, कृषि, मेडिकल ऐड, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ओर कंस्ट्रक्शन का काम सिखाया जाए। किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा ना हो। शिक्षा मातृभाषा में हो। MA, BEd, MSc, PhD जैसे कोर्सों को खत्म किया जाना चाहिए। शिक्षा संस्थानों में अलग-अलग कामों के कारीगरों को भर्ती किया जाए। देश को तरक्की की ओर ले जाने और कैंसर बने मसलों का एक ही हल है कि अब देश की शिक्षा-व्यवस्था को पूरी-तरह बदल दिया जाए। आशा करता हूं करोना के बाद जब भी स्कूल-कालेज खुलें तो कुछ नयां लेकर ही खुलें। New World Order भी यहीं है। Writer **Sukhi Boparai**
*Boparai Chak Wala*
@@ssboparai4976 bro I'm fully agree with you. 👌
I agree 👍💯
भारतके बाद आजाद हुए और बहुत प्रगति की। और भारत पीछे रह गया। लेकिन भारत के नेता बहुत धनवान बन गए।
यहां का एजूकेशन सिस्टम गलत है। यहां किताबों के भारी-भरकम बस्ते चकाए जाते है। बार-बार परीक्षाओं और अधिक नंबरों पर ही बल दिया जाता है। शिक्षा में मात्र भाषा की बजाय अंग्रेजी को महत्व दिया जाता है। आज हमारे स्कूल-कालेज बेरोजगारी पैदा करने वाली वो फैक्ट्रीयां बन चुकी हैं जिन्होंने 50 करोड़ से ज्यादा बेरोजगारों की फौज तैयार कर दी है। मतलब 90% नौजवान बेरोजगार। हमारी शिक्षा प्रणाली ने ही देश को अराजकता और तबाही की ओर धकेल दिया है। आज पढ़ा लिखा नौजवान यां तो सरकारी नौकरी की तरफ़ भागता है यां केवल अंग्रेजी सीख कर विदेशों की और। जबकि देश में अच्छे कारीगरों की बहुत कमी है। शिक्षा ढांचा हमारी रोज़ाना की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। करोना महामारी के बाद हमें आधुनिक टैक्नोलॉजी से जुड़ा शिक्षा का नयां तंत्र विकसित करना चाहिए। स्कूलों, कालजों, युनिवर्सिटीओं को वर्कशॉपों में तब्दील करने की जरूरत है। यहां रोज़ाना के कामों से जुड़ी शिक्षा दी जाए। जैसे कार, मुबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स यंत्रों, कृषि, मेडिकल ऐड, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ओर कंस्ट्रक्शन का काम सिखाया जाए। किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा ना हो। शिक्षा मातृभाषा में हो। MA, BEd, MSc, PhD जैसे कोर्सों को खत्म किया जाना चाहिए। शिक्षा संस्थानों में अलग-अलग कामों के कारीगरों को भर्ती किया जाए। देश को तरक्की की ओर ले जाने और कैंसर बने मसलों का एक ही हल है कि अब देश की शिक्षा-व्यवस्था को पूरी-तरह बदल दिया जाए। आशा करता हूं करोना के बाद जब भी स्कूल-कालेज खुलें तो कुछ नयां लेकर ही खुलें। New World Order भी यहीं है। Writer **Sukhi Boparai**
*Boparai Chak Wala*
Well said Mr Patel
सुधीर चौधरी जी इतनी सही प्रस्तुति के लिए हृदय से धन्यवाद, देश की जनता व नेतृत्व को सोचने की आवश्यकता है कि ईमानदारी से शासन करने से सबका चतुर्दिक वह स्थाई विकास होगा ।
जो भी हो शिक्षा और सोच को विश्लेषण करना होगा ।
संविधान में सकारात्मक परिवर्तन आवश्यक हो गया है ।
धन्यवाद
तुलनात्मक आंकड़ों के माध्यम से देश के कम विकास की सही तस्वीर दिखाने के लिए आपको हृदय से धन्यवाद 🙏 !
कुर्सी बचाने और हथियाने वाले नेताओं का ध्यान भला इस तरफ कैसे जाता।
आप का विश्लेषण सत्यता को दर्शाता है🙏🙏
सुधीर जी एक आप ही हैं जो ये topic कवर करने की हिम्मत रखते हैं। ये हमारे जैसे देशभक्तों की सोच को आगे बढ़ाने के लिए ही है। हम चाहते है कि हर एक छोटी बड़ी चीज़ हमारे देश कि बनी हुई इस्तेमाल करें। लेकिन चाह कर भी कर नहीं पाते। क्यूँकि हमारे नागरिक देशभक्ति के लिए वोट नहीं करते फ़्री की चीज़ों के लिए अपना क़ीमती वोट बर्बाद करते hain
यहां का एजूकेशन सिस्टम गलत है। यहां किताबों के भारी-भरकम बस्ते चकाए जाते है। बार-बार परीक्षाओं और अधिक नंबरों पर ही बल दिया जाता है। शिक्षा में मात्र भाषा की बजाय अंग्रेजी को महत्व दिया जाता है। आज हमारे स्कूल-कालेज बेरोजगारी पैदा करने वाली वो फैक्ट्रीयां बन चुकी हैं जिन्होंने 50 करोड़ से ज्यादा बेरोजगारों की फौज तैयार कर दी है। मतलब 90% नौजवान बेरोजगार। हमारी शिक्षा प्रणाली ने ही देश को अराजकता और तबाही की ओर धकेल दिया है। आज पढ़ा लिखा नौजवान यां तो सरकारी नौकरी की तरफ़ भागता है यां केवल अंग्रेजी सीख कर विदेशों की और। जबकि देश में अच्छे कारीगरों की बहुत कमी है। शिक्षा ढांचा हमारी रोज़ाना की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। करोना महामारी के बाद हमें आधुनिक टैक्नोलॉजी से जुड़ा शिक्षा का नयां तंत्र विकसित करना चाहिए। स्कूलों, कालजों, युनिवर्सिटीओं को वर्कशॉपों में तब्दील करने की जरूरत है। यहां रोज़ाना के कामों से जुड़ी शिक्षा दी जाए। जैसे कार, मुबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स यंत्रों, कृषि, मेडिकल ऐड, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ओर कंस्ट्रक्शन का काम सिखाया जाए। किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा ना हो। शिक्षा मातृभाषा में हो। MA, BEd, MSc, PhD जैसे कोर्सों को खत्म किया जाना चाहिए। शिक्षा संस्थानों में अलग-अलग कामों के कारीगरों को भर्ती किया जाए। देश को तरक्की की ओर ले जाने और कैंसर बने मसलों का एक ही हल है कि अब देश की शिक्षा-व्यवस्था को पूरी-तरह बदल दिया जाए। आशा करता हूं करोना के बाद जब भी स्कूल-कालेज खुलें तो कुछ नयां लेकर ही खुलें। New World Order भी यहीं है। Writer **Sukhi Boparai**
*Boparai Chak Wala*
@@ssboparai4976 बिलकुल सही कह रहे हैं आप. शुक्र है सरकार ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है🙏🏻🤞🏻
🌹
स्मिता सही है महाठग केजरी मीया फ्रि का जासा देकर पहला एटेक हमारी नारी ओको कर दिल्ही की सत्ता पर सवार होके आज ए मीया मसजिदो मदरेसा मूल्लो को समरुद्ध कर रहा है ए जेहादी हमे लूटने गझवाए हिंद के मकसद से धूसा है,अनशन का ढोग नौटंकी कर, जैसेगद्दार मीया जवाहर गाधी की पीठ पर सवार होके भारत की सत्ता पर बैठा था
Logo ko chhodo hmare sarkar hi jaha dekho waha chenige lights lagwa rahe hai
सर आप सचमुच सच्चे देशभक्त पत्रकार हैं
यह विश्लेषण हमारे देश के नेताओं को अवश्य सुनने चाहिए
उससे भी कोई फर्क पड़ेगा।
Sir netaon ko nahi balki voters ko jarur sun na chahiye
हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी को यह विश्लेषण जरूर दिखाना चाहिए।उनसे देश को बहुत उम्मीदें हैं।
लेकिन फिर भी तुम लोग कहते हो कि संविधान लिखने वाले महान थे ।
@Shamir Patel sirf ambedkar nhi chutiye... Britishers ne jyadatar likha h
Ha मेरे अब भी ye hi मानना है .....
संविधान सभा को गलत कहने पहले यह बात सुन लो तुम्हारे बाल गंगाधर तिलक ने भी एक संविधान लिखा था और उसमें इतना भेदभाव ताकि उसे सिरे से खारिज कर दिया गया था तो जिन्होंने संविधान लिखा है उनकी इज्जत करोऔर दूसरी बात अगर लोग ही भ्रष्ट रिश्वतखोर हो तो कितने ही अच्छे संविधान क्यों ना हो उसका कोई मतलब नहीं है
@@manishmalviya1620 hello bhed bhab nahi tha bal gangadhar ke Constitution lekin isliye cancel hua ki Gandhi Nehru ki galati aur unki dirty politics keliye,,, agar aise he to ambedkar ki constirutionpe st, sc, obc, general, secularism, Islam, hindu, kashmir keliye 370,muslim keliye haaj ki paise ye sab kyu isiliye to aaj indiape hindu muslim politics attankwadi badhta ja rahe,,,,,, aise kyu nahi kiyagaya ki only two caste just rich n poor, jab kashmir indiaka he to total india same law, jab aaj 38crore muslim keise wo lok alpasankhyak pura world pe jyada muslim indiame,,,,,,,, apni humanity ki taraf se dekho sab samajh paoge
@@manishmalviya1620 Ambedkar 🍌 ke saukin the
"गांधीजी" तो केवल नोटों में रहते हैं, पर "नेताजी" तो हमारे हृदय में रहते हैं।
नेताजी, भारत का असली महानायक हैं। ❤❤
तजज
Correct
👍👍👍
Gandhi ji ke bare padhna tab ake bolna
Kitna padhee ho didi
ऐसे विश्लेषण करने के लिए लायक बनना पडे, ग्यानी बनना पडे, और निष्पक्ष बनना पडे । हमें ये विश्लेषण सुनकर प्रसन्नता हुई ।
सत्य वचन साहेब
ये मीडिया वाले लायक तो जूते छपल् के और बात रही विश्लेषण का तो ये इनको फुरसत मिले मोदी का चाटने से तब न्...
Uska camera v विदेश ka hai madam hmlogo को giyan de रहे है
स्वदेशी शिक्षा, स्वदेशी सोच नहीं तब तक उन्नति संभव नहीं है।
आपको बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं मुझे इतना ज्ञान देने के लिए 🙏
100% sahi bataya hai..... netao ko bhi ye sunna chahiye....😊😊
हमारे देश का विभाजन धर्म के आधार पर किया था भारत मे केवल हिन्दू ओर हिन्दू राष्ट्र घोषित किया हो तो हम विकास पथ पर बहुत आगे होते
अब भी भारत को एक देश एक कानून
एक देश एक शिक्षा की आवश्यकता है
Muh ki baat Chin li ❤
Dange ho rehe hey
Agar Dange ka Mull jarr Ko hi katt de ! 🙂🔥
@@ndas7622 धन्यवाद जी
Sahi baat hain mere bhai
@@bhagvatnagre8807 अब जो हो रहा है यह बस सही है क्या???????
@@rakeshpanwar9773 ha
इन्हीं बातों को मैं लोगों के सामने रखता हूँ। या फिर किसी सोशल मीडिया पर लिखता हूँ तो मेरी बातों का पुरजोर विरोध होता है। लेकिन आपने जो बताया या मैं जो सोचकर बोलता हूँ वो समान हैं। और ये बातें और बिश्लेशण बिल्कुल सही है।
🙏🙏👌👌👌👌
यहां का एजूकेशन सिस्टम गलत है। यहां किताबों के भारी-भरकम बस्ते चकाए जाते है। बार-बार परीक्षाओं और अधिक नंबरों पर ही बल दिया जाता है। शिक्षा में मात्र भाषा की बजाय अंग्रेजी को महत्व दिया जाता है। आज हमारे स्कूल-कालेज बेरोजगारी पैदा करने वाली वो फैक्ट्रीयां बन चुकी हैं जिन्होंने 50 करोड़ से ज्यादा बेरोजगारों की फौज तैयार कर दी है। मतलब 90% नौजवान बेरोजगार। हमारी शिक्षा प्रणाली ने ही देश को अराजकता और तबाही की ओर धकेल दिया है। आज पढ़ा लिखा नौजवान यां तो सरकारी नौकरी की तरफ़ भागता है यां केवल अंग्रेजी सीख कर विदेशों की और। जबकि देश में अच्छे कारीगरों की बहुत कमी है। शिक्षा ढांचा हमारी रोज़ाना की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। करोना महामारी के बाद हमें आधुनिक टैक्नोलॉजी से जुड़ा शिक्षा का नयां तंत्र विकसित करना चाहिए। स्कूलों, कालजों, युनिवर्सिटीओं को वर्कशॉपों में तब्दील करने की जरूरत है। यहां रोज़ाना के कामों से जुड़ी शिक्षा दी जाए। जैसे कार, मुबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स यंत्रों, कृषि, मेडिकल ऐड, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ओर कंस्ट्रक्शन का काम सिखाया जाए। किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा ना हो। शिक्षा मातृभाषा में हो। MA, BEd, MSc, PhD जैसे कोर्सों को खत्म किया जाना चाहिए। शिक्षा संस्थानों में अलग-अलग कामों के कारीगरों को भर्ती किया जाए। देश को तरक्की की ओर ले जाने और कैंसर बने मसलों का एक ही हल है कि अब देश की शिक्षा-व्यवस्था को पूरी-तरह बदल दिया जाए। आशा करता हूं करोना के बाद जब भी स्कूल-कालेज खुलें तो कुछ नयां लेकर ही खुलें। New World Order भी यहीं है। Writer **Sukhi Boparai**
*Boparai Chak Wala*
I'm support.. India... 🙏🙏
सही बोल रहे हैं सुधीर चौधरी जी हमारा देश बस चुनाव चक्कर में फस कर रह जा रहा है हमारे देश में बेरोजगारी बहुत ज्यादा है
सबसे बडी समस्या जनसंख्या वृद्धि है जो हर समस्या कीं जननी है ।
Kuki humare desh me skilled workforce ki kami hai....Job ki kami nhi hai
यहां का एजूकेशन सिस्टम गलत है। यहां किताबों के भारी-भरकम बस्ते चकाए जाते है। बार-बार परीक्षाओं और अधिक नंबरों पर ही बल दिया जाता है। शिक्षा में मात्र भाषा की बजाय अंग्रेजी को महत्व दिया जाता है। आज हमारे स्कूल-कालेज बेरोजगारी पैदा करने वाली वो फैक्ट्रीयां बन चुकी हैं जिन्होंने 50 करोड़ से ज्यादा बेरोजगारों की फौज तैयार कर दी है। मतलब 90% नौजवान बेरोजगार। हमारी शिक्षा प्रणाली ने ही देश को अराजकता और तबाही की ओर धकेल दिया है। आज पढ़ा लिखा नौजवान यां तो सरकारी नौकरी की तरफ़ भागता है यां केवल अंग्रेजी सीख कर विदेशों की और। जबकि देश में अच्छे कारीगरों की बहुत कमी है। शिक्षा ढांचा हमारी रोज़ाना की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। करोना महामारी के बाद हमें आधुनिक टैक्नोलॉजी से जुड़ा शिक्षा का नयां तंत्र विकसित करना चाहिए। स्कूलों, कालजों, युनिवर्सिटीओं को वर्कशॉपों में तब्दील करने की जरूरत है। यहां रोज़ाना के कामों से जुड़ी शिक्षा दी जाए। जैसे कार, मुबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स यंत्रों, कृषि, मेडिकल ऐड, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ओर कंस्ट्रक्शन का काम सिखाया जाए। किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा ना हो। शिक्षा मातृभाषा में हो। MA, BEd, MSc, PhD जैसे कोर्सों को खत्म किया जाना चाहिए। शिक्षा संस्थानों में अलग-अलग कामों के कारीगरों को भर्ती किया जाए। देश को तरक्की की ओर ले जाने और कैंसर बने मसलों का एक ही हल है कि अब देश की शिक्षा-व्यवस्था को पूरी-तरह बदल दिया जाए। आशा करता हूं करोना के बाद जब भी स्कूल-कालेज खुलें तो कुछ नयां लेकर ही खुलें। New World Order भी यहीं है। Writer **Sukhi Boparai**
*Boparai Chak Wala*
@@ssboparai4976 Bhai new education policy me to yahi sab hai government ne pahle hi kr di hai
@@xxDKMxx लागू नहीं हुआ, अभी तो स्कूलों-कालेजों में वहीं पुराना सिस्टम ही चल रहा है। भारी-भरकम बस्ते, परीक्षा पे परीक्षा, वहीं नंबरों की गेम।
🇮🇳शिक्षा प्रणाली बदल कर गुरुकुल अपनाना चाहिए भारत तरकी करेगा ।जय हिंद🚩
Thank you so much for sharing good information sir
आजादी के समय गलत लोगों के सता में आने कि वजह से यह सब हुआ है
सुधीर जी बिलकुल सही बात कही है। बहुत गहनता से देश को सोचना चाहिए।
मुझे लगता है कि हम को ही बदलना होगा,, क्योंकि हमही से ऐ समाज है।। सबसे पहला कार्य हिन्दी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए।।।
Bahut sahi kahani
सुधीर जी का अब तक का सबसे अच्छा विश्लेषण। मन खुश खुश हो गया।
पूरा समर्थन करता हु आत्मनिर्भर भारत को🇮🇳☝️
ऐसे विषयों पर विश्लेषण प्रस्तुत करके आपने समाज के समक्ष एक नई तस्वीर प्रस्तुत की है,🙏🙏🙏बहुत बहुत आभार 🙏गणतंत्र देश की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
जय हिन्द
आज भारत इसलिए पिछड़ा है दुख की बात जहां निर्माण होना चाहिए वह खरीद रहे विदेश कंपनियों से
Hum kho jati vad se la Dane sesiv khu cha ki ya hi nahi
1947 से 77 तक 5 मौलाना भारत के शिक्षामंत्री रहे'
इसीलिए महाराणा प्रताप और शिवाजी महाराज पृथ्वीराज चौहान हिन्दुओ के पुस्तको किताबो में कमजोर है ।
अकबर ओर ओरंगजेब महान है।
Pure India m srif Ek samrat hai OR wha hai Ashok Samrat Tu usko bhul gaya
सत्य वचन
जिस देश में पंचर वाले रहेंगे वे सारे देश नीचे हैं
@@sanjeevmaurya7769 इसीलिए भारत पीछे है😂
Andhbakht
Maine aaj tak aisa insan nahi dekha
Itani samjadari se Sanjay u r great sir
सच बोलने की हिम्मत ही पत्रकारिता हैं।👍👍👍
नौकरशाही में मोटा वेतन लेना और बदले में काम नहीं करना ऊपर से रिश्वत और लेना ये भारत के लिए घाटे का सौदा है सरकारी कर्मचारियों का वेतन आधा करो
सही बात है। इसके लिए हमारे आफिसर ज्यादा खतरनाक है। जो भ्रष्टाचार का बढावा देते है।
जो लोग बेरोजगार है वो भी इसी चक्कर में बैठे है एक बार सरकारी नौकरी मिल जाए फिर हम भी वही मलाई खायेंगे
100% correct mere bhai.
Sarkari vetan aadha karke aor naukri do
70 साल मे जो नही हुआ वो अभि मोदिजीने आत्मनिर्भर भारत के जरीये सुरू किया है . जय हिंद
O modi bhakt kabhi ginti bhi kar liya karo abhi hum 73 republic mana rahe hai aur ydi 70 sal me nahi hua to 4 sal madi ke aur atal ji ki sarkar me kya ho raha tha
हमारे देश में सबको सरकारी नॉकरी चाहिए ।।।
और जो अपना धंधा करना चाहता है उसे सरकार और बैंक मदद नहीं करती।
Rigt
सरकार बिजनैस लोन पर ब्याज हटायेगी
बहत बहत अच्छा किया है कि इस तरह देश को आगे बढ़ाने वाले न्यूज पेश किया है।
धन्यवाद सुधीर चेधुरी जी
आप आगे चलकर देशको सामने लाए
Very informative and well presented.. Great job 👍
Happy Republic day जय हिन्द जय भारत 🇮🇳💕(सरकार और जनसाधारण सभी देशवासियों एक होकर देश को तरक्की करना चाहिए )
नेताजी सुभाष चंद्र बोस रहता तो आज हमारे देश नंबर वन पर होता
जो गलती पीछे हो गया उसे दोहराना नहीं चाहिए अब नए सिरे से आगे बढ़ना चाहिए
Right
इसीलिए तो नरेन्द्र मोदी है।
India m Galti hi ho sakti hai fattu desh
Superb 👌 analysis
100% sahi baat Guruji.
Bharat mata ki jai
कोई नेही अभी मोदी है मोदी युग आने में समय लगा अच्छे वक्त के लिए समय लगता है हम बनायेगे बहेतर भारत।।
Absolutely correct innovation is only key to make india a developed successful country
This Analysis is fully inspired with the thoughts of Shri Rajiv Dixit Ji.
Innovation iss desh mein kaise hogaa jahaan pe copy aur paste hoti hai
Hoga,, ab to thik thak log aaye hain...ache nahi keh skte lekin pichle walo se jada thik to keh hi skte hain....Made in India program se hoga...Orr ho bhi ra hai gradually
Innovation se pehle perfection ka attitude zaruri hai. Innovation apne aap ho jayga.
Law and order bhi thik karna hoga. Bina law and order ke innovation ka koi benefit nahi hai.
As usual mirror of society.. great dna team ..keep it up👌🙏👍
इन देशों की सोच वैज्ञानिक रही होगी।
Sudheer ji always shows the reality of facts..
हमने नही काग्रेस ने जनाब ,जब घर का मुखिया ही गद्दारों से मिला हो,तब आप कौन सी कल्पना कर रहे हो आप
Bjp konsi acchi hai 😂😂
@@AbhishekYadav-yg8vv Congress proof mangti he kaha ki surgical strike
@@VIBHANSHU822 कम से कम तुम्हारे धर्म को तो बचा रही है नही आजतक आपकी कट ग ई होती,
निसन्देह
Very well explained analysis.🙏❤️🙏
This Analysis is fully inspired with the thoughts of Shri Rajiv Dixit Ji.
..Made in india.. banayenge desh ko hum jitayenge...👍👍👍
एकदम सत्य है । धन्यवाद भाई
Jai Hind 🇮🇳🙏
आपका बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏🚩
👌👌Very great and effective analysis Nikhilji , Thanks
सुधीर जी यह न्यूज सुनकर अब हम
चेन से मर सकते है, आत्मा को शान्ति बहुत बहुत मिलि ।
जय भारत माँ 🇮🇳
जय जय जी न्यूज ⚘👏👏👏
😀😁😂🤣😃😄😅😇🤓🤔
अगर आज़ादी के बाद सरदार पटेल, या नेता जी सुभाष चंद्र बोस के हाथो में भारत की सत्ता होती तो हमारा देश अखंण्ड होता और भारत आज भी सोने का चिड़िया कहलाता व भारतवंशियों का भारत आज भी विश्व गुरु होता
💫💫❤️❤️👨🎤
अगर bjp बहुमत से 10 साल ओर आ जाए तो ये सपना भी साकार हो जाएगा।
जागो राष्ट्र भक्तो, उठो जागो पूरी शक्ति लगादो अपनी मातृभूमि अखंड भारत के लिए।
🙏🙏🙏
अगर गति शक्ति योजना सही से लागू हुई तो सन 2024 25 तक भारत में बहुत कुछ बदल जाएगा क्योंकि शक्ति प्लान में 100 लाख लाख करोड़ से ज्यादा की योजनाएं हैं
आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 वंदे मातरम
Great analysis..Thanks you..
🍌
जब तक भारत हिन्दू राष्ट्र नहीं बनेगा तब तक भारत विश्व गुरु नहीं बन सकता है लेकिन हम युवा पीढ़ी देश को विश्व गुरु बनाने में लगे हैं
Great !! Program sir
Excellent Research... Sudhir sir Good to see this small documentry
देश कि गरीबी जनसंख्या नहीं
देश कि नितिया है
सारी नीतियाँ सविधान गरीब बना रहा
संविधान ठीक है।
गरीब संविधान नाही संविधान चालाने वाले बना रहे हैं|
भूल गया Babasaheb Ambedkar 🙏 ने कहा था संविधान कितना भी अच्छा q na ho उसको अमल और इस्तमाल मै लाने वाले लोग भी अच्छे होणे चाहीये। दुनिया का सबसे अच्छा संविधान हे भारत का 🇮🇳🙏
Jis bhi desh se savvidhan copy kiya hai na vo desh aaj vikshit desh hai
Or apne ke neta or tum jaise log ki karan se hum piche he aaj
@@costarico9924 ये अंधभक्ति छोड़ो और तर्क पर विश्वास करो।
देखो अगर आप चाण्क्य का अर्थ शास्त्र pdoge तो और आज के चुनाव कि निति देखोग्ते बिल्कूल् भद्दी इस सविधान से संसद मे अच्छे लोग भरे हि नहीं जा सकते
और दंड सहिता 1860वलि कॉपी पेस्ट है बिलकुल बदली नहीं जो अंग्रेजो ने बनाई थी
कपि पेस्ट के बदोकत् हि देश के सविधान मे आज तक 103सन्सोधन् हुए
सुनो जो दंड सहिता आज है वहीं पाक और बंगला मे भी इसलिए ये हि देश भ्रस्ट और गरीब है ।
Apke jaise patrkar se dusre patrkar ko Shikna chahiye Sudhir sir ap bahut achche patrkar h
भूल हुई जवाहरलाल नेहरू को प्रधानमंत्री बनाकर।
गोडसे अगर नेहरू को भी मर देता तो ये दिन न आते।
Nehru ko to phasi dena chahiye
सुधीर जी आज पुरानी बातों को ही याद करके हम शुरू से ही परेशान रहे हैं पर किसी ने भी कोई सकारात्मक सोल्यूशन नहीं ढूंढा आज अगर मोदी जी कुछ कर रहे हैं तो तो हमारे देश के लोग समर्थन नहीं देते 🙏🚩🌹🇮🇳।
Super
एक बार DNA में rrb_ntpc और rrb_group_d के बारे में भी अच्छे से समझा दीजिए!!
bilkul krni chahiye
हमारी भाषा भी आज पश्चिमी देशों की ही देन है । हिंदी या संस्कृत भाषा का पिछड़ने का कारण भी यही है। आज भी हमे अंग्रेजी के बिना सब अधूरा लगता है।
Jis din sanskrti ,hindi bhasa ko lagu kr diya us din bhart ko koi vish guru bnne se nahi rok skta🙏🙏
भारत ने आज़ादी के बाद केवल एक ही गलती की जो भारत की आज तक की सबसे भयानक गलती है वो ये कि गांधी खानदान को हमने भारत के सिंहासन पर बैठा दिया।
जय भारत, जय राष्ट्रवाद 🇮🇳🇮🇳🚩🚩
जाति वादी कीड़ा हटाओ देश को समझो गांधी को नहीं
Sudhir ji आपको गजब का knowledge है Thank you so much for good information 🙏🙏🇮🇳
बहुत अच्छा लगा सुधीर जी गणतंत्र दिवस के मौके पर आपने देश के बारे में हमें बहुत सी बातें बताई हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी जो देश को एक ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं लेकिन कहीं ना कहीं विपक्षी नेताओं को यह बात अच्छी नहीं लगी मुझे लगता है इस देश का कुछ नहीं होगा
Brilliant analysis of India's misfortune.Modiji has given our country a right boost by encouraging invention of newer missiles and weapon systems by DRDO and other indigenous public and private companies.
But what about the problems common man faces everyday, does Modiji solved it? No,never Not
१आरक्षण
2जातिवाद और धर्म
3छोटी सोच
Excellent analysis, every Indian should must know and act accordingly. Thanks Sudhirji .
This Analysis is fully inspired with the thoughts of Shri Rajiv Dixit Ji.
Excellent analysis!!
our government should also watch this video
जो हो गया उसे छोड़ चलो सब मिल कर एक नया भारत बनाये..!
जय हिंद जय भारत
PM Narendra Modi ji is working hard to change the scenario
Really , a beautiful analysis
भारत ने इनोवेशन की जगह पॉपुलेशन पर ज्यादा ध्यान दिया ताकि नेताओं को वोट ज्यादा मिल सके
I am nepali form now qatar Sudhir sir aap mahan ki aaj pure duniya ke saamne aesi baat kiye hai ki log sochne ke khatir majbur hojaye or sochne suru karde ye sahi hai
सही बात है धन्यवाद 🙏👍
Powerful 🙏🙏🙏🙏🙏
Great great 👍👍👍👍
आदरणीय श्री सुधीर जी - प्रणाम 🙏🙏
अत्युत्तम विश्लेषण। Zee news channel देश के अन्य भाषाओं में विस्तार होना बहुत खुशी की बात है। धन्यवाद 🙏🙏
जबतक देश मे अंग्रेजो के बनाए हुए कानून चलते रहेगे तबतक भारत का भला नही होनेवाला इसीलिए जीतना जल्दी हो इन कानूनो को वापस लेना पड़ेगा
Sudheer Jee.. You are the best.
सभी लोगो को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 🇮🇳🇮🇳🙏🙏🙏🙏
Aapko bhi🇮🇳🇮🇳🙏🙏
You are right sir, I like your all thoughts and analesess.🙏🙏
100% right 👍👍👍👍
Super analysis sir👍🏻🙏
आपकी तुलनात्मक विवेचना बिल्कुल सही है । पर मेरे हिसाब से जब देश का बंटवारा जाति के आधार पर हो ही रहा था तो उस समय सारे के सारे हिन्दू एक देश मे और सारे के सारे मुस्लिम दूसरे देश मे रहने चाहिए थे । वैसी स्थिति मे दोनो ही देशों मे शांतिपूर्ण वातावरण होता । लोग घूमने एक दूसरे के देश मे आसानी से आ जा सकते, अपने अपने धार्मिक स्थानों पर आ जा सकते । और तब दोनो देशो का विकास भी होता, क्यूंकि तब एकदूसरे पर आक्षेप और आतंक की जरूरत ही नहीं होती । पर हम तो हम हैं
This Analysis is fully inspired with the thoughts of Shri Rajiv Dixit Ji.
राजीव दीक्षित जी अमर रहे।
Rajiv dixit amar re
चीन भारत के बाद आजाद हो कर कहां से कहां चला गया (चीन जनसंख्या नियंत्रण में, अर्थ व्यवस्था में, Infrastructure में, निवेश में , अंतरिक्ष में, Defence में , Smart City's में हर एक में चीन आगे है ) हम और हमारे सरकार क्या करते हैं ?हम देश तरक्की करना नहीं जानते
यहां का एजूकेशन सिस्टम गलत है। यहां किताबों के भारी-भरकम बस्ते चकाए जाते है। बार-बार परीक्षाओं और अधिक नंबरों पर ही बल दिया जाता है। शिक्षा में मात्र भाषा की बजाय अंग्रेजी को महत्व दिया जाता है। आज हमारे स्कूल-कालेज बेरोजगारी पैदा करने वाली वो फैक्ट्रीयां बन चुकी हैं जिन्होंने 50 करोड़ से ज्यादा बेरोजगारों की फौज तैयार कर दी है। मतलब 90% नौजवान बेरोजगार। हमारी शिक्षा प्रणाली ने ही देश को अराजकता और तबाही की ओर धकेल दिया है। आज पढ़ा लिखा नौजवान यां तो सरकारी नौकरी की तरफ़ भागता है यां केवल अंग्रेजी सीख कर विदेशों की और। जबकि देश में अच्छे कारीगरों की बहुत कमी है। शिक्षा ढांचा हमारी रोज़ाना की जरूरतों के मुताबिक नहीं है। करोना महामारी के बाद हमें आधुनिक टैक्नोलॉजी से जुड़ा शिक्षा का नयां तंत्र विकसित करना चाहिए। स्कूलों, कालजों, युनिवर्सिटीओं को वर्कशॉपों में तब्दील करने की जरूरत है। यहां रोज़ाना के कामों से जुड़ी शिक्षा दी जाए। जैसे कार, मुबाईल, इलेक्ट्रॉनिक्स यंत्रों, कृषि, मेडिकल ऐड, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग ओर कंस्ट्रक्शन का काम सिखाया जाए। किताबी ज्ञान 10% से ज्यादा ना हो। शिक्षा मातृभाषा में हो। MA, BEd, MSc, PhD जैसे कोर्सों को खत्म किया जाना चाहिए। शिक्षा संस्थानों में अलग-अलग कामों के कारीगरों को भर्ती किया जाए। देश को तरक्की की ओर ले जाने और कैंसर बने मसलों का एक ही हल है कि अब देश की शिक्षा-व्यवस्था को पूरी-तरह बदल दिया जाए। आशा करता हूं करोना के बाद जब भी स्कूल-कालेज खुलें तो कुछ नयां लेकर ही खुलें। New World Order भी यहीं है। Writer **Sukhi Boparai**
*Boparai Chak Wala*
अब काँग्रेस कभीभी कुर्सीपर नही दिखेगी.
हम उन्हे इंग्लड या इटली अवश्य भेजेंगे ।
जय जय श्रीराम । हर हर महादेव ।
अत्यंत सुंदर प्रस्तुति के लिए धन्यवाद .....
1000% सही मन मे बरसो से उठ रहा था ये सवाल
Zee news DNA very much different from all media channels 👏👏👏🙏🙏🙏🙏
अपने भारत देश को विश्वगुरु बनाना है तो western culture को छोड़ना ही होगा।
धन्यवाद सर जी इतनी बड़ी जानकारी देने के लिए हमें
Make in INDIA 🇮🇳 ,भारत कि दिशा ओर दशा दोनों बदलने वाली है
डीजे में भारत का सबसे अच्छा कवरेज ज़ी न्यूज़ जय हिंद