आपने शायद पहली बार ग़ज़ल की दहलीज़ पर कदम रखा है और वह भी सुप्रसिद्ध ग़ज़लकार जगजीत सिंह की आवाज़ पर। ..... जग ने छीना मुझसे, मुझे जो भी लगा प्यारा ..... लेकिन इस ग़ज़ल गायकी के बाद आपने दूसरों का बहुत कुछ छीन लिया है। किसी अन्य को अब सुनने की जरूरत ही नहीं है। एक ही व्यक्ति की आवाज़ में किशोर, मुकेश, रफ़ी और अब जगजीत सिंह को भी सुना जा सकता है। आपका प्रयास इसलिए भी सराहनीय है क्योंकि यह सतत है, इसमें निरंतरता है। आपको शुभेच्छा।
@@nandreshnigam6807 बहुत आभारी हूँ सर इस उत्साहवर्धन के लिए। असल में मैं किसी दायरे में बंधना नही चाहता। गीत, मधुर और दिल तक पहुंचने वाला होना चाहिए फिर चाहे कोई भी गायक हो
जगजीत सिंह 🎉❤ मेरा फेवरेट, शुक्रिया ❤ बहुत अच्छा लगा।
@@vijaykumarsharma4528धन्यवाद भाई
आपके सारे गीत अमर ही हैं किशोर दा🎉
आप हर गाने के साथ न्याय करते हो।
@@vijaybhatia1596 बहुत धन्यवाद भाई जी
बेहतरीन प्रस्तुति विवेक भाई 🌹🌹 एकदम अलग लेवल पर ये गीत भाई, मज़ा आ गया 👍👍👏👏
@@vijayant72 thanks bro
आपने शायद पहली बार ग़ज़ल की दहलीज़ पर कदम रखा है और वह भी सुप्रसिद्ध ग़ज़लकार जगजीत सिंह की आवाज़ पर। ..... जग ने छीना मुझसे, मुझे जो भी लगा प्यारा ..... लेकिन इस ग़ज़ल गायकी के बाद आपने दूसरों का बहुत कुछ छीन लिया है। किसी अन्य को अब सुनने की जरूरत ही नहीं है। एक ही व्यक्ति की आवाज़ में किशोर, मुकेश, रफ़ी और अब जगजीत सिंह को भी सुना जा सकता है। आपका प्रयास इसलिए भी सराहनीय है क्योंकि यह सतत है, इसमें निरंतरता है। आपको शुभेच्छा।
@@nandreshnigam6807 बहुत आभारी हूँ सर इस उत्साहवर्धन के लिए। असल में मैं किसी दायरे में बंधना नही चाहता। गीत, मधुर और दिल तक पहुंचने वाला होना चाहिए फिर चाहे कोई भी गायक हो