थल बालेश्वर मंदिर में शिव पार्वती ,लिंग और नन्दी की स्थापना बाद में की गई है पूर्व में वहां पर बालेश्वर की मूर्ति थी जो कि दीवार में शिव पार्वती की मूर्ति के पीछे लगी हुई है । फिर बताया जाता है कि यहां बाली ने तपस्या की थी इसीलिए इसका नाम बालेश्वर पड़ा। थल में एक हथिया देवाल भी है जो दक्षिण के कैलाश मंदिर से मेल खाता है इसे भी खंडित मूर्ति और दक्षिण की ओर लिंग की दिशा के कारण नकारा गया है जो कि गलत है। ऐसा लगता है उत्तराखंड किसी कालखंड में धरती का स्वर्ग लोक था । यहां की सभ्यता संस्कृति देवतुल्य थी। शिव पुराण में जो अनेक राजाओं का उल्लेख किया गया है शायद वे उत्तराखंड में ही थे। उत्तराखंड के प्राचीन इतिहास के बारे में पुनः रिसर्च की आवश्यकता है ।
डीडीहाट से घोरड़पट्टा तक प्रकृति का बहुत ही मनोरम दृश्य, घोरड़पट्टा से चौपाटी होकर मुलानी तक दूसरा गौचर से थल। बस से बहुत यात्रा की है।बहुत सुंदर वर्णन हेतु बहुत बहुत धन्यवाद। नमस्कार पाण्डेय जी।🙏
बालेश्वर मंदिर की स्थापना बाली ने की थी बालि ने रामगंगा नदी के तट पर तपस्या की थी तपस्या करने के पश्चात बाली ने मंदिर की स्थापना की थी मध्य काल में चंद राजवंश के राजा बाज बहादुर चंद ने नए शिव मंदिर का निर्माण करवाया था इसी प्रकार चम्पावत में स्थित बालेश्वर मंदिर की स्थान भी बाली ने की थी मध्यकाल में दुबारा से चंद राजाओ ने बालेश्वर मंदिर चम्पावत का निर्माण करवाया था
पाण्डे जी आपके साथ सफर करना बहुत अच्छा लग रहा है अब आप जौरासी और चौबाटी का टूर बनाए यहां एक गांव है लखती गांव वहां हमारे ईष्ट देव जी श्री अलाइमल देव जी का मंदिर है कृपया दर्शन जरूर करायें । धन्यवाद महेश उप्रेती गुजरात
Uttrakhand bageshwar district Village shonyad se dharamgarh two pakhu pedal calahu MRA name Ganesh mereko Ghar chord ke 40 shal hogaya AAP ko apni vlog channel se Village shonyad syakot mandal syakot mujhe maa Mila do maa Nam kamladevi tinku
हर हर महादेव जय देवभूमि उत्तराखंड इस टाइम आप अब आप फल जाने की बात कर रहे हो अब जब आप डीडीहाट से निकलोगे घोरपडे आएगा गुड पत्ता से एक रूठ जाती है घुड की तरफ से चौपाटी की तरफ को कभी चौपाटी की तरफ भी जाओ वहां का माहौल भी देखो मैं फिर उसके बाद बताऊंगी वहां के बारे में आपको जब आप चौपाटी में जाओगे चौपाटी से नीचे की तरफ एक बेकार नाम का एकमात्र तीन गांव है उसे गांव के बारे में भी पूछना 4 साल पहले उसे गांव में क्या हुआ उसके बारे में पूछना बाकी खबर मैं बाद में मैं दूंगी आपको हर हर महादेव जय जय देवभूमि उत्तराखंड
@@afellowtraveller उसे गांव का नाम है बिगाड़ उसे बिगाड़ के बारे में जानना-समझना 40 साल पहले की घटना है बहुत सारी किसे हैं उसे गांव के सॉरी मिस्टेक बहुत हो जाती है आंखें कमजोर है मेरी अवश्य बाद
@@afellowtraveller मैं आपकी वीडियो चल पहली बार देखी जब आप पिथौरागढ़ से ध्वज होते हुए उगला से डीडीहाट मैंने आपको इस वक्त सब्सक्राइबर भी और लाइक भी कर दिया था टाइप करने में मेरे से बहुत मिस्टेक हो जाती है उसके लिए माफी चाहती हूं जी हां मैं अपनी ही बात कर रही हूं कृपा करके मैसेज कभी भी हिंदी में छोड़ा करो अगर हिंदी में छोड़ोगे आपका मैसेज और आपके वीडियो उतने ही ज्यादा फॉलोअर बढ़ेंगे आपके क्योंकि इंग्लिश अंग्रेजी बहुत लोग नहीं समझते हैं हिंदी में नॉर्मल भी पढ़ लेता है ओके हर हर महादेव जय देवभूमि उत्तराखंड देहरादून
@@afellowtraveller भूल कुछ नही .. जब पता न हो .. मैं तो वैसे ही जानकारी साझा कर रहा था .. बाकी आपके ब्लाग देखकर हमारी भी नराई फिड जाती है . बनाते रहिये ऐसे ही
बालेश्वर मंदिर की स्थापना बाली ने की थी बालि ने रामगंगा नदी के तट पर तपस्या की थी तपस्या करने के पश्चात बाली ने मंदिर की स्थापना की थी मध्य काल में चंद राजवंश के राजा बाज बहादुर चंद ने नए शिव मंदिर का निर्माण करवाया था इसी प्रकार चम्पावत में स्थित बालेश्वर मंदिर की स्थान भी बाली ने की थी मध्यकाल में दुबारा से चंद राजाओ ने बालेश्वर मंदिर चम्पावत का निर्माण करवाया था
बहुत ही बेहतरीन ब्लॉग। जय उत्तराखंड। अति सुन्दर 👏👏👏👏👏
Yatrra bhaut sundar lag hai
Thanks for showing thal
एक और बेहतरीन ब्लॉग।
Bahut sunder
Bahut sundar❤🎉
थल की मच्छी फेमस है
बेहतरीन ब्लॉग
Very nice my home town sir ji
Very nice 💯
सफ़र अच्छा लग रहा है 👌
Very nice vlogs💕
Jai ho baleshwar mahadev ji ki aapko pranaam Lucknow se
❤😂
आपके ब्लॉग मे कछ समय से देख रहा हूं, क्योंकि मुझे बचपने से पहाड़ों से प्रेम है। काफी पसन्द आये।
aapka block bahut Sundar hai
Very nice video👍
Very nice sharing friend 👌👍 stay connected ❤❤
Very nice
मन्दिर के दर्शन कराने के लिए धन्यवाद भाई मैं हरिद्वार से
बालेश्वर मंदिर के गर्भगृह के दर्शन कराने के लिए आपका धन्यवाद्
Nice sir
Thal m mera gawo padta hai 😊 thanku so much aapne yeh video banai 😊
सब जाग बाईक मे सफर करनाछा
गजब हीमत वाल छा महाराज तुम
सलीयुट तमुहो
थल बालेश्वर मंदिर में शिव पार्वती ,लिंग और नन्दी की स्थापना बाद में की गई है पूर्व में वहां पर बालेश्वर की मूर्ति थी जो कि दीवार में शिव पार्वती की मूर्ति के पीछे लगी हुई है । फिर बताया जाता है कि यहां बाली ने तपस्या की थी इसीलिए इसका नाम बालेश्वर पड़ा। थल में एक हथिया देवाल भी है जो दक्षिण के कैलाश मंदिर से मेल खाता है इसे भी खंडित मूर्ति और दक्षिण की ओर लिंग की दिशा के कारण नकारा गया है जो कि गलत है। ऐसा लगता है उत्तराखंड किसी कालखंड में धरती का स्वर्ग लोक था । यहां की सभ्यता संस्कृति देवतुल्य थी। शिव पुराण में जो अनेक राजाओं का उल्लेख किया गया है शायद वे उत्तराखंड में ही थे। उत्तराखंड के प्राचीन इतिहास के बारे में पुनः रिसर्च की आवश्यकता है ।
डीडीहाट से घोरड़पट्टा तक प्रकृति का बहुत ही मनोरम दृश्य, घोरड़पट्टा से चौपाटी होकर मुलानी तक दूसरा गौचर से थल। बस से बहुत यात्रा की है।बहुत सुंदर वर्णन हेतु बहुत बहुत धन्यवाद। नमस्कार पाण्डेय जी।🙏
🎉🎉❤❤🎉🎉 यह बहुत खूबसूरत मुझे तो बहुत उदास लगता है पहाड़ों का लेकिन मेरी बहुत बड़ी मजबूरी रही जो मैंने यह जगह छोड़कर मुझे बाहर निकलना पड़ा था
ek video Askot ka bhi bnaiye
बालेश्वर मंदिर की स्थापना बाली ने की थी
बालि ने रामगंगा नदी के तट पर तपस्या की थी
तपस्या करने के पश्चात बाली ने मंदिर की स्थापना की थी
मध्य काल में चंद राजवंश के राजा बाज बहादुर चंद ने नए शिव मंदिर का निर्माण करवाया था
इसी प्रकार चम्पावत में स्थित बालेश्वर मंदिर की स्थान भी बाली ने की थी
मध्यकाल में दुबारा से चंद राजाओ ने बालेश्वर मंदिर चम्पावत का निर्माण करवाया था
Jai ho baleshwar maha dev 🙏🙏
Interesting, keep going, your name pleasee
Very very very nice sr 🙏🙏🙏
Thal ki bazara
Bahut achcha, Bahut sundar
Map ke sath bi bata do bhai jaga ka pata nahi lagata bahar walo ko
पाण्डे जी आपके साथ सफर करना बहुत अच्छा लग रहा है अब आप जौरासी और चौबाटी का टूर बनाए यहां एक गांव है लखती गांव वहां हमारे ईष्ट देव जी श्री अलाइमल देव जी का मंदिर है कृपया दर्शन जरूर करायें ।
धन्यवाद
महेश उप्रेती
गुजरात
Aap waha miloge agle mahine?
लखतिगांव तो देवलथल बमडोली से आगे पड़ता है, यह शायद एक ही गांव है या अलग, बसेडा़ भी रहते थे लखतिगांव में
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Bahu Achcha BHAI
Very nice video
Very good
हर हर महादेव जय देवभूमि उत्तराखंड इस टाइम आप अब आप फल जाने की बात कर रहे हो अब जब आप डीडीहाट से निकलोगे घोरपडे आएगा गुड पत्ता से एक रूठ जाती है घुड की तरफ से चौपाटी की तरफ को कभी चौपाटी की तरफ भी जाओ वहां का माहौल भी देखो मैं फिर उसके बाद बताऊंगी वहां के बारे में आपको जब आप चौपाटी में जाओगे चौपाटी से नीचे की तरफ एक बेकार नाम का एकमात्र तीन गांव है उसे गांव के बारे में भी पूछना 4 साल पहले उसे गांव में क्या हुआ उसके बारे में पूछना बाकी खबर मैं बाद में मैं दूंगी आपको हर हर महादेव जय जय देवभूमि उत्तराखंड
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@@afellowtraveller समय आने पर मैं आपसे संपर्क अवश्य करूंगी
एक मान्यता है कि मन्दिर से वापसी पर घण्टा नही बजाया जाता
अरे सर यह तो मुझे भूल हो गई
@@afellowtraveller भूल कुछ नही .. जब पता न हो .. मैं तो वैसे ही जानकारी साझा कर रहा था .. बाकी आपके ब्लाग देखकर हमारी भी नराई फिड जाती है . बनाते रहिये ऐसे ही
बालेश्वर मंदिर के गर्भगृह के दर्शन कराने के लिए आपका धन्यवाद्
बालेश्वर मंदिर की स्थापना बाली ने की थी
बालि ने रामगंगा नदी के तट पर तपस्या की थी
तपस्या करने के पश्चात बाली ने मंदिर की स्थापना की थी
मध्य काल में चंद राजवंश के राजा बाज बहादुर चंद ने नए शिव मंदिर का निर्माण करवाया था
इसी प्रकार चम्पावत में स्थित बालेश्वर मंदिर की स्थान भी बाली ने की थी
मध्यकाल में दुबारा से चंद राजाओ ने बालेश्वर मंदिर चम्पावत का निर्माण करवाया था