NIKLO NA BENAQAB ZAMANA KHARAAB HAI | निकलो ना बेनक़ाब ज़माना खराब है
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 27 ส.ค. 2024
- राजस्थान संगीत नाटक अकादमी और द सोल ऑफ म्यूजिक के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित मशहूर हस्ती "पंकज उधास" की स्मृति मैं "शाम-ए-ग़ज़ल" कार्यक्रम में प्रतिष्ठित सूत्रधार श्री प्रमोद सिंघल द्वारा संचालित किया गया। जिसमें चोटी के ग़ज़ल गायकों ने अपनी सुरीली गायकी से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। स्वर सुधा का भी इसमें अप्रत्यक्ष सहयोग रहा है,जिसका श्रेय श्री विवेक कल्ला को जाता है।
प्रस्तुत ग़ज़ल "निकलो ना बेनक़ाब ज़माना खराब है" को श्री मुकेश पुरोहित ने अपने स्वर प्रदान कर आप तक पहुंचाया है।
very nice video graphy
Thanks