लाउडस्पीकर यानी बेक़ाबू बन्दरों के हाथ में आग डा दिनेश शर्मा

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  • เผยแพร่เมื่อ 5 ต.ค. 2024
  • 1876 में लाउडस्पीकर यानी भोंपू को ग्राहम बेल ने भले ही टेलीफोन के एक पुर्जे के तौर पर खोजा हो और बाद के दिनों में इसका इस्तेमाल आपत्ति के समय दूर दराज के लोगों या लोगों की भारी भीड़ को खबरदार करने के लिए हुआ हो पर आज लाउडस्पीकर हिंदुस्तानियों के हाथ में ऐसे आ गया है जैसे बंदर के हाथ में आग… दिनेश

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