पढें लिखे Abdul की सारी होशियारी तो निकाल दी Trivedi जी नें 🔥😄😜 Sudhanshu Trivedi | Mahakumbh 2025

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  • เผยแพร่เมื่อ 3 ก.พ. 2025

ความคิดเห็น • 8

  • @SandeepSingh-iw9ir
    @SandeepSingh-iw9ir 10 วันที่ผ่านมา +1

    सत्य सनातन धर्म की जय🚩🚩 जय जय श्री राम🚩🚩 हिन्दू राष्ट्र की जय🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🚩🚩🚩 जय माँ भारती💪💪 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳

  • @AmarendraYadav-yj5sl
    @AmarendraYadav-yj5sl 10 วันที่ผ่านมา +1

    जय श्री राम 🚩🙏

  • @BabluKumar-nj9cr
    @BabluKumar-nj9cr 9 วันที่ผ่านมา

    Jay Sri ram ❤

  • @SB-vv6ex
    @SB-vv6ex 10 วันที่ผ่านมา

    Nice view ❤❤❤❤😊💖💖💖💖💖

  • @lovesharma1972
    @lovesharma1972 10 วันที่ผ่านมา

    Bhai movie per reaction karna kyu band kar diya h ab aap ne

  • @p.ltiwari5904
    @p.ltiwari5904 9 วันที่ผ่านมา

    कोठा सबके लिए खुला होता है असली धर्मनिरपेक्ष जगह यही है जो हिंदुस्तान पसंद नहीं करता।

  • @SachinGyan-c1q
    @SachinGyan-c1q 10 วันที่ผ่านมา

    Remove the beard please❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @ChandravadanVaghela
    @ChandravadanVaghela 5 วันที่ผ่านมา

    डॉ भीमराव रामजी अंबेडकर के इस्लाम के प्रति विचार : डाॅ. अम्बेडकर ने लिखा कि केवल एक जमीन के टुकड़े पर रहने से ही देश नहीं बनता, बल्कि रहने वाले लोगों में यदि आपस में घृणा का भाव है तो वह साथ साथ किसी मजबूरी में तो रह सकते हैं, पर लंबे समय तक यह संभव नहीं है.... डाॅ. योगेश मित्तल की टिप्पणी Dr Bhimrao Ambedkar : डॉ भीमराव अम्बेडकर एक विद्वान, दूरदृष्टा व अपने विचारों में स्पष्टता रखने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने भारत को गहराई से समझा और जब धर्म के आधार पर भारत के विभाजन की मांग मुस्लिम लीग द्वारा उठाई गई, उन्होंने उस मांग के पीछे के कारणों को जानने का प्रयास किया और अपनी पुस्तक 'पाकिस्तान या भारत का विभाजन' में अपने विश्लेषण को प्रकाशित किया। उन्होंने देखा भारत विविधताओं से भरा देश है, अनेक भाषाएं, अनेक वेशभूषा, अनेक पूजा पद्धति, अनेक प्रकार के खान पान के होते हुए भी कोई भी समुदाय भारत से अलग होने की बात नहीं करता था। किसी छोटे समूह द्वारा कभी यह मांग की भी जाती थी तो उसको किसी बड़े समूह का समर्थन प्राप्त नहीं होता था। डॉ अंबेडकर का कहना था मुस्लिमों का भाई भाई वाला भाव केवल मुस्लिमों के लिए ही है, यह बात और पुख्ता हुई जब खिलाफत आन्दोलन चला जो की पूर्णतः इस्लामिक आन्दोलन था जिसका भारत से कोई लेन देन नहीं था। उसमें मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे लोग खुल कर हिस्सा ले रहे थे, जिसका एक मात्र उद्वेश्य तुर्की पर खलीफा का राज्य पुनः स्थापित करना था। मुस्लिम लीग को भारत के अधिकांश मुसलमानों का समर्थन प्राप्त था और मुस्लिम लीग ने पाकिस्तान बनाने की बात न मानने पर डायरेक्ट एक्शन डे की घोषणा कर दी और 16 अगस्त 1946 को डायरेक्ट एक्शन डे मनाया गया जिसमें 4000 से अधिक हिंदुओ की बंगाल में हत्या कर दी गई। डाॅ. अम्बेडकर ने लिखा कि केवल एक जमीन के टुकड़े पर रहने से ही देश नहीं बनता, बल्कि रहने वाले लोगों में यदि आपस में घृणा का भाव है तो वह साथ साथ किसी मजबूरी में तो रह सकते हैं, पर लंबे समय तक यह संभव नहीं है।