श्लोक 10_अध्याय - 7 परम ज्ञान

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  • เผยแพร่เมื่อ 18 ก.ย. 2024
  • हरि हरि बोल।
    श्रीमद् भागवत गीता की जय।।
    ऊं नमो भगवते वासुदेवाय।
    इस श्लोक में निखिल जी हमें समझा रहे है कि प्रभु अर्जुन को उनके माता पिता पुत्र के नाम से संबोधित करते हुए समझ रहे हैं कि मैं इस ब्रह्मांड का बीज हूं।
    अज्ञानी भगवान को क्यों नहीं समझ पाए क्योंकि वह प्रभु से जुड़े नहीं रहते।
    ज्ञानी जन संसार में रहते हुए प्रभु का चिंतन करते है। प्रभु बीज है ।उनका चिंतन हमें आनंद प्रदान करता है ।वहीं दूसरी तरफ संसार रूपी पेड़ पर उलझे हुए लोग जो प्रभु से दूर हैं वह दुखों क्लेश बीमारियों में ग्रस्त रहते है। यह ब्रह्मांड जो अस्तित्व में हमें दिख रहा है , या जो कुछ नहीं भी दिख रहा ,इसे बनाने वाले हमारे प्रभु हैं। तत्व एक ही है बस अलग अलग धर्मो में उन्हें अलग अलग नाम से जाना जाता है। प्रभु एक है उनके नाम, रूप और लीलाएं अनेक है। बुद्धिमान जो कुछ अपनी बुद्धि के अनुरूप अच्छा कर पाते हैं ,वह प्रभु ही करवाते हैं। लेकिन अपने भक्तों को यश दिला देते हैं जो विनीत भाव से प्रभु की शरण में रहेगा वह अहंकार से बचेगा ।प्रभु हमें हर समय संभालते है और दिव्य बुद्धि से कार्य स्वंय ही करवाते हैं।
    तेजस्वियों का ओहरा प्रभु स्वयं है । किसी संसारी के पास जाने पर नकारात्मकता या महान गुरुओं के पास जाने पर सकारात्मकता का अनुभव इस ओहरा का दर्शन करवाता है। अज्ञानी मनुष्य प्रभु को याद करने के लिए तर्क वितर्क लगाते हैं।
    इस श्लोक के माध्यम से प्रभु को याद कर सकते हैं। आध्यात्मिकता में आगे बढ़े हुए लोग हर समय यही चिंतन करते हैं कि हे प्रभु हम आपको कभी ना भूलें। योग्यता, क्षमता ,बुद्धि, सुंदरता, कुरूपता में हर समय भक्तजन प्रभु का ही दर्शन करते हैं। ज्ञानी जन इस प्रकार से प्रभु का हर समय दर्शन करते हैं।
    और अज्ञानी प्रभु को ढूंढते ही रह जाते हैं। हम जो ज्ञान के साथ नहीं जुड़े, वह उसी प्रकार की मछलियां है जो समुद्र में रहकर समुद्र के जल की ही खोज कर रही है। प्रभु को तर्क बुद्धि से नहीं समझा जा सकता ।किसी महान संत या गुरु का सानिध्य प्राप्त करके ही प्रभु को समझने का प्रयास कर सकते हैं। विनीत भाव से, अथक प्रयास करने के बाद, भगवत कृपा और गुरु कृपा के माध्यम से यह बातें समझी जा सकती है
    निरंतर जपिये।।
    हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे।

ความคิดเห็น • 12

  • @ramnimahajan2098
    @ramnimahajan2098 18 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Shrimad bhagavat Geeta ki jai ho....
    Hare Krishna hare Krishna Krishna Krishna hare hare hare ram hare ram ram ram hare hare...

  • @santoshmahajan3921
    @santoshmahajan3921 16 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Hare Krishna Hare Krishna Krishna Krishna Hare Hare Hare Ram Hare Ram Ram Ram Hare Hare 🙏🙏🌷🌷

  • @santoshmahajan3921
    @santoshmahajan3921 16 ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Jai shri Krishna 🙏🏻 🙏

  • @alkamehla7725
    @alkamehla7725 วันที่ผ่านมา

    Hari hari bol 🙏

  • @sumanvashisht8983
    @sumanvashisht8983 วันที่ผ่านมา

    Hari Hari bol. ❤❤

  • @Ranjujoshi-l5u
    @Ranjujoshi-l5u วันที่ผ่านมา

    हरे कृष्णा हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ❤❤

  • @shallubansal8289
    @shallubansal8289 วันที่ผ่านมา

    Hari-Hari bol ji 🙇‍♀️🙇‍♀️🙇‍♀️

  • @MeenuKour-pt2dy
    @MeenuKour-pt2dy วันที่ผ่านมา

    Hari Hari bol ji 🙏

  • @Bindu_Sharma_Chamba_HP
    @Bindu_Sharma_Chamba_HP ชั่วโมงที่ผ่านมา

    Beautiful explanation Nikhil ji
    Jai shree krishna

  • @sangeetamahajan2293
    @sangeetamahajan2293 วันที่ผ่านมา

    Beautiful verse, nicely explained nikhilji. Thanks for sharing