सूखा और बाढ़: जलवायु पलायन [Drought and Floods: The Climate Exodus] | DW Documentary हिन्दी
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- เผยแพร่เมื่อ 28 ธ.ค. 2021
- 23.10.2020 - आज दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन के कारण इतने लोग विस्थापित हो रहे हैं जितने कभी युद्ध के कारण भी नहीं हुए. मनुष्य द्वारा शुरू हुआ ये जलवायु परिवर्तन अगर इसी गति से बढ़ता रहा तो, विश्व बैंक का अनुमान है कि 2050 तक पूरी दुनिया में जलवायु शरणार्थियों की तादाद करीब 18 करोड़ हो जाएगी.
विश्व के तमाम देशों और समुदायों में जलवायु परिवर्तन के कारण हो रही विभिन्न समस्याओं में से सबसे प्रमुख है पानी. हाल के कुछ सालों में सूखे और बाढ़, दोनों की तीव्रता बढ़ गयी है. दुनिया की एक तिहाई आबादी समुद्री तट के करीब रहती है और अनुमान है कि करीब 70 करोड़ लोग बढ़ते समुद्री जलस्तर के प्रभावित हैं। फिलीपींस की 85 प्रतिशत से ज़्यादा आबादी का मानना कि वे जलवायु परिवर्तन के खतरनाक प्रभावों को, आए दिन आने वाली बाढ़ और चक्रवाती तूफानों के रूप में महसूस कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ ग्वाटेमाला के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले किसान सूखे की मार झेल रहे हैं. यहां बाढ़ और पानी की किल्लत, दोनों समस्याओं के कारण बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं. वहीं इसके जवाब में अमेरिका जैसे समृद्ध देश, प्रवासियों को रोकने के लिए अपनी आप्रवासन नीतियों को और सख्त कर रहे हैं. जबकि इन औद्योगिक देशों की जीवनशैली ही जलवायु में हो रहे परिवर्तन के मुख्य कारणों में से एक है.
सात देश, जिनमें अमेरिका, चीन, रूस, भारत और जर्मनी शामिल हैं, वो दुनियाभर के 60 प्रतिशत कार्बन डायऑक्साइड उत्सर्जन के लिए ज़िम्मेदार हैं।. अमेरिका पूरी दुनिया में सबसे ज्य़ादा इन गैसों का उत्सर्जन करता है, लेकिन इसके बावजूद जलवायु परिवर्तन को नकारने वाले भी सबसे ज़्यादा यहीं मौजूद हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख नाम है राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप. ट्रंप ने पेरिस जलवायु संधि से अपने देश को बाहर कर लिया था. इसी के साथ वे जीवाश्म ईंधन के हितैषी भी हैं और प्रवासियों को रोकने के लिए दीवार का निर्माण कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर, ग्रेटा थुनबर्ग जैसी युवा पर्यावरण एक्टिविस्ट, ‘Fridays for Future’ नाम के अभियान के ज़रिये इन मुद्दों के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं और दुनियाभर में उनके जैसी कई और कार्यकर्ता इस मुहीम से जुड़े हैं. उनकी उम्मीद है कि दुनिया को जलवायु परिवर्तन के भीषण परिणामों से बचाया जा सकेगा. लेकिन फिर भी, समृ्द्ध देशों में रहने वाले अधिकतर लोग अपनी जीवनशैली बदलने को राज़ी नहीं हैं। ये वो लोग हैं जो समर्थ हैं. वहीं अपने घरों से पलायन कर चुके लाखों जलवायु शरणार्थियों के लिए तो उनका अस्तित्व ही दांव पर लगा हुआ है.
पहले भाग यहाँ देखें:
Part 1 - तेल और बर्बादी: वेनेज़ुएला से पलायन [Oil & Ruin: The Venezuelan Exodus] • Video
Part 2 - तेल और बर्बादी: घाना का कड़वा फल [The Exodus of Ghana’s Farmers] • तेल और बर्बादी: घाना क...
#DWDocumentaryहिन्दी #DWहिन्दी #गरीबी #शरणार्थी
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बहुत मेहनत से बनाई गई और बहुत सारी जानकारियों से भरपूर यह और इससे पहले कि भी 1/3 और 2/3 भी बहुत अच्छी डॉक्यूमेंट्री है....आप सभी DW team का बहुत-बहुत आभार और धन्यवाद है....
जलवायु परिवर्तन ने केवल मनुष्य के लिए बल्कि पृथ्वी पर निवास कर रही संपूर्ण प्रजातियों लिए बहुत बड़ा खतरा बनकर उभरा है। DW से आशा है कि आगे भी ऐसे मुद्दों पर डॉक्यूमेंट्री बनायी जायेगी ।
Jitne log dekh rahe hay sab 1 sere Karo please DW ko 5 milion subscribers banade
अच्छा ज्ञान प्राप्त हुआ ध्यानेवाद
हमें खुशी हुई सुनकर कि आपको यह डाक्यूमेंट्री पसंद आई.
🎉
Nice msg
Nice video
Thanku DC tem......,Jesus bless all of u 🤷🤷🤷🤷🤷
Muje ese msg bauth ache lagte hai 🙏🙏🙏
Thanks a lot lot lot lot lot lot for you
To make a beautiful documentry 🎉
Peacefull documentary ☺
Itna badhiya chenel or subscribear 500k bhi nahi 😢
Great information 👍🏻👌
Thank you.......
DW ko Mari tarfe se thanks app sahi bata rahe he, hum ager Nature ko hii nahi rakhege to hum bii nahi rahe sakte
जितने भी नेता जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं वह सिर्फ जनता को मूर्ख बनाते हैं वे जलवायु परिवर्तन पर कोई काम ही नहीं करते हैं सिर्फ अपने पद पर रहने का काम करते। उनको क्या है जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर गांव में रहने वाले किसानों को पड़ता है और जंगली मवेशियों को पड़ता है l जब भी जलवायु मीटिंग होती है वे लोग जाते हैं और दबा कर खाते हैं और अपने देश वापस आ जाते है
❤ really hats off for your hard work for giving such kind of videos
DW 👌🙏
Bhut achi h documentary
aap ne jo kam kr rhe hai vo bohot hi sarahniye hai...🙏🙏🙏
Acha h
Kya khub videos banate hoo ap log
Those who say our activities doesn't have impacts on others and environment are irrational.
Mujhe movie serial m jada ruchi nhi hai documentary pehle se hi pasand deta hai
Good
Jalvayu Parivartan manushya jaati ko nasht Karega Jago Jago
Aapke chhanel subscrib karne ke baad mai .sahi mayne mai world se juud saka .thank.q
Only plantation can save our environment,
Save trees,save earth
I am agree with alex
We play with nature nature plays with you
Aur video banaao
पेड़ लगाएं, जीवन बचाएं,,
Hind
it is very dangerous for living sea side
aware your community this is the only solution
😶😶😶😶
अब पूरे विश्व में अगले 500 साल में समुद्र का जल स्तर कितना बढ़ेगा ।उससे उपर आवास का पक्का निर्माण की जमीन चिन्हित कर लोगों को जानकारी देनी चाहीये ।
Har har Mahadev
Death is near if this happens all the time
गलती विकास के नाम पर हो रहे अंधाधुंध औधोगिक करण और जंगलों की कटाई है। सभी देशों को औधोगिकी होड से अलग हो पर्यावरण को बेहतर बनाने मेंऔर उसमें आगे निकलने की जरूरत है। काश की ये विडीओ सभी देश के आला अफसर और मंत्री भी देखते। 😮😢
Lm hi
India mai to jabardasti ped kaate jaa rahe sirf amiro ki tijori bharne ke liye ye narbhakshi bharat ke neta to apni maa behan ko kha jaaye inko jalwayu se kya matlab thu hai india ke netaon ke mu par or inko paida karne wali khok ko bhi thi hai