आज रावल बृजभान जी की दुलारी के जन्मदिन पर पंचामृत अभिषेक होता हुआ

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  • เผยแพร่เมื่อ 11 ต.ค. 2024
  • संसार की दृष्टि में राधा की माता कीर्ति गर्भवती हुई लेकिन उनके गर्भ में राधा ने प्रवेश नहीं किया। कीर्ति ने अपने गर्भ में वायु को धारण कर रखा था और योगमाया के सहयोग से कीर्ति ने वायु को जन्म दिया लेकिन वायु के जन्म के साथ ही वहां राधा कन्या रुप में प्रकट हो गई। इसलिए यह माना जाता है कि देवी राधा अयोनिजा थी। कीर्ति जी यमुना जी के किनारे जाती है उन्हें एक कमल का दिखाई देता है उसका मन के फूल को गोदी में रखती हैं हम तो तभी राधा जी प्रकट हो जाती राधा जी ने 11 महीने तक अपनी आंखें नहीं बोली थी

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