• तुषार भाई इसका संस्कृत रूपान्तरण भी बताते चलें। जैसे उव्वसग्गहरं की एक पंक्ति का रूपांतरण इस प्रकार होगा -तिष्ठतु दूरे मन्त्रो ,तुभ्यं (कृतः)प्रणामो sपि बहुफलो भवति । ¶अगर यह करने में पाप लगता हो तो एक-शब्द का अर्थ दीजिये, जिससे लोग उसे अपने आचरण में उतार सकें ।यदि जैनागमों की भाषा(अर्धमागधी ) 15 % जीवित समझी जाय तो संस्कृत 60 % और हिन्दी 100 % जीवित है।
जय जिनेंद्र सामायिक लेने की पूरी विधि और पारने की विधि 9-9 पाठों की है। जो व्यवहार ज्ञानी भगवंतों ने परम्परा से दिया है उनकी व संध की विनय के लिए वही व्यवहार रखना चाहिए। मास्क नहीं कलपता है मुखवरित्रका जरूरी है। मुखवरित्रका वायु आदि जीवों की दया के लिए ही नहीं है साथ में सामाधिक का चिन्ह भी है। लगता है वीडियो आपने अपनी सोच से बनाया है। ज्ञानी श्रावकों या मुनियों से पूछकर पूरे समाधान लीजिए। आशा है आप मेरी बात का बुरा नहीं मानेंगे। आपकी रूचि उत्साह प्रशंसनीय है।
Very.Nice jay.jinendra vandana 🙏🙏⚘⚘
Thank you and happy paryusan parv jay jinendra ji ki 🙏
Jai jinendra ji🙏
Bhut achhese Samjaya. Thanks
Thankuuu
Sunkr acha lga😊
ATI SUNDER SAPASHAT SARAL VIDHI HAI JAI JINENDAR
Bahut acchi hai aapne bahut easy type me samayik paath krna shikhaya hai
Thank you ✨️
Awesome video bro
Thankuuu bro😍
Vry nyc👍🏻🙏🏻
बहुत अच्छा बताया
😊
Bohot badia
Thankuuu bro😊
बहुत ही आसान तरीके से समझाया है तारीफे काबिल 👍👍
Sunkr acha lga 🙂
Bahut bahut dhanyawaad😊
Nice information 🙏
Glad to hear that😊
Thankuu🙂
जय जिनेंद्र
Jai jinendra😊
@@tusharjainakadubuzz Jai 3
Thanks
@@aniljain4718 jai jinendra
jai jinender
Jai jinender ji🙏
👌
😊
Very nice
good
👍👍
Tysm😊 teesha
Nyc
Thankuu brthr😊
Nice video bro!
Tysm bro😍
बहुत ही सुंदर ढंग से समझाया लेकिन अलग अलग शब्द का अर्थ बताते तो ओर अच्छा समजते जेसे करेमि करता हूं भंते भगवान
Bahut bahut dhanyawaad
Aapka
😊
Agli baar in baaton ka dhyaan rkhunga😊
👌👌
Tysm bro😍
Kya baat hai bhai day by day video quality improve ho rhi hai, is vali me to editing bhut🔥🔥 hai...
Aap hi ki kripa h 😊
Bhaut bahut dhanyawadd😊
Jai jinendra, agar Maine ek samayik Li hai aur phir mujhe laga ki ek aur karna chahta hoon to kya path bolna
Phrse vhi paath pdhna jo video mr btaya h
• तुषार भाई इसका संस्कृत रूपान्तरण भी बताते चलें। जैसे उव्वसग्गहरं की एक पंक्ति का रूपांतरण इस प्रकार होगा -तिष्ठतु दूरे मन्त्रो ,तुभ्यं (कृतः)प्रणामो sपि बहुफलो भवति ।
¶अगर यह करने में पाप लगता हो तो एक-शब्द का अर्थ दीजिये, जिससे लोग उसे अपने आचरण में उतार सकें ।यदि जैनागमों की भाषा(अर्धमागधी ) 15 % जीवित समझी जाय तो संस्कृत 60 % और हिन्दी 100 % जीवित है।
Tikutto or echchha karenam ka arth btaye
जय जिनेंद्र सामायिक लेने की पूरी विधि और पारने की विधि 9-9 पाठों की है। जो व्यवहार ज्ञानी भगवंतों ने परम्परा से दिया है उनकी व संध की विनय के लिए वही व्यवहार रखना चाहिए। मास्क नहीं कलपता है मुखवरित्रका जरूरी है। मुखवरित्रका वायु आदि जीवों की दया के लिए ही नहीं है साथ में सामाधिक का चिन्ह भी है। लगता है वीडियो आपने अपनी सोच से बनाया है। ज्ञानी श्रावकों या मुनियों से पूछकर पूरे समाधान लीजिए। आशा है आप मेरी बात का बुरा नहीं मानेंगे। आपकी रूचि उत्साह प्रशंसनीय है।
👍👍👍
Tysm 😊
👍👍
Tysm😍charvi