आचार्य जी सादर प्रणाम, आप को ईश्वर ने अपना देव दूत बना कर भेजा हैं। संस्कृत रूपी सरस्वती आप की जिवव्हा पर हैं। भक्तों को २.३० मिनिट का स्त्रोत ५२ मिनिट का मत बनाइये। याद रखे। धर्म के साथ सत्य को ही प्रकाशित करें। धन स्वयं ही सत्य और धर्म की राह पर मिल जाये गा।
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आचार्य जी
सादर प्रणाम,
आप को ईश्वर ने अपना देव दूत बना कर भेजा हैं। संस्कृत रूपी सरस्वती आप की जिवव्हा पर हैं।
भक्तों को २.३० मिनिट का स्त्रोत ५२ मिनिट का मत बनाइये। याद रखे। धर्म के साथ सत्य को ही प्रकाशित करें।
धन स्वयं ही सत्य और धर्म की राह पर मिल जाये गा।
आपको 2:30 मिनट के बाद सुनने में जो कष्ट हुवा उसके लिए क्षमा कीजियेगा इस दास को 🙏🏻