@@asimgupta82 मुझे पता है सर\मैंम पर मै इसीलिए यहाँ बोली हु क्युकी यहाँ पढ़ने वाले अधिकतर बच्चे सिविल सर्विस की तैयारी करते हैं, तो कम से वो तो जब slect हो जाए तो घोस न ले
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) का पहला मसौदा लॉर्ड थॉमस बैबिंगटन मैकाले की अध्यक्षता में बने प्रथम विधि आयोग ने साल 1834 में तैयार किया था. साल 1835 में इसे गवर्नर-जनरल ऑफ़ इंडिया काउंसिल को सौंप दिया गया था. 6 अक्टूबर, 1860 को इसे अधिनियमित करके लागू किया गया
Steps to get rid from false case within 2 years 1. Get copy of your file u/s 207 crpc 2. Reqd each and every document. 3. As soon as chargesheet is filed go for charge framing stage. If discharge is not possible. 4. Call prosecution whiteness. 5 if they are not appearing Move application to close prosecution evidance 6 give your evidance, if you want to call any document to show your innocence file application u/s 91/92 of crpc, 94 of BNSS. 7. Write facts of your case as final arguments by own.
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code, IPC) का प्रारूप सर्वप्रथम लॉर्ड मैकाले (Lord Thomas Babington Macaulay) द्वारा तैयार किया गया था। लॉर्ड मैकाले ने 1834 में भारत में पहले विधि आयोग का नेतृत्व किया और उनके नेतृत्व में 1837 में IPC का प्रारूप तैयार किया गया। यह संहिता 1860 में पारित हुई और 1 जनवरी 1862 से लागू हुई।
श्रीमान जी इन तीनों नए कानून का शुरू से लेकर समाप्ति तक अगर कोई पीडीएफ महोदय के पास मौजूद हो तू उपलब्ध कराने का कष्ट करें क्योंकि आपके समझाने की व्यवस्था बहुत ही सरल या आपके द्वारा अगर कोई किताब छपी गई हो तू उसका नाम और पता उपलब्ध कराने का कष्ट करें और बहुत अच्छी है
सर जी हिरासत की अवधि 15 दिन ही है अभी भी किन्तु पुलिस प्रशासन उसे कुछ दिनों के घटकों में मांग सकता है, जैसे एक बार 3 दिन फिर एक महीने बाद और 6 दिन और कुछ दिनों बाद बाकी के 6 दिन इस प्रकार। और ये कुल 15 दिन 90 दिनों के अंतराल के भीतर लिए जाएंगे ।
जो भी न्यू कानून व्यवस्था बनाए जाते है वह लड़किया के लिए तो बनाएं ही जाते और होना भी चाहिए,, लेकिन जरूरी थोडी सब सरीके होते होगें लडको के लिए भी कुछ कानून तो बनाना चाहिए था.......😢😢 आप जो समझ रहे वैसा नहि है आज काल लड़किया भी बहुत खतरनाक हो चुकी है 😮😮🙏🙏
Jab tk hm shikshit aur jagruk ni honge hme koi bhi kanun safe ni rkh paega , hm khud bne aur jitna ho sake logo ko jagruk kare tabhi corruption khtam ho paega ....... , agar ap bhi is bat se sahmat ho to like kare
पुलिस रिमांड ( सबूतइकट्ठा ) के नाम पर 15 दिन के स्थान पर 90से 180 दिन बिना दलील बिना अपील के 6माह तक जेल में बंद कर सकती है। गरीबों का जीना मुश्किल हो जाएगा। पुलिस में भ्रष्ठचार express है
Galat bol rhy ho or ye law phly bhi tha Maximum 90 days on reasonable suspension, credible information, written hona chaiye ..... or heinous crime mai punishable 10 year or more ..... even judicial custody bhi ho sakti h agr personal presence magistrate ke samne torture or other excuses de do
भारतीय दंड संहिता पहले विधि आयोग द्वारा तैयार किया गया था; जिसकी अध्यक्षता थाॅमस बैबिंगटन मैकाले ने की थी 1834 में इसका मसौदा तैयार किया गया 1835 में गवर्नर जनरल के सामने पेश किया गया क ई संशोधन के बाद यह संहिता 1 जनवरी 1860 को लागू किया गया
Sir ek aalochna ye bhi hp skti hai ki balatkar peedita ki FIR tbhi ho skti h jb uske sath koi uska relative ho.... Agar vo relative hi uske sath galat kr rhe ho to vo akele aakr bhi apni shikayat drj krvane ka pravdhan hona chahiye
Ye baat bilkul shi hai ki mans ke liye bhi kanun hona chhiye kiyo Kai mamlo me ldke kshurbaar nhi hote fir bhi unhe sja milti hai sbko equally kanun hona chhiye 😮
कितने भी नए कानून बना लो यह सारे कानून गरीबों के लिए दलितों के लिए और मुस्लिम के लिए होते हैं बाकी ऊंची जात वाले अमीर नेता हर कानून बाहर है। भारत में करोड़ जनता बेरोजगार है तो फिर पुलिस डिपार्टमेंट में और अदालत में जो कमी है उसे जल्दी से पूरा क्यों नहीं किया जा रहा है और केस को 10 20 साल तक तारीख पर तारीख देकर क्यों लोगों का जनता का माल लूट जा रहा है सबसे पहले यह बंद होना चाहिए।
भारतीय दंड संहिता का प्रारूप लॉर्ड थॉमस बैबिंगटन मैकाले की अध्यक्षता में 1834 में प्रथम विधि आयोग द्वारा तैयार किया गया था और 1835 में इसे भारत के गवर्नर-जनरल की परिषद को सौंप दिया गया था।
सब फ्री का गाडी, घोडा, बंगले बंद करना चाहिए और रोड पर जो टोल होता वो भी सभी को सामान्य नागरिक की तरह होना चाहिए. अगर सामान्य नागरिक तनख्वाहें से सब कुछ खर्चा करते हैं तो बाकी के लोकसेवक क्यों नही कर सकते? It's really inequality to give someone फ्री and others not
प्रश्न: निम्नलिखित में से किसने सर्वप्रथम IPC का ड्राफ्ट तैयार किया था?
A. लार्ड मैकाले
B. लार्ड वारेन हेस्टिंग्स
C. लार्ड डलहौजी
D. लार्ड कॉर्नवालिस
Option 🅰️
Option A
Option A
A
Option A ✅💯
एक और कानून होना चाहिए की अगर पुलिस घूस लेती है तो आजीवन कारावस् का प्रावधान ज़रुर हो,
Army rule on all controlling body for punishment on corruption .
Police to aur vibhago ke mukable1% bhi nahi leti kabhi dusre vibhago me kuch kam Kara kar dekho
जो घूस देने वाले लेने वाले दोनों को आजीवन कारावास
Only police ke liye hi kyu jo v rule ho department ke karmchari ke liye hona chahiye
All department*
24hours and 7days apni information dene ke liye bahut bahut dhanyawad drishti ias team😇
Oxford institute jaipur
जो भी हो भारत का कानून ग़रीब लोग पर ही काम करेगा कानून को पैसो से मशल दिया जाता है हम विश्व गुरु बनेंगे
Bilkul shi baat h
Sahi bhai mere sath aisa hi ho rha hai 😢😢
@@Mytargetpsc7142 GO ON THE TOP CHANGE IN THE RULE
Are bhai kon ho tum. Andhabhakt
Viswaguru banake hum kya karenge
Pahle country ka Loan chukana hoga jo.
GDP se bhi kahi Guna jyada hay
Always Stand with right side.
Sir एक कानून ऐसा भी होना चाहिए universities के लिए की वहा के अधिकारी घोस न ले
बिना घोस लिए भी काम कर सकते हैं
डियर वियूवर यहां कहने से कुछ नही होगा
@@asimgupta82
मुझे पता है सर\मैंम
पर मै इसीलिए यहाँ बोली हु
क्युकी यहाँ पढ़ने वाले अधिकतर बच्चे सिविल सर्विस की तैयारी करते हैं, तो कम से वो तो जब slect हो जाए तो घोस न ले
😊
Aapne sahi kaha👍@@rekhasaket948
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) का पहला मसौदा लॉर्ड थॉमस बैबिंगटन मैकाले की अध्यक्षता में बने प्रथम विधि आयोग ने साल 1834 में तैयार किया था. साल 1835 में इसे गवर्नर-जनरल ऑफ़ इंडिया काउंसिल को सौंप दिया गया था. 6 अक्टूबर, 1860 को इसे अधिनियमित करके लागू किया गया
First of all he is not Lord😊
Detailed yet concise answer. Well read!
❤
Good 👍
Option A) लॉर्ड मैकाले
Thank you so much Akshay Sir & दृष्टि IAS🙏🙏❤❤
राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा
* तुह्मरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै
जय_श्री_राम_ॐ_हं_हनुमते_नमः❤❤❤
ये कानून गरीब लोगों पर ही लागू होते हैं ना कि अमीर लोगों पर 😒😒
Ab isme gareeb wala kon sa kanoon hain kuch bhi yeh sab ke lie equal hain
H
Isme Jo 15 se 90 din kar diya gaya hai ye kewal midil Class ke liye hai @@soniyadhaak6620
Steps to get rid from false case within 2 years
1. Get copy of your file u/s 207 crpc
2. Reqd each and every document.
3. As soon as chargesheet is filed go for charge framing stage. If discharge is not possible.
4. Call prosecution whiteness.
5 if they are not appearing
Move application to close prosecution evidance
6 give your evidance, if you want to call any document to show your innocence file application u/s 91/92 of crpc, 94 of BNSS.
7. Write facts of your case as final arguments by own.
भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code, IPC) का प्रारूप सर्वप्रथम लॉर्ड मैकाले (Lord Thomas Babington Macaulay) द्वारा तैयार किया गया था। लॉर्ड मैकाले ने 1834 में भारत में पहले विधि आयोग का नेतृत्व किया और उनके नेतृत्व में 1837 में IPC का प्रारूप तैयार किया गया। यह संहिता 1860 में पारित हुई और 1 जनवरी 1862 से लागू हुई।
Saale yahi gyaan baatne ke liye tune itna kuch likha ..cooy paste . Kuch naya to bataya nahi tune.
श्रीमान जी इन तीनों नए कानून का शुरू से लेकर समाप्ति तक अगर कोई पीडीएफ महोदय के पास मौजूद हो तू उपलब्ध कराने का कष्ट करें क्योंकि आपके समझाने की व्यवस्था बहुत ही सरल या आपके द्वारा अगर कोई किताब छपी गई हो तू उसका नाम और पता उपलब्ध कराने का कष्ट करें और बहुत अच्छी है
सर जी हिरासत की अवधि 15 दिन ही है अभी भी किन्तु पुलिस प्रशासन उसे कुछ दिनों के घटकों में मांग सकता है, जैसे एक बार 3 दिन फिर एक महीने बाद और 6 दिन और कुछ दिनों बाद बाकी के 6 दिन इस प्रकार। और ये कुल 15 दिन 90 दिनों के अंतराल के भीतर लिए जाएंगे ।
Sahi bta
@@ashokop3588 yes I am right
@@ashokop3588 yes I am right brother .
Option a will be the right answer😊
Thank you so much sir and thanks to drishti IAS team✨❤
जो भी न्यू कानून व्यवस्था बनाए जाते है
वह लड़किया के लिए तो बनाएं ही जाते और होना भी चाहिए,,
लेकिन जरूरी थोडी सब सरीके होते होगें
लडको के लिए भी कुछ कानून तो बनाना चाहिए था.......😢😢
आप जो समझ रहे वैसा नहि है आज काल लड़किया भी बहुत खतरनाक हो चुकी है 😮😮🙏🙏
Bhai ladkiya khatarnak kyo na ho jitna phle se jhela h na uske baad to jaruri bhi h syd
Jab tk hm shikshit aur jagruk ni honge hme koi bhi kanun safe ni rkh paega , hm khud bne aur jitna ho sake logo ko jagruk kare tabhi corruption khtam ho paega ....... , agar ap bhi is bat se sahmat ho to like kare
देश मे सबसे ज्यादा कोई अपराध होता है तो वो है रिश्वत खोरी का इस पर कोई कानून है या नहि सरकार ये बताये
Option A is correct answer
Thank you Drishti IAS team❤
पुलिस रिमांड ( सबूतइकट्ठा ) के नाम पर 15 दिन के स्थान पर 90से 180 दिन बिना दलील बिना अपील के 6माह तक जेल में बंद कर सकती है। गरीबों का जीना मुश्किल हो जाएगा। पुलिस में भ्रष्ठचार express है
Galat bol rhy ho or ye law phly bhi tha
Maximum 90 days on reasonable suspension, credible information, written hona chaiye ..... or heinous crime mai punishable 10 year or more ..... even judicial custody bhi ho sakti h agr personal presence magistrate ke samne torture or other excuses de do
Nothing but they are giving more power to corrupt police which they have already missusing😢 @@nikitafromuttarakhand6800
Ekdam satik jankari aur sukshm vishleshan
Thankyou drishti IAS team ✍️💓 Thankyou so much sir 🙏😇
Option A
Thank you so much team dristhi ❤🎉
Chalo sab sahi hai 😂😂 par kya ye kanun amiro par lagu hoge ya bas garibo ke liye hi hai😂😂
Amir ke liye to pairbi hai hi na bhai uska ye ho jayega kanun ghuma fira ke garib ke liye hi Banta hai 😂😂
Ye bs gribo k liye hai
Nice
Rich don't make mistakes they set examples of richness 😂😂😂
सर आपने बहुत ही सरलतापूर्वक समझाया
धन्यवाद सर🙏🙏
Thanks u drishti team 😊😊😊
Thanks u Akshay sir 🙏🙏🙏🙏
संघटित ... अपराध
इसके... लिये ... कठोर काणून लाये जाए 🙏
Thanks drishti team 😊
Option A is correct answer ☑️
Thanks sir and Drishti IAS Team 🇮🇳❤😊📚🌿🙏
भारतीय दंड संहिता पहले विधि आयोग द्वारा तैयार किया गया था; जिसकी अध्यक्षता थाॅमस बैबिंगटन मैकाले ने की थी 1834 में इसका मसौदा तैयार किया गया 1835 में गवर्नर जनरल के सामने पेश किया गया
क ई संशोधन के बाद यह संहिता 1 जनवरी 1860 को लागू किया गया
Thank you so much drishti team 😊
नए कानून के तहत उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद के ज्वालापुर थाना में दर्ज किया गया है पहला कैस👍
No
Delhi ke kamlapuri me
Rehdi ko lekar 😊😊😊
News sun lia kro galt hai apka
Na bhai MP me
@@ChinnaswamyVenugopalIyer wrong, first in MP, delhi wala cancel kar diya gya
@@pritamsinghrajput4778 Delhi wala cancel ho gya tab uttarakhand first' hai
Thank you Drishti Team
जितने भी कानून आते है गरीब के लिए आते है 😢😢😢
लड़कों के लिए भी कानून बनाए सरकार से निवेदन है
Beautiful ❤️
Thank you so much sir and Drishti team ❤️✨
घूसखोर और विचौलियो से परेशान हैं इसका भी कानून बनना चाहिए
Option A
Thank you so much drishti team 🙏🏻
Sir ek aalochna ye bhi hp skti hai ki balatkar peedita ki FIR tbhi ho skti h jb uske sath koi uska relative ho.... Agar vo relative hi uske sath galat kr rhe ho to vo akele aakr bhi apni shikayat drj krvane ka pravdhan hona chahiye
Parents ke sath aa skti hai
kewal ek relative hi nhi hota .. kisi b dusre relative k sath ja sakti h
@@mehrankhan2569 doosra relative bhi uska sath na de to...
@@pooja4377Oxford institute jaipur
Option A is correct 💯💯
Thank you so much sir ji 🙏🙏
सबसे बढ़िया बात अब नजदीकी थाने में एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं पहले आपस में ही लड़ते रहते थे
Wo to pehle bhi tha or abhi bhi hai
@@PriyaRawat-k3q पहले था मगर हो सकता है कुछ संशोधन हुआ हो और अच्छे से जीरो एफआईआर का जिक्र है इस बार
नजदीकी थाने तो और घूसखोर हैं न्याय नहीं अपराधी को और बढ़ावा देते हैं
नया कनुन आने के बाद जन्म लिया है क्या🤣🤣
@@amano4415 थाने मुंह देखने गये भी हो कभी
Parnam sir... App se request hai.. Ek video BNS, BNSS, BSA 2023 KE BARE ME FULL VIDEOS BANNO SIR❤❤❤❤❤❤❤❤
Option A)लार्ड मैकाले
Thank u so much sir
सर्वप्रथम ipc का ड्राफ्ट 1834 में लार्ड मैकाले की अगुवाई में पहला ड्राफ्ट तैयार हुआ, जिसे 1834 में जनरल काउंसिल को सौंपा गया।
इसलिए ऑप्शन (A) सही है।
Option A thank you team drishti IAS ❤️
Thank Drishti Team
Thank you sir itna detail mein btane ke liye 🙏🏻🙏🏻
रोजगार व पदोन्नति का झूठा वादा के अपराध से सभी CM वPM 10साल के लिए जाएंगे जेल
Option A is correct..
Thanks dristi ias team specially Akshay sir😊
Option A ✔️✅💯💯
Opstion (A) right answer 😊 thankyou sir
Option A thanku sir And drishti team ❤
Bahut ache se difine kiya sir aapne
Option A thank you so much Dristi IAS
Thank you Drishti IAS team 🙏🇮🇳🌺🌿🦋🤗
H❤❤😂😂😂
पुलिस हिरासत की अवधि को एक बार फिर से चेक कर लीजिए....
Ye baat bilkul shi hai ki mans ke liye bhi kanun hona chhiye kiyo Kai mamlo me ldke kshurbaar nhi hote fir bhi unhe sja milti hai sbko equally kanun hona chhiye 😮
Sir पहले से दर्ज केस मे क्या होगा 2 वर्ष पहले के केस मे अभी तक सुनाई नहीं हुआ है
लोग बुरे होंगे तो कोई भी कानून का doorupiyog होगा। लोग अच्छे होने चाहिए
Option no.a thank you drishti team 🙏
Option A Thank You So Much Sir Thanks 🙏 For Drishti IAS Team
Safe driving bhi....fundamental duty mein add Kiya jana chahiye.
Option A thank you so much Akhaya sir
कितने भी नए कानून बना लो यह सारे कानून गरीबों के लिए दलितों के लिए और मुस्लिम के लिए होते हैं बाकी ऊंची जात वाले अमीर नेता हर कानून बाहर है।
भारत में करोड़ जनता बेरोजगार है तो फिर पुलिस डिपार्टमेंट में और अदालत में जो कमी है उसे जल्दी से पूरा क्यों नहीं किया जा रहा है और केस को 10 20 साल तक तारीख पर तारीख देकर क्यों लोगों का जनता का माल लूट जा रहा है सबसे पहले यह बंद होना चाहिए।
Sir jo संप्रभु से संबंध ह उसको डिफाइन कीजियेगा
Laad mekale (option A)
Option A-lord Macaulay. Thankyou sir
Tqu team drishti 💐🌹
Option A is right answer this question 🎉🎉
Sir kya 15 august 2024 ko 50% ka offer ayega..?? English medium …online foundation Gs course
Option A is right
Thank you very much 🙏🙏🙏
Good sir bahut hi achhe se aapne samajhaya
Thank you for drishti IAS teem good night sir 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
भारतीय दंड संहिता का प्रारूप लॉर्ड थॉमस बैबिंगटन मैकाले की अध्यक्षता में 1834 में प्रथम विधि आयोग द्वारा तैयार किया गया था और 1835 में इसे भारत के गवर्नर-जनरल की परिषद को सौंप दिया गया था।
Police aor mantri konsa dhara hai..
Very important information 👌👌👌👌👌👌👌🙏🙏
Option A is right answer.
Police custody should not last more than 30 days......
Lord machale...
1834 me ise ready Kiya gya tha Vidhi Aayogy duara...and
1835 me india governor -General ki prishad ko pratut kiya gya tha.
Option A ... लार्ड मैकाले ❤
कुछ कानून पुरुषों के हित मे भी होने चाहिए।।
Ans -A
Right answer is the A option
Thanku so much team Drishti
Oxford institute jaipur
Police ko power dena tab sahi hai jab maanvadhikar me dam ho....😊😊
एक प्वाइंट आप गलत बता रहे हैं पुलिस हिरासत की अवधि 90 दिन नही हुई है
बल्कि पुलिस हिरासत को अवेल करने का ड्यूरेशन बढ़ गया है
नये कानून से अब ये होगा कि, कार से किसी को कुछ दो और एक लेटर लिखो aur मस्ती करो !
Sir kya ab purane act nhi nhi padne hoge
British Bengal Regulation 1873 also to be abolished.
Radhe Radhe sir
सर मोब लिंचिग तो भीड़ के द्वारा होता है
तो इसमें सजा किसको मिलेगा
Thank You Team Drishti 🔥👍🏻
Option A is correct
Thank you sir
Ritu mam se acha explain aap kiye hai sir ❤thnku ..
I learned very informative facts from this video thanks sir.
सब फ्री का गाडी, घोडा, बंगले बंद करना चाहिए और रोड पर जो टोल होता वो भी सभी को सामान्य नागरिक की तरह होना चाहिए. अगर सामान्य नागरिक तनख्वाहें से सब कुछ खर्चा करते हैं तो बाकी के लोकसेवक क्यों नही कर सकते? It's really inequality to give someone फ्री and others not
Vikas sir ko ispar ek long video banana chahiye😊😊😊
Ans:A
Option A थॉमस बैबिंगटन मैकाले😊
Sir aap kise chiz ka tayari kraya rhe hai ? Plz reply
Thank you so much sir and drishti ias team 🙏❤️