प्रश्न. 6 उत्तर मेरी दृष्टि में कन्या के साथ दान की बात करना उचित नहीं है। दान तो किसी वस्तु का किया जाता है। कन्या कोई वस्तु तो है नहीं। उसका अपना एक अलग व्यक्तित्व, रुचि, पसंद, इच्छा अनिच्छा आदि है। वह किसी वस्तु की आंति निर्जीव नहीं है। दान देने के बाद दानदाता का वस्तु से कोई संबंध नहीं रह जाता है, परंतु कन्या का संबंध आजीवन माता-पिता से बना रहता है। कन्या एक वस्तु जेसी कभी भी नहीं हो सकती है, इसलिए कन्या को दान देने जैसी बात करना पूर्णतया अनुचित है।
बिहार बोर्ड कक्षा 10th हिन्दी में गोधूलि भाग - 2 और वर्णिका भाग -2 की किताबे पढ़ाई जाती है। कृपया इस पुस्तक को भी पढ़ाए🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼बिहार बोर्ड के बहुत सारे छात्र इंतजार कर रहे है। आपके इस lecture को औरबिहार बोर्ड कक्षा 10th हिन्दी में गोधूलि भाग - 2 और वर्णिका भाग -2 की किताबे पढ़ाई जाती है।
👉Previous Video: th-cam.com/video/LXEyWdPHsVQ/w-d-xo.html
👉Next Video: th-cam.com/video/ssO0Vtyiko8/w-d-xo.html
✔📚👉 Watch Full Free Course:- www.magnetbrains.com
समझाने की कुशल क्षमता है आप में मेम। धन्यवाद।
प्रश्न. 6
उत्तर मेरी दृष्टि में कन्या के साथ दान की बात करना उचित नहीं है। दान तो किसी वस्तु का किया जाता है। कन्या कोई वस्तु तो है नहीं। उसका अपना एक अलग व्यक्तित्व, रुचि, पसंद, इच्छा अनिच्छा आदि है। वह किसी वस्तु की आंति निर्जीव नहीं है। दान देने के बाद दानदाता का वस्तु से कोई संबंध नहीं रह जाता है, परंतु कन्या का संबंध आजीवन माता-पिता से बना रहता है। कन्या एक वस्तु जेसी कभी भी नहीं हो सकती है, इसलिए कन्या को दान देने जैसी बात करना पूर्णतया अनुचित है।
बिहार बोर्ड कक्षा 10th हिन्दी में गोधूलि भाग - 2 और वर्णिका भाग -2 की किताबे पढ़ाई जाती है। कृपया इस पुस्तक को भी पढ़ाए🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼बिहार बोर्ड के बहुत सारे छात्र इंतजार कर रहे है। आपके इस lecture को औरबिहार बोर्ड कक्षा 10th हिन्दी में गोधूलि भाग - 2 और वर्णिका भाग -2 की किताबे पढ़ाई जाती है।