मंदिरों की परिक्रमा क्यों की जाती है ? वैज्ञानिक आधार क्या है ?

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  • เผยแพร่เมื่อ 27 ส.ค. 2019
  • मंदिरों की परिक्रमा क्यों की जाती है ? वैज्ञानिक आधार क्या है ? यह सदा clockwise direction में ही क्यों की जाती है ?
    मेरे अन्य videos के link निचे दिये है। आप चाहे तो यहाँ से उन videos को देख सकते है।
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ความคิดเห็น • 167

  • @Ankitnepiar
    @Ankitnepiar 4 ปีที่แล้ว +17

    आप ऐसे ही लोगों को सच्चाई से अवगत कराते रहें। समाज को आप जैसे वक्ताओं की आवश्यकता है।

  • @sharma5688
    @sharma5688 4 ปีที่แล้ว +9

    बहुत ही अच्छी, और अत्यंत ज्ञान पूर्ण जानकारी दे रहे हो आप, धन्यवाद 🙏 आपका

  • @SunilKumar-sb8zo
    @SunilKumar-sb8zo 4 ปีที่แล้ว +1

    App.bahut.achhe.se.samjate.hea.app.thik.jankari.dete.ho

  • @mrs.padminiayangar4889
    @mrs.padminiayangar4889 4 ปีที่แล้ว +5

    जय श्रीराम ! बहुत बहुत धन्यवाद !

  • @nim549
    @nim549 3 ปีที่แล้ว +1

    Wow Kya Badhiya Gyaan Sikhaya / Bataya.

  • @gunjanmalu9064
    @gunjanmalu9064 5 ปีที่แล้ว +6

    One of the best and logical video sirji. Nice and scientific knowledge. Thank you guruji

  • @MrRam-wq6vo
    @MrRam-wq6vo 3 ปีที่แล้ว +1

    बहुत अच्छी जानकारी जी

  • @Ankitnepiar
    @Ankitnepiar 4 ปีที่แล้ว +10

    सनातन धर्म से संबंधित ओर अच्छे अच्छे वीडियो बनाते रहिये निरन्तर।

  • @ramrajgiri1290
    @ramrajgiri1290 4 ปีที่แล้ว +6

    वाह सर महान देश के महान विचार सनातन धर्म की जय

  • @vedprakashbhatt2837
    @vedprakashbhatt2837 2 ปีที่แล้ว +1

    सादर प्रणाम जी।
    आपके कार्यक्रमों में वैज्ञानिक सिद्धांत होते हैं जो सत्य है और हमारे ऋषियों ने जितने भी हमारे लिए नियम बनाए थे वे वैज्ञानिक सम्मत थे।
    उनका हम पर बहुत ही ऋण है।
    धन्यवाद आपका।

  • @sameersharma3392
    @sameersharma3392 3 ปีที่แล้ว +1

    Jai Ganesh Ji 🙏🐚🍧

  • @shree-zh2qd
    @shree-zh2qd ปีที่แล้ว +1

    Har har mahadev 🚩🙏

  • @i.i.h.nbhandari9208
    @i.i.h.nbhandari9208 3 ปีที่แล้ว +1

    Bahut acha vyakhya karte hai aap

  • @supriyamangaraj1397
    @supriyamangaraj1397 4 ปีที่แล้ว +2

    बहुत अच्छा लगता है आपका वीडियो. बहत बहत धन्यवाद. अच्छे अच्छे वीडियो डालते रहे.

  • @vishnugupta5064
    @vishnugupta5064 4 ปีที่แล้ว +2

    श्रीमान आप यह ज्ञान कहां से लाते हैं मुझे नहीं मालूम पर जो भी लाते हैं अच्छा लाते हैं और सटीक लाते हैं ऐसी ही ज्ञान वाली बातें लाते रहिए जय हो माता पिता की

  • @littlebabytestingfood5717
    @littlebabytestingfood5717 3 ปีที่แล้ว +1

    Thanks Gurudev 🙏

  • @PNGiri-pz5un
    @PNGiri-pz5un 4 ปีที่แล้ว +1

    itni aasani se to abtak kisne dharmon ki vyakhya ki hi nahi thhi sirji..aapki di hui jankari bahut hi labhdayek sabit hoti hai..aapko bhagvan lambi umer de taki halogon ko aapka margdarshan milta rahe..thanx sirji.pranam.

  • @girdharilal8450
    @girdharilal8450 3 ปีที่แล้ว +1

    Satya prakash ji sadar pranam ap se vinti hey ap shri ganesh ji aur inkey vahan ke vishey main satya bataein ki sach me inka Sheesh athua mukh hathi ka hai aur inka vahan musa ho sakta hai ya yeh kapit ya mithya batein hain kripaye video bna kar mere jesey bahut se logoon ka shanka samadhan karen.Dhanyavad.

  • @vivekp9570
    @vivekp9570 4 ปีที่แล้ว +1

    आप का ज्ञान अद्भुत है काफी रिसर्च के बाद आप वीडियो बनाते होंगे बहुत बहुत धन्यवाद हम सभी को हिन्दू धर्म के रहस्य के बारे में बताने के लिए।
    एक सवाल है जो मुझे अभी तक नही मिल पाया है कृपया आप बताने की कृपा करे ।
    सवाल - आत्मा कभी नहीं मरती यह सभी धर्मो में बताया गया है अगर यह सही है तो पूर्व वर्षों की जनसंख्या और आज की जनसंख्या में इतनी बृद्धी कैसे हुई अचानक इतनी आत्माएं कहा से आयी? और निरंतर बढ़ती ही जा रही है

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว

      परब्रह्म परमेश्वर अनंत आत्माओं का भण्डार हैं, सभी आत्माओं को एक साथ शरीर नहीं मिलता। जब अधिक आत्माओं को शरीर मिलता है तो जनसंख्या अधिक दिखाई देती है और जब कम आत्माओं को शरीर मिलता है तो जनसंख्या कम दिखाई देती है।

  • @shefalishastri9949
    @shefalishastri9949 3 ปีที่แล้ว +1

    Har har Mahadev.very good Explanation.

  • @sonibisht1483
    @sonibisht1483 4 ปีที่แล้ว +1

    Great

  • @sourabhmukherjee5628
    @sourabhmukherjee5628 4 ปีที่แล้ว +1

    Very helpful thank you Sir!

  • @shabdarth
    @shabdarth 5 ปีที่แล้ว +8

    नमस्कार सत्यप्रकाश जी।
    आप अवतार वाद पर प्रकाश डाले।
    🙏🙏🙏

    • @xyz1733
      @xyz1733 4 ปีที่แล้ว

      बिलकुल सहि kaha.

  • @mansinghsingh5638
    @mansinghsingh5638 4 ปีที่แล้ว +1

    Very good priwachan thanks jai Shri ram

  • @b.npatra9902
    @b.npatra9902 5 ปีที่แล้ว +1

    NICE INFORMATION.

  • @raghuveerjarare7692
    @raghuveerjarare7692 4 ปีที่แล้ว +1

    Nice information

  • @ankitkhare85libra
    @ankitkhare85libra 4 ปีที่แล้ว +2

    Pls make new video.i am wating satyaprakash ji.

  • @rahulverma-mz3sy
    @rahulverma-mz3sy 5 ปีที่แล้ว +1

    Nyc information guru ji

  • @satyamgandhi5216
    @satyamgandhi5216 4 ปีที่แล้ว +1

    Every time Thanks 😊

  • @sarwansingh4521
    @sarwansingh4521 3 ปีที่แล้ว

    क्या देव ईश्वर से ऊपर हैं। सतगुरु जैसा नाही कोई देव। पूरण गुरु से देवते सब छोटे हैं।

  • @atulbhasin5432
    @atulbhasin5432 3 ปีที่แล้ว +1

    Please upload more videos

  • @rakhiverma7583
    @rakhiverma7583 3 ปีที่แล้ว

    👌

  • @utkarshyadav7760
    @utkarshyadav7760 4 ปีที่แล้ว +1

    Very good news

  • @AlpeshKanzariya
    @AlpeshKanzariya 5 ปีที่แล้ว +1

    Thank you sir

  • @humanity8858
    @humanity8858 5 ปีที่แล้ว +3

    OM NAMAH SHIVAY 🙏🙏🙏🙏

  • @thegod7751
    @thegod7751 4 ปีที่แล้ว +1

    ज्ञान देने केे‍ लिए आप को जय हो श्री सत्‍य प्रकाश जी

  • @upendrakuldeep3908
    @upendrakuldeep3908 3 ปีที่แล้ว +1

    Namaskar 🙏🙏🙏🙏 sir ji.....

  • @AMARKUMAR-wt3vc
    @AMARKUMAR-wt3vc 5 ปีที่แล้ว

    👌👌💐

  • @Ankitnepiar
    @Ankitnepiar 4 ปีที่แล้ว +1

    लगे रहो गुरुजी।

  • @NeerajKumar-xo5tc
    @NeerajKumar-xo5tc 4 ปีที่แล้ว +1

    Aapka margdarsan aacchha laga

  • @ramayanprasad5871
    @ramayanprasad5871 ปีที่แล้ว

    🙏🙏

  • @sunilsuhag578
    @sunilsuhag578 4 ปีที่แล้ว +1

    Jai Siyaram ji

  • @shyamji7201
    @shyamji7201 2 ปีที่แล้ว +1

    🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @chintuparcha6502
    @chintuparcha6502 3 ปีที่แล้ว

    🌷🙏🌷

  • @SagarKumar-nq9vg
    @SagarKumar-nq9vg 4 ปีที่แล้ว +1

    Sir dinosure ka bare ma aap kya ke na chage sir please video baniea

  • @ramrajgiri1290
    @ramrajgiri1290 4 ปีที่แล้ว +1

    सर आप को देख कर मेरे पापा की याद अाती है वो बिलकुल अाप की तरहा दिखते थे अावाज भी उनकी तरहा है

  • @dayanandpillay7504
    @dayanandpillay7504 5 ปีที่แล้ว +1

    🕉 🙏 🙏 🙏

  • @ramayanprasad5871
    @ramayanprasad5871 3 ปีที่แล้ว

    Acharya ji Manusmriti par bhi yadi ek sankchipti di ja sake to dene ki karuna ki jay.

  • @nazimasayyedy5361
    @nazimasayyedy5361 4 ปีที่แล้ว

    Shanidev ki video banaye gurudev by pradeep from Pune

  • @dharamveerpaswan5204
    @dharamveerpaswan5204 4 ปีที่แล้ว +1

    Guruji pranam

  • @ons-bru9908
    @ons-bru9908 3 ปีที่แล้ว +1

    Dhanyabat sachai jankari dene keliye,,,,,me yeh bhi janna chahta ho ki dhup/arti ko bhi clock wise hi kare ya ulta

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  3 ปีที่แล้ว

      आरती, धूप भी क्लोक वाइज ही की जाती है।

    • @ons-bru9908
      @ons-bru9908 3 ปีที่แล้ว

      @@Secrets_of_Hindu_Dharm hambai(dhanyabat )

  • @UmeshSingh-ye7hl
    @UmeshSingh-ye7hl 4 ปีที่แล้ว +1

    गुरुजी पूर्व की सारी प्रक्रिया कलियुग में विपरीत क्यूं होती है।ओम श्री परमात्मने नमः।

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +1

      जिनको धर्म का सही स्वरूप आगे बढ़ाना चाहिए था, उन्होंने ही अपने निजी स्वार्थ के कारण और आलस्य के कारण धर्म को ही विपरीत कर दिया। इसीलिए सबकुछ विपरीत हो गया।

  • @ramkraj7432
    @ramkraj7432 5 ปีที่แล้ว +1

    🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

  • @allinall9424
    @allinall9424 4 ปีที่แล้ว

    Pranaam sammaniya satya prakash ji main apke jankariyo se prabhaavit hun aur isliye isi viswas se age barte huye mere ek ichha apke samaksh prakat kar raha hu , Islam, Cristian, sikh, budh dharm bu sab Kaha se aya hai,aur kya bu sabhi bhagwaan the ya devta ya phir koi aur kripya ise video banakar video ke prastuti se samjhaye

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +2

      धर्म तो केवल एक ही होता है, धर्म अनेक नहीं होते। आजकल अलग-अलग लोगों ने अपने अपने ढंग से अलग-अलग धर्म बना लिए हैं। सभी अपने धर्म को महान और ईश्वर का दिया हुआ ज्ञान कहते हैं। परन्तु ऐसा नहीं है। हिन्दू धर्म में भी कई अलग-अलग मत प्रचलित हो गए है जिसके कारण धर्म को पहचानने में कठिनाई होती है। यदि कोई व्यक्ति धर्म के सही मार्ग को समझ लेगा और धर्म के अनुसार जीवन जीएगा तो वह अवश्य ईश्वर को पा लेगा। यदि कोई ऐसा कर पाया तो बाकी सब अपने आप पीछे हट जाएंगे।

  • @sanatanswarajdal
    @sanatanswarajdal 4 ปีที่แล้ว +1

    i want support you For clear Wrong discription arya samaz

  • @BonotGtm
    @BonotGtm 4 ปีที่แล้ว

    I think this video from Nepal

  • @bkrocky7823
    @bkrocky7823 4 ปีที่แล้ว

    Barmoda triyengal Kya he is ke bare me wistar sey btaye

  • @funnyvideoupload845
    @funnyvideoupload845 5 ปีที่แล้ว +1

    सात चक्र क्या जागृत किए जा सकते हैं

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  5 ปีที่แล้ว +2

      सात चक्रों को जगाने के संबंध में कई किताबों में बताया है, परन्तु मैं केवल किताबी बातों में विश्वास नहीं करता। मेरा ऐसा मानना है कि कलयुग में यदि हम मूलाधार चक्र को भी जगा पाएं तो भी महान कार्य होगा। कई लोगों को मैंने ये कहते सुना है कि उसने मणिपूर चक्र भी जगा लिया और अगले चक्र भी जगा लिए, तो ये सब कहने की बातें हैं।
      जीवन एक तपस्या है, यदि कोई व्यक्ति सत्य और ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए अपनी इन्द्रियों पर पूर्ण नियंत्रण कर ले तो एक समय आपका मूलाधार चक्र प्रभावित होने लगेगा। ये लम्बी साधना है। मूलाधार चक्र जागृत होने के बाद हम सिद्धियों के अधिकारी हो जाते हैं।

  • @ashishkumarashishkumar5441
    @ashishkumarashishkumar5441 4 ปีที่แล้ว

    BHU lock ke sauth me kon SA lock ha is pe video banaye

  • @ashishkumarashishkumar5441
    @ashishkumarashishkumar5441 4 ปีที่แล้ว

    Om ka MATLAB Kay hota ha is pe video banaye

  • @kemankar9100
    @kemankar9100 4 ปีที่แล้ว +1

    Thank you so much for for your true information me apka ma harek tark par sehmat hu aur apka harek video dekhta hu aur apka new video ka intajar he aur ek bat par confused hu ,
    Sir agar sesnag laxman aur balaram avtar leke ramayan aur mahabarat me janm liya tha to dharti kaha par tika huwa tha ? Kon dharti ko hopld karraha tha plz sir ispar ek video banaye plz sir

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +4

      लक्ष्मण जी और बलराम जी के जीवन काल में धरती किस पर टिकी हुई थी? इस सवाल का जवाब कहीं लिखा हुआ तो नहीं है, परन्तु ईश्वर व उनके रूपों में इतनी शक्ति होती है कि वे एक समय में कई रूप ले सकते हैं। जैसे विष्णु जी एक समय में परशुराम और राम दो रूपों में थे, इसी प्रकार शिवजी ऋषि दुर्वासा और हनुमान जी के रूप में थे। इनके अतिरिक्त भी ये कई रूपों में अवतार ले सकते हैं। सागर मंथन के समय विष्णु जी कच्छप रूप में भी थे और स्वयं मंदराचल पर्वत को ऊपर से भी पकङा हुआ था। इसी प्रकार संभवतः शेषनाग जी दोनों रूपों में रहे होंगे।

    • @kemankar9100
      @kemankar9100 4 ปีที่แล้ว +2

      @@Secrets_of_Hindu_Dharm thank you so much sir apne meri confusion ko clear kardiya

  • @kamalsinghotra75
    @kamalsinghotra75 4 ปีที่แล้ว +1

    Thank you sir, Its very informational things
    Kripya bataiye ki "Kartik ji aur Ganesh ji" ke Janm (birth) ke Scientific concept Bhi hai Kya? ager ho to Plzzzzz Bataiye

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +2

      हमारे धर्म में बहुत सी बातें आज के युग के मनुष्यों की समझ से बाहर है, इसीलिए जब आज के लोग उन बातों पर टिप्पणी करते हैं तो अर्थ का अनर्थ कर देते हैं। जितना मुझे समझ में आता है तो मैं अपने ढ़ंग से समझाने का प्रयास करता हूँ। कई बार ये भी परेशानी होती है कि एक ही कहानी अलग-अलग ग्रंथों में अलग-अलग तरीके से बताई गई है। अब कौन सी सही है और कौनसी ग़लत। गणेशजी और कार्तिकेय जी पर भी कई तरह की बातें मिलती हैं। उनमें मुझे क्या सही लगता है, इस पर वीडियो बनाऊंगा।

    • @kamalsinghotra75
      @kamalsinghotra75 4 ปีที่แล้ว +1

      @@Secrets_of_Hindu_Dharm: Thank you sir, Aap ke videos mere liye bohot hi understanding hote hai, Abhi 13-September ko mere Papa ka nidhan hua hai, unke Gati aur pind daan ke liye Hariyana me "Pehowa, kurukshetra" gay to pata chala ki "Kartikey bhagwan ji" ke mandir me hi ye kaam pure hote hai..... but kai sawal man me bane hue hai, isliye laga ki pehale "Ganesh ji aur Kartikey ji" ke janm ke rahasya ko sajhana chahiye.... Kiyu ki ye hum Hinduo k liye bhi bohot zaruri hai...
      Agar aap help kare to mujha par badi kripa hogi, Dhanyawad...

  • @funnyvideoupload845
    @funnyvideoupload845 5 ปีที่แล้ว

    सात चक्र कैसे-कैसे ताकत देते हैं

  • @sarwansingh4521
    @sarwansingh4521 3 ปีที่แล้ว

    रिध सिद्ध घर में सब होई आध व्याध सभै सब सकै ना कोई।

  • @animax1034
    @animax1034 4 ปีที่แล้ว

    ek video aghori aur sare prakarke sadhnao pe bhi banaye plz

  • @savitadhiman9814
    @savitadhiman9814 4 ปีที่แล้ว

    Hello sir
    Kya ap mujhe bta skte h ki Krishna ji ne 16108 shadiya kyu kri iska koi stik utr h apke pass

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +1

      कृष्ण जी के आठ विवाह बताए जाते हैं। 16100 पत्नियाँ केवल नाम मात्र की पत्नियाँ थी, क्योंकि एक राक्षस के कारण उनका जीवन बरबाद हो गया था। उस राक्षस से उन राजकन्याओं की कृष्ण जी ने रक्षा की थी। उन सभी राजकन्याओं ने कृष्ण जी से निवेदन किया कि अब हमारा जीवन तो व्यर्थ हो गया क्योंकि अब कोई भी हमसे विवाह नहीं करेगा, इसलिए आप नाम भर के लिए हमें अपना लीजिए ताकि हम ससम्मान जी सकें। इसलिए 16100 राजकन्याओं से केवल नाम के लिए विवाह किया था।
      शेष आठ विवाह के लिए भी या तो राजकुमारियों ने निवेदन किया या उनके पिता ने। जैसे सबसे पहले रुक्मिणी ने स्वयं कृष्ण जी से विवाह का निवेदन किया, क्योंकि उसका भाई उसका विवाह किसी अन्य से कर रहा था जबकि रुक्मिणी श्री कृष्ण जी से प्रेम करती थी। रुक्मिणी ने पत्र लिख कर कृष्ण जी को भिजवाया कि या तो मेरी रक्षा करो अन्यथा मैं अपने प्राण त्याग दूंगी।
      सत्यभामा का विवाह अनके पिता ने करवाया था, क्योंकि सत्यभामा के पिता ने एक बार कृष्ण जी पर चोरी का आरोप लगा दिया था जो गलत सिद्ध हुआ। इसलिए अपनी गलती को सुधारने के लिए अपनी पुत्री का विवाह कराया।
      जामवंती श्री राम जी के सहायक जामवंत की पुत्री थी। वे अपनी पुत्री के लिए कृष्ण जी की ही प्रतीक्षा कर रहे थे। अन्य पत्नियाँ ने स्वयंवर में विवाह किया।

  • @milindparkarparkar876
    @milindparkarparkar876 4 ปีที่แล้ว

    Astral traval me kitni sachai hai pls batao

  • @lalitkaushik3324
    @lalitkaushik3324 4 ปีที่แล้ว

    Muje apse. Baat karni. H kyuki. M. Ase. Experience liya h!!
    Mujhe lagta h ap uss experience se Mujhe guide. Kar sakte h lekin. Baat bahaut ajeeb h!!!

  • @SantoshKumar-qo2mk
    @SantoshKumar-qo2mk 4 ปีที่แล้ว

    बहुत अच्छा महोदय परंतु चक्की उल्टी घूमती है सीधी नहीं

  • @ashishkumarashishkumar5441
    @ashishkumarashishkumar5441 4 ปีที่แล้ว

    Hindu Sansa pahala kon SA Dharm tha is pa video banaye

  • @paintingwithchiranjib3679
    @paintingwithchiranjib3679 4 ปีที่แล้ว

    Sir aapne ek vedio me bataya tha ki Bhagwaan Vishnu our Shiv ek dusre ke purak our Brahm ka rup he, to brahm kya he? Sir please ispe v ek vedio banaaye.

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +1

      ब्रह्मा, विष्णु और महेश व सारी सृष्टि एक ब्रह्म से ही उत्पन्न होते हैं और अंत में पुनः उन्हीं ब्रह्म में लीन हो जाते हैं। ब्रह्म को अलग-अलग सम्प्रदाय के लोगों ने अपने-अपने ढंग से व्यक्त किया है, वैष्णव मत के लोग विष्णु जी को ब्रह्म मानते हैं, इस्कोन सोसाइटी के लोग कृष्ण जी को ब्रह्म मानते हैं, शैव सम्प्रदाय के लोग शिव जी को और शाक्त मत के लोग शक्ति को ब्रह्म मानते हैं। परन्तु मैंने सभी मतों का अध्ययन करके जाना कि शिवजी ही ब्रह्म हैं। मैंने जिन तथ्यों को आधार बनाया है वो हैं, शिवलिंग पूजा, शिवजी को शमशान वासी कहना, संहारकारी कहना और भूतनाथ कहना। इन सभी विषयों पर मैंने वीडियो बना रखे हैं। इन सभी विषयों को ठीक से समझा नहीं गया इसलिए भ्रम उत्पन्न हुआ। शिवलिंग रहस्य पर बनाए वीडियो से भी काफी हद तक स्पष्ठ हो जाएगा कि शिव ही ब्रह्म हैं।

  • @hackedwapp2842
    @hackedwapp2842 5 ปีที่แล้ว

    Bhumadrekha means Equator.

  • @drsanketpatel3961
    @drsanketpatel3961 4 ปีที่แล้ว

    Sir shiv mandir me parikrama puri krte hai ya jha se unko chdaya hua jal niklta hai vha se aage nai bdhate

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +1

      आप शिवलिंग की परिक्रमा की बात कर रहे हैं। शिवलिंग परिक्रमा करते हुए जल निकासी को लांघा नहीं जाता बल्कि जल निकासी के बाद उलटी परिक्रमा करते हुए जल निकासी के दूसरी ओर तक जाया जाता है। परन्तु कैलाश पर्वत की परिक्रमा करते समय उलटी परिक्रमा नहीं करते। शिवलिंग के अतिरिक्त किसी भी देव स्थान की परिक्रमा क्लोकवाइज़ दिशा में ही करते हैं।

  • @sunilsaini3186
    @sunilsaini3186 4 ปีที่แล้ว

    Guru ji parnam..aaj me ek samsya me pad gaya ki sare bagwan bhart me ki parkat kyo huye is par ek video banao?...muje mere ek dost ne pucha or use ek islam wale pucha

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +3

      हमारे धर्म के अनुसार सृष्टि का आरम्भ भारत से हुआ था। राजस्थान के पुष्कर क्षेत्र में ब्रह्माजी प्रकट हुए और वहीं से ब्रह्माजी ने सृष्टि आरम्भ की। उसके बाद धीरे-धीरे लोग अन्य क्षेत्रों में जाकर रहने लगे। इस प्रकार पूरे तीन युगों तक अर्थात् सतयुग, त्रेतायुग और द्वापरयुग तक सृष्टि का केन्द्र भारत ही रहा। तब तक आस्ट्रेलिया, अमेरिका, अफ्रीका और यूरोप आदि देश विकसित नहीं थे। कलयुग आरम्भ होने के बाद युरोप के लोगों विकसित होने लगे और अन्य क्षेत्रों में जाने लगे। आस्ट्रेलिया और अमेरिका को यूरोपीय लोगों ने कलयुग में ही बसाया है। अफ्रीका तो अभी भी अधिकतर पिछड़ा हुआ है। यदि भारत पर विदेशी आक्रमण नहीं हुए होते तो आज भी भारत ही सबसे संपन्न देश होता।
      सभी अवतार पहले तीन युगों में ही हुए हैं, उस समय भारत ही संपन्न था। वैसे भी भारत ही धर्म भूमि है इसलिए आगे भी भारत में ही अवतार होंगे।
      इसलाम वाले भी बताएं कि उनके सभी पैगंबर अरब देश में ही क्यों हुए, यूरोप, अमेरिका में क्यों नहीं हुए।

  • @umashankar3320
    @umashankar3320 3 ปีที่แล้ว

    Bali pratha kya hai kyon hai kaise hai sahi hai ya galat kripya bataiye jaldi

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  3 ปีที่แล้ว

      बली प्रथा बिल्कुल गलत है।

  • @OjhaS98
    @OjhaS98 3 ปีที่แล้ว

    सर जनेऊ क्यों पहना जाता है और ब्राह्मण शिखा क्यों रखते है या फिर तपस्वी जटाधारी क्यू होते है ? इन सब विषयों पर प्रकाश डालें

  • @funnyvideoupload845
    @funnyvideoupload845 5 ปีที่แล้ว

    सात चक्र कैसे जागृत करें

  • @successthriving
    @successthriving 4 ปีที่แล้ว

    Sir please mera ek confusion dur kar do purano ke anusar maa durga teeno devo aur sabhi devtaon ki sakti se bani thi mahishasur ka vadh karne k liye to mata ke pati kaise shiv ji ko kaha jata hai aur kyu is vishye par video banakar is baat ko acchi tarh clear se batye tatha maa durga ki utpati ki asli katha kya hai aur kyun hai ise sapasth kare aur kaise mahadev unke pati hai ye baat bhi apse anurodh hai.

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +1

      शिव और शक्ति दोनों निराकार ब्रह्म हैं, इनका ना जन्म होता है और ना कभी मृत्यु होती है। माता शक्ति को ही दुर्गा भवानी आदि नाम से जानते हैं।
      महिषासुर के वध के लिए सभी देवताओं ने मिलकर देवी शक्ति का आह्वान किया था, क्योंकि महिषासुर को वरदान था कि वह किसी स्त्री के हाथों ही मरे। तब देवी शक्ति साकार रूप में प्रकट हुई थी।
      शक्ति सदा शिवजी की अर्धांगनी हैं।

    • @successthriving
      @successthriving 4 ปีที่แล้ว

      Bhut bhut Dhanywad sir. Ho sake to is katha ko video k jarye batye to aur bhi accha hoga. Thank you.

  • @gourabdas440
    @gourabdas440 ปีที่แล้ว

    Pehle parikrama prashuram jee ne ki hai na ki shree ganesh kripya sahi kijiye

  • @tiarasmom2974
    @tiarasmom2974 4 ปีที่แล้ว

    माँ गायत्री के ऊपर भी विडियो bnayiye uncleji plz 🙏 💐 🎊 🌄 🎉 💐

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +2

      जहाँ तक मेरी जानकारी है कि गायत्री एक मंत्र है जिसे गाया जाता है।
      (ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ।)
      इसमें ऊँ तो प्रणव मंत्र है अर्थात ब्रह्म का उच्चारण । इसके बाद सारे मंत्र का अर्थ कुछ इस प्रकार है - - -
      हम पृथ्वी, अंतरिक्ष और स्वर्ग तीनों लोकों में प्रकाश फैलाने वाले भगवान के उस श्रेष्ठ तेज का ध्यान करते हैं जो हमारी बुद्धि को प्रेरित करे।
      इसमें किसी देव या देवी का नाम नहीं है बल्कि सीधे परमात्मा के श्रेष्ठ तेज अर्थात सीधे ब्रह्म का ध्यान करने की बात कही गई है। अब गायत्री मंत्र को माता किसने बना दिया ये मुझे नहीं पता।
      इसी प्रकार गीता भी कृष्ण जी द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश है, उसे भी गीता माता बना दिया।
      हो सकता है कि मेरी बातों से तुम्हें ठेस पहुंचे, परन्तु मैं तथ्य में विश्वास करता हूँ पाखंड में नहीं।

    • @tiarasmom2974
      @tiarasmom2974 4 ปีที่แล้ว +1

      नहीं... मुझे आपके videos देखने के बाद ईश्वर में मेरी अस्था और दृढ़ हुई.. Thank you 🙏

    • @tiarasmom2974
      @tiarasmom2974 4 ปีที่แล้ว +1

      जो लोग ache comments करते हैं.. Apke liye प्रार्थना करते हैं.. उनके comment को like kr diya करें.. ऐसी सादर विनती है आपसे 🙏

    • @tiarasmom2974
      @tiarasmom2974 4 ปีที่แล้ว +1

      TH-cam भरा हुआ है गायत्री माँ की कहानियों से.. उनके चित्रों से, उन्हें ब्रह्म की पत्नी btaya gya, जिज्ञासा हुई.. लगा आप ही सही baat bta सकते हैं

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +2

      मैंने शिवलिंग रहस्य पर दो वीडियो बनाए हैं उनमें स्पष्ट किया है कि शिव ही ब्रह्म हैं और उनकी अर्धांगनी माँ भवानी हैं, जिन्हें शक्ति, दुर्गा आदि नामों से पुकारते हैं।
      गायत्री मंत्र सीधे ब्रह्म के तेज का ध्यान करने की विद्या है। सतयुग में राजा विश्वामित्र का ऋषि वशिष्ठ से युद्ध हुआ तब राजा विश्वामित्र ब्रह्म ऋषि वशिष्ठ के तपोबल से परास्त हो गया था। तब विश्वामित्र ने गायत्री मंत्र की साधना की थी। उसके बाद ही विश्वामित्र को ऋषि पद प्राप्त हुआ था। परन्तु उन्हें ब्रह्म ऋषि बनने के लिए ब्रह्म ऋषि वशिष्ठ से क्षमा मांगनी पड़ी।

  • @avdheshkumar3909
    @avdheshkumar3909 5 ปีที่แล้ว +1

    Pojare since pada raha hi lagta hi bagvan ka barosa ab nahe melnawala hi boka marjaga 10parsat arched bhe la ley very good ka math class be hoge

  • @aashirvadshukla7634
    @aashirvadshukla7634 4 ปีที่แล้ว

    Ganesh ji ka janm aur unka sar kaise laga

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +1

      इस विषय पर एक वीडियो बनाऊंगा।

  • @rameshlaldhimaan9504
    @rameshlaldhimaan9504 4 ปีที่แล้ว +1

    कुछ आदरणीय श्री सत्य प्रकाश जी से ही सीख लो, कमज़र्फ हिंदू नस्लों, सनातन सूर्यवंशी संस्कृति, सँस्कारों व शास्त्रों को, रब के लिए!
    नहीं मिला इन्हें कोई सच्चा सतगुरू, एकलव्य की तरह, तो क्या परमेश्वर जगतगुरू शिव क्या कम है, द्रोण क्या कम है!अपने अंगूठे की गुरुदक्षिणा देने की हिम्मत तो रखो, क्या पता गुरुश्रेष्ट भारद्वाज पुत्र द्रोण स्वयं आपके पीछे आकर खड़े हो जाएं, औऱ अपना सम्पूर्ण ज्ञान व दिव्यास्त्र आप को ही दे जाएं, जैसे परमगुरुश्रेष्ट परमेश्वर जमदग्नि पुत्र श्री परशुराम जी ने एक सुतसूर्यपुत्र राधेय-कर्ण के साथ किया था उसे शापित करके वो भी आख़िरी निर्णायक युद्ध के लिए!😊
    अबे फुदकनी के फुदकुओं कृष्ण कन्हैया कुमार व नर-अर्जुन,पवनपुत्र नारद बन्दर हनुमान भीम बनने की क़भी भी इच्छा तक नहीं पालनी चाहिए वरना घर में गोपियाँ द्रौपदियाँ ही वास करती है!😊
    जैसे पांड़वों व नन्दवंशी ग्वालों नाईयों के आज भी कर रही हैं!😊
    मंदिरों की परिक्रमा क्यों की जाती है!? वैज्ञानिक आधार क्या हैं!?
    एक चमेली के मंडवे तले....!
    Gand-hi वाद ऊर्फ़ गंगुतेलीवाद की जंग बहुत हो चुकी-अब चमकौर व सरहिंद की जंग होगी और महाभारत का महारण तो पक्का ही है!💝
    इसलिए Gand-उ पांडुओ, भीमटो वामटो महाभारत के निर्णायक महारण के लिए तैयार हो जाओ,अस्त्र शस्त्रों का धारण करो,सभी चरित्रहीन जीव जंतुओं का संहार करो, औऱ ये कार्य सबसे पहले,सूर्यवंशी आदरणीय श्री औरंगजेब ऊर्फ़ अश्वथामा जी की तरह, अपने घर से ही शुरू करो!
    बोलो हर हर महादेव,हर हर महात्रिकाल शनि!
    तुम वामदेव व भीमदेव के वंशजों बोलो राधे कृष्णा, राधे भीम, द्रौपदी Mom!😊
    Libero ऊर्फ़ JNU Gang की छाती में होगा अब दर्द!😊
    नक़ली मानव के लिए उपलब्ध हैं अब नक़ली अंडे!😊
    Every Sunday खाओ ख़ूब अंडे, its Good For फुदकु फुदकनियों की Health के लिए!
    बृहदेश्वर मंदिर जिसकी छाया ज़मीन पर नहीं पड़ती!
    देखिए अपने नानाश्री को औऱ अपने वंश का इनसे पता लगाइए!क्यों मुझें तुम मायावी जीव जंतुओं का वंश समझ नहीं आ रहा है या बताना नहीं आ रहा है, ये अच्छी तरह तुम्हें बताना जानते हैं!😊👍👌
    लो हो गया ना शुरू रामलल्ला के अंधभक्तों का असली खेल शुरू,वैसे अभी कुरुक्षेत्र का केवल मैदान ही तैयार किया जा रहा है पर कृष्ण कन्हैया कुमार तो महाभारत का महारण करवा कर ही रहेंगे, असली मज़ा तो तब आएगा जब ये वामदेव व भीमदेव के वंशजों का महारण शुरू होगा😊
    सभी मंदिरों मस्जिदों, गुरुद्वारों, चर्चो ,बौद्धमठों का बदला लिया जाएगा, अग़र तुमने नहीं बदला लिया तो तुम वामदेव व भीमदेव के वंशज ही नहीं!😊
    💝

  • @krishnakumardaukiya405
    @krishnakumardaukiya405 4 ปีที่แล้ว

    Sir kya bhagvad Gita Mai milavat ki hui hai ya fir saare slok Satya hai. Aaj ke iss bhotik yug Mai konsi tika Leni chayiye.Saadhak sanJeevni swami ramsukhdas Geeta press ki ya fir iskoon ki ya koi AUR ho toh aap batane ki kripa kare

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +3

      गीता महाभारत का ही हिस्सा है। महाभारत महर्षि वेदव्यास जी ने लिखा है, परन्तु जब उन्होंने इसे लिखा था तब इसका नाम "जय संहिता" था, क्योंकि उन्होंने इसमें कौरव और पांडवों के युद्ध का वर्णन किया था। वेदव्यास जी के बाद में इसमें कुछ और कथाओं को जोङा गया, तब इसका नाम "भारत" रखा गया, क्योंकि इसमें भारत के कई महापुरुषों के चरित्र को जोङा गया था। अंत में इसमें और भी कथाएँ जोङकर इसे सर्व गुण संपन्न करने का प्रयास किया और तब इसका नाम "महाभारत" पङा। अर्थात् आज जो महाभारत हमारे पास उपलब्ध है वह जरूरी नहीं कि वैसा ही हो जैसा वेदव्यास जी ने लिखा था। परन्तु गीता में मुझे दोष नहीं दिखता। लेकिन जब अलग-अलग विद्वान इस पर टिप्पणी करते हैं तो अंतर आ जाता है। अर्थात् उन्हीं श्लोकों का अलग-अलग विद्वान अलग-अलग अर्थ निकालते हैं। इसलिए किसी एक व्यक्ति की टीका टिप्पणी पर आश्रित नहीं रहना चाहिए।
      जो लोग योग सूत्र, सांख्य योग, उपनिषद आदि तत्व ज्ञान को पहले से जानते हैं उन्हें गीता ज्ञान पर दूसरों की टिप्पणी से कोई सरोकार नहीं रहता। क्योंकि जो गूढ़ ज्ञान ऋषि-मुनियों के पास योग दर्शन के रूप में पहले से था उसी ज्ञान को श्री कृष्ण जी ने अर्जुन को प्रक्टिकल व सरल करके समझाया था। मेरा मानना है कि जब भी ज्ञान संबंधी पुस्तकों को पढ़ो तब ईश्वर का ध्यान करना चाहिए, क्योंकि उन्हीं की कृपा से सही ज्ञान प्राप्त हो सकता है।

    • @krishnakumardaukiya405
      @krishnakumardaukiya405 4 ปีที่แล้ว

      @@Secrets_of_Hindu_Dharm sir भगवदगीता मै कर्मयोग को काफी विस्तार से कहा गया है।क्या आज के इस युग कर्मयोग सही बैठता है।आपकी नजर में कोनसा योग अच्छा है।भगवदगीता मै बहुत से मार्ग बताए गए है।लेकिन ध्यान योग को गीता में सबसे ज्यादा अच्छा नहीं बताया।भक्तियोग को ज्यादा कहा

    • @krishnakumardaukiya405
      @krishnakumardaukiya405 4 ปีที่แล้ว

      @@Secrets_of_Hindu_Dharm भगवान सदाशिव के ज्ञान की गहराइयों में उतरते है तब पता चलता है कि भगवान शिव को ध्यान सबसे अधिक प्रिय है। ध्यान के मार्ग के लिए तो अस्टांग योग ही सही बैठता है।माता सती ,माता पार्वती ने भी ध्यान के जरिए भगवान् शिव को प्राप्त किया था।भगवान श्रीनारायण के अवतार ने भगवान शिव का ध्यान किया था।शास्त्रों में यही लिखा हुआ है।आप भी जानते हो।कृपा करके इस विषय में विस्तार से कहिये।

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +3

      जीवन में कई पङाव आते हैं, बचपन, जवानी, गृहस्थी, संन्यास। इन सभी पङावों में हमें लगभग सभी प्रकार के योग से गुजरना पड़ता है। कर्म योग, कर्मसंन्यास योग, ज्ञान योग, ध्यान योग, भक्ति योग, संन्यास योग आदि। आजकल लोग इन सभी योगों को ठीक से समझ नहीं पा रहे, इसलिए कन्फ्यूजन रहता है।
      कृष्ण जी ने अर्जुन को कर्म योग पर अधिक बताया, क्योंकि अर्जुन उस समय अपने जीवन के जिस पङाव पर था, उस समय कर्म करना आवश्यक था। कर्म से भागकर कोई मोक्ष नहीं पा सकता।
      ज्ञान योग की तो हर प्राणी को आवश्यकता होती है, चाहे वह किसी भी पङाव पर हो। कोई भी कार्य हो बिना ज्ञान के काम नहीं बनेगा। धनुष कैसे चलाना है, युद्ध कैसे करना है, ईश्वर को कैसे प्राप्त करना है। ध्यान कैसे लगाते हैं आदि हर काम के लिए ज्ञान तो परमावश्यक है, अन्यथा हम मूर्ख बन सकते हैं।
      ध्यान योग के बिना भी कोई काम ठीक से नहीं हो पाएगा। सोचो कि तुम काम कोई और कर रहे हो और ध्यान कहीं ओर लगा हो तो काम बिगड़ जाएगा। इसलिए जब भी अपना कर्म करते हो तो ध्यान कर्म पर रहे और ईश्वर का भी ध्यान रहे कि मैं ईश्वर की प्रसन्नता के लिए कर्म करता हूँ। इसी को कर्म योग कहते हैं।
      भक्ति योग पर लोगों की धारणा बहुत ही भ्रामक है। इस्कोन के लोग सोचते हैं कि सब स्त्री पुरुष मिलकर नाच गाकर रास करे तो ये भक्ति योग है। कई लोग सोचते हैं कि मंदिरों में जाकर नवधा भक्ति करना ही भक्ति योग है। कुछ लोग भजन मंडली बनाकर भजन गाते हैं तो कहते हैं कि यही भक्ति योग है। परन्तु भक्ति का संबंध भावना से है। जब हम भावनाओं में बहकर केवल ईश्वर को ही याद करें, ईश्वर के अतिरिक्त कुछ भी अच्छा ना लगे, यही भक्ति योग है। यह योग विशेषकर तब लगता है जब सब हमारा साथ छोड़ दें और ईश्वर के अतिरिक्त कोई सहारा ना बचा हो। इसलिए कुंती ने एक बार कृष्ण जी से कहा था कि हे भगवन् हमें दुःख देते रहना ताकि जब तक जीएं आपको याद करते रहें।
      यदि तुम युवा हो तो कर्म अनिवार्य है। कर्म के लिए ज्ञान भी आवश्यक है। ईश्वर का ध्यान और ईश्वर के प्रति भावना अर्थात् भक्ति भी आवश्यक है। यदि तुम कर्म से मुक्त हो चुके हो तो ध्यान योग परमावश्यक है। परन्तु भक्ति अर्थात् ईश्वर के प्रति भावना तो हर समय चाहिए।

    • @krishnakumardaukiya405
      @krishnakumardaukiya405 4 ปีที่แล้ว +1

      धन्यवाद

  • @milindparkarparkar876
    @milindparkarparkar876 4 ปีที่แล้ว

    Guru ji ye Jo astral travel ke bare me kahte hai pichle janam ke bare me batate hai kitni sachai hai isme
    Such ya jhut hai pls btao

  • @animax1034
    @animax1034 4 ปีที่แล้ว

    bhoot, pret, pishach, dayan, chudail, saitan ye sab me kya antar he aur ye kis kis prakar ke hote is par bhi ek video banaye plz

  • @Batv147
    @Batv147 4 ปีที่แล้ว

    Vishvamitra ne universe banaya tha vo story kya thi

  • @shamlisnehgupta1575
    @shamlisnehgupta1575 3 ปีที่แล้ว

    hamary he dharm me kyo log nukc nekalty hai aur hamary log aur darmo ke lekalne ke himath nahe hai

  • @Batv147
    @Batv147 4 ปีที่แล้ว +1

    Ek video Yugo par

  • @44kartikkd24
    @44kartikkd24 4 ปีที่แล้ว

    नमस्ते सत्यप्रकाश जी मेरा आपसे एक प्रश्न है कि कुछ लोग(वेदों को मानने वाले) कहते है कि ईश्वर एक है और वो भी निराकार है उनका कोई आकर नहीं है।तो मेरा आपसे ये प्रश्न है कि अगर ईश्वर निराकार है तो हम शिवलिंग की पूजा करते है भगवान श्री राम और कृष्ण की पूजा करते है तो क्या ये सही है या गलत और अगर ईश्वर वाकई में निराकार है तो उनको साकार होने की क्या आवशयकता????

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +1

      ब्रह्म एक है और निराकार है, वह अजन्मा हैं, उनकी कभी मृत्यु नहीं होती, चाहे सृष्टि हो या ना हो वे सदा सर्वदा विद्यमान रहते हैं। परन्तु सृष्टि निराकार नहीं है, वह साकार है। उसी साकार सृष्टि को संचालित करने के लिए ब्रह्म साकार रूप लेते हैं। अतः ब्रह्म के दो रूप हैं, निराकार और साकार।
      ब्रह्म के सभी साकार रूपों के आने और जाने का समय निश्चित होता है। जैसे राम और कृष्ण आदि सभी का जन्म भी होता है और मृत्यु भी होती हैं। परन्तु निराकार ब्रह्म सदा सर्वदा विद्यमान रहता है। इसलिए सभी ऋषि, तपस्वी आदि निराकार ब्रह्म की ही साधना करते हैं। परन्तु सामान्य गृहस्थी के लिए निराकार ब्रह्म का ध्यान करना सरल नहीं होता। इसलिए वे पहले साकार रूप का सहारा लेते हैं। जैसे-जैसे भक्ति सही मार्ग पर आगे बढती है, तब निराकार ब्रह्म का महत्व समझ आने लगता है। परन्तु यदि भक्ति सही मार्ग पर नहीं होती तो व्यक्ति भंवर जाल में उलझ जाता है। मुझे बहुत दुःख होता है आजकल होने वाली भक्ति सही मार्ग पर नहीं है। यदि सही मार्ग पर होती तो हमारा देश गुलाम नहीं होता।

    • @44kartikkd24
      @44kartikkd24 4 ปีที่แล้ว +1

      @@Secrets_of_Hindu_Dharm
      धन्यवाद सत्यप्रकाश जी।

  • @lovygupta286
    @lovygupta286 4 ปีที่แล้ว

    श्री मान जी,नमस्कार🙏🏻🙏🏻🙏🏻
    आशा करता हुँ कि आप स्वस्थ है।👌
    आज मै अपने अध्यात्ममिक जीवन के बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न के विषय मे आपसे चर्चा करना चह्ता हुँ।🕍
    ईश्वर का अस्तित्व किस तरह से समझा जा सक्ता है,क्या वह पुरुष है, स्त्री है या इनसे परे कोई और।
    विभिन्न पुराणो मे विभिन्न देवता को सर्वोपरि बताया गया है,शिव पुराण मे शिव को ,श्रीमद्देवीभाग्वत मे शक्ती को भागवत पुराण मे कृष्ण को सर्वोच्च सत्ता बताया गया है और भी अलग अलग पुराणो मे उस पुराण के देव्ता को सर्वोच्च बताया गया है अत:सभी पुराणो का संक्षिप्त निचोड क्या है कौन सर्वोच्च सत्ता है।
    मैने आपका शिव लिंग विषय मे वीडियो देखा है कैसे सिध्ह करेंगे कि शिव ही सर्वोच्च सत्ता है।
    ईश्वर की जो कि सर्वोच्च सत्ता है जो सबके द्वारा पूजनीय है कौन है,सम्झाईये।
    आपने निराकार शिव को सम्पूर्ण ब्रह्मांड कहा है कैसे सिध्ह होगा कि हम कह सके कि जो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड है वही निराकार ब्रह्म शिव ही है।
    मुझे कोन सा ग्रंथ पढ्ना चाहिए जिसे आप प्रमाणिक मानते है।
    दुसरा एक और प्रश्न मेरे मन मे है अश्वत्थामा को शिव का अवतार बताया गया है
    कृष्ण भगवान ने दंड़ स्वरुप अश्वत्थामा के सिर की मणि निकाल ली थी।
    यदि अश्वत्थामा निराकार शिव का अवतार है तो शिव अवतार के द्वारा कैसे कोई भी कर्मो मे त्रुटी हो सक्ती है।
    इसलिये अश्वथ्थमा शिव अवतार कैसे हुआ बताईए ।
    आपके जवाब की प्रतीक्षा रहेगी🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +2

      आज जितने भी धर्म ग्रंथ कलयुग में उपलब्ध है, वे कोई भी हमें पूर्ण संतुष्ट नहीं कर पाते। कलयुग में सभी धर्मों ग्रंथों में जमकर मिलावट की गई है। फिर भी मैंने कुछ तथ्यों को आधार बनाया है जिनमें मिलावट की कोई गुंजाइश नहीं है। जैसे- शिवलिंग की पूजा करना, शिवजी को शमशान वासी, भूतनाथ कहना, मृत्युन्जय, महाकाल, महेश्वर आदि नामों से पुकारना। इन पर मैं अलग-अलग वीडियो में चर्चा कर चुका हूँ। मैंने शिवजी को निराकार ब्रह्म बताया है। उनके मूलाधार चक्र के आसपास के भाग को ही ब्रह्माण्ड कहा है। मैंने ज्योतिष शास्त्र और योग शास्त्र के सिद्धांतों का प्रयोग किया है। कोई इन्हें गलत सिद्ध नहीं कर सकता।
      शिव निराकार ब्रह्म हैं और ब्रह्मा, विष्णु, महेश उन्हीं के साकार रूप हैं। शिव जी की अर्धांगनी हैं देवी शक्ति, वे भी निराकार हैं। उन्हीं देवी के साकार रूप हैं, सरस्वती, लक्ष्मी और पार्वती। इस प्रकार ईश्वर के सभी रूप एक ही निराकार ब्रह्म के साकार रूप हैं अतः सभी श्रेष्ठ और पूजनीय हैं।
      अश्वत्थामा को शिवजी का अवतार किसने बनाया, मेरी समझ से बाहर है। द्रोणाचार्य ने पुत्र प्राप्ति के लिए शिवजी से प्रार्थना की हो सकती है। शिवजी का अवतार कभी भी पापी दुर्योधन का साथ नहीं दे सकते। शिवजी का अंशावतार हनुमान जी हैं, उनहोंने पांडवों का साथ दिया था।

    • @luckysinghbhandari5989
      @luckysinghbhandari5989 3 ปีที่แล้ว

      @@Secrets_of_Hindu_Dharm lekin kuch logo ka manna h ki hanuman ji mahabharat me nhi thae. Aisa kai arya samaj ka bhi khena h. Apko kya lagta hai sir. Aur sir apko holi ki hardik shubhkamnaayein. Apki iss vishay me kya vichaar h jarrur uttar dijiyega

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  3 ปีที่แล้ว

      @@luckysinghbhandari5989 हनुमान जी महाभारत युद्ध में प्रत्यक्ष रूप से नहीं थे, परन्तु एक बार भीम को गंधर्वों से बचाने के लिए आए थे। अर्जुन अपने रथ पर कपि ध्वज भी लगाते थे।

    • @luckysinghbhandari5989
      @luckysinghbhandari5989 3 ปีที่แล้ว

      @@Secrets_of_Hindu_Dharm kya aaj bhi unse pratyaksh roup me dekha jaa sakta h.

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  3 ปีที่แล้ว +1

      @@luckysinghbhandari5989 जब तक मैं उन्हें देख ना लूँ, तब तक मेरे लिए कुछ कहना कठिन है।

  • @umeshjogadand4194
    @umeshjogadand4194 4 ปีที่แล้ว +1

    नमस्कार सर,
    सर मै आपके जितने भी व्हिडीओ यू ट्यूब पर है सब देख लिए. लेकिन आप बहुत महिने हो गये आप व्हिडीओ बनाना क्यूँ बंद किया. मै इंतजार करता हू आपके व्हिडीओ का कृपया रिप्लाय dijiye
    8652561980

  • @nareshchoudhary6072
    @nareshchoudhary6072 4 ปีที่แล้ว

    प्रणाम गुरू जी....आपने जो सिद्धांत बताया परिक्रमा का उदाहरण दे के मुझे सही लगा परंतु मुझे एक ऐसा video मिला जो आपकी सिद्धांत के विपरीत है कृपया मुझे इस दुविधा से निकाले। धन्यवाद
    link shared below
    th-cam.com/video/VI334WgIVoI/w-d-xo.html

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +2

      मैं आदिवासियों की मान्यताओं से सहमत नहीं हूँ। मैंने भूमध्यरेखा के दोनों तरफ पानी का भंवर भी दिखाया है। उत्तरी गोलार्ध में पानी का भंवर क्लोकवाइज़ दिशा में घूमता है।
      बैल या अन्य पालतु पशुओं को रोजाना जो काम कराया जाता है, वे रोजना फिर अपने आप वैसे ही करते हैं।
      अमेरिका आदि विकसित देश भी बिना उलटी घङी के तरक्की करते हैं।

    • @nareshchoudhary6072
      @nareshchoudhary6072 4 ปีที่แล้ว +1

      @@Secrets_of_Hindu_Dharm शुक्रिया आपका और आपकी कोई नई विडियो कब आएगी।

  • @NarendraKumar-rh3bo
    @NarendraKumar-rh3bo 4 ปีที่แล้ว

    Mandir parisar m koi saitan tou nahi chupa hai ,

  • @aryaparivar104
    @aryaparivar104 5 ปีที่แล้ว +1

    Moorti puja jainio ne suru ki to usse pehle mandir nehi tha ya tha

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  5 ปีที่แล้ว

      मूर्ति पूजा कब शुरू हुई इस पर मैं वीडियो बना चुका हूँ। तीर्थ स्थान पहले से हैं, उन्हीं पर बाद में मंदिर बना दिए गए हैं।

    • @aryaparivar104
      @aryaparivar104 5 ปีที่แล้ว

      @@Secrets_of_Hindu_Dharm aryasamaj v to yehi kehta hai lekin uski bat koi nehi man raha..apne kaha to conform hua..dhanyabad...

    • @aryaparivar104
      @aryaparivar104 5 ปีที่แล้ว

      @@Secrets_of_Hindu_Dharm o vdo ka nam.kya diya hai apne

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  5 ปีที่แล้ว

      हिन्दू नाम किसने दिया है?

    • @sudhayadav1994
      @sudhayadav1994 4 ปีที่แล้ว

      Mitti Se Judi jankari

  • @abhijeetshinde4650
    @abhijeetshinde4650 4 ปีที่แล้ว

    मानव पाप मुत्क केसे होगा

  • @rajkumarbrahma7652
    @rajkumarbrahma7652 5 ปีที่แล้ว

    Parikrama kor liya to kya jata hai.Pocket se paise thorihi jata hai???

  • @divyanshnaturals2246
    @divyanshnaturals2246 ปีที่แล้ว

    कितने बेशर्म‌है कि एक तथ्य मे तो वैज्ञानिक ता खोज रहे हो
    वही दुसरे तथ्य मे वैज्ञानिक ता से दुर भागते तो
    गणेश. नर है या नारी
    गणेश की उत्पत्ति
    गणेश और चूहा वाहन
    क्या हय वैज्ञानिक ता

  • @brijeshyadav7061
    @brijeshyadav7061 4 ปีที่แล้ว

    th-cam.com/video/y9pzV4wr60Y/w-d-xo.html kya sach me sahi hai

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +1

      मैं अपने कई वीडियो में ये बता चुका हूँ कि कलयुग में धर्म ग्रंथों में जमकर मिलावट की गई है। परन्तु ये कहना कि हमारा धर्म शुरू से ही गलत है मैं स्वीकार नहीं कर सकता, क्योंकि मैंने ईश्वर की कृपा को कई बार महसूस किया है। मेरा यह वीडियो देखें th-cam.com/video/Ivoc5JwYaaU/w-d-xo.html

  • @krishnakumardaukiya405
    @krishnakumardaukiya405 4 ปีที่แล้ว

    Shaastro Mai shrimadDevi bhaagvat AUR shrimad baagvat AUR bramhavaivart puran Mai भयंकर मिलावट की गई है। गोलोक राधा कृष्णा की कहानी बिल्कुल बकवास है।मिलावटी है गोलोक ऊपर है उसके नीचे वैकुंठ।फिर शिव लोक।माता लक्ष्मी का तो नाम ही नहीं है।bramhaji का गला काटा गया।सदाशिव का लिंग काटा गया। भगवान विष्णु की सिर काटा गया।देवी सबसे ऊपर है शिव और विष्णु तो उनके सामने कुछ है ही नहीं।जबकि परमब्रह्म तो सदाशिव है।उन्हीं से शक्ति प्रकट होती है।और फिर विष्णु।जबकि तत्त्व तो एक ही है वो है शिव तत्त्व। जब एक ही परमब्रह्म शिव ही है।तो उनके जो रूप प्रकट होते है तो उनमें छोटा और बड़ा इतना भेदभाव क्यों।एक शिव ही है जो अलग अलग रूपों में प्रकट होते है। श्रीकृष्ण तो भगवान विष्णु का अवतार है।जो हर द्वापरयुग में प्रकट होते है। फिर गोलोक कहा से आया।जबकि भगवान विष्णु का निवास स्थान वैकुंठ है। राधा तो एक गोपी है।उसको तो माता लक्ष्मी से ऊपर दिखाया गया। महाभारत के छह खंडो में कहीं पर राधा का नाम नहीं आया। श्रीकृष्ण को रास रचिया बताया कि वो गोलोक मै हर समय रास रचते है। और आप वृंदावन चले जाइए तो आपको हर दीवार पे राधा राधा मिलेगा। जबकि श्रीकृष्ण का तो कहीं नाम ही नहीं है। अगर राधा ही सब कुछ है तो भगवदगीता में इस नाम का कहीं कोई जिक्र नहीं है। शिव शक्ति ,विष्णु लक्ष्मी ,कृष्ण रूखमणी ,राम सीता। लेकिन मिलावटीयो ने तो राधा पहले कृष्ण बाद मै। देविभागवत मै माता लक्ष्मी विष्णु को श्राप देती है कि तेरा सिर धड से अलग हो जाए क्या कोई पत्नी अपने पति से ऐसे बात कर सकती है जबकि वो दोनो एक ही है। क्यूंकि विष्णु शिव ही है वोह तो शिव विष्णु के रूप मै लीला कर रहे है तो इन बातो मै बिल्कुल सत्य धूमिल हो गया है भगवान शिव का बहुत बड़ा अपमान किया गया है इन शास्त्रों मै। मुझे बहुत बुरा लगा।मै भगवान शिव और विष्णु का अपमान नहीं सह सकता। सत्यप्रकाश जी कृपा करके इन बातो को विस्तार से समझाने की चेष्टा करिए।

    • @Secrets_of_Hindu_Dharm
      @Secrets_of_Hindu_Dharm  4 ปีที่แล้ว +1

      मैं अपने कई वीडियो में इसी विषय पर बात कर चुका हूँ। बातें बहुत हैं जिनका कोई सिर पैर नहीं, परन्तु अब कोई लाभ नहीं है, क्योंकि सब अपने अपने मत पर अडिग हैं। सत्य धूमिल हो चुका है। तप शक्ति किसी के पास नहीं है, क्योंकि जो सत्य पर स्थिर होता है उसी का तप बढता है। सत्य तो धूमिल हो चुका है इसीलिए किसी के पास तप शक्ति नहीं। यही कारण है कि अधर्मी लोग भी हम पर हावी हो जाते हैं।
      मेरी जानकारी के अनुसार सबसे अधिक मिलावट वैष्णव मत के लोगों ने की है। सतयुग में एक ही पुराण था, और कथाएँ भी सीमित थी। कलयुग तक आते-आते कथाएँ भी अधिक हो गई और ब्राह्मणों का लालच भी सीमाएं लांघ गया। कथाएँ अधिक होने के कारण एक व्यक्ति के लिए सब कुछ याद रखना आसान नहीं था। इसलिए अलग-अलग सम्प्रदाय बने। यही कारण है कि सभी संप्रदाय के लोग चाहते थे कि उन्हीं को अधिक दक्षिणा मिले। इसीलिए अपने-अपने ईष्ट देव को महान बताया गया। सतयुग से ही शिवजी के नाम के साथ ही महा शब्द जोड़ा जाता था जैसे महादेव और महेश अर्थात् महा ईश्वर। ये बात वैष्णवों को चुभती थी इसीलिए उन्होंने महा विष्णु शब्द की रचना की। इस्कोन सोसाइटी के लोग बात को और आगे ले गए। उनके अनुसार कृष्ण जी सबसे ऊपर हैं और वे भी राधा के द्वारा नियंत्रित हैं। उनके शरीर से कई सारे विष्णु निकलते हैं। उन्हीं में से एक विष्णु से त्रिदेव निकलते हैं। उनकी मान्यता के अनुसार शिवजी भगवान ही नहीं हैं।
      वैष्णव मत के लोग इस बात से भी परेशान थे कि शिवजी की जटाओं में पवित्र पावनी गंगा क्यों विराजमान हैं। इससे तो शिवजी महान सिद्ध होते हैं, तो उन्होंने तोड़ निकाला कि गंगा को विष्णु जी के चरणों से निकला हुआ सिद्ध कर दो। ऐसा करने से शिवजी स्वयं ही विष्णु जी से नीचे सिद्ध हो जाएंगे। इसलिए एक कहानी गढ़ी गई कि वामन अवतार में विष्णु जी ने तीन पग भूमि नापने के लिए सब कुछ नाप लिया और उनके पैरों से नक्षत्र लोक टूटने लगा, तब गंगा वहाँ से प्रकट हुई और विष्णु जी के चरणों से स्पर्श करती हुई नीचे आई। परन्तु इस कहानी से तो गंगा नक्षत्र लोक से निकली हुई सिद्ध हुई। तब कहानी में फिर संबोधन किया गया। अब की बार उनहोंने विष्णु जी के चरणों में चोट लगा दी और चरणों से रक्त निकला। यही रक्त बाद में गंगा के रूप में प्रकट हुआ। परन्तु ये कहनी गढते-गढते उन्होंने विष्णु जी को नाजुक बना दिया, क्योंकि वे अपनी ही सृष्टि में चोट खा बैठे। परन्तु उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता, उन्हें तो ये कहने में मजा आता है कि शिवजी ने गंगा को अपने शीश पर इसलिए धारण किया क्योंकि वह विष्णु जी के चरणों से निकली थी। परन्तु वैष्णव लोग ये भूल गए कि शिवजी के माथे पर चंद्रमा भी विराजमान हैं। चंद्रमा की विष्णु जी के चरणों से निकलने की कहानी बनाना भूल गए।
      इन सब बातों पर ध्यान मत दो, जिसे जो सही लगता है वो माने। परन्तु जीतेगा वही जो सत्य पर स्थिर होगा। शिवजी और विष्णु जी दोनों ही हमारे वंदनीय हैं।

    • @krishnakumardaukiya405
      @krishnakumardaukiya405 4 ปีที่แล้ว +1

      बहुत बहुत धन्यवाद