जब पता न हो पूरी तरह कहानी तो ऐसे दूसरो को नही बतानी चाहिए ये कहानी गलत h pura जानकारी निकालो फिर video बनाओ ये दूसरो को v गलत ज्ञान दे रही हो ये video bhot ko भटका सकता h
विभण्डक (ऋष्यश्रृंग के पिता) ने कठोर तप किया जिससे देवतागण भयभीत हो गये और उनके तप को भंग करने के लिए इंद्र ने उर्वशि को भेजा। उर्वशी ने उन्हें मोहित कर उनके साथ संसर्ग किया जिसके फलस्वरूप ऋष्यश्रृंग का जन्म हुआ। ऋष्यश्रृंग के माथे पर एक सींग (शृंग) था अतः उनका यह नाम पड़ा। ऋष्यश्रृंग के पैदा होने के तुरन्त बाद उर्वशी का धरती का काम समाप्त हो गया तथा वह स्वर्गलोक के लिए प्रस्थान कर गई। इस धोखे से विभण्डक इतने आहत हुये और उन्हें नारी जाति से घृणा हो गई तथा उन्होंने अपने पुत्र ऋष्यश्रृंग पर नारी का साया भी न पड़ने देने की ठान ली। इसी उद्देश्य से वह ऋष्यश्रृंग का पालन-पोषण एक अरण्य (वर्षा वन) में करने लगे। एतस्मिन् एव काले तु रोमपादः प्रतापवान्॥ १-९-७ आङ्गेषु प्रथितो राजा भविष्यति महाबलः। तस्य व्यतिक्रमात् राज्ञो भविष्यति सुदारुणा॥ १-९-८ अनावृष्टिः सुघोरा वै सर्वलोक भयाअवहा।
Maine ye Katha mahabharat me Padhi Hai...Urvashi Apsara ko dekhke nahate huye unka virya nikalke Pani me Gira aur wo Pani mrug ne piya aur uske garbh se rishyasringa rishi janme
आधा अधूरा ज्ञान खतरनाक
To janm kese hua batiye?
Sex Jaisa Ag Nahin Jawany Kafi Khatra hoti hai ???
Rushi SHRUNG Raja DASHRATH(PUTRI SHANTA KE PATI )KE JAMAI the Aap ke pas galatians information he.
Astamba rushi yatra
No Putrakamesthi Jagya not Aswammedh
अपने कहानी तो बहुत ही सुंदर सुनाई है परंतु इसमें यज्ञ का नाम गलत बताया है महर्षि सांगी ने पुत्र कामैठी यज्ञ करवाया था
क्षमा चाहेंगे
😂😂 aswamadh nahi bhai putra kamesti yagya kiya gaya tha
जब पता न हो पूरी तरह कहानी तो ऐसे दूसरो को नही बतानी चाहिए ये कहानी गलत h pura जानकारी निकालो फिर video बनाओ ये दूसरो को v गलत ज्ञान दे रही हो ये video bhot ko भटका सकता h
Ki unhone urvashi ni blki mragi k garbh se jnm lia tha 😡
विभण्डक (ऋष्यश्रृंग के पिता) ने कठोर तप किया जिससे देवतागण भयभीत हो गये और उनके तप को भंग करने के लिए इंद्र ने उर्वशि को भेजा। उर्वशी ने उन्हें मोहित कर उनके साथ संसर्ग किया जिसके फलस्वरूप ऋष्यश्रृंग का जन्म हुआ। ऋष्यश्रृंग के माथे पर एक सींग (शृंग) था अतः उनका यह नाम पड़ा। ऋष्यश्रृंग के पैदा होने के तुरन्त बाद उर्वशी का धरती का काम समाप्त हो गया तथा वह स्वर्गलोक के लिए प्रस्थान कर गई।
इस धोखे से विभण्डक इतने आहत हुये और उन्हें नारी जाति से घृणा हो गई तथा उन्होंने अपने पुत्र ऋष्यश्रृंग पर नारी का साया भी न पड़ने देने की ठान ली। इसी उद्देश्य से वह ऋष्यश्रृंग का पालन-पोषण एक अरण्य (वर्षा वन) में करने लगे।
एतस्मिन् एव काले तु रोमपादः प्रतापवान्॥ १-९-७
आङ्गेषु प्रथितो राजा भविष्यति महाबलः।
तस्य व्यतिक्रमात् राज्ञो भविष्यति सुदारुणा॥ १-९-८
अनावृष्टिः सुघोरा वै सर्वलोक भयाअवहा।
@@SanatanGyaanManthan आपने ऋषी श्रृंग के वंशज के बारे में बताया ही नहीं जो सेंगर ब्रह्मक्षत्रिय और सिखवाल ब्राह्मण है।
Maine ye Katha mahabharat me Padhi Hai...Urvashi Apsara ko dekhke nahate huye unka virya nikalke Pani me Gira aur wo Pani mrug ne piya aur uske garbh se rishyasringa rishi janme
Wo mrug ek devta tha jise shaap mila tha, jab uske garbh se rishi ki utpatti hogi tab usko mrig yoni se chutkara milne wala tha
Mne to kuch or hi suna hai
प्लिज़ गलत मत बतैय
Bilkul v sahi Katha nhi h
आप गलत जानकारी दे रही है आप लोग गलत बात बोल रही है हमने ये नही सुना दूसरी बात सुनी है
yah kahani galat hai...
yah kahani galat hai
Galat h
Sri shrung Rishi Maharaj ka janm ek hirni ke garb se hwa tha, isliye unke sar pe ek sing hota hai, galat baate batake logo ko bekhaiye mat
Or jab dekha to Shri Ramchandra ki bahan Santa ko lekar rafu chakkar ho gya