एक गलत रिश्ते में फँस गए हैं - अब क्या करें? || आचार्य प्रशांत (2024)

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  • เผยแพร่เมื่อ 8 ก.พ. 2025
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    वीडियो जानकारी: 30.05.24, बोध प्रत्यूषा, ग्रेटर नॉएडा
    विवरण:
    इस वीडियो में आचार्य जी ने मानव संबंधों की जटिलता पर चर्चा की है। उन्होंने बताया कि जब किसी रिश्ते की शुरुआत गलत होती है, तो आगे चलकर उसका लाभ नहीं होता। आचार्य जी ने यह भी कहा कि हमें अपने जीवन में जो कुछ भी है, उसके साथ काम करना चाहिए और निराशा में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि रिश्तों में सही और गलत का कोई स्पष्ट मानक नहीं होता, और हमें अपने अनुभवों से सीखना चाहिए।
    आचार्य जी ने यह भी बताया कि हमें अपने जीवन में जो भी चुनौतियाँ हैं, उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए और अपने कार्यों में आगे बढ़ते रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कल्पनाएँ अक्सर हमारे स्वार्थों से जुड़ी होती हैं और जब हम अपने स्वार्थों को छोड़ देते हैं, तो हमें भविष्य की चिंता कम होती है।
    प्रसंग:
    ~ शरीर पर आधारित संबंध क्यों अध्यात्म के रास्ते में आते है?
    ~ रिश्तों की अहमियत एक बिन्दु के बाद कितनी हो सकती है?
    ~ चेतना को किसकी तलाश है?
    ~ हम हमारी लायी हुई वस्तुओं से संतुष्ट क्यों नहीं होते?
    ~ क्या तन से रिश्ता बनाना उचित है?
    ~ ज़रूरतें किसकी होती हैं, शरीर की या मन की?
    संगीत: मिलिंद दाते
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