मैं आनंदपूर्ण जीवन जीने से तो मरना बेहतर समझता हूं। मैं एक ऐसा इंसान हूं जो इंसानियत के बारे में हर वक्त सोचता रहता हूं। मैं 'सृष्टिधम्म' आंबेडकराईट प्रज्ञाऊर्जा से विश्व का पुननिर्माण करना चाहता हूं। बुद्धआंबेडकरवादी एक चिंतनशील लेखक -- रबुआ अंबेडकर
संपूर्ण जगतगुरु 'महामानव बुद्ध' एवं सर्वोत्तम भूमिपुत्र 'महामानव डॉ. आंबेडकर' ने अपने मानवतावादी ज्ञप्ति प्रकाश से मानवीय जीवन को प्रज्ञावान बनाकर प्रकृतिवाद, मानवतावाद व विज्ञानवाद को प्रकाशित किया। बुद्धआंबेडकरवादी एक चिंतनशील लेखक - रबुआ अंबेडकर
पालि धम्मपद अध्याय 10 की गाथा संख्या 129 में एक सार्वभौमिक और सार्वकालिक सत्य को निम्नलिखित शब्दों में वर्णित किया गया है --- सब्बे तसन्ति दण्डस्स सब्बे भायन्ति मच्चुनो। अत्तानं उपमं कत्वा न हनेय्य न घातये।। अर्थात -- सभी प्राणी दंड से डरते हैं। सभी प्राणियों को मृत्यु से भय लगता है। अतः सभी प्राणियों को अपने जैसा समझकर न किसी की हत्या करें, न हत्या करने के लिए प्रेरित करें। बुद्धआंबेडकरवादी एक चिंतनशील लेखक - रबुआ अंबेडकर
सत्यमेव जयते प्रबुद्ध भारत शक्तिशाली भारत हमारा भगवान खेत खलिहान जय जय किसान भारत महान भारत शब्द गुणवाचक है, भास्कर की भांति उर्जावान गतिमान कठोर श्रम पूरी पढ़ाई जन जन हो ज्ञानी, इमानदारी ही पहिचान हमारा भगवान खेत खलिहान जय जय किसान भारत महान तक्षशिला नालंदा विक्रमशिला, जिसका आधार निशान श्रमण संस्कृति ज्ञान से ही है भारत की पहिचान जहान हमारा भगवान खेत खलिहान जय जय किसान भारत महान बुद्ध महावीर कबीर रैदास, गुरु नानक देव जिसकी आत्मा प्राण जान बुद्ध का त्रिशरण महावीर की अहिंसा परमो धर्मः कबीर वाणी बनाती महान हमारा भगवान खेत खलिहान जय जय किसान भारत महान झुठे पाखंडी जुमलाबाज ही हैं, भारत के असली दुश्मन कर्मकांड दिखावा अंधविश्वास, मंदिर मजार बनाते हैं शमशान हमारा भगवान खेत खलिहान जय जय किसान भारत महान झूठा पाखंडी नेता, भारत जलाओ पार्टियों से ही है बरबादी लूट-खसोट बेइमानी भ्रष्टाचार भुखमरी से त्रस्त जनता आबादी हमारा भगवान खेत खलिहान जय जय किसान भारत महान जागो किसानों जागो नवजवानों,नाहि मिट जाई नामोनिशान जागा दुखियारी माताओं बहनों, जागा भारत भाग्यविधाता भाग्यवान हमारा भगवान खेत खलिहान जय जय किसान भारत महान सड़कों पर संघर्ष करो, तभी बची इज्जत मान सम्मान लेकर भारत की सौगंध,बचा लो भारत का गौरव स्वाभिमान हमारा भगवान खेत खलिहान जय जय किसान भारत महान रामकुमार-देहाती, सुल्तानपुर जय जवान जय किसान जय किसान भारत महान
मूलनिवासी बहुजन बौद्धों की श्रेष्ठ मानवीय जीवन जीने वाली अनादि सभ्यता है जबकि विदेशी यूरेशियन आर्यों की आर्यन संस्कृति जो बहुजन सभ्यता की विकृति है प्रदूषण है, संस्कृति और संस्कार आर्यों के हैं बौद्धों के नहीं। जय मूलनिवासी।
अमन जी, मेरे मन में बौद्ध धम्म से संबंधित बहुत सारे सवाल है, लेकिन एक योग्य बौद्धाचार्य के अभाव में उनका समाधान नहीं हो पाता है. राजेश चंद्रा सर से मेरा परिचय अभी कुछ दिन पहले ही एक पुस्तक के माध्यम से हुआ है, और मुझे लगता है कि मेरे जैसे अल्पज्ञानी आंबेडकरवादी की सभी शंकाओं का समाधान राजेश चंद्रा सर के पास है. यदि आपके माध्यम से मुझे मेरे सवालों के जवाब राजेश चंद्रा सर से मिल जाए तो मैं आपका बहुत आभार मानुंगा. क्या मैं कमेंट में अपने सभी सवाल पूछ सकता हूँ?
जबतक 22 रूल आचरण करेंगे नहीं तबतलक बौद्ध हो कह नहीं सकते नाम के लिए बहुत है गरीबी लाचारी 1956 में ही छोडे परंतूजो छोडा नहीं वो अभी भी बेबस है उसे कब समझ आयेगा ने
48.30 me aachary ne bataya devlok buddha ke moon rahne ke vichr par kapne laga..or devlok ke pratinidhi ke tor par bramha buddha ke samne aaye.. Ye kuch samj nhi aaya? Kis bramha or kis devlok ki Baat kar rahe hai? Please is prashan ka uttar dijiye🙏🙏
Jaisa ki aachary ji ne bataya ki buddhist jo hai vo hindu tevharo ka virodh karte hai.asal me apne hi mul tevhar hai..toh kya hindu tevharo me shamil hona chahiye? Uski badhahiya deni chahiye? Hamesha ye prashan muzhe mere hindu dosto se aalag karte hai please ispar prakash daliye
आचार्य राजेश चंद्रा जी और कांबले जी की चर्चा सुनकर सुखद आनंद प्राप्त हुआ! नमो बुद्धाय, जय भीम! 🇮🇳🇮🇳🇮🇳🌹🌹🌹🙏🏿🙏🏿🙏🏿❤️❤️❤️🌻🌻🌻🌼🌼🌼🏵️🏵️🏵️🥀🥀🥀🌺🌺🌺
बुद्ध दर्शन से ही आएगी विश्व में शांति -- रबुआ अंबेडकर
सबका मंगल हो -- महामानव बुद्ध
प्रकृति को वास्तविक स्वरूप दिया यह 'धम्म' है - रबुआ अंबेडकर
मानव कल्याणकारी एवं विश्व शांति का मानवतावादी वैज्ञानिक दर्शन है : 'बुद्धज्म'।
जय भीम
जय भीम
सृष्टिधम्म ही विश्व की पुनर्रचना का प्रक्टिकल प्रोजेक्ट है -- रबुआ अंबेडकर
मैं मानव प्रकृति के ज्ञान में निपुण हूं -- रबुआ अंबेडकर
मैं आनंदपूर्ण जीवन जीने से तो मरना बेहतर समझता हूं।
मैं एक ऐसा इंसान हूं जो इंसानियत के बारे में हर वक्त सोचता रहता हूं।
मैं 'सृष्टिधम्म' आंबेडकराईट प्रज्ञाऊर्जा से विश्व का पुननिर्माण करना चाहता हूं।
बुद्धआंबेडकरवादी एक चिंतनशील लेखक -- रबुआ अंबेडकर
जय भीम
जीवन जीव की यात्रा है, जो आरम्भ होते ही अंत की ओर बढ़ने लगती है!
जीवन स्वतंत्र है, सुंदर है, प्राकृतिक है, कल्याणकारी है -- रबुआ अंबेडकर
जय भीम
बहुजन जाग्रत होते ही बौद्ध धम्म अपनाएंगे -- रबुआ अंबेडकर
बुद्धिज्म ही है सृष्टि पर मानवतावादी सामाजिक शक्ति -- रबुआ अंबेडकर
संपूर्ण जगत में सत्य के बिना मानव प्रगति नहीं हो सकती -- रबुआ अंबेडकर
जय भीम
जय भीम
धर्म और विज्ञान तर्क के अनुकूल होना चाहिए -- महामानव डॉ. आंबेडकर
जय भीम
ब्रह्माण्ड से भी अधिक महान 'मानव' हैं -- रबुआ अंबेडकर
जय भीम
डॉ. आंबेडकर ही है मेरे प्रथम गुरु -- रबुआ अंबेडकर
महामानव बुद्ध एवं महामानव डॉ. आंबेडकर ही मानवतावादी शांति के मुक्तिदाता है।
जय भीम
किसी भी राष्ट्र की समाज व्यवस्था 'बुद्धिज्म' पर आधारित हो -- रबुआ अंबेडकर
संपूर्ण जगतगुरु 'महामानव बुद्ध' एवं सर्वोत्तम भूमिपुत्र 'महामानव डॉ. आंबेडकर' ने अपने मानवतावादी ज्ञप्ति प्रकाश से मानवीय जीवन को प्रज्ञावान बनाकर प्रकृतिवाद, मानवतावाद व विज्ञानवाद को प्रकाशित किया।
बुद्धआंबेडकरवादी एक चिंतनशील लेखक - रबुआ अंबेडकर
जय भीम
केवल ऊर्जा ही नित्य है।
मानव विवेक की बुद्धि को बुद्ध ने ही आह्वान किया है -- रबुआ अंबेडकर
जय भीम
बहुत ही अच्छा विश्लेषण बहुत कुछ समझे ऐसे कार्य समय -पर होते रहने चाहिए ।
आप सभी का बहुत -बहुत साधु साधु साधु वाद
आप सभी को सादर जय भीम नमोबुद्धाय
संपूर्ण जगत में 'बुद्धिज्म' के बिना मानवतावादी शांति नहीं आ सकती -- रबुआ अंबेडकर
जय भीम जय पेरियार
'अत्त दिप भव' -- महामानव बुद्ध
दुनिया की प्रगति के लिए भेदभाव विहीन प्रगतिशील और परिवर्तनशील 'सृष्टिधम्म' की आवश्यकता है -- रबुआ अंबेडकर
मैंने सत्य और मृत्यु पर गहन अध्ययन किया है - रबुआ अंबेडकर
मेरे लिए 'महामानव बुद्ध एवं महामानव डॉ. आंबेडकर' के अतिरिक्त दूसरी कोई शरण नहीं है -- रबुआ अंबेडकर
जय भीम
प्रज्ञा के समान कोई प्रकाश नहीं है -- महामानव बुद्ध
धम्म या विज्ञान की खोज बौद्धिक तत्व पर आधारित मानव कल्याणकारी या मानवमुक्ति होनी चाहिए -- रबुआ अंबेडकर
Lord Buddha Jai Bhim
SADHU SADHU SADHU
Congratulations Sir
'बुद्धिज्म' ही सृष्टि पर समतावादी सामाजिक शक्ति है -- रबुआ अंबेडकर
जय भीम
प्राकृतिक घटना भी मानव द्वारा निर्मित है - रबुआ अंबेडकर
आंबेडकरवाद मानवतावाद का सबसे बड़ा साइंस है -- रबुआ अंबेडकर
Jai Bhim. Namo Buddhi
Jai bheem Namo Budhay Budh Dham diksha divas celebration day par sahi Jankari ke liye phiire se pu nh Namo Budhay
कोई भी वचन तर्कसंगत नहीं, बुद्धिसंगत नहीं, न्यायसंगत नहीं और मानव कल्याणकारी नहीं तो वह 'बुद्धवचन' नहीं है - महामानव डॉ. आंबेडकर
जय भीम
महामानव बुद्ध ने ही मानवतावादी विज्ञान को जन्म दिया है -- रबुआ अंबेडकर
जय भीम
सबसे बड़ा रोग गरीबी है -- महामानव बुद्ध
किसी भी महामानव की खोज मानव मुक्ति होनी चाहिए, ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति या अंत की व्याख्या करना नहीं -- रबुआ अंबेडकर
धम्म ही है रिअल नेचर - रबुआ अंबेडकर
सृष्टि पर किसी भी महामानव की खोज मानव कल्याणकारी या मानवमुक्ति होनी चाहिए, ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति या अंत की व्याख्या करना नहीं -- रबुआ अंबेडकर
ब्रह्माण्ड कालातीत है, जिसका कोई आरंभ या अंत नहीं है। केवल निर्वाण है -- महामानव बुद्ध
जय भीम
अलोक धम्म विजयादसमी सबसे उपयुक् है
आंबेडकरिज्म 'ह्यूमॅनिज्म़' का सबसे बड़ा साइंस है -- रबुआ अंबेडकर
तृष्णा के समान कोई दुख और त्याग के समान कोई सुख नहीं है - महामानव बुद्ध
जय भीम
आंबेडकरिज्म प्रक्टिकल प्रोजेक्ट है सम्पूर्ण जगत में पुनर्रचना का -- रबुआ अंबेडकर
मैं महान मनोचिकित्सक हूं, दार्शनिक नहीं -- महामानव बुद्ध
जय भीम
मैं मार्गदाता हूं मोक्षदाता नहीं -- महामानव बुद्ध
मानव मुक्ति मार्ग सृष्टि में नहीं, 'बुद्धआंबेडकर' में है - रबुआ अंबेडकर
ब्रह्माण्ड से भी अच्छी के खोज 'बुद्धज्म' में है -- रबुआ अंबेडकर
बहुत ही अच्छी jankari सर
Sadhubad
🙏🙏🇪🇺🇪🇺🙇♀️🙇♀️🇪🇺🇪🇺🙏🙏 jai bhim namo budhaye🙏🙏🙏 neela salaam🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺
पालि धम्मपद अध्याय 10 की गाथा संख्या 129 में एक सार्वभौमिक और सार्वकालिक सत्य को निम्नलिखित शब्दों में वर्णित किया गया है ---
सब्बे तसन्ति दण्डस्स सब्बे भायन्ति मच्चुनो।
अत्तानं उपमं कत्वा न हनेय्य न घातये।।
अर्थात -- सभी प्राणी दंड से डरते हैं। सभी प्राणियों को मृत्यु से भय लगता है। अतः सभी प्राणियों को अपने जैसा समझकर न किसी की हत्या करें, न हत्या करने के लिए प्रेरित करें।
बुद्धआंबेडकरवादी एक चिंतनशील लेखक - रबुआ अंबेडकर
उन बेबकूफों को आजाद कराना मुश्किल है, जो अपनी जंजीरों की इज्जत करते है - वॉल्टेयर
जय भीम
साधु साधु साधु I
सत्यमेव जयते
प्रबुद्ध भारत शक्तिशाली भारत
हमारा भगवान खेत खलिहान
जय जय किसान भारत महान
भारत शब्द गुणवाचक है, भास्कर की भांति उर्जावान गतिमान
कठोर श्रम पूरी पढ़ाई जन जन हो ज्ञानी, इमानदारी ही पहिचान
हमारा भगवान खेत खलिहान
जय जय किसान भारत महान
तक्षशिला नालंदा विक्रमशिला, जिसका आधार निशान
श्रमण संस्कृति ज्ञान से ही है भारत की पहिचान जहान
हमारा भगवान खेत खलिहान
जय जय किसान भारत महान
बुद्ध महावीर कबीर रैदास, गुरु नानक देव जिसकी आत्मा प्राण जान
बुद्ध का त्रिशरण महावीर की अहिंसा परमो धर्मः कबीर वाणी बनाती महान
हमारा भगवान खेत खलिहान
जय जय किसान भारत महान
झुठे पाखंडी जुमलाबाज ही हैं, भारत के असली दुश्मन
कर्मकांड दिखावा अंधविश्वास, मंदिर मजार बनाते हैं शमशान
हमारा भगवान खेत खलिहान
जय जय किसान भारत महान
झूठा पाखंडी नेता, भारत जलाओ पार्टियों से ही है बरबादी
लूट-खसोट बेइमानी भ्रष्टाचार भुखमरी से त्रस्त जनता आबादी
हमारा भगवान खेत खलिहान
जय जय किसान भारत महान
जागो किसानों जागो नवजवानों,नाहि मिट जाई नामोनिशान
जागा दुखियारी माताओं बहनों, जागा भारत भाग्यविधाता भाग्यवान
हमारा भगवान खेत खलिहान
जय जय किसान भारत महान
सड़कों पर संघर्ष करो, तभी बची इज्जत मान सम्मान
लेकर भारत की सौगंध,बचा लो भारत का गौरव स्वाभिमान
हमारा भगवान खेत खलिहान
जय जय किसान भारत महान
रामकुमार-देहाती, सुल्तानपुर
जय जवान जय किसान
जय किसान भारत महान
Namo Buddhay🙏💐
Jai Bhim🌹Jai Bharat💐
मैंने सत्य सृष्टि से नहीं, 'बुद्धआंबेडकर' से सीखा है - रबुआ अंबेडकर
जय भीम
भूमंडल में जो भी घटनाक्रम है, वह केवल 'मनुष्य' है।
जय भीम
Namo buddhay Jay bhim Jay baba Saheb ji Amar rahe
Namo buddhaya jai bhim 🙏🙏🙏
मूलनिवासी बहुजन बौद्धों की श्रेष्ठ मानवीय जीवन जीने वाली अनादि सभ्यता है जबकि विदेशी यूरेशियन आर्यों की आर्यन संस्कृति जो बहुजन सभ्यता की विकृति है प्रदूषण है, संस्कृति और संस्कार आर्यों के हैं बौद्धों के नहीं। जय मूलनिवासी।
साधु साधु साधु
real god lord buddha..🙏🙏
अमन जी, मेरे मन में बौद्ध धम्म से संबंधित बहुत सारे सवाल है, लेकिन एक योग्य बौद्धाचार्य के अभाव में उनका समाधान नहीं हो पाता है.
राजेश चंद्रा सर से मेरा परिचय अभी कुछ दिन पहले ही एक पुस्तक के माध्यम से हुआ है, और मुझे लगता है कि मेरे जैसे अल्पज्ञानी आंबेडकरवादी की सभी शंकाओं का समाधान राजेश चंद्रा सर के पास है.
यदि आपके माध्यम से मुझे मेरे सवालों के जवाब राजेश चंद्रा सर से मिल जाए तो मैं आपका बहुत आभार मानुंगा.
क्या मैं कमेंट में अपने सभी सवाल पूछ सकता हूँ?
Jai bhim 🙏
Jai buddhashaasana 🙏
मैं आंबेडकराईट बुद्धिस्ट हूं - रबुआ अंबेडकर
श्रद्धेय आचार्य जी आपने बहुत ही सारगर्भित विषयों को सरल शब्दों में बताया है आपका बार-बार वंदन अभिनंदन।
हार्दिक आभार
Namo buddhay
Jay bhim Namo buddhay sir ji
कुछ वैज्ञानिक लोगों ने विज्ञान का गलत प्रयोग किया है -- रबुआ अंबेडकर
जय भीम नमो बुद्धाय ❤
मंगलसूत्र विषय 25:42
जबतक 22 रूल आचरण करेंगे नहीं तबतलक बौद्ध हो कह नहीं सकते नाम के लिए बहुत है गरीबी लाचारी 1956 में ही छोडे परंतूजो छोडा नहीं वो अभी भी बेबस है उसे कब समझ आयेगा
ने
48.30 me aachary ne bataya devlok buddha ke moon rahne ke vichr par kapne laga..or devlok ke pratinidhi ke tor par bramha buddha ke samne aaye..
Ye kuch samj nhi aaya?
Kis bramha or kis devlok ki Baat kar rahe hai?
Please is prashan ka uttar dijiye🙏🙏
Jaisa ki aachary ji ne bataya ki buddhist jo hai vo hindu tevharo ka virodh karte hai.asal me apne hi mul tevhar hai..toh kya hindu tevharo me shamil hona chahiye?
Uski badhahiya deni chahiye?
Hamesha ye prashan muzhe mere hindu dosto se aalag karte hai please ispar prakash daliye
Please provide Rajesh Chandra sir phone number to get his books.
Lord Buddha Jai Bhim
SADHU SADHU SADHU
Congratulations Sir
साधू साधू साधू