बदनाम बस्ती की रुला देने वाली हकीकत | Jagdish Solanki | Badnam Basti | kavita
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- เผยแพร่เมื่อ 16 ธ.ค. 2019
- #dhartidhorari #badnambasti #jagdishsolanki
Badnam basti by jagdish solanki
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31 वर्ष पहले यह कविता जगदीश जी सोलंकी से बारबार सुनाने की फरमाइश करते थे । एक एक शब्द दिल की गहराई तक उतरता है। फिर जगदीश जी का लहज़ा गजब ।
कई बार ऐसे कवियों को देख कर यकीन हो जाता है की साहित्य की इस भारत भूमि पर आज भी गंदे मगर सच्चे दृश्यों का मार्मिक चित्रण करने वाले महान कवि आज भी है । धन्य है आप सोलंकी जी धन्य जो मां शारदे का ये अनमोल काव्य रचना का आशीर्वाद आपको मिला 🙏🙏
वास्तविक कविता यहीं है। कितनी बड़ी-बड़ी बातों को कविता मैं सरलता से कह दिया। यहीं एक बड़े कवि की खासियत होती है
सोलंकी सर, आपकी यह रचना मार्मिकता का चरम है, बचपन से सुन रहा हूँ। अद्भुत रचना है सर।
" .
Maine jagdish solanki ji pahli kavita suni h Or main unka bahut bada fan ho gaya hu
Or m aapki bhut bdi fan hu
क्या शानदार कविता है सर , रुला दिया सच में😥
इतनी राग से आग उगल दी
हकीकत को कितना बेहतरीन पक्तियो में पिरोया सर
बहुत शानदार जबरदस्त कविता सर जी
Very nice poem
कविता वह है जिसमे परिवार हो,
बापू का डर और मां का प्यार हो।
अद्भुत कविता जो सच लिखने का साहस आपमें हैं वह किसी में नही हैं । इस कविता की एक एक लाईन को 100 बार दोहराई है
आदरणीय श्री जगदीश सोलंकी सर को हम सब कि शुभकामनाए
500 बार सुनने के बाद भी मन नहीं भरता
अद्भुत अद्भुत अद्भुत कविवर रुला दिया
क्या वर्णन है एक एक शब्द हकिकत बयां करता है
Solanki sahab ki Marmik kavita hai badnam basti.
वाह आप की लेखनी और प्रस्तुतीकरण का कोई जवाब नहीं मन द्रवित हो गया सुनकर
Bahut Umda Lekhan , Jagdish ji Ka Shukriya,
Main aaj bhi is kavita ko sun raha hu halanki m ise pahale bhi 25-30 bar sun chuka really amazing poem, amazing thought solanki sahab
अद्भुत कविता,,, किया सच लिखा है💜🙏
बहुत ही अदभुत है
Mai yah aapki Kavita kam se kam Das Gyarah Sun chuka hun bahut marmik Kavita hai aur Badnaam Basti Vishesh
बहुत मार्मिक और अद्भुत रचना
Sharmeen aapki yah Kavita gotam purana Sunita Badnam Basti Aaj Tak Ne Bhula Paye bahut Shandar
बहुत ही मार्मिक कविता
Very nice
उज्जैन कवि सम्मेलन में भी 1991 मैं गोपाल मंदिर पर यह कविता मैंने भी सुनी थी
रुला दिया सर जी
Wrold best kavi sr ji ap ki kavita ka koy to nibhe
ऐसा न हो कि हर गली बदनाम बस्ती हो
इन शब्दो ने अन्दर तक झकझोर दिया
बार बार सुनने की इच्छा होती है
कोटा का लाल जिंदाबाद रुला दिया सर
बहुत बहुत खूब
जब भी सुनो अच्छा लगता है, आपको सबसे पहले जावरा (MP) में 90s में सुना था, 👍👍
बहुत ही अद्भुत और सुंदर कविता है।
शब्दों का संयोजन और अंदाज बहुत ही आला है।
नमन है सर आपको👏👏
Yah Kavita aapane ETA Mein 30 varsh pahle sunaeye Thi ya Kavita aapki bahut popular bahut acchi hai
30 varsh ke bad Aaj ya Kavita sunane ko
Muje iska hindi liycrs chiye
Right sir ji
Pure kavita... Duniya m kitne sayar aate h Or jate h tab jake eK jashdeeah sir jaisi shakshiyat janm leti h.. Aansu aa ye🥲🥲
Sir bahut achhi rachana h
Very sad but true.
सर जगदीश सोलंकी की कवीता हे पन्नादाई पर प्लीज हो तो आप जरूर अपलोड करना
😭😭 क्या बात है सर
Bhut hi sandar dada
No Words
Naman Sir ji Aapko
कोटि कोटि प्रणाम
मैनै कम से कम दस बार सुन लिया
bahut bahut abhar
धनेवाद
Very good sir g
I heard Pyasa song so many times.Same feeling.
Bahut Shanda kavitaw
Top ki kavita hai aapki yah
Wah Sir wah
Great
Kiya bat he baba apne rula diya
Very nice and beautiful sir
गजब सर
Gzb
Bahut hi shandar
वाह बहुत शानदार 👏
जय हो गुरुवर
कवि जी वहा आपको केवल पुजारी ही दिखे, कोई मौलवी नही दिखा??
बिल्कुल सही कहा आप ने! हमारे पुजारीयो को ऐसे ही बदनाम कर रखा है!
Very good
जिनको बार बार सूनने का मन करे क्या वो वनसाईट वैचारिक व्यक्ति 😃
पुजारी को जोडना कवि का मूल धर्म तय करता
My favorate poet .....love you sir
Sunil geda
Bahut acchi Rachna hai sar
🙏
मेरे पास शब्द नहीं है 🙏🙏
Verynice
Va yr
अद्भूत कविता
Sir jida kvita he
रुला देने वाली बात
Very good poem.
Shayad ab nahin
Yh mere dadosa ke mama hai
नि :शब्द....😭
वास्तव में बहुत ही दुःखद
स्थिति है!
Yrr ye 90 log jo dislike kiye hai kya sonchkar kiye hai.....😭😭😭😭😭😭
वो बदनाम बस्ती में रहने वाले बदनाम बस्ती के दलाल है जिन्होंने डिस्लाइक किऐ है
Mandir ke pujari ko badnam karne. Ki kya jrurat the or bhi koi sabd stemal kar skte the
*सुभाष चारण सर के अल्फाज़ हमें यहां तक खींच लाए!!* ❤️😔🙏
सही बात♥️
अदभुत कविता सर
मैंने १००बार सुनी है कविता
आप जेसे कवी कही भी नही है साहब बोहत असी सुनाही है आपने हुकम
क्या बताऊँ शब्द कम पड़ रहे हैं परन्तु हमारी वजह से इस हालत पर आने को मजबूरन है वहीं और उन्हें उपेक्षा की ओर धकेल रहे हैं
Sir kavita bahut hi heart touching hai lekin isko gaa ke nahi rahat indori ke andaaj me bola jata to aur bhi chaar chand lagati
सर में कायल हु आपका , उज्जैन से हु, 2014 में आलोट रतलाम mp में कविता पाठ किया था ,उसकी mp3 अपलोड कीजिये , उसदिन आपने लगातार 2 घण्टे तक काव्य पाठ किया था , यदि कोई शुल्क जमा करनी हो तो में कर सकता हु
वर्तमान में आलोट से mp3 कॉपी मिल सकती है (आयोजक समिति से)
बहुत ही मार्मिक कविता