ध्यान सिद्धि का ठोस प्रमाण dhyan siddhi ka asli sabut

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 8 ก.ค. 2024
  • dhyan samadhi ka real example
    परमात्मा कौन है?
    निराकार ब्रह्म

ความคิดเห็น • 10

  • @JosbabadurMahatara-gr2er
    @JosbabadurMahatara-gr2er 2 วันที่ผ่านมา +1

    😙Thank u. Respected Guru ji!!!

  • @nftdaos
    @nftdaos 15 วันที่ผ่านมา +1

    Awesome

  • @Az4Naz.
    @Az4Naz. 15 วันที่ผ่านมา

  • @alokkumarsingh326
    @alokkumarsingh326 14 วันที่ผ่านมา

    🙏 you are my future creator

  • @JosbabadurMahatara-gr2er
    @JosbabadurMahatara-gr2er 14 วันที่ผ่านมา

    🙏❤️💓💔💕 गुरुवर!!!

  • @SunilKumar-gs8yr
    @SunilKumar-gs8yr 15 วันที่ผ่านมา +1

    Pranam aapko 🙏
    Aap jo Gyan de rhe h,wo sabki samjh me aaye ,ye zaruri nhi h, kyoki ye Gyan unche leval ka hota h,jisko hr koi nhi samajhta.
    Aap kishi ka bura mat maniye.agyani aadmi hi galt comment krta h.👍👍👍🙏

  • @RajenderSingh-pv1yh
    @RajenderSingh-pv1yh 15 วันที่ผ่านมา

    🕉
    Parnam Namaste ji 🙏
    Dhyan me uter jane ke bad dikhne wale uperi darsya, suksam man ki kalpna h ya vastvik hote h.
    🕉 Parnam Namaste 🙏

  • @UmeshRajak-kw2cj
    @UmeshRajak-kw2cj 14 วันที่ผ่านมา

    गुरुजी यह बात सही है हमारे साथ इस तरह का एक बार घटा है और मैं यही जानता हूं एक ऐसी स्थान है यह कैसी ध्यान का अवस्था है जहां व्यक्ति सांस नहीं लेता है मैं अशोक रजनीश का किताब लेकर अशुद्ध ध्यान योग का किताब था उसे किताब के मार्गदर्शन से मैं बहुत से ध्यान किया आज भी मैं विपश्यना ध्यान करता हूं लेकिन बीच में एक बार मुझे ध्यान में भूत प्रवेश हो चुका था मेरा कोई गुरु नहीं था उसके बाद वह भूत ने मुझे इतना डलवा दिया कि मैं अंधेरे से आज तक भी डरता हूं ओशो बोलते हैं अंधेरा सबसे अच्छा और प्यारा लगता है इसी तरह मुझे अंधेरे से बहुत प्रेम था मगर आज मुझे अंधेरे से डर लगता है इसलिए अंधेरे से निकलने के लिए कोई मार्गदर्शन बताएं

    • @THlRDEYE
      @THlRDEYE  14 วันที่ผ่านมา

      वो भूत नहीं है वो वही है जो हम पर नजर रखता है अगर हम उसके लोक से बाहर जाने के लिए आंतरिक साधनाएं करते हैं वो अंधेरे में भी और उजाले में भी दिखता है, सदगुरु मिलने के बाद वो कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा, डरना नहीं है किसी भी कीमत पर भय को चीर के आगे बढ़ना है 🪬

  • @0077ashlee
    @0077ashlee 15 วันที่ผ่านมา

    ध्यान तो ठीक है वह आत्मा का ही गुण है।
    लेकिन समाधी अवस्था में ही क्यों जाना है।
    क्या मिलेगा समाधी अवस्था में जा कर।
    वह भी तो गहन माया का परदा है।
    समाधी अवस्था में जा कर आत्मा तो
    खुद को भूल ही जाती है।
    खुद को भूलना मतलब दूसरे के वश में जाना जैसे universal energy ।