Wow, I am absolutely mesmerized by the breathtaking cinematography in this short film! The way it captures the essence of the culture and rural life of the remote villages of Himachal Pradesh is truly remarkable. Each frame is like a painting, showcasing the beauty of the landscapes and the authenticity of the setting. I must commend the director for her excellent direction. The way she has brought out the nuances of the characters and the storyline is commendable. It's evident that a lot of thought and care went into every aspect of this film. Every performance feels so genuine and heartfelt, but the actress who portrayed the character of Chandra's mother deserve special praise. Her portrayal is so convincing and emotionally resonant that it truly adds depth to the narrative. Overall, this short film is a masterpiece in every sense of the word. It educates and enlightens about a culture and way of life that may be unfamiliar to many. Kudos to the entire team for creating such a captivating piece of art !
कारुणिक एवं ह्रदयविदारक लोककथा जिसने रूढ़िवादी समाज को यह दिखाने की कोशिश की है कि बेटियाँ कभी माँ-बाप पर बोझ नहीं होती हैं। प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, अध्ययन-अध्यापन आखिर कहाँ कम रह गई हैं हमारी बेटियां।सभी क्षेत्र में पुरूष वर्ग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। इस कहानी के कथाकार श्री हरनोट जी एवं फ़िल्म के पात्र तथा सूत्रधार डॉ देवकन्या ठाकुर सभी बधाई के पात्र हैं , जिन्होंने लोकसंस्कृति को आमजन की भाषा में प्रस्तुत किया। शुभकामनाएं सहित प्रेषित डॉ प्रवीण ठाकुर।
बहुत अच्छी कहानी । परंपरा में फंसकर हम अपने जीवन को किस तरह बर्बाद कर देते हैं । बच्चों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है यह नहीं सोचते हैं सोचते हैं । ग्रामीण जीवन परिवेश में हरनोट जी की बहुत अच्छी पकड़ है । दृश्य अंकन और निर्देशन बहुत गजब का हुआ है । देवकन्या ठाकुर जी को हार्दिक बधाई ।
जीवन में हम एक राह चुनकर बाकी विकल्पों से मुँह मोड़ लेते हैं... किन्तु वे वहाँ हैं; हमारे जीवन के भूमिगत अँधेरे में उनकी प्रेतछायाएँ उतनी ही जीवित हैं, जितनी दिन की रोशनी चमकते वे ‘स्टेशन' जो हमारी राह में आते हैं। यथार्थ और जीवन के बीच एक भारी अंतर है। कहानी में छूटे हुए रास्तों की विरह वेदना उतनी ही तीव्र होती है जितना जीये हुए अनुभवों की सघन आद्रता । चौराहे पर लगी स्क्रीन पर दोनों ही दिखाई देते हैं-न किये का पश्चाताप उतना ही गहरा जितना किए हुए कर्मों के बीहड़ और बदहवास चेतना। यह नहीं कि असली जीवन में ऐसा नहीं होता, किंतु वहां अघटित जीवन को अपने न होने' को व्यक्त करने का अवकाश नहीं मिल पाता, जो कहानी में व्याप्त रहता है...
Wow great video❤❤❤
इसका फिल्मांकन आपके द्वारा स्वयं किया है गया है ma,am अगर ऐसा है तो बहुत शानदार काम किया है ❤
Grt👍
Wow, I am absolutely mesmerized by the breathtaking cinematography in this short film! The way it captures the essence of the culture and rural life of the remote villages of Himachal Pradesh is truly remarkable. Each frame is like a painting, showcasing the beauty of the landscapes and the authenticity of the setting.
I must commend the director for her excellent direction. The way she has brought out the nuances of the characters and the storyline is commendable. It's evident that a lot of thought and care went into every aspect of this film.
Every performance feels so genuine and heartfelt, but the actress who portrayed the character of Chandra's mother deserve special praise. Her portrayal is so convincing and emotionally resonant that it truly adds depth to the narrative.
Overall, this short film is a masterpiece in every sense of the word. It educates and enlightens about a culture and way of life that may be unfamiliar to many. Kudos to the entire team for creating such a captivating piece of art !
बेहद खूबसूरत फ़िल्म
हार्दिक शुभकामनाएं पुरी टीम को
#himachalfilmcinema
कारुणिक एवं ह्रदयविदारक लोककथा जिसने रूढ़िवादी समाज को यह दिखाने की कोशिश की है कि बेटियाँ कभी माँ-बाप पर बोझ नहीं होती हैं। प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, अध्ययन-अध्यापन आखिर कहाँ कम रह गई हैं हमारी बेटियां।सभी क्षेत्र में पुरूष वर्ग के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं। इस कहानी के कथाकार श्री हरनोट जी एवं फ़िल्म के पात्र तथा सूत्रधार डॉ देवकन्या ठाकुर सभी बधाई के पात्र हैं , जिन्होंने लोकसंस्कृति को आमजन की भाषा में प्रस्तुत किया।
शुभकामनाएं सहित प्रेषित
डॉ प्रवीण ठाकुर।
Very sad story 😭😭
अति उत्तम कहानी , बहुत ही प्यारे तरीके से दर्शाए गए प्राचीन दृश्य जैसे घराट, पास - फेल वाला जीव, बच्चों का सुंदर अभिनय, बहुत खूब।।
Amazing ❤️
बहुत सुंदर प्रस्तुति । उतनी ही सुंदर और मार्मिक रचना हरनोट sir की।🙏🙏
बहुत ही प्रभावशाली रही यह कहानी या कहूं लघुकथा प्रस्तुति, बढ़ा संदेश देने में कामयाब रही।
बहुत सुंदर दृश्यांकन देवकन्या जी
Awesome pictures
बहुत सुंदर।जितनी अच्छी कहनी उतना ही अच्छा फिल्मांकन।इसने मुझे झकझोर कर रख दिया, रुला दिया।
Thank u dear
Amazing story😍😍
I saw this movie. really Avery good concept. congrats to the whole team and my best wishes
Ma,am एक बात पूछना चाहूंगा यह आप लोगों ने इतनी मेहनत कैसे की है । और उसके बाद भी लोग सब्सक्राइबर नही किए है ❤ lot's of love
very few people appreciate good work thz days, actually most of the people like light and entertaining work
बहुत अच्छी कहानी । परंपरा में फंसकर हम अपने जीवन को किस तरह बर्बाद कर देते हैं । बच्चों पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है यह नहीं सोचते हैं सोचते हैं । ग्रामीण जीवन परिवेश में हरनोट जी की बहुत अच्छी पकड़ है । दृश्य अंकन और निर्देशन बहुत गजब का हुआ है । देवकन्या ठाकुर जी को हार्दिक बधाई ।
Really heart touching....❤️
Good work Anita... And whole team..
Superb. You people are rocking👍👌
रूढ़िवादी समाज पर एक बेटी की कुर्बानी दिल को छू ने के साथ दिल को झकझोर गई ।
हरनौत सर आप को हृदय से सादर प्रणाम। बहुत सुंदर कहानी बहुत सुंदर फिल्मांकन
gr8
बहुत पहले यह कहानी पढ़ी थी।
अच्छी फिल्म बनाई है आपने
Nice story 🙏👌😘
Beautiful concept👏👏
Dr Dev Kanya ma'am Superb. I can relate this story
Very good story hitting hard at the ageold blind beliefs. Equally good is the concept. Congratulations heartiest.
Good story and nice depiction of our traditions and how a young girl tries to defy it. Good acting by all the cast ! Congrats Anita !
Nice story
👌👌👌❣️❣️
❤️❤️ heart touching concept
Sharanya Jhingta, well done girl! All other actors also did great job! Loved it💕✨
बेहतरीन
बहुत सुंदर कहानी और ऊपर से देवकन्या जी का शानदार निर्देशन । जबरदस्त । बधाई पूरी टीम को ।
बढ़िया
Wow.. grt dear..Have taught it to my college students
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति
❤️❤️❤️❤️
Ye story mene aaj hi book me pdi h I lick this ❤ from Himachal Pradesh
Mam bhut achi story thi ❤️
That's beautiful ❤️
GDC NIRMAND
Agr ap chandra ki jgha hote to kya krte ??
Koi bta doo apni thinking..?
जीवन में हम एक राह चुनकर बाकी विकल्पों से मुँह मोड़ लेते हैं... किन्तु वे वहाँ हैं; हमारे जीवन के भूमिगत अँधेरे में उनकी प्रेतछायाएँ उतनी ही जीवित हैं, जितनी दिन की रोशनी चमकते वे ‘स्टेशन' जो हमारी राह में आते हैं। यथार्थ और जीवन के बीच एक भारी अंतर है। कहानी में छूटे हुए रास्तों की विरह वेदना उतनी ही तीव्र होती है जितना जीये हुए अनुभवों की सघन आद्रता । चौराहे पर लगी स्क्रीन पर दोनों ही दिखाई देते हैं-न किये का पश्चाताप उतना ही गहरा जितना किए हुए कर्मों के बीहड़ और बदहवास चेतना। यह नहीं कि असली जीवन में ऐसा नहीं होता, किंतु वहां अघटित जीवन को अपने न होने' को व्यक्त करने का अवकाश नहीं मिल पाता, जो कहानी में व्याप्त रहता है...
Nice g
Wow pearl ❤️
This is really amazing , whole lot of appreciation to the whole cast , for such wonderful story' depiction ,by such brilliant actors 🙌💥✨💫
👌👌👌👌👌👍🏼🙏