आचार्य नरदेव जी आर्य और सुन्दर वैदिक जी आर्य को मेरा बारम्बार प्रणाम। आर्य समाज मिशन जिन्दाबाद। स्वामी दयानंद जी सरस्वती अमर रहे। स्वामी सचिदानंद जी आर्य, बहन अंजली आर्य मिनाक्षी आर्य कल्याणी जी आर्य आदि आदि सभी आर्य बहने और भाईयों को मेरा बारम्बार प्रणाम। ॐ ॐॐ ॐॐ ॐॐॐ ॐ ॐॐ..............
।।ओ३म्।। नमस्ते जी आचार्य श्री नरदेव जी । आप के १९८४ में अजमेर में ऋषि निर्वाण शताब्दी समारोह में आपके प्रचार सुने, उसके बाद जखराना में आपके प्रचार सुने थे। धन्यवाद श्रीमान जी। ❤😂🎉
श्री नरदेव की के प्रबोधन का कोई मुकाबला नहीं। आपकी शैली ली बहुत ही सरस सरस और प्रभावशाली है। जो विषय को गले उतार देती है। आपके उपदेशों में आपका जीवन बोलता है। मैं आपके दीर्घ जीवन की कामना करता हूं प्रभु से। बहुत बहुत धन्यवाद सादर नमस्तेजी
Vikrimi samvat 1924 Haridawar mahakumbh jab paakhand khandini dhavja gaari tab Swami ji mil chuke the Rewari men bhi Swami jee ke parchar men bhi beech beech men Bhajan gaa dete the
आर्य समाज वेदों को मानता है वेदों में कहीं भी मूर्ति पूजा अर्चना का विधान नहीं है। मूर्ति पूजा अर्चना का चलन जैन समाज में प्रचलित हुआ तो हिन्दू प्रजाति ने भी मूर्ति पूजा अर्चना शुरू कर दी।। नरदेव जी तो महर्षि देव दयानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा संचालितआर्य समाज को मानते हैं और सत्य वचन बोल प्रचार प्रसार कर हिन्दू ही नहीं सभी मतावलावीयों को सनातन वैदिक धर्म की जानकारी प्रदान करने में लगे हैं।।।।। ओ३म।।।
आदरणीय झम्मन लाल जी आपने बहुत ही सार्थक और सटीक लिखा है इसके लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद आपकी शुभकामनाएं सदा इसी प्रकार बनी रहे आदरणीय नरदेव जी आर्य का पूरा जीवन वैदिक धर्म के सिद्धांतों के प्रचार प्रसार में व्यतीत हुआ है वैदिक सिद्धांतों के अनुरूप उन्होंने अपने जीवन को जिया है।
ओ३म जी सत्य सनातन वैदिक धर्म की जय
आचार्य नरदेव जी आर्य और सुन्दर वैदिक जी आर्य को मेरा बारम्बार प्रणाम। आर्य समाज मिशन जिन्दाबाद। स्वामी दयानंद जी सरस्वती अमर रहे। स्वामी सचिदानंद जी आर्य, बहन अंजली आर्य मिनाक्षी आर्य कल्याणी जी आर्य आदि आदि सभी आर्य बहने और भाईयों को मेरा बारम्बार प्रणाम। ॐ ॐॐ ॐॐ ॐॐॐ ॐ ॐॐ..............
बहुत ही सारगर्भित प्रभावशाली प्रवचन सीधा प्रभाव जनता पर
Om Ji Om
सादर नमस्ते आचार्य जी महाराज 🙏🙏🙏🙏🙏🌺🌺🌺🙏🙏🌷🌷❤️❤️❤️👍
।।ओ३म्।। नमस्ते जी आचार्य श्री नरदेव जी । आप के १९८४ में अजमेर में ऋषि निर्वाण शताब्दी समारोह में आपके प्रचार सुने, उसके बाद जखराना में आपके प्रचार सुने थे। धन्यवाद श्रीमान जी। ❤😂🎉
श्री नरदेव की के प्रबोधन का कोई मुकाबला नहीं। आपकी शैली ली बहुत ही सरस सरस और प्रभावशाली है। जो विषय को गले उतार देती है। आपके उपदेशों में आपका जीवन बोलता है। मैं आपके दीर्घ जीवन की कामना करता हूं प्रभु से। बहुत बहुत धन्यवाद सादर नमस्तेजी
सादर नमन ' आर्यजी !
अजय पाल जी को बारंबार धन्यवाद
chrnomesadr.Namaste
नरदेव जी वैदिक सिद्धान्तों का बहुत ही सुंदर तरीको से प्रचार करते है। आर्य समाज रूप रोहतक मे कई बार आए है।ऐसे प्रचारको को सादर प्रणाम। 🙏
आदरणीय रोहतास जी आपको बहुत-बहुत धन्यवाद
महाशय जी ।
आप वैदिक शिक्षा के समर्पित प्रचारक , अति सुन्दर प्रेरक भजन रचयिता।
आपको हार्दिक नमन।
Bahut sundar pravachan
भगवद्गीता में विज्ञान भी है l
भगवद्गीता में गणित भी है l
Vikrimi samvat 1924 Haridawar mahakumbh jab paakhand khandini dhavja gaari tab Swami ji mil chuke the Rewari men bhi Swami jee ke parchar men bhi beech beech men Bhajan gaa dete the
आर्य समाज वेदों को मानता है वेदों में कहीं भी मूर्ति पूजा अर्चना का विधान नहीं है। मूर्ति पूजा अर्चना का चलन जैन समाज में प्रचलित हुआ तो हिन्दू प्रजाति ने भी मूर्ति पूजा अर्चना शुरू कर दी।। नरदेव जी तो महर्षि देव दयानंद सरस्वती जी महाराज द्वारा संचालितआर्य समाज को मानते हैं और सत्य वचन बोल प्रचार प्रसार कर हिन्दू ही नहीं सभी मतावलावीयों को सनातन वैदिक धर्म की जानकारी प्रदान करने में लगे हैं।।।।। ओ३म।।।
आदरणीय झम्मन लाल जी आपने बहुत ही सार्थक और सटीक लिखा है इसके लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद आपकी शुभकामनाएं सदा इसी प्रकार बनी रहे आदरणीय नरदेव जी आर्य का पूरा जीवन वैदिक धर्म के सिद्धांतों के प्रचार प्रसार में व्यतीत हुआ है वैदिक सिद्धांतों के अनुरूप उन्होंने अपने जीवन को जिया है।
@narayandevshastri2825 ।।। ओ३म जी ओ३म।।
आर्य समाज मूर्ति पूजा का खंडन करते हैं l
मूर्ति पूजा वेद विरुद्ध है बन्धु।