भाग-3/एक लेखक की व्यथाकथा--समाज की जिन विसंगतियों को जुबानी नहीं कह पाता तो उसकी कलम चलती है .....
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- เผยแพร่เมื่อ 4 ต.ค. 2024
- Part-1
• भाग-1/एक लेखक की व्यथा...
Part-2
• भाग-2/एक लेखक की व्यथा...
Part-3
• भाग-3/एक लेखक की व्यथा...
Last Part-
• अंतिम भाग/एक लेखक की व...
उपन्यास तेरहवां सूरज 1975 में प्रकशित।
उपन्यास तेरहवां सूरज 1975 में प्रकाशित हुआ था।
तेरहवाँ सूरज पुराणों और स्मृतियों में अलग-अलग महीने के लिए अलग-अलग सूरज की कल्पना की गई है और जिस तरह एक वर्ष के बारह महीने बारह
नाम धारण करते हैं, सूरज के भी बारह नाम गिने जाते हैं।
जिन्दगी का दर्द और चिन्तन जब किसी के मस्तिष्क की रोशनी बन जाता है, इस उपन्यास में उसी को तेरहवां सूरज कहा गया है।
#hindi upanyas Audiobook
#Amrita Pritam's Audiobooks
स्वर सीमा सिंह
Beauty....just a reference...khumbiyaan means mushroom of nowadays...
✅️✅️🌷❤️