[8/1, 15:38] Shalekh Gram Soni: ।।मुक्तक छंद कविता।।साल बीसम बीसा से इस धरा धाम पर पधार चुके है, विदेही बेहदी सत पुरुष कबीर सुजान। उठ जागो दुनिया वालो करलो सारशब्द अखण्ड की चित्त मे पहचान-बिना सारशब्द अखण्ड को अपने चित्त मे जाने, नही होता है कल्याण,ऐसा कह गये संत सुजान महान।।00।।संत कबीर जी के बीजक मे लिखी गई, सत साहेब की सतगुरु वाणी। सुगुप्त सुमरिये परमपिता परमेश्वर का सारशब्द अखण्ड सुजानी-क्योकि इसी सारशब्द मे समाई, आदि मध्य और अंत की सकल कहानी।।01।।जो जन सुमिरे और पावे सोई अटल अमर पद पावे जी, और अंत समय वही जन सतलोक को जावे जी-ऐसा ही कह गये संत सुजानी कि सारशब्दी भगत ही परमज्ञानी।।02।।भोग और सहज योग सारशब्द अखण्ड तो दोनो ही जगावे जी।अंत समय मे जीवन के बाद सीधा सतधाम को जावे जी-सारशब्द अखण्ड का जाननहारा ही, जनम मरण से छुटकारा पावे जी।।03।।ज्ञानी ध्यानी बहु उपदेशी, इस माया जगत मे सबके संसारी धंदे। केवल एक सारशबद अखण्ड को पाये बिना, सबके सब अंधे-अंत समय यमलोक मे जाकर खाते यम के डंडे।।04।।,,सारशब्दानंद,,🙏🏻🌹 [8/1, 15:57] Shalekh Gram Soni: ।।कबीर बीजक पुराना।।अथ बारहवां शब्द।।संतो मते मात जन रंगी। पीवत प्याला प्रेम सुधा रस, मतवाले सतरंगी।।01।।अर्द्ध उर्ध लै भाठी रोपी, ब्रम्ह अग्नि उदगारी। मूंदे मदन कर्म कटि कश्मल, संतत चुवै अगारी।।02।।गोरख दत्त वशिष्ठ व्यास कवि, नारद शुक मुनि जोरी। सभा बैठि शम्भू सनकादिक, तहं फिरि अधर कटोरी।।03।।अम्बरीष और याज्ञ जनक जड, शेष सहज मुख पाना। कहं लो गनो अनन्त कोटिलै, अमहल महल देवाना।।04।।ध्रुव प्रहलाद विभीषण माते, माती शिव की नारी। सगुण ब्रम्ह माते वृन्दावन, अजहूं ना छूटि खुमारी।।05।।सुर नर मुनि जेते पीर औलिया, जिनरे पिया तिन जाना। कहै कबीर गूंगे को शक्कर, क्यो करि करे बखाना।।06।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।7898158018-।।🙏🏻🌹
Sabse badhiya Bhagat najeeb das baat ka Dubai se Bhagat Sahab Kabir parmatma hai ki satguru hai Bhagat aap sabhi ko satguru kahate Hain Bhagat kah Rahe to yah Marg Bata Bhagat parmatma Sahab Kabir parmatma hai satguru Bhagwan Sahab Kabir ko parmatma ka bhajan ka bhajan Sahab Kabir parmatma hai Bhagat aap Bhagat Sahab Kabir ko satguru kah rahe hain Bhagat ki Nahin bola Apne Sahab Kabir aur Bhagwan ko kahate Hain Bhagat to Bhagat per yah kaise ho sakta hai magar FIR puri jagat bolate Sahab kabhi to gurudwara Sahab Kabir parmatma Bhagwan aap kabhi parmatma Aaye to sab Kabir ka Bhagat Sahab Kabir ka Bhagwan parmatma ka bhajan gao theek hai 🙏🙏🙏🙏🙏🫂🇸🇩👈🙏🙏
सप्रेम साहेब बंदगी साहेब🙏
Sadar pranam Gurudev Jay Jay satguru
जय,कबिरसाहिब, ,की,जय,हो,,
Mera saheb v saheb ke pyaron ko koti koti salam
Namskaram ji 🕉 🙏 🎉🎉🎉🎉
JAY ho
gurji🙏🙏
🙏🙏🙏🌹🌹🌹
Jay ho❤
❤
Sahev bandgi
[8/1, 15:38] Shalekh Gram Soni: ।।मुक्तक छंद कविता।।साल बीसम बीसा से इस धरा धाम पर पधार चुके है, विदेही बेहदी सत पुरुष कबीर सुजान। उठ जागो दुनिया वालो करलो सारशब्द अखण्ड की चित्त मे पहचान-बिना सारशब्द अखण्ड को अपने चित्त मे जाने, नही होता है कल्याण,ऐसा कह गये संत सुजान महान।।00।।संत कबीर जी के बीजक मे लिखी गई, सत साहेब की सतगुरु वाणी। सुगुप्त सुमरिये परमपिता परमेश्वर का सारशब्द अखण्ड सुजानी-क्योकि इसी सारशब्द मे समाई, आदि मध्य और अंत की सकल कहानी।।01।।जो जन सुमिरे और पावे सोई अटल अमर पद पावे जी, और अंत समय वही जन सतलोक को जावे जी-ऐसा ही कह गये संत सुजानी कि सारशब्दी भगत ही परमज्ञानी।।02।।भोग और सहज योग सारशब्द अखण्ड तो दोनो ही जगावे जी।अंत समय मे जीवन के बाद सीधा सतधाम को जावे जी-सारशब्द अखण्ड का जाननहारा ही, जनम मरण से छुटकारा पावे जी।।03।।ज्ञानी ध्यानी बहु उपदेशी, इस माया जगत मे सबके संसारी धंदे। केवल एक सारशबद अखण्ड को पाये बिना, सबके सब अंधे-अंत समय यमलोक मे जाकर खाते यम के डंडे।।04।।,,सारशब्दानंद,,🙏🏻🌹
[8/1, 15:57] Shalekh Gram Soni: ।।कबीर बीजक पुराना।।अथ बारहवां शब्द।।संतो मते मात जन रंगी। पीवत प्याला प्रेम सुधा रस, मतवाले सतरंगी।।01।।अर्द्ध उर्ध लै भाठी रोपी, ब्रम्ह अग्नि उदगारी। मूंदे मदन कर्म कटि कश्मल, संतत चुवै अगारी।।02।।गोरख दत्त वशिष्ठ व्यास कवि, नारद शुक मुनि जोरी। सभा बैठि शम्भू सनकादिक, तहं फिरि अधर कटोरी।।03।।अम्बरीष और याज्ञ जनक जड, शेष सहज मुख पाना। कहं लो गनो अनन्त कोटिलै, अमहल महल देवाना।।04।।ध्रुव प्रहलाद विभीषण माते, माती शिव की नारी। सगुण ब्रम्ह माते वृन्दावन, अजहूं ना छूटि खुमारी।।05।।सुर नर मुनि जेते पीर औलिया, जिनरे पिया तिन जाना। कहै कबीर गूंगे को शक्कर, क्यो करि करे बखाना।।06।।,,साँई अरुण जी महाराज नासिक महाराष्ट्र को सादर समर्पित,,सालिकराम सोनी।।7898158018-।।🙏🏻🌹
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