आदिवासियों का अपना धर्म प्राकृतिक है जीससे कुँड़ुख़ उरांव समाज में सरना धर्म का नाम है पर हमारी धर्म सदियों से चली आ रही है इससे कुछ राजनीतिक नेता या दल इसे वोट बैंक बना कर चल रहें हैं कई प्रकार का प्रलोभन देकर लोगो को दिगभ्रमित कर के रखें है हमारी धर्म शदियौं पहले जैसे था आज भी वाईसही है साभ्य है पर नेता लोग इसे बचाने की बात करते हैं तो क्या हमारी धर्म कुँआ तलाब में डुब गया है क्या नही तो नेता लोग कैसे धर्म बचाने की बात करते हैं डर तो इस बात की है कि आदिवासी बच्चे अगर पढ़ लिख़ कर आगे आते हैं तो धर्म की गुलामी करना छोड़ देंगे इससे नेता लोगों की राजनीति बंद हो जाएगी इस लिए आदिवासी के लिए विशेष शिक्षा से दुर, आधिकार से दुर, और धर्म की ओर धकेल कर रखा जा रहा है इससे समझने के की जरूरत है जागो शिक्षित बनो आधिकार जानो धर्म अपने मन में ही है जय आदिवासी जय जोहार जय सरना
आदिवासियों का अपना धर्म प्राकृतिक है जीससे कुँड़ुख़ उरांव समाज में सरना धर्म का नाम है पर हमारी धर्म सदियों से चली आ रही है इससे कुछ राजनीतिक नेता या दल इसे वोट बैंक बना कर चल रहें हैं कई प्रकार का प्रलोभन देकर लोगो को दिगभ्रमित कर के रखें है हमारी धर्म शदियौं पहले जैसे था आज भी वाईसही है साभ्य है पर नेता लोग इसे बचाने की बात करते हैं तो क्या हमारी धर्म कुँआ तलाब में डुब गया है क्या नही तो नेता लोग कैसे धर्म बचाने की बात करते हैं डर तो इस बात की है कि आदिवासी बच्चे अगर पढ़ लिख़ कर आगे आते हैं तो धर्म की गुलामी करना छोड़ देंगे इससे नेता लोगों की राजनीति बंद हो जाएगी इस लिए आदिवासी के लिए विशेष शिक्षा से दुर, आधिकार से दुर, और धर्म की ओर धकेल कर रखा जा रहा है इससे समझने के की जरूरत है जागो शिक्षित बनो आधिकार जानो धर्म अपने मन में ही है जय आदिवासी जय जोहार जय सरना
Jhinga Munda jindabad
जय धर्मेश । अच्छी बात है कि सरना प्रार्थना सभा का विरोध करने वाले अब सभा में धीरे धीरे आ रहे और अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे हैं।
Sahi sandesh de rahe ho lekin apna Kam ginao sir Jo apka aria me kiye ho Kam janta sunege thanks
Sahi baat hai