बसौल कलश यात्रा शुभारंभ 🙏 ......हर हर महादेव..🙏.

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  • เผยแพร่เมื่อ 20 มิ.ย. 2024
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    कलश यात्रा में क्या होता है?🙏
    कलश यात्रा में में तीनों देव ब्रम्हा, विष्णु व महेश के साथ-साथ 33 कोटि देवी देवता स्वयं कलश में विराजमान होते हैं। वहीं कलश को धारण करने वाले जहां से भी ग्राम का भ्रमण करता है वहीं की धरा स्वयं सिद्व होती जाती है। जो अपने सिर पर कलश धारण करता है उसकी आत्मा को ईश्वर पवित्र और निर्मल करते हुए अपनी शरण में ले लेते हैं।
    कलश यात्रा कैसे निकाले?🙏
    श्री मद्भागवत कथा का आरम्भ करने से पहले कलश यात्रा निकाली जाती है। कलश में सारे देवता विराजमान होते हैं और कलश को महिलाओं के सिर पर रखकर भ्रमण करने से धरा सिद्ध होती है। जो कलश को धारण करता है उसकी आत्मा भी पवित्र हो जाती है। इसीलिए कलश यात्रा निकाली जाती है।1
    कलश यात्रा में कलश को कैसे सजाएं?🙏
    इस जल में सुपारी, इत्र, दूर्वा घास, अक्षत और सिक्का भी दाल दें। अब इस कलश के किनारों पर 5 अशोक के पत्ते रखें और कलश को ढक्कन से ढक दें। अब एक नारियल लें और उसे लाल कपड़े या लाल चुन्नी में लपेट लें। चुन्नी के साथ इसमें कुछ पैसे भी रखें।

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