सत्य ही परमात्मा है... क्या झूंठ परमात्मा हो सकता है??कभी नहीं। सत्य हमेशा सत्य ही रहता है अर्थात् समय के प्रभाव से बदलता नहीं हमेशा ऐकसा ही रहता है इस संसार में है कोई वस्तू या रचना (सजीव, निर्जीव, कल्पना, भावना, विचार) जो बदले नहीं???? इसीलिए संसार सौ प्रतीशत झूंठ ही है इसकी रचना (शरीर व मन) सिर्फ झूंठ का ही अनुभव करपाती है सत्य का अनुभव नहीं। असत्य मिटे तो सत्य ही शेष रहता है कहा है__ मैं (झूंठ) था तब हरि (सत्य) नहीं अब हरि(सत्य) है मैं (असत्य) नाही।
बहुत ही मीठी आवाज मे शानदार भजन पूर्णराम जी मेहरडा th-cam.com/video/LrT0-X95IgA/w-d-xo.html चैनल को ससकराईब करे व पूर्णराम जी मेहरडा चुनावढ कोठी के नये नये भजन सुने धन्यवाद
Hello sir I am in office today and tomorrow I will be able to join the meeting and tomorrow morning and tomorrow morning and tomorrow morning and tomorrow morning and tomorrow morning and tomorrow
ईस संसार मे जोभी गुरु(गोड मैसेंजर)बने हुये हैं सब परमात्मा की आङ मे खुद कोही चमकाते हैं चेलों की कमाई पर संसार के सुख भोगते हैं और ब्रैन वाश करके चेलों को ताजीवन गुलाम बनाकर उनपर राज करते हैं।क्या कल्याण होगा मन घङंत ग्रंथ शास्त्रों की कहानी और चुटकुले सुनकर ?? परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता सम्मुख होते ही बिमारी को जङ से समाप्त कर देता है... परमात्मा का कोई ज्ञान नहीं होता जिसे लेकर दुकान चलायी जा सके .. ज्ञान नहीं वह तो समाधान है जो बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं। शरीर व मन से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में ही समाजाते हैं। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है जो ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं।जीव अवस्था द्वैत तथा अद्वैत वाली होती है पर आत्मिक अवस्था द्वैत अद्वैत से पार की अवस्था है। समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं। सावधान परमात्मा स्वयं परम गुरु है उसके लिए किसी मनुष्य देवी देवता पीर पैगम्बर अवतार को गुरु बना वो गे तो जबरदस्त धोका खाओगे। जितना जल्दी हो सके मन से इस तरह के गुरूवों को त्याग दें इसी में आपका कल्याण है नहीं तो गुरु महिमा पढा पढा कर जीवन का अमुल्य समय बर्बाद करके परमात्मा से बहुत दूर कर देंगे वस्तव मे नि:शब्द ,आत्मा, परमात्मा भगवान,गोड,वाहे गुरु, ईश्वर,अल्हा,व्याकरण के शब्द हैं यह मन को समझाने के लिए उस परम सत्य को बताने के ईसारे मात्र ही हैं।सत्य को तो बताया जा ही नहीं सकतावह मन बुद्धि के लिये अलख है और मन की औकात नहीं उसको अपने प्रयत्न से जान सके पर *नि:शब्द*अन्य समस्त ईसारों से ज्यादा सत्य को अच्छी तरह दर्शाता है क्योंकि परमात्मा कम्पलीट साईलेंस (पूर्ण शान्त) अवस्था है जिसे कोई भी परिस्थिति विचलित नहीं कर सके परम शांत अचल,अविचल,स्थित-प्रज्ञ,भावातीत और जो समष्टि का आधार है,समरस,भेदभाव रहित,सर्वव्यापक, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है।ऐसी अवस्था नि:शब्द के अतिरिक्त क्या हो सकती है???? अन्य कुछ भी हो ही नहीं सकती। जितने भी पंथ, धर्म, ग्रंथ किताबें हैं यह मनुष्य क्रत हैं इनमें कभी भी आपको पूर्ण सत्य नहीं मिलेगा। पूर्ण सत्य का अनुभव मन के पार ही होता है। इस प्रथ्वी पर सबसे निक्रष्ट प्राणी मनुष्य ही है जिसने अपने स्वार्थ के लिए हवा, पानी,जमीन को प्रदूषित करदी उसकी क्रतियों पर विश्वास करते हो भयंकर धोका खावोगे अब भी चेत जावो। *नि: शब्द*आत्मा, परमात्मा ऐक ही हैै इसके अतिरिक्त कोई सत्य नहीं।
@@leeladharbhatiwal5940 *ठग बाबाओ..नकली ओर बनाये हुये गुरूओं...गोड मेसेन्जरों ....से लुटे जीव* सात लाख रूपये दीजिये तो *राधे माँ* ( जसबिंदर कौर) आपको गोद में बैठाकर आशीर्वाद देंगी और पन्द्रह लाख रूपये दीजिये तो आप उस *धूर्त ठग राधे माँ* को किसी फाइव स्टार होटल में डिनर के साथ आशीर्वाद ले सकते हैं ! तब भी अंधविश्वासी लोग उसे देवी ही मानते हैं l *निर्मल बाबा* है जो लाल चटनी और हरी चटनी में भगवान की कृपा दे रहा है ! रात दिन पूज रहा है। *रामपाल* भक्त हैं जो कबीर को पूर्ण परब्रह्म परमात्मा मानते हैं ! ओर अपने नहाए हुए पानी को अपने भक्तों को पिला कर कृतार्थ करता है। *ब्रह्मकुमारीमत* वाले हैं जो दादा लेखराज के वचनों को सच्ची गीता बताते हैं और परमात्मा को बिन्दुरुप बताते हैं ! इन्होंने भगवद गीता भी फेल कर दी। *राधास्वामी* वाले अपने गुरु को ही मालिक परमेश्वर भगवान ईश्वर मानते हैं । वो साक्षात ईश्वर का अवतार है *निरंकारी* है जिनका उद्धार करने वाला बाबा ही कई करोड़ की गाड़ी में ,350 की स्पीड पर भयंकर दुर्घटना में गया औरों के तो पता नही , अपना मिलन परमात्मा से करवा लेता है।पर लोग बाबा की जय बोलने से नही थकते। *कुछ चाँद मियाँ ऊर्फ (साई बाबा) को भगवान बनाने पर तुले हैंl ये चाँद मियाँ अपने आप को साई बाबा बताता है। *आसाराम*, *दाती बाबा, *राम रहीम*, के भक्त तो और भी महान है सब पोल खुल जाने पर भी सड़को पर भक्त बनकर इनको को ईश्वर मान रात दिन उसके गुण गाते है। जिसने अपनी दुकान ज्यादा सजायी वो ही उतना बड़ा परमेश्वर हो गया। बाबा लोगों को किसी भगवान पर विश्वास नहीं होता.. बाबा जी Z+ सिक्योरिटी में बैठकर कहते हैं कि," जीवन-मरण ऊपर वाले के हाथ में है " अंधभक्त श्रद्धा से सुनते हैं, पर सोचते नहीं हैं.... 👉 बाबा जी हवाई जह़ाज में उड़ते हैं । सोने से लदे होते हैं । दौलत के ढेर पर बैठकर बोलते हैं कि," मोह-माया मिथ्या है, ये सब त्याग दो ". लेकिन उत्तराधिकारी अपने बेटे या अपने अंधभक्त को ही बनायेंगे.. अंधभक्त श्रद्धा से सुनते हैं, पर सोचते नहीं हैं..... 👉 भक्तों को लगता है कि उनके सारे मसले बाबा जी हल करते हैं, लेकिन जब बाबा जी मसलों में फंसते हैं, तब बाबा जी बड़े वकीलों की मदद लेते हैं.. अंधभक्त बाबा जी के लिये दुखी होते हैं, लेकिन सोचते नहीं है.... जिसके शरीर में सत्तर रोग है और जो जन्मता और मरता है उसे गुरु भगवान कहते हैं वाहरी दुनिया। परमात्मा के अतिरिक्त सब नकली गुरु जो आपका आर्थिक, मानसिक तथा शारीरिक शोषण ही करेंगे इनके चक्कर में जो आये परमात्मा से दूर हो कर भवसागर में ही भटकता फिरे। *नि: शब्द*आत्मा, परमात्मा,परम गुरु ऐक ही है।
@@leeladharbhatiwal5940 संसार का असत्य तो असत्य है ही सत्य भी पूर्ण सत्य नहीं जैसे--- वर्तमान मे रामलाल साहुकार है सत्य है पर ऐक हजार वर्ष बाद कौन रामलाल और कौन श्यामलाल खोज ही नहीं मिलेगा सारे चिंन्ह समाप्त हो जायेंगे अर्थात वह संसार का सत्य मर गया। सत्य कभी मरता नहीं वह हमेशा से है हमेशा से था और हमेशा रहेगा अर्थात सत्य कालातीत है। धुनात्मक हो या वर्णात्मक सब शब्द मरते हैं और जन्म ते हैं कुछ शब्दों की उम्र अरबों-खरबों बर्शों की होती है पर वह भी मरते हैं सिर्फ नि: शब्द ही है जो न जन्मता और न ही मरता पर सबका आधार निर्लिप्त,विदेही,समरस, भेदभाव रहित सबका आधार,परम अकर्ता उसका अनुभव बिना उसकी क्रपा के शरीर और मन अपनी क्षमता से कर ही नहीं सकते अनुभव होते ही मैं समाप्त सिर्फ हरि ही हरि शेष। *नि:शब्द*आत्मा, परमात्मा ही सत्य है।
पुराना राम जी आप का भजन बहुत अच्छा लगा
श्रीं राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम जय श्री राम राम 🙏🙏
सत गुरु को प्रणाम गुरु जी महाराज कि जय हो भ्रम मिठाना
सत गुरु देव की जय हो
Vah sant ji ham aapke Rini hai aur awaaz Madhur hai ki man Prabhu ki or khincha chala❤❤❤❤❤
मै मैहरङा हू आज मैरै पूजॅनीयै शीरी शॅत सिरोमणी वगूरू पूरणराम जी शरगस सीदायीगाशा यै माहा पूरस जो जीगयाशू जीव है ऊनकै घटमै शदा हरघटमै रैवै है ओर मै मैरहङा परीवार मैर पूरै परीवार को शाऑती परदन परदान करनैकी कामना करताहू पूनीयै आतमाकी जैहो ओर गूरूजनकी जैहोशा नमनहो
गुरु महाराज और मेरे दादाजी के प्रति इतना प्रेमआपका दिल से तहे दिल से धन्यवाद
डीकेडी से एक है आर❤❤😊🎉
😊😊
Sara bolo sat saheb ji 🎉🎉🎉
Wow kya Bhajan h nice
Jay dhan Prabhu pooran ram ji meherda
Ram ji Maharaj jay ho gurudev
Satsaheb ji
जय हो
वा सहतो जय हो माह पुरुषों ने परणाम कोटी कोटी
Bahut hi sundar aawaj me pyare Bhajan 👍💕
सत साहेब जी मेहरड़ा साब जी
निर्गुण बहुत ही सरल व सहज प्रवृत्ति के है
अमर हो जाओ दादा मैं विक्रम मेघवाल बाड़मेर से
राम जी महाराज
Hello
Very nice
Bhut sunder hai or chahiyai
Jay ho gurudev
जय हो साधु संतों की बाबा पूर्ण राम जी की मेरी तरफ से प्रणाम
Wari santa amar ho jyajyo sa jay shree Ram ji ki
Wah,,,,,....... ji......wah.
Vah Baap ji vah bavji ke Charanon Mein Koti Koti Vandan bahut badhiya Vani Hai Bhav ji aapki Jay Gurudev Ri Sa
Jai shree❤❤
❤❤❤
Mujai utar parsan vaneya chahiyai bhut achi lagi thanks
ATI Sundar bhajan
सत सत नमन हृदय से सत गुरु रामपाल जी महाराज जी की जय हो सत साहेब जी
Brvala.rampal.ky pas.ye.nhi h.kat.pas.etc.to.h.v.kitaby.h bs
राम पाल फालतू आदमी है
बहुत सुंदर
Very good
Dr ankit kalwa veterinary
शानदार गुरु जी
Ram ji maharaj 🙏🙏♥️♥️
सुपर
Ram Ram Ji bhaut anned bhajan
गुरू देव जय श्री राम श्री हनुमते नमः ॐ श्री साई बाबा साई आप घर बैठे करें जय श्री गुरू की जय हो
Good
केकेनाथ धनासर 👌👌👌
Sandaar vaani
कबीर साहेब की वाणी सुनने के लिए हमारे चैनल को ससकराईब करे
@@ramnathjibhajansagar8796 v
जयगुरुदेव
🎤🎤🎤🎤👌👌👌
❤❤❤❤
Very nice bhajan
Nice ❤❤
Vah ji vah bahut badhiya Bani prashn Uttar gai Raj Das Ji Maharaj Bhattu dhanyvad dhanyvad dhanyvad Ram Ram Sa Jay Ho Janata me
Bot aacha
nice bajan
ਬਹੁਤ ਵਧੀਆ ਬਾਈ ❤❤🎉😢😮😊
Jai ho santa gi
Jay ho santa apke
जीवणम,राम
राधास्वामी जी
Bahut asha ji
જયગૂરૂમા હરાજ રાઠોડનામૂડેઠાથી
गुरु देव पुर्ण राम जी बावजी तो गियान का भंडार है जिसने लेना है तो लेलों फिर पिस्ता णो पडंसी जय श्री राम जी राम 🚩🚩
केकेनाथ धनासर 🙏🙏👌
Radhaswam.ji
Jay ho santo 🙏🙏
Mere dada ji h purnram ji maherda 🙏🙏🙏
धन्य हो जी आप
Nice
Cc
Aase kalakar huaa tha lekin ab namunkin ha sat sat Naman bhagawan unko apane charano mein jagah de
सादर निवण
Jai ho nath ji
jay gurumaharaj
Very very nice. Babagee purnaram gee.
Very nice
धन धन प्रेम गुरू "🌹
नाईस
पूर्णराम जी मेहरडा ।। ब्रिम भेद बिरळा लेव ।। Puranram ji mherda,बन्नानाथ जी महाराज की वाणी
Bsuraram
Ram ji maharaj
Ram ji maharaj
सत्य ही परमात्मा है...
क्या झूंठ परमात्मा हो सकता है??कभी नहीं।
सत्य हमेशा सत्य ही रहता है अर्थात् समय के प्रभाव से बदलता नहीं हमेशा ऐकसा ही रहता है इस संसार में है कोई वस्तू या रचना (सजीव, निर्जीव, कल्पना, भावना, विचार) जो बदले नहीं????
इसीलिए संसार सौ प्रतीशत झूंठ ही है इसकी रचना (शरीर व मन) सिर्फ झूंठ का ही अनुभव करपाती है सत्य का अनुभव नहीं।
असत्य मिटे तो सत्य ही शेष रहता है कहा है__
मैं (झूंठ) था तब हरि (सत्य) नहीं
अब हरि(सत्य) है मैं (असत्य) नाही।
Sat guru ram pal ji maharaj ki jay ho
Ram ram ji
Baba ji bhari
अभी कुछ ही दिनों में सत्संग का आयोजन किया जाएगाआपको सूचना दे जाएगी कृपया सभी पधारें
Aap jagdeesh ji panwar ko jante ho Ghamndia se
Very beautiful bajan
New bajan 👏👏👏👏👏👏
❤❤❤❤❤❤
👌👌👌🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत ही मीठी आवाज मे शानदार भजन पूर्णराम जी मेहरडा th-cam.com/video/LrT0-X95IgA/w-d-xo.html
चैनल को ससकराईब करे व पूर्णराम जी मेहरडा चुनावढ कोठी के नये नये भजन सुने
धन्यवाद
बहुत सुंदर बाणी
धन्यवाद जी
बहुत सुंदर है वाणी
Mukesh
I want more bhajan of puranram ji
Il
🙏👍
SW
Ram
सतसंग की वाणी नियमों के हिसाब से पुरी एक रात की चेनल पर डालने की कृपा करें जी
मागीलाल
Vah gurug
Sat sheab
सत साहेब जी
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
मलमल
Atul Verma
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Nice
Badiya
Advertise ki vajah se bhajano ka nash ho gya
ऐसी गुरुदेव को कोटि-कोटि धन्यवाद मैं ग्राम लामाना जिला अजमेर यह गुरुदेव है या नहीं है इसका वापिस मैसेज भेजना
2साल हो गये शरीर छोड़े
Hello sir I am in office today and tomorrow I will be able to join the meeting and tomorrow morning and tomorrow morning and tomorrow morning and tomorrow morning and tomorrow morning and tomorrow
H
ram ram ji
सतगुरु के लक्षण कहूँ मधुरे वेन विनोद चार वैद षट शास्त्र वो कह अठारह बोध
ईस संसार मे जोभी गुरु(गोड मैसेंजर)बने हुये हैं सब परमात्मा की आङ मे खुद कोही चमकाते हैं चेलों की कमाई पर संसार के सुख भोगते हैं और ब्रैन वाश करके चेलों को ताजीवन गुलाम बनाकर उनपर राज करते हैं।क्या कल्याण होगा मन घङंत ग्रंथ शास्त्रों की कहानी और चुटकुले सुनकर ??
परम गुरु तो परमात्मा(नि:शब्द) ही है वह बिमारी का ज्ञान नहीं देता सम्मुख होते ही बिमारी को जङ से समाप्त कर देता है... परमात्मा का कोई ज्ञान नहीं होता जिसे लेकर दुकान चलायी जा सके .. ज्ञान नहीं वह तो समाधान है जो बिना किसी भी तरह के भेद भाव के मनुष्य ही नहीं समस्त चराचर के शुन्य ,तत्त्व ,अतत्व,सजीव निर्जीव पिंड ब्रह्मंड जोभी उसकी शरण मे आजाये उसे निरबन्ध करके प्रकर्ति के माया जाल से मुक्त कर देते हैं।
शरीर व मन से अनुभव में आनेवाले सब शुन्य से उत्पन्न होकर शुन्य में ही समाजाते हैं। सजीव या निर्जीव --जीव अवस्था ही है जो ऐक दूसरे पर आधारित हैं अर्थात सब परजीवी।आत्मनिर्भर कोई नहीं।जीव अवस्था द्वैत तथा अद्वैत वाली होती है पर आत्मिक अवस्था द्वैत अद्वैत से पार की अवस्था है।
समरस,भेदभाव रहित, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सबका आधार सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है। *नि: शब्द* ही ऐसा हैअन्य कोई नहीं।
सावधान परमात्मा स्वयं परम गुरु है उसके लिए किसी मनुष्य देवी देवता पीर पैगम्बर अवतार को गुरु बना वो गे तो जबरदस्त धोका खाओगे। जितना जल्दी हो सके मन से इस तरह के गुरूवों को त्याग दें इसी में आपका कल्याण है नहीं तो गुरु महिमा पढा पढा कर जीवन का अमुल्य समय बर्बाद करके परमात्मा से बहुत दूर कर देंगे
वस्तव मे नि:शब्द ,आत्मा, परमात्मा भगवान,गोड,वाहे गुरु, ईश्वर,अल्हा,व्याकरण के शब्द हैं यह मन को समझाने के लिए उस परम सत्य को बताने के ईसारे मात्र ही हैं।सत्य को तो बताया जा ही नहीं सकतावह मन बुद्धि के लिये अलख है और मन की औकात नहीं उसको अपने प्रयत्न से जान सके पर *नि:शब्द*अन्य समस्त ईसारों से ज्यादा सत्य को अच्छी तरह दर्शाता है क्योंकि परमात्मा कम्पलीट साईलेंस (पूर्ण शान्त) अवस्था है जिसे कोई भी परिस्थिति विचलित नहीं कर सके परम शांत अचल,अविचल,स्थित-प्रज्ञ,भावातीत
और जो समष्टि का आधार है,समरस,भेदभाव रहित,सर्वव्यापक, अजर,अमर,अखन्ड, अविनाशी, अजन्मा, विदेही, सर्व व्यापक, सर्व समर्थ,अकर्ता, सर्जन विसर्जन से परे,निर्लिप्त, निर्मोही अवस्था है।ऐसी अवस्था नि:शब्द के अतिरिक्त क्या हो सकती है????
अन्य कुछ भी हो ही नहीं सकती।
जितने भी पंथ, धर्म, ग्रंथ किताबें हैं यह मनुष्य क्रत हैं
इनमें कभी भी आपको पूर्ण सत्य नहीं मिलेगा।
पूर्ण सत्य का अनुभव मन के पार ही होता है।
इस प्रथ्वी पर सबसे निक्रष्ट प्राणी मनुष्य ही है जिसने अपने स्वार्थ के लिए हवा, पानी,जमीन को प्रदूषित करदी
उसकी क्रतियों पर विश्वास करते हो भयंकर धोका
खावोगे अब भी चेत जावो।
*नि: शब्द*आत्मा, परमात्मा ऐक ही हैै इसके अतिरिक्त कोई सत्य नहीं।
Aap ho Kon aapne Kya kisi ka theka le rkha h
Ni sabd Kya h
@@leeladharbhatiwal5940
*ठग बाबाओ..नकली ओर बनाये हुये गुरूओं...गोड मेसेन्जरों ....से लुटे जीव*
सात लाख रूपये दीजिये तो *राधे माँ* ( जसबिंदर कौर) आपको गोद में बैठाकर आशीर्वाद देंगी और पन्द्रह लाख रूपये दीजिये तो आप उस *धूर्त ठग राधे माँ* को किसी फाइव स्टार होटल में डिनर के साथ आशीर्वाद ले सकते हैं ! तब भी अंधविश्वासी लोग उसे देवी ही मानते हैं l
*निर्मल बाबा* है जो लाल चटनी और हरी चटनी में भगवान की कृपा दे रहा है ! रात दिन पूज रहा है।
*रामपाल* भक्त हैं जो कबीर को पूर्ण परब्रह्म परमात्मा मानते हैं ! ओर अपने नहाए हुए पानी को अपने भक्तों को पिला कर कृतार्थ करता है।
*ब्रह्मकुमारीमत* वाले हैं जो दादा लेखराज के वचनों को सच्ची गीता बताते हैं और परमात्मा को बिन्दुरुप बताते हैं ! इन्होंने भगवद गीता भी फेल कर दी।
*राधास्वामी* वाले अपने गुरु को ही मालिक परमेश्वर भगवान ईश्वर मानते हैं । वो साक्षात ईश्वर का अवतार है
*निरंकारी* है जिनका उद्धार करने वाला बाबा ही कई करोड़ की गाड़ी में ,350 की स्पीड पर भयंकर दुर्घटना में गया औरों के तो पता नही , अपना मिलन परमात्मा से करवा लेता है।पर लोग बाबा की जय बोलने से नही थकते।
*कुछ चाँद मियाँ ऊर्फ (साई बाबा) को भगवान बनाने पर तुले हैंl ये चाँद मियाँ अपने आप को साई बाबा बताता है।
*आसाराम*, *दाती बाबा, *राम रहीम*, के भक्त तो और भी महान है सब पोल खुल जाने पर भी सड़को पर भक्त बनकर इनको को ईश्वर मान रात दिन उसके गुण गाते है।
जिसने अपनी दुकान ज्यादा सजायी वो ही उतना बड़ा परमेश्वर हो गया।
बाबा लोगों को किसी भगवान पर विश्वास नहीं होता.. बाबा जी Z+ सिक्योरिटी में बैठकर कहते हैं कि," जीवन-मरण ऊपर वाले के हाथ में है "
अंधभक्त श्रद्धा से सुनते हैं, पर सोचते नहीं हैं....
👉 बाबा जी हवाई जह़ाज में उड़ते हैं । सोने से लदे होते हैं ।
दौलत के ढेर पर बैठकर बोलते हैं कि," मोह-माया मिथ्या है, ये सब त्याग दो ".
लेकिन उत्तराधिकारी अपने बेटे या अपने अंधभक्त को ही बनायेंगे..
अंधभक्त श्रद्धा से सुनते हैं, पर सोचते नहीं हैं.....
👉 भक्तों को लगता है कि उनके सारे मसले बाबा जी हल करते हैं,
लेकिन जब बाबा जी मसलों में फंसते हैं, तब बाबा जी बड़े वकीलों की मदद लेते हैं..
अंधभक्त बाबा जी के लिये दुखी होते हैं, लेकिन सोचते नहीं है....
जिसके शरीर में सत्तर रोग है और जो जन्मता और मरता है उसे गुरु भगवान कहते हैं वाहरी दुनिया।
परमात्मा के अतिरिक्त सब नकली गुरु जो आपका आर्थिक, मानसिक तथा शारीरिक शोषण ही करेंगे इनके चक्कर में जो आये परमात्मा से दूर हो कर भवसागर में
ही भटकता फिरे।
*नि: शब्द*आत्मा, परमात्मा,परम गुरु ऐक ही है।
@@leeladharbhatiwal5940
संसार का असत्य तो असत्य है ही सत्य भी पूर्ण सत्य नहीं जैसे--- वर्तमान मे रामलाल साहुकार है सत्य है पर ऐक हजार वर्ष बाद कौन रामलाल और कौन श्यामलाल
खोज ही नहीं मिलेगा सारे चिंन्ह समाप्त हो जायेंगे अर्थात वह संसार का सत्य मर गया।
सत्य कभी मरता नहीं वह हमेशा से है हमेशा से था और हमेशा रहेगा अर्थात सत्य कालातीत है।
धुनात्मक हो या वर्णात्मक सब शब्द मरते हैं और जन्म ते हैं कुछ शब्दों की उम्र अरबों-खरबों बर्शों की होती है
पर वह भी मरते हैं सिर्फ नि: शब्द ही है जो न जन्मता और न ही मरता पर सबका आधार निर्लिप्त,विदेही,समरस, भेदभाव रहित सबका आधार,परम अकर्ता उसका अनुभव बिना उसकी क्रपा के शरीर और मन अपनी क्षमता से कर ही नहीं सकते
अनुभव होते ही मैं समाप्त सिर्फ हरि ही हरि शेष।
*नि:शब्द*आत्मा, परमात्मा ही सत्य है।
@@ramsing8533 ni sabd Kya h
nice
धन्यवाद सत साहेब जी
ok
सैन नाथ गाव चिलकनी के नंबर सेंड करो जी
Mhare kan to koni ji
💞💞💞💞💞💞💞💞❤️💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞💞
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