माता छिन्नमस्तिका को समर्पित है यह मंदिर | Maa Chintapurni Dham | Himachal Pradesh

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  • เผยแพร่เมื่อ 2 ต.ค. 2024
  • "जय माता दी !!! आप सभी का हमारे कार्यक्रम दर्शन में हार्दिक अभिनन्दन. भक्तो, सनातन धर्म की पैरवी में हिमाचल प्रदेश एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ के समान है। यहां की भूमि का चप्पा-चप्पा हिंदू देवी देवताओं की कथाएं सुनाता है। पूरे हिमाचल प्रदेश में अनेक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं। और आज हम आपको इसी प्रदेश के एक ऐसे तीर्थ के दर्शन करवाएंगे जो माता छिन्नमस्तिका को समर्पित है। छिन्नमस्तिका माता का पौराणिक नाम है, लेकिन अपने भक्तों की चिंताओं को विराम देने के माता के स्वभाव के कारण भक्तों द्वारा उन्हें चिंतपूर्णी नाम दिया गया है। छिन्नमस्तिका देवी का शाब्दिक अर्थ है ऐसी देवी जिनका मस्तक नहीं है। तो आइये आज दर्शन करते हैं माता के छिन्मस्तिका स्वरूप मा चिंतपूर्णी मन्दिर के…
    मंदिर के गर्भगृह का द्वार चांदी का है जिस पर माता के विभिन्न रूपों को उकेरा गया है। इनमें एक रूप माता छिन्नमस्तिका का भी है जिसमें माता अपना सिर काट कर अपने रक्त से अपनी सखियों, जया और विजया की क्षुधा को शांत कर रही है। इस संबंध में मार्कंडेय पुराण में कथा वर्णित है। जिसके अनुसार एक बार असुरों से युद्ध में विजय प्राप्त करने के पश्चात भी जब मां चंडी की सखियों, जया और विजया की रक्त की प्यास नहीं बुझी तो माता ने अपना शीश काटकर उनकी प्यास बुझाई थी। इसी कारण से मा शक्ति का नाम छिन्नमस्तिका पड़ गया।
    Disclaimer- यहाँ मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहाँ यह बताना जरूरी है कि तिलक किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।
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