सिरपुर का 🛕लक्ष्मण मंदिर : १४००😱साल पुराना || सुरंग टीला महल ||

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 5 ก.พ. 2025
  • छत्तीसगढ़ के सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर 👉👉👉
    छत्तीसगढ़ राज्य हमेशा से ही अपनी जनजातीय संस्कृति के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन राज्य में कई ऐसे स्थान हैं जो आज भी मुख्यधारा से कहीं दूर हैं। ऐसा ही एक स्थान है महासमुंद जिले में स्थित सिरपुर, जिसे प्राचीनकाल में श्रीपुर कहा जाता था। पौराणिक भूमि श्रीपुर में कई ऐसे देवस्थानों के अंश मिलते हैं जो कई सदियों पुराने माने जाते हैं। इन्हीं देवस्थानों में से एक है, सिरपुर का लक्ष्मण मंदिर।
    इतिहास में दर्ज कई विनाशकारी आपदाओं को झेलने वाला यह मंदिर भारत का पहला लाल ईंटों से बना मंदिर है। साथ ही प्रेम की निशानी छत्तीसगढ़ के इस मंदिर को नारी के मौन प्रेम का साक्षी माना जाता है।
    मंदिर का इतिहास एवं संरचना
    सिरपुर के लक्ष्मण मंदिर का निर्माण सन् 525 से 540 के बीच हुआ। सिरपुर (श्रीपुर) में शैव राजाओं का शासन हुआ करता था। इन्हीं शैव राजाओं में एक थे सोमवंशी राजा हर्षगुप्त। हर्षगुप्त की पत्नी रानी वासटादेवी, वैष्णव संप्रदाय से संबंध रखती थीं, जो मगध नरेश सूर्यवर्मा की बेटी थीं। राजा हर्षगुप्त की मृत्यु के बाद ही रानी ने उनकी याद में इस मंदिर का निर्माण कराया था। यही कारण है कि लक्ष्मण मंदिर को एक हिन्दू मंदिर के साथ नारी के मौन प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।
    नागर शैली में बनाया गया यह मंदिर भारत का पहला ऐसा मंदिर माना जाता है, जिसका निर्माण लाल ईंटों से हुआ था। लक्ष्मण मंदिर की विशेषता है कि इस मंदिर में ईंटों पर नक्काशी करके कलाकृतियाँ निर्मित की गई हैं, जो अत्यंत सुन्दर हैं क्योंकि अक्सर पत्थर पर ही ऐसी सुन्दर नक्काशी की जाती है। गर्भगृह, अंतराल और मंडप, मंदिर की संरचना के मुख्य अंग हैं। साथ ही मंदिर का तोरण भी उसकी प्रमुख विशेषता है।

ความคิดเห็น • 2