लोहावट विधानसभा सीट का समीकरण, lohavat vidhansabha seat ka itihaas

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ก.ย. 2024
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    उमेद सिंह राठौड़ लोहावट विधानसभा सीट
    #उमेद_सिंह_राठौड़_लोहावट_विधानसभा_सीटआज हम बात करेंगे जोधपुर के लोहावट विधानसभा क्षेत्र की ।
    लोहावट विधानसभा सीट का पूरा इतिहास।
    2023 के विधानसभा चुनाव में लोहावट विधानसभा क्षेत्र का क्या समीकरण रहेगा बीजेपी कांग्रेस व आरएलपी से कौन दावेदारी करेगा। इसके बारे में मैं आपको विस्तार से बताऊंगा।
    लोहावट की गिनती उन विधानसभा क्षेत्रों में होती है जहां जातिगत समीकरण अहम भूमिका निभाते हैं. राजपूत समुदाय के मतदाता निर्वाचन क्षेत्र में हावी हैं, मागंलियावटी व देवराज पट्टी में राजपूत समुदाय के सबसे अधिक वोट हैं। उसके बाद विश्नोई और जाट समुदाय हैं, जिनके पास लगभग समान वोट हैं।
    लोहावत विधानसभा क्षेत्र 2008 में परिसीमन के बाद बनाया गया था जिसमें फलौदी, शेरगढ़ और ओसियां ​​​​विधानसभा क्षेत्र शामिल थे
    लोहावट विधानसभा के प्रथम विधायक गजेंद्र सिंह खींवसर बने दित्तीय विधायक फिर खींवसर ही बने तृतीय विधायक वर्तमान में किसनाराम विश्नोई हैं।
    लोहावट विधानसभा के 2008 के प्रथम चुनाव में भाजपा से गजेंद्र सिंह खींवसर को टिकट मिला तो कांग्रेस से राजस्थान के पूर्व मंत्री ओसिया के पूर्व विधायक स्वर्गीय नरेंद्र सिंह के पुत्र मृगेंद्र सिंह भाटी को मिला यह चुनाव मृगेंद्र सिंह हारे इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी माला राम को कांग्रेस प्रत्याशी मृगेन्द्रसिंह भाटी से भी ज्यादा वोट मिले।
    2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से माला राम विश्नोई को टिकट मिला तो भाजपा से गजेंद्र सिंह खींवसर को टिकट मिला यह चुनाव खिंवसर जीते मालाराम हारे।
    2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से तीसरी बार गजेंद्र सिंह खींवसर को टिकट मिला तो कांग्रेस से किसनाणा राम विश्नोई को टिकट मिला यह चुनाव किसनाराम जीते खिंवसर लगभग 40000 वोटों से हारे।
    अब हम बात करते हैं 2023 के विधानसभा चुनाव की तो लोहावट विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस से किसना राम विश्नोई, मृगेंद्र सिंह भाटी सत्यनारायण विश्नोई, करण सिंह उचियाडा ओमप्रकाश विश्नोई दावेदारी जता सकते हैं।
    वही आरएलपी से भागीरथ बेनीवाल जैतसर सरपंच गोपाल सिंह राठौड़ दावेदारी जता सकते हैं।
    बात करें हम बीजेपी की तो बीजेपी से पूर्व विधायक गजेंद्र सिंह खींवसर, प्रभु सिंह बुडकिया, विक्रमादित्य सिंह आमला दावेदारी जता सकते हैं वहीं एक कांग्रेस का बड़ा नेता भी बीजेपी से दावेदारी जता सकता हैं।
    कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि देवराज हितकारिणी सभा के अध्यक्ष मोती सिंह देवराज भी कांग्रेस या बीजेपी से दावेदारी कर सकते हैं वैसे तो मोती सिंह का परिवार कांग्रेस से जुड़ा हुआ है पर मोती सिंह देवराज हितकारिणी सभा के अध्यक्ष के साथ साथ दोनों पार्टियों में अच्छी पकड़ है, मोती सिंह दावेदारी जताते हैं तो समीकरण अलग ही रहेंगे। साथी कांग्रेस व बीजेपी से टिकट कटने वाले नेता भी आरएलपी से भी बागी के रूप में दावेदारी कर सकते हैं।
    अब देखना यह है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बीजेपी व आरएलपी से किसको टिकट मिलता है या आरएलपी वह बीजेपी गठबंधन होगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
    वैसे लोहावट विधानसभा क्षेत्र में जातीय समीकरण देखे तो
    राजपूत समुदाय के मतदाता निर्वाचन क्षेत्र में हावी हैं, उसके बाद विश्नोई और जाट समुदाय हैं, जिनके पास लगभग समान वोट हैं। हालांकि, मुस्लिम, कुम्हार और सुथार समुदाय के मतदाता चुनाव परिणामों को प्रभावित करने में सक्षम हैं।
    अब 2023 के विधानसभा चुनाव में लोहावट का कौन विधायक बनेगा यह तो समय ही बताएगा।

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