अल्लाह के एक वली को उनके मुरीद घेरे बैठे थे। मुरीदों में से कुछ ने अर्ज़ किया; "हज़रत हम रोज़ आपकी खिदमत में हाज़िर होते हैं लेकिन आज तक कभी आप ने हमसे कुछ माँगा नहीं।" "मेरे पास अल्लाह का दिया सब कुछ है, मैं तुम से क्या माँगूँ ?" मुर्शिद ने जवाब दिया। मुरीदीन ने अर्ज़ किया, "हज़रत हमारी दिलबस्तगी के लिए ही सही कुछ तो मांगिये।" मुर्शिद ने कहा कि, "ठीक है जाओ मेरे लिए जन्नत की मिटटी लेकर आओ।" अक्सर मुरीदीन ने माज़ूरी जताते हुए अर्ज़ किया, "हम ने तो जन्नत देखी भी नहीं फिर जन्नत की मिटटी कहाँ से लाएं। " मुर्शिद ने ख़ामोशी इख्तियार की और हाथ के इशारे से जाने का हुक्म दिया। सब चले गए दूसरे दिन जब सब वापिस आये और मुर्शिद से मुसाफा करने लगे तो एक मुरीद को देख कर हज़रत ख़ुशी से बोले, "हाँ यह जन्नत की मिटटी ले कर आया है।" सब ने देखा उसके हाथ में तो कुछ भी न था फिर जन्नत की मिटटी कैसी। मुर्शिद ने बताया, "यह रात भर अपनी माँ के पैर दबाता रहा और माँ के तलुओं की मिटटी से इसके हाथ अभी भी सने है। "
shubhan allha shubhan allha sekhul islam jindabad
Huzur ka khandan mubra salmat rahe bayan mubrak bahut achha Subhan allah
Lajawaab taqreer bahut khoob Subhan Allah
Masha Allah
Masha allah
Subhanallah yaa khuda mera madni salamat rahe ❤
subhan allah
Mashalla
MasaAllah apka to jawab nhi hai mere sarkar
Shaikh ul islam zindabad
Subhan Allah Masha Allah Tajdar e Khitabat Zindabad
Raisul mohakakkin zinda bad Haq madni Miya ya madni miya
Ilm k samundar ka naam h madni miya..Allah apne Habib k saqde humhe bhi aisa ilm aata kare..ameen
Mashallah subhanallah
Sarkar kuch karam eisa karo ke hind ke takder badal jaye safar abb mohammad bin qarem ke jarurat hai
masha allah
Nabi ke gharane wale mera madni kitana khubsurat hai massa allah
Nasim ek dum sahi hajrat bolrahe hai Raza HAMAREMURSHIDKIUMRAMEKHEROBARAKATATAFARAMAYEAMIN
subhanallah
SUBHANALLAH MASHAALLAH
Mashaallah mashaallah ya Allah hamare dil me ishq nabi ka chiragh roushan karde aamin summa aamin
माशा अल्लाह
सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह सुबहानल्लाह
subhanallha
super
Eisa analysis Allah aur Rasullullah sallalalhu alaihe o sallam ke bare mein ek hi ate Hain jamana jamane, Subhan Allah
O! what fine speech is! Assalamo alikum wa
rahmatullahi wa barakatohu ya murshidee.
Walaikum assalam WA rahematullahi wa barkatuhu
aap jaan ho amaari...hazrat
Masha Allah aap Ka jumle ka to koye misal nahi mere sakar hoozur madni miya
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
Allah hazrat ki omer darz kare or inka Saya hamlogo pe hamesha kayem rahe
سبحان الله یا رسول الله صلی الله علیه و آله و سلم ماشاءالله بحوت خوبسورت آنداز میں آپ کی تکریر سون کر روہ کے ساتھ ساتھ دیل بھی روشن ہو جاتی ہیں
Subhanallah Mashallah bari pairi hasti hai
अल्लाह के एक वली को उनके मुरीद घेरे बैठे थे। मुरीदों में से कुछ ने अर्ज़ किया;
"हज़रत हम रोज़ आपकी खिदमत में हाज़िर होते हैं लेकिन आज तक कभी आप ने हमसे कुछ माँगा नहीं।"
"मेरे पास अल्लाह का दिया सब कुछ है, मैं तुम से क्या माँगूँ ?" मुर्शिद ने जवाब दिया।
मुरीदीन ने अर्ज़ किया, "हज़रत हमारी दिलबस्तगी के लिए ही सही कुछ तो मांगिये।"
मुर्शिद ने कहा कि, "ठीक है जाओ मेरे लिए जन्नत की मिटटी लेकर आओ।"
अक्सर मुरीदीन ने माज़ूरी जताते हुए अर्ज़ किया, "हम ने तो जन्नत देखी भी नहीं फिर जन्नत की मिटटी कहाँ से लाएं। "
मुर्शिद ने ख़ामोशी इख्तियार की और हाथ के इशारे से जाने का हुक्म दिया।
सब चले गए दूसरे दिन जब सब वापिस आये और मुर्शिद से मुसाफा करने लगे तो एक मुरीद को देख कर हज़रत ख़ुशी से बोले, "हाँ यह जन्नत की मिटटी ले कर आया है।"
सब ने देखा उसके हाथ में तो कुछ भी न था फिर जन्नत की मिटटी कैसी।
मुर्शिद ने बताया, "यह रात भर अपनी माँ के पैर दबाता रहा और माँ के तलुओं की मिटटी से इसके हाथ अभी भी सने है। "
Masha
Allah kya khoob h bilkul sach h
@@IrshadAli-iq5lz
Shukriya Janaab !
Very poor and irritating noise in the background
माफ़ करना,
मगर ये वीडियो पुराना है इस लिए
उस वक़्त आज के जैसे केमेरा नहीं थे।
Subhan alllah
Masha Allah
Sarkar kuch karam eisa karo ke hind ke takder badal jaye safar abb mohammad bin qarem ke jarurat hai
subhan allah
پندرھویں صدی کے مجدد کانام ہے
علامہ مدنی اشرفی اشرفی الجیلانی
Subhan Allah beshaq bahut khub
Masha Allah