लक्ष्मी प्रदायक मंत्र रोज सुनो इतना धन बरसेगा की संभाल नहीं पाओगे Lakshmi pradayak mantra

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ก.ย. 2024
  • लक्ष्मी प्रदायक मंत्र रोज सुनो इतना धन बरसेगा की संभाल नहीं पाओगे Lakshmi pradayak mantra धन प्राप्ति के लिए मंत्र: सुनते ही होगा धन का आगमन रोज सुने इस मंत्र की जाप
    व्यापार वृद्धि मंत्र
    शांतिनाथ मंत्र
    शांति मंत्र
    व्यापार वृद्धि लाभ और धन के लिए मंत्र
    श्री व्यापार लक्ष्मी मंत्र
    व्यापार विकास लाभ और धन के लिए मंत्र
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ความคิดเห็น • 21

  • @AJ-kk8uk
    @AJ-kk8uk 2 ปีที่แล้ว +5

    नमोस्तु भगवन
    🙏🙏🙏🙏🙏

  • @shankarbhetuwal7758
    @shankarbhetuwal7758 3 หลายเดือนก่อน

    ❤jai jai jai 🙏 ❤

  • @samayasarjain4559
    @samayasarjain4559 2 หลายเดือนก่อน +1

    🕉️🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🕉️

  • @atuljain6439
    @atuljain6439 15 วันที่ผ่านมา

    🙏🙏🙏

  • @jcpatialvi
    @jcpatialvi 2 ปีที่แล้ว +6

    जय जिनेंद्र जी मुझे इतना पैसा चाहिए की मैं इज़त की जिंदगी जी सकूँ और मेरे ऊपर जो भी जीतना भी कर्जा है सब चुकाने के लिए सक्षम हो सकूँ पैसे से ही इज़त होती है पैसे से खुद पे विश्वास और मज़बूत होता है पैसा ताकत है

  • @geetageeta7643
    @geetageeta7643 2 ปีที่แล้ว +2

    Top

  • @hemabundhun5072
    @hemabundhun5072 2 ปีที่แล้ว +1

    Very nice mantras may all receives many money with this mantra blessing

  • @veenaj2481
    @veenaj2481 2 ปีที่แล้ว +1

    Very good mantra thankyou sanjev anna

  • @aakashmishramishra8095
    @aakashmishramishra8095 ปีที่แล้ว

    J s laxmi 🙏🙏

  • @milanshah421
    @milanshah421 ปีที่แล้ว

    🙏

  • @satishbhadu6271
    @satishbhadu6271 ปีที่แล้ว

    🙏🙏

  • @saritahonnawakar2604
    @saritahonnawakar2604 ปีที่แล้ว

    Jai janidhar ji mai apna khudka Makan chati hu take ham pana khud ki makanme rahi saku ❤❤ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤ 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

  • @neetadedhia364
    @neetadedhia364 ปีที่แล้ว

    om aim hreem shreem kalim blum arham namh ka jap odiya bheji e plz

  • @sandeepjainvlogs2028
    @sandeepjainvlogs2028 2 ปีที่แล้ว

    Jai Jinendra ji

  • @rajeshyelwankar1899
    @rajeshyelwankar1899 2 ปีที่แล้ว

    Vidhi bataye 🙏plzz

    • @naveenjainmantra
      @naveenjainmantra  2 ปีที่แล้ว

      मन्त्र का जाप करने के लिए सर्वप्रथम आठ प्रकार की शुद्धियों का होना आवश्यक है।
      1 द्रव्यशुद्धि - पंचेन्द्रिय तथा मन को वश कर कषाय और परिग्रह का शक्ति के अनुसार त्याग कर कोमल और दयालुचित्त हो जाप करना। यहाँ द्रव्यशुद्धि का अभिप्राय पात्र की अन्तरंग शुद्धि से है। जाप करनेवाले को यथाशक्ति अपने विकारों को हटाकर ही जाप करना चाहिए। अन्तरंग से काम, क्रोध, लोभ, मोह, मान, माया आदि विकारों को हटाना आवश्यक है।
      2 क्षेत्राशुद्धि - निराकुल स्थान, जहाँ हल्ला-गुल्ला न हो तथा डाँस, मच्छर आदि बाधक जन्तु न हों। ऐसा एकान्त निर्जन सथान जाप करने के लिए उत्तम है। घर के किसी एकान्त प्रदेश में, जहाँ अन्य किसी प्रकार की बाधा न हो और पूर्ण शान्ति रह सके, उस स्थान पर भी जाप किया जा सकता है।
      3 समय - शुद्धि-प्रातः, मध्याह्न और सन्ध्या समय कम-से-कम 45 मिनिट तक लगातार इस महामन्त्र का जाप करना चाहिए। जाप करते समय निश्चित रहना एवं निराकुल होना परम आवश्यक है।
      4 आसन - शुद्धि-काष्ठ, शिला, भूमि, चटाई या शीतलपट्टी पर पूर्वदिशा या उत्तर दिशा की ओर मुँह करके पद्मासन, खडृगासन या अर्धपद्मासन होकर क्षेत्र तथा काल का प्रमाण करके मौनपूर्वक इस मन्त्र का जाप करना चाहिए।
      5 विनयशुद्धि - जिस आसन पर बैठकर जाप करना हो, उस आसन को सावधानीपर्वूक ईर्यापथ शुद्धि के साथ साफ़ करना चाहिए तथा जाप करने के लिए नम्रतापूर्वक भीतर का अनुराग भी रहना आवश्यक है। जब तक जापकरने के लिए भीतर का उत्साह नहीं होगा, तब तक सच्चे मन से जाप नहीं किया जा सकता।
      6 मनःशुद्धि - विचारों की गन्दगी का त्याग कर मन को एकाग्र करना, चंचल मन इधर-उधर न भटकने पाये इसकी चेष्टा करना, मन को पूर्णतया पवित्र बनाने का प्रयास करना ही इस शुद्धि में अभिप्रेत है।
      7 वचनशुद्धि - धीरे-धीरे साम्यभाव-पूर्वक इस मन्त्र का शुद्ध जाप करना अर्थात् उच्चारण करने में अशुद्धि न होने पाये तथा उच्चारण मन-मन में ही होना चाहिए।
      शौचादि शंकाओं से निवृत्त होकर यत्नाचारपूर्वक शरीर शुद्ध करके हलन-चलन क्रिया से रहित जाप करनाचाहिए। जाप के समय शारीरिक शुद्धि का भी ध्यान रखना चाहिए।
      इस महामन्त्र का जाप यदि खड़े होकर करना हो तो तीन-तीन श्वासोच्छ्वासों में एक बार पढ़ना चाहिए। एक सौ आठ बार के जाप में कुल 324 श्वासोच्छ्वास-साँस लेना चाहिए।
      जाप करने की विधियाँ - कमल जाप्य, हस्तांगुलि जाप्य और माला जाप्य।
      कमल जापविधि - अपने हृदय में आठ पाँखुड़ी के एक श्वेत कमल का विचार करें। उसकी प्रत्येक पाँखुड़ी पर पीतवर्ण के बारह-बारह बिन्दुओं की कल्पना करें तथा मध्य के गोलवृत्त-कर्णिका में बाहर बिन्दुओं का चिन्तन करें। इन 108 बिन्दुओं के प्रत्येक बिन्दु पर एक-एक मन्त्र का जाप करता हुआ 108 बार इस मन्त्र का जाप करें। कमल की आकृति निम्न प्रकार चिन्तन की जाएगी।
      मन्त्र जाप का हेतु - प्रतिदिन व्यक्ति 108 प्रकार के पाप करता है, अतः 108 बार मन्त्र का जाप करने से उस पाप का नाश होता है।

  • @rayofdivine1111
    @rayofdivine1111 2 ปีที่แล้ว

    🙏🙏

  • @saswatisatpathy8116
    @saswatisatpathy8116 2 ปีที่แล้ว

    🙏🙏