सही कहा भाई साहब ने, जय जिनेन्द्र। नव पदार्थों में हेय, ज्ञेय, उपादेय ये जब समझ लेंगे तभी पुण्य की आलोचना और त्याग सकोगे, आज अधिकांश मुमुक्षु पंडित बहुतायत विधान करवाकर पुण्य में लगा रहे हैं, भले ही तत्वों की विवेचना हो, भेदज्ञान की चर्चा करते ही है परिणति से कोशों दूर हैं।
उदयपुर आदरणीय पण्डित जी साहब सादर जय जिनैंद्र 🙏🙏🙏
बहुत सुन्दर 🙏🙏🙏👌
Jo puny aatma.pavitra kare uas puny ki spasta kare
सभी परम पावन आत्माओं को सादर अभिवादन जय जिनेन्द्र नरेंद्र कुमार जैन जयपुर 🙏🙏🙏
जय जिनेन्द्र
25:55 💯 True 🙏
Jasc mumbai - JAI JINANDRA
पुण्य फला अरिहंता।
पुण्य का फल अरिहंत पद भी मिलना है ।
पुण्य स्व- पर उपकारी भी है।
36:56 🙏
सही कहा भाई साहब ने, जय जिनेन्द्र।
नव पदार्थों में हेय, ज्ञेय, उपादेय ये जब समझ लेंगे तभी पुण्य की आलोचना और त्याग सकोगे, आज अधिकांश मुमुक्षु पंडित बहुतायत विधान करवाकर पुण्य में लगा रहे हैं, भले ही तत्वों की विवेचना हो, भेदज्ञान की चर्चा करते ही है परिणति से कोशों दूर हैं।
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Jaijinendra. Ghatkopar
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