आत्मदर्शन होने के पहले जीव का व्यवहार कैसा होना चाहिए? | Babuji Yugalji

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  • เผยแพร่เมื่อ 7 ก.พ. 2025
  • मुख्य बिंदु-
    विशुद्धि अथवा शुभभाव, लेकिन सामान्य जीवों से अलग दर्जे का
    न्यायपूर्वक व्यवसाय
    परिवार के प्रति दया-अनुकम्पा का भाव
    स्नान में विवेक, पानी की मर्यादा
    खान-पान सम्बन्धी त्याग (जमीकंद, वनस्पति, द्विदल, मक्खन, गोभी इत्यादि)
    १००-२०० के ज़्यादा वनस्पति का सेवन नहीं करें, उनकी लिस्ट बनाकर बाकी का त्याग करें
    सूक्ष्म और बादर निगोद की व्याख्या
    मंदिर में दूसरों के विघ्न ना हो, घंटी बजाने का निषेध
    दान में विवेक
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ความคิดเห็น • 3

  • @sanjayjain4790
    @sanjayjain4790 4 หลายเดือนก่อน +1

    Bhut Sundar

  • @neetajain477
    @neetajain477 5 หลายเดือนก่อน

    Bhind jai jinendra 🙏🙏🙏

  • @prakashhekkad2310
    @prakashhekkad2310 5 หลายเดือนก่อน +1

    Mumbai - JAI JINANDRA 🙏🙏🙏