राधे राधे जी मेरा एक प्रश्न है कि सहचरी स्वरूप और मंजरी स्वरूप में क्या अंतर है?? कृपया उत्तर जरूर दीजिएगा। सहचरी स्वरूप- श्री स्वामी हित हरिवंश मंजरी स्वरूप- श्री रूपगोस्वामी
@@MagusDelhi हित हरिवंश आचार्य जी का युगल उपासना है। क्योंकि राधा दास्य होने के बावजूद उनका यह भाव रहा है कि राधा के प्राण प्रिय होने के कारण प्रियतम की भी उपासना करनी है ताकि दोनों प्रसन्ना रहे। जबकि रूपगोस्वामी आचार्य जी की ऐसा मेने सुना है कि राधा दास्य उपासना ही है। श्री कृष्ण से तनिक कोई सम्बन्ध नही। लेकिन लीला तो दोनों की होगी राधा कृष्ण लेकिन उनका भाव राधा रानी के चरणों मे दासी स्वरूप से ही बना रहेगा। लीला से श्री कृष्ण राधा दोनों आनंदित है लेकिन श्री कृष्ण के आनंदित होने से राधा आनंदित है तो राधा निष्ठा की वहाँ भी उनको देखी। ऐसा सुना है मेने। अंत मे लेकिन बिना प्रियतम की कृपा व उनके रसिको की कृपा के राधा रानी में निष्ठा नही हो सकती। अतः दोनों स्वरूओ में करना चाहिए उपासना युगल। कृपा कर दे उनको जिससे जो करवाना है।
Jai Jai Shree Harivans Mahaprabhu Ki Jai Jai Shree Harivans Mahaprabhu Ki Jai Jai Shree Harivans Mahaprabhu Ki Jai 🙏🙏🌺🌺🧑💟💟💞🙏🙏
He mere govind aur radhe rani ko danwat pranaam karta hu 🙏🙏💟🧑🌺💞🙏🙏
Jai radha rani 🙏🙏
Jai Gurudev Bhagwan g ki jai Shri Radhe shyam Jai sant Bhagvan g ki jai Hanuman ji ki jai Bhole Baba ki jai Go Mata ji ki
राधे कृष्ण,राधे कृष्ण,राधे कृष्ण,राधे कृष्ण
❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Radhe radhe
Shri.chrano.mkoti.koti.naman
Radhe sham baba ji...
Itna sunder prasang .... Baba ji bhut bhut danyvad...
koti koti parnam baba ji...
Baba ji aap jio Hzaro saal...
Radhe Radhe jai bihariji ki shree haridas kunj bihari shree haridas shree radhe prabhuji charnsparsh hare krishna jai shree radharman 🙏🙏🙏🙏
Radhe radhe baba dandwat parnam 🙇♂️🙏👏🌹🦚❤🦚🌹👏🙏🙇♂️
Koti koti pranam Babaji
জয় নিতাই গৌর হরিবোল
Mere pyare sant bhagvan ki, jai ho ap jaise sant ki wajah se mere jaise Adham ko bhi bhagvat prapti ka marg mila
Shri hit harivansh
Jai jai Shri harivansh Maharaj ji 🙏❤️🌿🌻🌹🌿🌹🙏❤️🙏🌿🦚🦚
srisrigurudevju ke Pawan Sricharon me Koti Koti dandobath pranam jai jai pyaariju ladliju ko barsanodham
jai ho radhe radhe baba
Dandwat pranam baba ji
Dandavat parnam babaji
Sri Gurudev Bhagwan ki jai ho Sri Radhe Shyam
Hare Krishna
जय श्री कृष्ण राधे राधे
Jai shri radhe
Jay Shree Radha
Jai jai shree radhey🙌🙌🙌
jai jai
Baba ki sri chorone me koti koti pranam.
Jai Baba 🙏🙏🙏🙏🙏🙏😇
Guruji ki sree charono me dandobat pranam , nakri aur Kolkata me rahena aab mushkil ho Gaya kuchh upay batayie . (Kolkata thakurpukur)
Shree baba muge apne guru dev bhagwan priya priytm ko isi jnm m pana chati hu pr teen guno k krm chlta rhta h asy m negtivity aa jati h kya kre baba
राधे राधे जी
मेरा एक प्रश्न है कि सहचरी स्वरूप और मंजरी स्वरूप में क्या अंतर है?? कृपया उत्तर जरूर दीजिएगा।
सहचरी स्वरूप- श्री स्वामी हित हरिवंश
मंजरी स्वरूप- श्री रूपगोस्वामी
Saurabh ji, kya apka samadhaan hua. Mujhs pls share jijiye
@@MagusDelhi
हित हरिवंश आचार्य जी का युगल उपासना है। क्योंकि राधा दास्य होने के बावजूद उनका यह भाव रहा है कि राधा के प्राण प्रिय होने के कारण प्रियतम की भी उपासना करनी है ताकि दोनों प्रसन्ना रहे।
जबकि रूपगोस्वामी आचार्य जी की ऐसा मेने सुना है कि राधा दास्य उपासना ही है। श्री कृष्ण से तनिक कोई सम्बन्ध नही। लेकिन लीला तो दोनों की होगी राधा कृष्ण लेकिन उनका भाव राधा रानी के चरणों मे दासी स्वरूप से ही बना रहेगा। लीला से श्री कृष्ण राधा दोनों आनंदित है लेकिन श्री कृष्ण के आनंदित होने से राधा आनंदित है तो राधा निष्ठा की वहाँ भी उनको देखी। ऐसा सुना है मेने।
अंत मे लेकिन बिना प्रियतम की कृपा व उनके रसिको की कृपा के राधा रानी में निष्ठा नही हो सकती। अतः दोनों स्वरूओ में करना चाहिए उपासना युगल। कृपा कर दे उनको जिससे जो करवाना है।