#किसान
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- เผยแพร่เมื่อ 17 ต.ค. 2024
- #किसान-हिंदी कविता||Kisan-Hundi poem||
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दोस्तों #किसान नाम की यह कविता मैंने अपनी तीसरी कक्षा में पढ़ी थी।छोटी सी यह कविता किसान के #संघर्षमय जीवन को दर्शाती है और बताती है कि चाहे कोई भी मौसम हो,कोई भी त्योहार हो किसान बिना रुके बिना किसी छुट्टी के लगातार काम करता है।लेकिन #विडंबना यह है कि हमारे इस देश मे जहां #किसान को #अन्नदाता माना जाता है, जिसके आराम करने से पूरा देश भूखा मर सकता है उस देश में उसी #किसान की स्थिति इतनी खराब है कि जब उसे अपनी समस्याओं को कोई समाधान नज़र नहीं आता तो वह #आत्महत्या का रास्ता चुनता है।
@SimpleEducationRajendraSir
Muche aaj bhi ye kavita yaad hai
😊😊😊😊😊😊😊 super poem 😊😊😊😊😊😊😊
Bahut shukriya ji...☺️☺️☺️
Very good sir.hamesha ki tarah...
☺️☺️☺️☺️
Shubh prabhat 🙏🙏🙏
☺️☺️☺️
Majedar
☺️☺️☺️
Bahut achi video hai sar
☺️☺️☺️☺️
Bachpan ki yaad dila di 💖
Haan ji thank you...
बचपन सामने आ गया 😊
हाँजी ये सब कहानियां और कविताएं हैं ही ऐसी कि दिल छल्ली जो जाता है जब सामने आ जाती हैं।
Soper
शुक्रिया जी...☺️☺️☺️
Super sir hamesha ki tarah 👌🔥🔥
☺️☺️☺️☺️
Very good sir....
☺️☺️☺️
Good....
☺️☺️☺️
आपने तो बचपन याद दिला देय सर
हां जी बड़ा शानदार दौर था वो जो कभी लौटकर नही आएगा।