अर्जुन विषाद योग। वर्णसंकर और पिंडोदक क्रिया । श्रीमद्भगवत गीता। कक्षा 05। आचार्य योगेश वैदिक
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- เผยแพร่เมื่อ 9 ก.พ. 2023
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वर्ण संकरता से कुल के भ्रष्ट होने वा पिंडोडक क्रिया के विलुप्त होने का भय
यहाँ आपको दर्शन उपनिषदों के साथ साथ वैदिक सिद्धान्तों की कर्मफल सिद्धांतों की जानकारी के साथ-साथ शंका समाधान प्राप्त होगा ।
पौराणिक जगत की जो मान्यताएँ हैं उनमें कितना मिलावट है ? कितना इतिहास है? कितना विज्ञान है ? तथा कितना काल्पनिक व आध्यात्मिक वर्णन है ? इस संबंध में आपको प्रामाणिक व तर्कपूर्ण जानकारी मिलेगी ।
हम वैदिक शिक्षा, संकृति व संस्कारों के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित हैं ।
Namaste guruji
🙏🙏
Namaste aachary ji
Sadar namaste jee.
Sadar Namaste Aacharyji
नमस्ते आचार्य जी 🙏
best explanation acharya ji
उस हेतुओं को पकड़कर उसकी मानशिक चिकित्सा की गई।
आचार्य जी आप शब्दों का चयन बड़ा प्रभावशाली करते है।
Snskrit jyan shit pdhayen ji..snskrit pdo ka prichy dete hue...
नमस्ते आचार्यजी, कक्षा ४ की वीडियो नहीं है?
Kacha 4 nahi hai