अनुपमा कभी भी राही को नही समझ सकती है हमेशा की तरह एक तरफ ही बात सुनकर फैसला ले लिया प्रेम के मन की बात नही जानी ना ही राही के मन की बात समझी इस बार शाह परिवार के साथ ही नजर आई राही की तरफ नही एक बार भी विचार नही आया राही प्रेम की जोङी बन सकती है और माही ने एक बार प्रेम से मन की बात नही कही फिर से कुर्बानी त्याग और महान बनेगी राही जैसे अनुपमा ने वनराज काव्या की शादी करवाई थी शायद वही सबकुछ देखने को मिलेगा वैसे भी अनुपमा की आदत सबकी जिन्दगी का फैसला करने की और जबरदस्ती बोझ ङोने की अनुपमा का रोना धोना शुरू होगा
अनुपमा कभी भी राही को नही समझ सकती है हमेशा की तरह एक तरफ ही बात सुनकर फैसला ले लिया प्रेम के मन की बात नही जानी ना ही राही के मन की बात समझी इस बार शाह परिवार के साथ ही नजर आई राही की तरफ नही एक बार भी विचार नही आया राही प्रेम की जोङी बन सकती है और माही ने एक बार प्रेम से मन की बात नही कही फिर से कुर्बानी त्याग और महान बनेगी राही जैसे अनुपमा ने वनराज काव्या की शादी करवाई थी शायद वही सबकुछ देखने को मिलेगा वैसे भी अनुपमा की आदत सबकी जिन्दगी का फैसला करने की और जबरदस्ती बोझ ङोने की अनुपमा का रोना धोना शुरू होगा
Aaj mera birthday hai cake nahi hai wish kardo plz 😑😐😑😢😢😑😐😑😢😢😑