Live 🔴Day4 परचरी पुराण कथा ।। ग्राम सिहाडा जिल खंडवा ।।

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  • เผยแพร่เมื่อ 14 พ.ย. 2024

ความคิดเห็น • 7

  • @SADGURURAMPALJIBHAGWAN
    @SADGURURAMPALJIBHAGWAN 4 หลายเดือนก่อน

    मेरे प्यारे भाई वह दशरथ का बैटा भगवान तो बहुत दूर की बात है वह एक न्यायप्रिय राजा तो छोड़िए वह एक आम इंसान की भूमिका भी नहीं कर पाये।।
    और उनको सबके हृदय में बसवा रहे शर्म नहीं आती।
    मेरे प्यारे भाई गुरु रामपाल जी का सब घट वासा, गुप्त प्रकट कछु अजब तमाशा ।
    जहां संत तहां प्रकट भयऊ, असंत गुप्त तहां रयऊ।।🙏🙏🙏
    मेरे प्यारे भाई सद्गुरु बंदीछोड़ परमपिता परमात्मा रामपाल जी भगवान लगभग 500 साल मनरंगीर जी के रूप में आये थे और संत सिंगाजी को शरण में लिया।🙏🙏

    • @nimadibhajan
      @nimadibhajan  4 หลายเดือนก่อน

      यह समझना महत्वपूर्ण है कि भगवान राम हमारे धर्म और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनकी महानता और न्यायप्रियता पर संदेह करना हमारी धरोहर पर प्रश्न उठाना है।
      हर संत और गुरु का अपना महत्व होता है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारे पूर्वजों और धार्मिक ग्रंथों ने भगवान राम को आदर्श पुरुष के रूप में प्रस्तुत किया है। गुरु रामपाल जी और उनके अनुयायी अपने विश्वास में स्वतंत्र हैं, लेकिन सत्य को अनदेखा करना उचित नहीं है।
      धर्म और आस्था पर चर्चा करते समय हमें सच्चाई और मर्यादा का पालन करना चाहिए। भगवान राम की महानता को चुनौती देने से पहले हमें उनकी जीवन गाथा और उनके कार्यों को समझने का प्रयास करना चाहिए।
      धन्यवाद।

  • @SADGURURAMPALJIBHAGWAN
    @SADGURURAMPALJIBHAGWAN 4 หลายเดือนก่อน

    आधिनी कै पास है, पूरण ब्रह्म रामपाल।
    मान बढ़ाई मारियो, बे अदबी शिर काल।।

    • @nimadibhajan
      @nimadibhajan  3 หลายเดือนก่อน

      जय गुरू महाराज 🙏♥️

  • @SADGURURAMPALJIBHAGWAN
    @SADGURURAMPALJIBHAGWAN 4 หลายเดือนก่อน

    अगर राम बड़ा तो वशिष्ठ के चरणो में क्यों पढ़ा ।

    • @nimadibhajan
      @nimadibhajan  4 หลายเดือนก่อน

      आपके सवाल का जवाब देने के लिए सबसे पहले हमें यह समझना होगा कि भारतीय संस्कृति में गुरुओं और संतों का क्या महत्व है। गुरु का स्थान सर्वोपरि माना जाता है, क्योंकि वह व्यक्ति को ज्ञान की ओर ले जाता है। भगवान राम, जो स्वयं एक आदर्श पुरुष और मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में प्रतिष्ठित हैं, ने भी इस सत्य को स्वीकार किया और अपने गुरु वशिष्ठ के चरणों में बैठकर उनसे ज्ञान प्राप्त किया।
      यह दर्शाता है कि सच्चे महानायक वे हैं जो ज्ञान और शिक्षा का सम्मान करते हैं। भगवान राम का वशिष्ठ के चरणों में बैठना उनकी विनम्रता, गुरु के प्रति सम्मान और ज्ञान के प्रति उनकी आस्था को दर्शाता है। यह एक महानायक का गुण है, जो हर किसी को सीखना चाहिए।
      हम सभी को यह समझना चाहिए कि धर्म और संस्कृति में गुरुओं का स्थान कितना महत्वपूर्ण है। गुरु हमें सही मार्ग दिखाते हैं और हमें अज्ञानता से ज्ञान की ओर ले जाते हैं।

    • @SADGURURAMPALJIBHAGWAN
      @SADGURURAMPALJIBHAGWAN 4 หลายเดือนก่อน

      @@nimadibhajan मेरे प्यारे भाई क्या तुम्हें पता है वशिष्ठ जी के आध्यात्मिक गुरु कौन थे???🙏