कनेर

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  • เผยแพร่เมื่อ 29 ก.ย. 2024
  • ओलियंडर (Nerium indicum) को हिंदी में "कनेर" कहा जाता है। यहाँ इस पौधे के बारे में कुछ मुख्य बातें हैं:
    1. **वैज्ञानिक नाम**: Nerium oleander (पहले इसे Nerium indicum कहा जाता था)
    2. **दिखावट**: कनेर एक सदाबहार झाड़ी है जो 2-6 मीटर तक ऊँची हो सकती है। इसके पत्ते लंबे, पतले और हरे होते हैं। यह गुलाबी, सफेद, लाल, या पीले रंग के फूलों के गुच्छे पैदा करता है।
    3. **पर्यावास**: कनेर भूमध्यसागरीय क्षेत्र और एशिया का मूल निवासी है। इसे विशेषकर गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों में बगीचों और पार्कों में सजावटी पौधे के रूप में उपयोग किया जाता है।
    4. **विषाक्तता**: कनेर के सभी हिस्से अत्यधिक विषैले होते हैं। इसमें कार्डियक ग्लाइकोसाइड्स नामक यौगिक होते हैं, जो गंभीर हृदय समस्याओं का कारण बन सकते हैं। पौधे के किसी भी हिस्से का सेवन करने से बचना चाहिए, और इसे बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखना चाहिए।
    5. **उपयोग**:
    - **सजावटी**: इसके आकर्षक फूलों और कठोर प्रकृति के कारण, कनेर का व्यापक रूप से भूदृश्य सजावट में उपयोग किया जाता है।
    - **औषधीय**: हालांकि कनेर विषैला है, कुछ संस्कृतियों में इसे पारंपरिक चिकित्सा में उपयोग किया गया है, लेकिन इसके खतरनाक स्वभाव के कारण इसे केवल सख्त निगरानी में ही उपयोग करना चाहिए।
    6. **देखभाल**: कनेर सूखा-प्रतिरोधी है और गरीब मिट्टी में भी पनप सकता है, जिससे यह कम रखरखाव वाले बगीचों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बन जाता है। हालांकि, इसके आकार को बनाए रखने और फूलों को बढ़ावा देने के लिए इसे नियमित रूप से छांटना चाहिए।
    कनेर अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है लेकिन इसके विषैले गुणों के कारण इसे सावधानी से संभालना चाहिए।
    #nature

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