आप जों व्याख्या कर रहे हैं वह अतिश्योक्ति है । परमात्मा को पाना बहुत सरल है लेकिन व्याख्या करने वालो ने पूर्ण परमात्मा कबीर साहब जी के ज्ञान को अपने अपने मतानुसार मानव समाज में भ्रमित करना सिर्फ पेशा बना लिया है। मानव कल्याण से कोई मतलब नहीं नाना प्रकार से मनुष्यों को बांट कर रखा है और अपना अज्ञान ठोंका जा रहा है।जब परमात्मा एक है तो उसको पाने का रास्ता भी एक ही है। सिर्फ धर्माचार्यों ने रोजगार बना रखा है।
SAT SAHIB GURU DEV ❤❤
Satsaheb ji
राम राम सत साहेब साहेब बंदगी प्रणाम गुरु जी
Sat saheb guruji🎉 aapk sri charno me hm sabhi ka koti koti prnam🎉🎉
मेरा तो जीवन धन्य हो गया आप जैसा गुरु पाकर आपकी श्री चरणों में कोटि कोटि नमन सतनाम बंदगी
आप ने साहिब जी की मार्मिक बाणी को जीवंत रूप से प्रस्तुत किया इसलिए आप को अनेक अनेक धन्यवाद 🙏
Sat kabir sat sahib
सत.साहिब.गुरु. जी.परनाम.चरण.सपष
Satsaheb ji
Try bar saheb bandgi
Sat saheb guru ji
Satsaheb ji
Binpag chale sune bin kaana sagun aur Agun dono me hai
आप जों व्याख्या कर रहे हैं वह अतिश्योक्ति है । परमात्मा को पाना बहुत सरल है लेकिन व्याख्या करने वालो ने पूर्ण परमात्मा कबीर साहब जी के ज्ञान को अपने अपने मतानुसार मानव समाज में भ्रमित करना सिर्फ पेशा बना लिया है। मानव कल्याण से कोई मतलब नहीं नाना प्रकार से मनुष्यों को बांट कर रखा है और अपना अज्ञान ठोंका जा रहा है।जब परमात्मा एक है तो उसको पाने का रास्ता भी एक ही है। सिर्फ धर्माचार्यों ने रोजगार बना रखा है।
क्या ध्यान के समय दोनों नाक से श्वास एक बराबर लेना होता है और एक बराबर छोड़ना होता है अजपा जाप के लिए कृपया करके मुझे बताएं मैं उलझन में हूं
Sagun Bhav ka Agun Abhav ka