आचार्य जी को सादर सप्रेम नमस्ते।आपके व अन्य कुछ वैदिक विद्वानों के विडियोज़ यूट्यूब पर देखता हूं।बहुत ही उच्च कोटि के सटीक व प्रामाणिक विचारधारा को सुनकर ज्ञान बढ़ता है।मैं भी आपके समान ईश्वरकृत प्राकृतिक सौंदर्य को निहारता हूं मनुष्य कृत भवनों आदि को नहीं। महर्षि दयानंद सरस्वती की अनेक लेखकों का जीवनचरित्र को पढ़ता हूं विशेषकर स्वामी सत्यानंद कृत श्रीमद्दयानंदप्रकाश जिसमें महर्षि भी नर्मदा नदी का स्रोत देखने तथा गंगा के पावन तट पर समाधिस्थ रहते थे।आज के सन्दर्भ में महर्षि के जीवन से पर्यावरण सुरक्षा की शिक्षा मिलती है। धन्यवाद।विनोद शर्मा
महोदय मैने भी जब सुना था की भारत का इतिहास 5 हजार साल पुराना है तो मुझे भी श्री राम चंद्र जी और कृष्ण जी की जन्म के विषय में शंका हुआ लेकिन आपके व्याख्यान सुनकर मेरा शंका समाप्त हो गई। 🙏🙏🙏🙏🙏
हमारा इतिहास, वेद और दर्शन अलग अलग है, इसीसे 300 साल से हमे कुछ अलग ही समझया गया। बदलाव हमसे शुरू होगा, अगर आप मे बदलाव आया यानी ब्रह्माण्ड भी बदल रहा है। th-cam.com/video/ryih_2nRU9M/w-d-xo.htmlsi=xvRtBMzqG3c4JfCB 🎉🎉🎉❤❤❤
वेद इस ब्रह्मांड का मन्नुअल है, जवाहरलाल का जीवन ही जूठ पर टिका है। सत्य वही जनता है जो सत्त्य है। हमारा इतिहास, वेद और दर्शन अलग अलग है, इसीसे 300 साल से हमे कुछ अलग ही समझया गया। बदलाव हमसे शुरू होगा, अगर आप मे बदलाव आया यानी ब्रह्माण्ड भी बदल रहा है। th-cam.com/video/ryih_2nRU9M/w-d-xo.htmlsi=xvRtBMzqG3c4JfCB 🎉🎉🎉❤❤❤
ओउम् ये श्री परमपिता परमात्मा जी की सुन्दर प्रेरणा व संयोग से मेरा सौभाग्य रहा जो मुझे आप जैसे ईश्वर व वैदिक सनातन संस्कृति प्रेमीयो को सुनने व देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है मुझे गर्व है अपनी वैदिक सनातन संस्कृति पर जिसके कण-कण मे वेद का अमृत है मे ईश्वर के साथ -साथ महऋषि दयानन्द सरस्वती जी व आप समस्त आर्यवर्त के आर्यो को कोटि -कोटि धन्यवाद व प्रणाम करता हू ओउम् जय आर्य समाज ओउम् जय सत्य सनातन वैदिक संस्कृति ओउम् नमस्ते जी ओउम् 💐💐💐🙏
आपको प्रणाम। बहुत अच्छी जानकारी। एक निवेदन भी:- आपने ईमानदारी शब्द का प्रयोग सच्चाई के रूप में किया है, जबकि ईमानदारी माने धोखा देना, क्योकि ईमान लाने के बाद व्यक्ति ऐसा ही हो जाता है।🙏
🙏🙏गुरुजी के चरणों में सादर प्रणाम 🙏🙏 बहुत ही सुन्दर कार्य है जो आप कर रहे हैं कृपया आप ये लगातार जारी रखें ताकि ज्ञान सब तक पहुंच सके, आज के समय ये सब ज्ञान किसी पाठसाला न पढ़ाया जा रहा और नाही कोई पढ़ रहा ।
महान विद्वान पंडित योगेश आर्य जी को कोटि कोटि नमन !!! तच्छकेयम् अर्थात् उच्च से उच्च लक्ष्य प्राप्त कर सकते हो।।। योगस्य गुरु: योग: अर्थात् योग वह टार्च है जो आलसी को इस पास का हि दिग्दर्शन कराती है किन्तु पुरूषार्थी को मंजिल तक पहुंचा देती है।।
Acharya ji ko mere taraf se Charan sparsh. Aapke dwara Jo ved samajhane ka jo tarika hai wah bahut hi saral hai jo samajh mein sahaj hi aa jaata hai. 🙏🙏🙏🙏🙏
जी आपके प्रवचन से बहुत ही प्रभावित हुआ लेकिन डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया नेहरू जी ने लिखा है आज तक हमारे धर्म धर्म ग्रंथ पर ज्ञान देने वाले लोग तो बहुत मिले लेकिन किसी और धर्म के ग्रंथों पर कोई टिप्पणी नहीं करता क्योंकि बाइबल बात को गैलीलियो ने जब कहा था पृथ्वीगोल है तब उसकी सजा दिया कि दी गई थी लेकिन हमारे ग्रंथो पर आये दिन टिप्पणी होती रहती है,,,
वेद पुराण, शास्त्र, गीता, कुरान व बाइबल जैसे धार्मिक ग्रन्थ इंसानों द्वारा ही रचे बसे है। कोई भी ग्रंथ ना तो ईश्वर अल्लाह ने लिखा और ना ही ये धार्मिक किताबें आसमान से आयी। सारे पंडे, मौलवी अवैज्ञानिक बातें करते है जिसका कोई मतलब नही। प्रकृति ही ईश्वर है और प्रकृति ने सभी को एक ही मिट्टी से बनाया है।
You are right, maharsi dayanand he es kalyug ki sarvasrith or vidhwan vyakti thi, unhe ki gupt prayason ki karan bharteyon mi swaraj ke bhawna viksit hue or hindutwa ke raxa hue, yi satya hi
🎉 आर्य समाज कितनाअजीब है। यह परमात्मा कोनिराकार कहते हैं और खुद साकार बनते हैं। 🎉 यह सृष्टि कितनी सुंदर है प्रकृति कितनी सुंदरहै तो वह कितना सुंदर होगा जिसे सच्चिदानंद कहते हैं लेकिन उसे तो इन्होंने अपंग बना दिया। यह इनका सबसे बड़ा गुनाह है और वेद विरुद्ध है। 🎉 यजुर्वेद का मंत्र संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है।
पहली बात जिसको वेद कहा जाता है वो वेद नहीं चतुर्वेद है और चतुर्वेद कोई ईश्वरीय ज्ञान नहीं है बल्कि ऋषियों के द्वारा अपने इष्ट की स्तुति उपासना और महिमा का बखान करने के लिए रचे गए ऋचाओं का संग्रह मात्र है |
Kas mere mata pita ji ko bhi ye pata hota ki English bhasa ke bare me mai kueschan kar raha tha wo sahi tha to aaj mai bhi mahan aadmi bangaya hota ya aap jese mahan aadmi se pehle darsan hojata to merabhi jindagi vaidik ke parachar me hota
योगेश जी! बहुत हल्के स्तर से ये बात आपने कही कि ईश्वर निराकार है तो उसके हस्तपाद का भी अभाव होगा फिर हस्ताभाव में वेद लेखन कैसे किया? यह प्रश्न ही ईश्वर या ब्रह्म के ज्ञान के अभाव वालों का ही है, शेष यहाँ लिखना यहाँ उचित नहीं वन्दे मातरम्
वेद व्यास को अवतार मानते हो या नही, परशुराम, कृष्ण, वामन इनको अवतार मानते हो या नही? अगर मानते हो तो मनुष्य अवतार में आकर निराकार परमात्मा ने वेद लिखे हैं इसमें कहां आपको संशय है बताएं हम समाधान कर देते हैं वेद श्रष्टि की रचना के साथ ही लिखे गए हैं 👈
भगवान साकार😊 & निराकारही है, ही can do anything himself or through his incarnations or the representatives so, Set up Evidence* Bhagwad Geeta AsIt Is ACBV Swaami Prabhupaad(ISCON)//**// Veds are first impaarted to Bramhadevaa by Bhagwaan Krushnaa by His breathing evidences as for top only ,so, stop set up
Jise angrejo ki gulami se malai milata tha wah koi aur nahi Gadhi neharu aur kuchh Muslim lider ko isliye ye log jo agraj bolate the wahi bolate the desh ko kaise toda aur Tod rahe hai
kisi bhi cheez ka zero mulye kese ho gya pahle ye parmanit karna hoga ved kitne purane hai ye dharti kitni purani hai ye hawa kitni purani hai ye akash kitna purana hai ye pani kitna purana hai char yugo ka satye kya hai es liye kisi bhi vastu ka mulaye zero kese
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्यावर्त
बहुत सुन्दर ज्ञान वर्धक जानकारी दी है आचार्य श्री आपको प्रणाम करता हूं
आचार्य जी को सादर सप्रेम नमस्ते।आपके व अन्य कुछ वैदिक विद्वानों के विडियोज़ यूट्यूब पर देखता हूं।बहुत ही उच्च कोटि के सटीक व प्रामाणिक विचारधारा को सुनकर ज्ञान बढ़ता है।मैं भी आपके समान ईश्वरकृत प्राकृतिक सौंदर्य को निहारता हूं मनुष्य कृत भवनों आदि को नहीं। महर्षि दयानंद सरस्वती की अनेक लेखकों का जीवनचरित्र को पढ़ता हूं विशेषकर स्वामी सत्यानंद कृत श्रीमद्दयानंदप्रकाश जिसमें महर्षि भी नर्मदा नदी का स्रोत देखने तथा गंगा के पावन तट पर समाधिस्थ रहते थे।आज के सन्दर्भ में महर्षि के जीवन से पर्यावरण सुरक्षा की शिक्षा मिलती है। धन्यवाद।विनोद शर्मा
नमस्ते आचार्य जी 🙏
आप गुरू में श्रेष्ठ गुरु हो❤❤❤❤❤❤
प्रणाम आपको 🙏🙏
जय हिन्द जय भारत
बहुत खूब व्याख्या😊
जी सादर अभिवादन नमो नमः ❤️ बहुत सुन्दर उद्बोधन
Namaste
काश आज भी हिंदू आपको सुनते तो कुछ तो बदलाव आता,
नमस्ते आचार्य जी
बदलाव हमसे शुरू होगा, अगर आप मे बदलाव आया यानी ब्रह्माण्ड भी बदल रहा है।
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🎉🎉🎉❤❤❤
हिन्दू मतलब सनातन मिटा लेना। धर्म की लुटिया खुद डुबा देना।
हम धर्म पर चलने वाले हैं।
Jay shree Ram satay sanatn baidik dharm ki jay
महोदय
मैने भी जब सुना था की भारत का इतिहास 5 हजार साल पुराना है तो मुझे भी श्री राम चंद्र जी और कृष्ण जी की जन्म के विषय में शंका हुआ लेकिन आपके व्याख्यान सुनकर मेरा शंका समाप्त हो गई।
🙏🙏🙏🙏🙏
हमारा इतिहास, वेद और दर्शन अलग अलग है,
इसीसे 300 साल से हमे कुछ अलग ही समझया गया।
बदलाव हमसे शुरू होगा, अगर आप मे बदलाव आया यानी ब्रह्माण्ड भी बदल रहा है।
th-cam.com/video/ryih_2nRU9M/w-d-xo.htmlsi=xvRtBMzqG3c4JfCB
🎉🎉🎉❤❤❤
वेद इस ब्रह्मांड का मन्नुअल है,
जवाहरलाल का जीवन ही जूठ पर टिका है।
सत्य वही जनता है जो सत्त्य है।
हमारा इतिहास, वेद और दर्शन अलग अलग है,
इसीसे 300 साल से हमे कुछ अलग ही समझया गया।
बदलाव हमसे शुरू होगा, अगर आप मे बदलाव आया यानी ब्रह्माण्ड भी बदल रहा है।
th-cam.com/video/ryih_2nRU9M/w-d-xo.htmlsi=xvRtBMzqG3c4JfCB
🎉🎉🎉❤❤❤
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी आपआगे बढ़ते रहे
पूरा ब्रह्मांड ही परमपिता परमात्मा के संगीत से गुंजा इ मन है
गुरु जी के चरणों में बार बार नमन अभिलाषा हो रही है आपका आशीर्वादलेने की
सादर नमस्ते जी 🔥🙏🏼☀️💥🌺🚩🙏🏻
जय हो ।
🙏🇮🇳🕉️❤🙏 प्रणाम 🇮🇳🙏🔥
Jaisreeram
હર હર મહાદેવ મહાદેવ
ओउम् ये श्री परमपिता परमात्मा जी की सुन्दर प्रेरणा व संयोग से मेरा सौभाग्य रहा जो मुझे आप जैसे ईश्वर व वैदिक सनातन संस्कृति प्रेमीयो को सुनने व देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है मुझे गर्व है अपनी वैदिक सनातन संस्कृति पर जिसके कण-कण मे वेद का अमृत है मे ईश्वर के साथ -साथ महऋषि दयानन्द सरस्वती जी व आप समस्त आर्यवर्त के आर्यो को कोटि -कोटि धन्यवाद व प्रणाम करता हू ओउम् जय आर्य समाज ओउम् जय सत्य सनातन वैदिक संस्कृति ओउम् नमस्ते जी ओउम् 💐💐💐🙏
आपको प्रणाम। बहुत अच्छी जानकारी। एक निवेदन भी:- आपने ईमानदारी शब्द का प्रयोग सच्चाई के रूप में किया है, जबकि ईमानदारी माने धोखा देना, क्योकि ईमान लाने के बाद व्यक्ति ऐसा ही हो जाता है।🙏
🙏🙏गुरुजी के चरणों में सादर प्रणाम 🙏🙏
बहुत ही सुन्दर कार्य है जो आप कर रहे हैं कृपया आप ये लगातार जारी रखें ताकि ज्ञान सब तक पहुंच सके, आज के समय ये सब ज्ञान किसी पाठसाला न पढ़ाया जा रहा और नाही कोई पढ़ रहा ।
महान विद्वान पंडित योगेश आर्य जी को कोटि कोटि नमन !!! तच्छकेयम् अर्थात् उच्च से उच्च लक्ष्य प्राप्त कर सकते हो।।। योगस्य गुरु: योग: अर्थात् योग वह टार्च है जो आलसी को इस पास का हि दिग्दर्शन कराती है किन्तु पुरूषार्थी को मंजिल तक पहुंचा देती है।।
Acharya ji ko pranam me aapki vicharo se bohot khush huaa kafi chije sahi dikhayi dene lagegi
Acharya ji ko mere taraf se Charan sparsh. Aapke dwara Jo ved samajhane ka jo tarika hai wah bahut hi saral hai jo samajh mein sahaj hi aa jaata hai.
🙏🙏🙏🙏🙏
सीरियल बना था भारत को पिछड़ा दिखाया गया। जनजाति को दिखाया।सपेरा,बंजारा,किसान ,अनपढ़ लोग बताए
सच ही बताया था
स्वराज्ये पूज्यते राजा विद्वान सर्वत्र पूज्यते
ओ३म् 🙏🙏🙏🙏🙏
पूज्य आचार्य जी सादर नमस्कार।
कृपया उपयुक्त जानो तो कभी श्री राम चंद्र जी के काल निर्धारण पर भी प्रकाश डालें।
इस पर समाज भ्रांति में हैं ।
Bahut sunder analysis achryaji.
प्रकृति ही परमात्मा ह और प्रकृति का काम ह परिवर्तन करना जैसे आज हमारे में परिवर्तन हो रहा है
भारतीय संस्कृति की रचयिता यज्ञ पिता गायत्री माता सनातन धर्म की स्थापना अति आवश्यक है इसके बिना संसार में कुछ नहीं
नमस्ते आचार्य जी
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय सनातन
Jai ho vedik sanatan
जी आपके प्रवचन से बहुत ही प्रभावित हुआ लेकिन डिस्कवरी ऑफ़ इंडिया नेहरू जी ने लिखा है आज तक हमारे धर्म धर्म ग्रंथ पर ज्ञान देने वाले लोग तो बहुत मिले लेकिन किसी और धर्म के ग्रंथों पर कोई टिप्पणी नहीं करता क्योंकि बाइबल बात को गैलीलियो ने जब कहा था पृथ्वीगोल है तब उसकी सजा दिया कि दी गई थी लेकिन हमारे ग्रंथो पर आये दिन टिप्पणी होती रहती है,,,
वेद पुराण, शास्त्र, गीता, कुरान व बाइबल जैसे धार्मिक ग्रन्थ इंसानों द्वारा ही रचे बसे है। कोई भी ग्रंथ ना तो ईश्वर अल्लाह ने लिखा और ना ही ये धार्मिक किताबें आसमान से आयी। सारे पंडे, मौलवी अवैज्ञानिक बातें करते है जिसका कोई मतलब नही। प्रकृति ही ईश्वर है और प्रकृति ने सभी को एक ही मिट्टी से बनाया है।
Apke charno main vandan karta hun.
ईश्वर के हाथ और पैर से कुछ नहीं होता इस श्रृष्टि का सृजन और विनाश एक क्षण में करते हैं जो सोचता है उसका निर्माण हो जाता है।
You are right, maharsi dayanand he es kalyug ki sarvasrith or vidhwan vyakti thi, unhe ki gupt prayason ki karan bharteyon mi swaraj ke bhawna viksit hue or hindutwa ke raxa hue, yi satya hi
वेद की और आगे बढो
बहुत अच्छे गुरुजी ।
Jay shri Rama 🙏
वेद ही हमारा धर्म है।
गुरु जी को शत शत नमन
H K Hari kirpa ho to bhiya ji stya sanatan ki Jay ho
❤❤ Jay sanatan dharm
Hare Krishna
जय श्री राम जय भारत
❤
🎉 आर्य समाज कितनाअजीब है। यह परमात्मा कोनिराकार कहते हैं और खुद साकार बनते हैं।
🎉 यह सृष्टि कितनी सुंदर है प्रकृति कितनी सुंदरहै तो वह कितना सुंदर होगा जिसे सच्चिदानंद कहते हैं लेकिन उसे तो इन्होंने अपंग बना दिया। यह इनका सबसे बड़ा गुनाह है और वेद विरुद्ध है।
🎉 यजुर्वेद का मंत्र संभूति असंभूति अर्थात साकार निराकार माया है।
प्रणाम 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Ved hi satya h
Vedon vedon Ki Shiksha per Chalna Manav Jivan ke liye mahatvpurn hai
Om..om.parmatma.
राहुल सनातन शिक्षा सूत्र विद्या ददाति विनियम के अनुसार सबसे योग्य है।
सूक्ष्म वेद से वेदों की रचना हुई इसलिए जैसे पहले हमें मालूम नही था कि पानी में भी बिजली हे ऐसे ही महापुरसो ने सूक्ष्म वेद से वेदों उपनिषदों की रचना की
Ek Raksas ne vedo ko jal me chipa diya tha unko bhagwaan ne jal se nikala tha 🙏🙏🙏
हजारों सालों से षड्यंत्र भारत में चल रहे हैं
केवल 1200 सालो से , जब से मलेच्छो की नजर भारत पर पड़ी तब से .
🙏🙏🙏
Waah mere sher 100 saal tak dahado...
@Ankitpatel-ei6it Isko Dahadna nahi mimyana kahte hai...
Nameste ji
लेकिन main मुद्द ye है ki manushy dusre लोगों से neech kyun माना जाए
इसलिए is धर्म से सभी लोग vimukh हो रहे हैं
पहली बात जिसको वेद कहा जाता है वो वेद नहीं चतुर्वेद है और चतुर्वेद कोई ईश्वरीय ज्ञान नहीं है बल्कि ऋषियों के द्वारा अपने इष्ट की स्तुति उपासना और महिमा का बखान करने के लिए रचे गए ऋचाओं का संग्रह मात्र है |
Namaste namaste
Kas mere mata pita ji ko bhi ye pata hota ki English bhasa ke bare me mai kueschan kar raha tha wo sahi tha to aaj mai bhi mahan aadmi bangaya hota ya aap jese mahan aadmi se pehle darsan hojata to merabhi jindagi vaidik ke parachar me hota
Srishti Anant Sal Purani Hai.
guruji samay circular hai..linear nhi.. is bare me btaiyega?
सदियों से हमारे देशकी संस्कृत और धर्म ग्रंथ पर झूठ और मिथ्या ही फैलाया गया,,
आज़ नेताओ ममता बनर्जी को सनातन की समझ है।
लोटो वेदों की ओर.......।
नेहरू जी के डिस्कवरी ऑफ इंडिया यही है
Sansar k sare dharm ehi dava karate he ke hamara granth swag se Aya he kis kis ki bat ko sa hi mane ved, Kuran, by bill sab ahi Katie he
Ye baat nehru(eru=kaala naag)ji ko madam advinaji ne batayi thi.......
मनुवादी लोग तो करोड़ों साल पहले का अपना धर्म बताते हैं , यह निराधार है ।
योगेश जी! बहुत हल्के स्तर से ये बात आपने कही कि ईश्वर निराकार है तो उसके हस्तपाद का भी अभाव होगा फिर हस्ताभाव में वेद लेखन कैसे किया? यह प्रश्न ही ईश्वर या ब्रह्म के ज्ञान के अभाव वालों का ही है, शेष यहाँ लिखना यहाँ उचित नहीं वन्दे मातरम्
😊🙏🙏🙏🙏🙏
Ved puran hi dharm he
Arya samaj meri prerna hai.Arya samaj hamari MAATA hai ham uske Putra hain
नेहरू पंडित था या नहीं!
कभी इस पर भी प्रकाश डालने का कष्ट करें श्रीमान जी।
🙏🌹
श्रीराम पुनियानी को मैंने सच का सामना में देखा -सुना मुझे घोर मूर्ख लगा।
वेद व्यास को अवतार मानते हो या नही, परशुराम, कृष्ण, वामन इनको अवतार मानते हो या नही? अगर मानते हो तो मनुष्य अवतार में आकर निराकार परमात्मा ने वेद लिखे हैं इसमें कहां आपको संशय है बताएं हम समाधान कर देते हैं वेद श्रष्टि की रचना के साथ ही लिखे गए हैं 👈
Namaste guruji ved
नेहरू नाम.कब भारत से अलग होगा ।? उसे जो करना था
वह कर गया, समेटते रहो पीढियों तक ।
A
पहले अपने आप को सम्हालो फिर दूसरे
को मूर्ख कहो। आप ही बताइए रहे है।
इतिहासिक प्रमाण ही साक्ष्य होते है।
प्रणाम हर गायत्री छंद गायत्री मंत्र नही है अगर गायत्री छंद गायत्री मंत्र है तो जगती शवरी ऐसे मंत्रो का कोई वर्णन नही है ऐसा क्यों। प्रकाश
लेहरू चिचा को कभी उसकी नहर ही नहीं मिली , तो भारत का इतिहास कहां से मिलता ।
Isi liye angrejo ne aaryo ko videsi bataya tha❤❤❤
यह व्यक्ति भी बिना किसी आधार के जो मन में आये बोल देता था। वैज्ञानिक स्वभाव/प्रकृति का व्यक्ति तथ्य एवं प्रामाणिक आधार पर ही अपने विचार रखता है।
Bhai tu apna vigyan apne pass rakh hum apne vigyan se khush h
भगवान साकार😊 & निराकारही है, ही can do anything himself or through his incarnations or the representatives so, Set up
Evidence* Bhagwad Geeta AsIt Is ACBV Swaami Prabhupaad(ISCON)//**//
Veds are first impaarted to Bramhadevaa by Bhagwaan Krushnaa by His breathing evidences as for top only ,so, stop set up
लगता है ब्राह्मण दूसरे ग्रहों से वेदों आदि पर बैठकर कूदे होंगें ।
Jise angrejo ki gulami se malai milata tha wah koi aur nahi Gadhi neharu aur kuchh Muslim lider ko isliye ye log jo agraj bolate the wahi bolate the desh ko kaise toda aur Tod rahe hai
kisi bhi cheez ka zero mulye kese ho gya
pahle ye parmanit karna hoga ved kitne purane hai
ye dharti kitni purani hai ye hawa kitni purani hai
ye akash kitna purana hai
ye pani kitna purana hai
char yugo ka satye kya hai
es liye kisi bhi vastu ka mulaye zero kese
Ved kya aadmi ek Geeta ka shlok bhi nahi bana sakta h
Hindu Hindu ko manglo ne & anghrajo ne: full targwtd sajish se
Maikoly Act se tax misnrio ajukasn se:& vote for noot' jivio ki mail baghth se hi SB
mr achsrya - how bharat is 5000 yrs old- to no this go to brahmakumris
Kya Kiya Jaye inko Kisi ne budhhi Dev Sara sar jhhuth bolta hai ved me kuchh Likha hi Nahi hai😅😅😅😂😂
TRUE HINDU ARE IDOL WORSHIPPERS
IDOL ARE ONLY WAY TO KEEP EVIL FORCES AWAY.....