धनुष भंग और परशुराम का आगमन: वीरता और क्रोध का संगम 2024

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  • เผยแพร่เมื่อ 11 ต.ค. 2024
  • धनुष भंग और परशुराम का आगमन: वीरता और क्रोध का संगम
    विवरण:
    सीता स्वयंवर में भगवान श्रीराम द्वारा शिवजी का धनुष तोड़ने के बाद, परशुराम क्रोध में वहां आते हैं। परशुराम, जिन्हें शिव धनुष से गहरा लगाव था, इसे अपमान मानते हैं और सभा में उपस्थित लोगों पर अपना क्रोध प्रकट करते हैं। वे मांग करते हैं कि जो भी इस महान धनुष को तोड़ने का अपराधी है, वह सामने आए।
    इस स्थिति में लक्ष्मण और परशुराम के बीच तीखा संवाद होता है, जहां लक्ष्मण अपनी बुद्धिमत्ता और वीरता से परशुराम को चुनौती देते हैं। लेकिन अंततः जब परशुराम को यह पता चलता है कि श्रीराम ही धनुष को तोड़ने वाले हैं, और वह स्वयं भगवान विष्णु के अवतार हैं, तो वे अपने क्रोध को शांत करते हैं। परशुराम राम की महानता को समझते हुए उन्हें आशीर्वाद देकर वहां से प्रस्थान करते हैं। इस घटना में वीरता, क्रोध, और विनम्रता का अनूठा संयोजन देखने को मिलता है।

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