वक्फ की परिभाषा|defination of waqf|muslim law LL.B 2ND SEMESTER|वक्फ क्या होता है

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  • เผยแพร่เมื่อ 22 ก.ย. 2024
  • उत्तर-वक्फ की परिभाषा (Definition of Waqf) 'वक्फ' का शाब्दिक अर्थ है रोके रखना। किन्तु मुस्लिम विधि के अन्तर्गत वक्फ का तात्पर्य ऐसी भौतिक सम्पत्ति से है जिसका अन्तरण न किया जा सकता हो तथा जिसका उपयोग धर्मार्थ तथा पवित्र सन्दान (Pious Endowment) के लिये किया गया हो।
    अबू हनीफा के अनुसार, वक्फ का अर्थ वस्तु विशेष का वाकिफ के स्वामित्व में इस उद्देश्य से रोके रखना है कि इससे जो आय होगी, उसको धमार्थ गरीबों के हित के लिये, या किसी अन्य पवित्र कार्य के लिये उपयोग की जायेगी। यह प्रयोग आरीयत (Aareet) की तरह होता है।
    वक्फ एक्ट की धारा 2 के अनुसार, "वक्फ का अर्थ है इस्लाम धर्म में निष्ठा प्रकट करने वाले किसी व्यक्ति द्वारा किसी सम्पत्ति को मुस्लिम विधि के अन्तर्गत धार्मिक, नेक या खैरात समझे जाने वाले उद्देश्य के लिये स्थायी-समर्पण।"
    वक्फ के आवश्यक तत्व (Essentials of Waqf)
    1. वाकिफ (Settlor) का उद्देश्य धार्मिक होना चाहिये तथा अध्यात्मिक हित की प्राप्ति के लिये सम्पत्ति ईश्वर को
    समर्पित की जानी चाहिये ।
    2. सम्पत्ति के स्वामित्व का समर्पण सर्वकालिक होना चाहिये न कि किसी निश्चित अवधि के लिये ।
    3. वाकिफ का सम्पत्ति पर वास्तविक स्वामित्व होना चाहिये। वह उस सम्पत्ति को समर्पण करने तथा अन्तरण करने के लिये सक्षम होना चाहिये ।
    4. वाकिफ को अपनी सम्पत्ति वक्फ में देने के पश्चात् उसके कब्जे को पूर्ण रूप से छोड़ देना चाहिये ।
    5. वक्फ का उद्देश्य मुस्लिम कानून द्वारा मान्यता प्राप्त कार्यों के करने के लिये होना चाहिये।
    6. वाकिफ को सक्षम होने के लिये आवश्यक है कि वह (i) मुस्लिम धर्म का अनुयायी, (ii) स्वस्थ चित्त तथा (iii) बालिग हो।
    7. वक्फ की प्रकृति स्थायी होनी चाहिये न कि आकस्मिकं ।
    8. वक्फ शर्तहीन (Unqualified) होनी चाहिये।
    वक्फ के कानूनी परिणाम (Legal Incidents of Waqf) एक मान्य वक्फ के सम्पन्न होने पर उसके विभिन्न कानूनी परिणाम उत्पन्न होते हैं-
    1. एक बार वक्फ हो जाने पर वह हमेशा के लिये स्थापित हो जाती है न कि किसी सीमित अवधि के लिये ।
    2. वक्फ की सम्पत्ति का स्वामित्व वाकिफ से हटकर ईश्वर (अल्लाह) में निहित हो जाता है।
    3. वक्फ को पूर्ण होने के बाद बदला या रद्द नहीं किया जा सकता है।4. वक्फ सम्पत्ति से हुई आमदनी का प्रयोग निम्न क्रम से किया जाता है-
    (i) वक्फ सम्पत्ति की मरम्मत आदि खर्च ।
    (ii) वक्फ के उद्देश्य विशेष में खर्च।
    (iii) उद्देश्य विशेष की आम आवश्यकता में खर्च ।
    (iv) गरीबों के लाभ के लिये खर्च ।
    (v) मुस्लिम विधि द्वारा मान्यता प्राप्त स्थायी रूप के उद्देश्य जैसे - धार्मिक पवित्र एवं खैराती कार्यों में खर्च।
    5. अन्तिम लाभ गरीबों तथा खैराती कार्यों के लिये होने चाहियें।
    6. वाकिफ का सम्पत्ति में स्वामित्व समाप्त हो जाता है।
    7. वक्फ सम्पत्ति में उत्तराधिकार का अधिकार समाप्त हो जाता है।
    8. न्यायालयों को वक्फ सम्पत्ति के निरीक्षण का अधिकार होता है।
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