बुद्ध पुनर्जन्म को मानते थे ये बौद्ध ग्रंथों में स्पष्ट रूप से लिखा है जब इस बात पर सवाल किया जाता है तो नवबौद्ध अपने अलग ही तर्क देते हैं कोई कहता है बुद्ध जीवन की अवस्था को ही पुनर्जन्म कहते थे जैसे बचपन फिर किशोरावस्था फिर यौवन बुढ़ापा आदि धम्मपद में लिखा है बुद्ध चार तत्त्वों के पुनर्जन्म जन्म की बात करते हैं जबकि चार नही पांच होते है तत्व जिनसे शरीर का निर्माण हुआ है चलो ये अपना मत है बात को नकारने के लिए अब एक प्रश्न ये उठता है बुद्ध कर्मफल का पूर्ण रूप से समर्थन करते थे या यूं कहो वो कर्म को ही सर्वोपरि मानते थे धम्मपद में लिखा अपने जीवन में ऐसे कर्म करो जिससे आपका आगामी जीवन सुगम बन सके मतलब कर्म का फल मिलता है🙏 इस बात को मद्देनजर रखते हुए एक प्रश्न मेरे दिमाग में आया अगर ऐसा ही है तो अभी हाल ही में एक घटना हुई एक 3 साल के बच्चे को एक बाघ उठा के ले गया उसको मार के खा गया अब मेरी समझ में ये नही आ रहा उस 3 साल के बच्चे ने ऐसा कौनसा कर्म कर दिया जिसके कारण उसे इतनी दर्दनाक सजा मिली छोटी छोटी बच्चियों का बलात्कार हो जाता है उनको किस कर्म की सजा मिलती है में आपसे नही बुद्ध से पूछना चाहता हूं🙏 दूसरी बात ये कर्मों के अनुसार आगामी जीवन का निर्धारण कौन करता है इंसान तो अपना जीवन लिख नही सकता क्योंकि ऐसा होगा तो अपने जीवन में बुरा कौन लिखना चाहेगा🙏 और एक प्रश्न आप कहते हो बौद्ध धर्म शांति और अहिंसा का मार्ग दिखाता है अगर ऐसा है तो चीन पूरा बौद्ध देश है उसकी शांति आज पूरी दुनियां देख रही है और अगर बौद्ध धर्म अहिंसा सिखाता है तो चीन दुनियां का सबसे शाकाहारी देश होता जबकि है इसका उल्टा ऐसा कोई सा जानवर नहीं जिसका मांस चीन में न खाया जाता हो👇👇 जो जैसा बोएगा ऐसा काटेगा th-cam.com/video/c-qthiz97Vo/w-d-xo.html ❤️
जो पूजा पाठ का मतलब नहीं समझेगा वह तो उसे बेकार बतायेगा ही । गैर ब्राह्मण को भी पुरोहित के कार्य की ट्रेनिंग देकर उन्हें भी इस कार्य को करने का अवसर देना चाहिए
बौद्ध मठौं और मन्दीरो मे महात्मा बुद्ध की मूर्ति को पुजा जाता धुप बत्ति कर के इसे पुजा कहे या श्रद्धा ,एक ही बात है,बजाय लोगो को बीच भ्रम पैदा करने की बहुत सारे प्रवचन देने कुछ विद्वानो को मजा आता हैै।
1. जो ऐश्वर्य युक्त श्रेष्ठ पुरुष है, उनको भगवान कहा गया है। (किन्तु परमात्मा निराकार है) 2. इसीलिए बुद्ध, राम, महावीर आदि को भगवान कहा गया है। "भगवान" शब्द सबसे श्रेष्ठ है, पवित्र है, इसीलिए बुद्ध, राम, महावीर आदि को भगवान कहा गया है। 3. उम्मीद है आपको उत्तर मिल गया है। अधिक जानकारी के लिए Pt. Mahendra Pal Arya के videos TH-cam पर देखें ।
स्वर्ग का परमेश्वर की ओर लोटो। यीशु मसीह जीवित परमेश्वर हैं। वह हमारे पाप और अपराध के कारण मारा गया गाड़ा गया और तीसरे दिन जी उठा है और स्वर्ग उठा लिया गया है और फिर आने वाला है बादलों में यीशु मसीह आयेंगे और अपने चुने हुओ को ले जाएंगे। जो कोई उस पर विश्वास करे वह अनंत जीवन के लिए स्वर्ग में उठा लिया जाएगा। यीशु मसीह आने वाला है
माननीय जी, मूर्ति पूजा के मायने आप नहीं समझ पाओगे,, श्रृद्धा भाव शुद्ध विचार, अपने माता-पिता के लिए जैसे,, वेसे ही उस परमात्मा के लिए । अब आपने अपने से पहले तीन पीढ़ियों को या उससे पहले की अनगिनत को नहीं देखा,, ना ही प्रेम, करूणा है,, हमारे अन्दर है,, हम उस परमात्मा को, जिसने हमारे लिए साकार रूप रखा, हम उसको आदर सम्मान करते हैं, पूजते हैं, नतमस्तक होते हैं, हर काम के लिए धन्यवाद करते हैं । इसको अज्ञानी , अहंकारी नहीं जान सकते । कहने लिखने को बहुत है, पर , इतने से ही समझ लिजिए ,, हम हर , वस्तु, जड़ चेतन, हवा, पानी, पेड़, आदि, सभी का उपकार भी मानते हैं,, जगत में, इन्सान, पशु, पक्षी, कीड़े आदि का भी ध्यान रखते हैं ।।
हमें गर्व है कि हमारे देश में आप जैसे मूर्ख भी पैदा होते हैं भगवान बुद्ध ने क्या कहा भगवान बुद्ध ने क्या किया इसी में उलझे रहते हैं अरे यह भी तो देखो कि भगवान बुद्ध थे कौन किसका अवतार थे अपने मन से कुछ भी सोच लिया अपने मन से कुछ भी लिख लिया उसी को पढ़ लिया पाठ कर लिया धन्य है. अगर किसी को हम बेवकूफ बना देते हैं तो कहते हैं उसे हमने बुद्धू बना दिया ऐसे ही यह बुद्धू सबको बुद्धू बनाना चाहते हैं
हमे गर्व है कि इस भारत देश में तीन हजार साल पहले आई एक विदेशी पर जाती के लोग जो 1500 सौ साल पहले तक कोई मूर्ति पूजा नही करते थे केवल यज्ञ हवन करती थीं और उस मे 36 तरह के पशुओं की बली देकर खाती थी जिस में उन लोगो को खाने में गाय बडी अच्छी लगती थी जिन लोगो पर गौतम बुद्ध ने और मौर्य साम्राज्य के राजा लोगो ने पशु बलि को बंद करवाया था आज वह लोग आज विदेशी विष्णु को बुद्ध का अवतार बताते है जिन लोगो ने भारत देश के बुद्ध धर्म को अपने रिस्तेदार मुगलो से मिलकर भारत देश से समाप्त कर के बुद्ध धम्म के मठो पर कब्जा कर के आज काल्पनिक भगवान बना कर देश मे पाखण्ड फैला रखा है वह गाय खाने वाली अज्ञानी आज मूलनिवासी बुद्ध विचार धारा के लोगो को ज्ञान दे रहे है पहले अपने पूर्वजो का सच्चा इतिहास देखो बाद में तुम्मारे ज्ञान का प्रचार करना ठीक है
बुद्ध धम्म को अपणाने के बाद जाति और समाज छूट जाते हैं, हमारा दायरा बढ़ जाता हैं इसे मे बुद्ध धर्मानुयाइयों को अपने पुत्र पुत्रियों के विवाह के विज्ञापनों में जाति या समाज का उल्लेख नहीं करना चाहिये....
Tathagat Gautam Buddha ke time koi bhi murti nahi hua karti thi Unke baad 600 saal baad Bharat me 1st time kisi ki murty bani hogi toh Buddha ki murty Kaniksha Raja ne banwayi Puja ka matlab Tathagat Buddha ke Dhamma ko sikhani aur logo me batana Baad me issaka meaning change kar diya gaya aur Phool chadhana apne liye Kuchh mangna Murty thi hi nahi Tathagat Buddha ke time
तों बुध्द कि मुर्तियां क्यु बनाई।सम्मान में ही क्र्यू जलाते हों अगरबत्ती क्या बोलते हो मुर्ति के सामने बस हम तुम्हारे सम्मान करते हैं बुध्द।नवबुध्द जितना नफरत फैलाकर हिन्दू और बौद्ध में नफरत भरा दि है
Hindu Dharm hi tha puri duniya me ye to dikhta he sir combodiya myanamar Vietnam aur na jaane kaha hamare liye to Mahavir swami aur bhagvan Buddh ye sab pujniya he Jese 33koti to matlab Sanatan Dharm hindu bhi mox ka rasta hi batata he mere hisab se to bhagvan sabki raksha kare serve Devi devtabhyo namah har har Mahadev
लिंग पूजा क्या बौद्ध धर्म जरूरी है जापान के बौद्ध पुरुष लिंग की पूजा करते है । अपने घरों के दीवारों pr pursho ka लिंग बनवाते है । ये कितना वैज्ञानिक है ।
Lekin baba saheb ne kha tha ki murti pooja kisi ki bhi kyu na ho wo hame shradha or gulami ki or le jati aaj bhi haam dekhte hai jis shakss ne sbse jayda murti pooja ka virod kiya aaj uniki murti haar ghar haar gao me lagai gae hai ky baba saheb ne islea sangarsh kiya ki vo raam ganpati hanuman vishnu inki murti niklva kr unki murti bhitaay jaay baba saheb ne kha tha murti rakhne or murti ki shraddha se sib Andvishvas nirman honga aaj aap bol toh rahe h ki haam murti pooja nhe karte Lekin hamare aise khai log hai jo baba saheb or gautam budh ko diya lgate hai, agarbatti lagate hai, or ek murti se umeed lagate hai. Gurunanak dev ji ne sikho ko kha tha murti pooja nhe karni chaiye sikh murti pooja nhe karte, prophet Muhammad ne kha tha murti pooja karna haram hai muslim murti pooja nhe karte, baba saheb or gautam budh ne message diya murti pooja nhe krna haamne toh unki baat maan li sb ki murti pooja chod di lekin jinonhe hame kha uniki murti pooja kr rahe hai is tarah se haam bhi Andbhkt huve me ye manta hu. Agar logo ko maana he kuch toh gautam budh ke holy books ko mano une mathe pe lagao, murti ke jagah dhamaa chakra rakho jo hamari pehchaan hai na ki dhamma chakra ki pooja karo, panchsheel ka parcham lagao, baba saheb ke savidhaan ko mano, baba saheb ke insaaf ka parcham dilo me or gharo pe lagao, mazboor logo ko sth lekr chalo, mazloom logo ka sth do, zulum ke khilaf ladna yahi hamare baap ki pehchaan hai or hame kisi ki murti ki jarurat nahi agar baba saheb murti lgvate toh haam khai mandir me hindutva ko bhdva de rahe hote aaj, aaj agar haam budh ki peace pr amal nhe krte toh trishul pakad rahe hote or zulum kr rahe hote logo pr lekin hamari pehchaan murti pooja karne me nhe zulum ke khilaf ldna or savidhaan ko hakk me rakhna yahi pehchaan hai hamari me garv se kehta hu me Ambedkarwadi hu meri pehchaan baba saheb ki manjil hai, meri pehchaan pachasheel hai, meri pehchaan insaaf ke sth deni ki hai or baba saheb ki batao ko agee le jani ki hai or pakhandwad se andvishvas se ladai jaybhim namo buddhay 💛💚💙💜🙌✨
आप तो वही वाली बात करते हैं कि तुम करो तो लीला हम करे तो करैक्टर ढीला यानी कि यह हिंदू लोग जो पूजा मूर्ति की करते हैं वो पूजा हो गई और आप बता रहे हैं कि मैं मूर्ति की पूजा नहीं करता हूं मैं तो श्रद्धा करता हूं अरे भाई वह भी श्रद्धा ही करते हैं उनमें आप में अंतर क्या है कुछ भी नहीं इसलिए ना आप मूर्ति को रखो ना वह रखें तो ज्यादा अच्छा होगा
सुसमाचार प्रचार ? पाखंड, को पूजा नही कहते। लोभ, लालच, भय, त्रष्ना, अहंकार, घर्णा जैसे विकारों को निकाल कर मैत्री, करूना, को धारन करने की प्रैक्टिस ही पूजा कहलाती है।
आप मूर्ति बनाते है दीप प्रज्वलित करते है दान हिन्दू धर्म की तरह करते है, फिर भी महान है ।जब आपलोग इतने समृद्ध संस्कृति के थे फिर भी आज खुद को बचाने की लड़ाई क्यो लड़ रहे है। आपका धर्म इतना महान है तो आपको क्यू न बचा पाया क्योंकि आप अपने अंदर की लालच को नही छोड़ पाए।मैं सभी धर्म का आदर करती हू इसीसे आप के धर्म की कुरीति नही बताऊंगी ।आस्था सब की अपनी अपनी होती है अपने धर्म को महान सिद्ध करने के लिए ब्राह्मण या दूसरे धर्म को गाली देना छोडिये ।आपका धर्म घर परिवार को छोड़कर भागना सिखाता है सिर्फ खुद का खुशी सिखाता है समाज परिवार के लिए कुछ करना नही सिखाता है ।हिन्दू धर्म अपना परिवार समाज और देश देता है ।भाई-बहन पत्नी पति मा-बेटे का सम्बन्ध और प्यार देता है इसीसे हमलोग त्योहार मनाते है और खुशी का उपहार एक दूसरे को देते है ।हम हर उस चीज का एहसान मानते है जो हमारा इस दुनिया मे ज़िन्दा रहने की बजह है इसीसे हम नदी पहाड पेड गाया सभी की पूजा करते है ।बुद्ध धर्म यदि अपने से भागना नही सिखाता तो शायद मेरा देश इतना लम्बा गुलाम नही होता ।आज भी हम सोने की चिड़िया होते ।
बुद्ध कोई चीज नही जो नष्ट हो जायेगी । बुद्ध एक सम्यक् विचारधारा है, जिसको पूरी दुनिया अपना रही है। सत्य को पाखंड की चादर से नही ढका जा सकता। और बुद्ध को हर कोई समझ सके यह ज़रूरी नहीं, क्यों कि बुद्ध का धम्म धारा के विपरीत है, जिसको समझने के लिये प्रज्ञा की ज़रूरत होती है, जो सम्यक् करम से उत्पन्न होती है।
मुर्ती मतलब पुजा कि जाने वाली वस्तु श्रद्धानिराकार आराधना सम्मान महापुरुष के विचारधारा का पालन करना आपको ज्ञान नही है मुर्ती कि पुजा से श्रद्धा उत्पन्न होती है और श्रद्धा से विचारधारा का सम्मान उत्पन्न होता है
Chota soch leke bari baat nehi samjhoge, murti bhagaban nehi yeh pujne walon ko bhi pata hai. Buddha ko khud tap se bana, aur insan se Buddha ko bhi bant diya.
Theory of Jesus is quite unscientific and against humanism. Only "Knowledge" of "Science" can liberate us. The teaching of the Vedas and the Buddha are so far the most scientific.
वैसे तो मैं भी बहुत दूर पर मैं यीशु मसीह का प्रचार करता हूं क्योंकि बुद्ध परमात्मा को खोज रहे थे पर परमात्मा तो मिला नहीं उनको और लोगों ने उनको ही परमात्मा बना दिया लेकिन बुध परमात्मा नहीं है परमात्मा अगर कोई है तो वह ईशा मशी हैं क्योंकि सत्य मार्ग जीवन सिर्फ वही है उसके अलावा कोई और परमात्मा नहीं है ना कोई हिंदू ना कोई मुसलमान ना कोई शेख ना कोई इसाई ना कोई बात ना कोई जैन सब के सब इंसान हैं परमात्मा ने पहला इंसान आदम और हव्वा को बनाया था आदम और हव्वा से कहा तो मेरी बात मानना तुम्हारा मेरा संबंध बना रहेगा लेकिन इंसान ने कहा नहीं मैं अपनी मर्जी से चलूंगा मुझे तुम्हारी मर्जी से चलने की जरूरत नहीं तब इंसान दूर हो गया और इंसान को ही अपना परमात्मा बनाने लगा परमात्मा की बनाई चीजों को ही पेड़ पौधों जीव जंतु पशु नाला की तिरंगा सांप दुनिया भर की सब चीजों को इंसान अपना बना लिया पर परमपिता कोई अच्छा नहीं लगता था कि इंसान ऐसा करें तब वह स्वयं यीशु मसीह बनकर इस जगत में आए और एक कुमारी के द्वारा आए किसी पुरुष के द्वारा क्यों नहीं आए क्योंकि सब पुरुष पापी हैं पुरुष के द्वारा आते तो वह भी पुरुष होते लेकिन वह स्त्री के द्वारा इस जगत में आए और उनके बारे में बहुत पहले से बताया जाता था इसलिए हमें अब यीशु मसीह का प्रचार करता हूं वैसे मेरी जाती तो चमार है मैं चमार जाति में पैदा हुआ हूं मेरे 160 पर लिखा हुआ है पर मैं पर मैं अब यीशु मसीह का प्रचार करता हूं और इस कारण मुझे बहुत से लोग बुरा भला भी कहते हैं कि तुम बाबा साहब का प्रचार क्यों नहीं करते तुम बाबा साहब का दिया खाते हो तो मैं बाबा साहब ने नौकरी दी तुम्हें बाबा साहब ने यह दिया तुम्हें बाबा साहब ने बोल दिया मैं कहता हूं मुझसे ज्यादा कोई भी बाबा साहब की बात भी नहीं मानता होगा इसलिए यीशु मसीह ही परमेश्वर है यीशु मसीह के अलावा कोई नहीं है जो कोई भी भाई इसको पड़े मेरी विनती है हाथ जोड़कर उसे वह भी यीशु मसीह पर विश्वास जरूर करना तुम्हारी याद जाएगी सब ने ज्ञान बांटा प्रभु यीशु मसीह ने ज्ञान भी बांटा लेकिन साथ में अपनी जान दी है जान देना बड़ी बात है ज्ञान तो उस गली चलते हुए भी बांट देते हैं लेकिन यीशु मसीह ने ज्ञान भी है और यीशु मसीह ने आपके लिए रास्ता तैयार किया है आत्मा को शांति दे
Namo buddhay ji 🎉🎉❤
Namo buddhay 🙏🙏👍
साधुवादा, आयुष्यमान महेन्द्रसिंग साहब।
बहुत अच्छा।
OM namo Siddhananda lahari
Namo Buddhay Jai Bhim 👏💐💙
बुद्ध पुनर्जन्म को मानते थे ये बौद्ध ग्रंथों में स्पष्ट रूप से लिखा है जब इस बात पर सवाल किया जाता है तो नवबौद्ध अपने अलग ही तर्क देते हैं कोई कहता है बुद्ध जीवन की अवस्था को ही पुनर्जन्म कहते थे जैसे बचपन फिर किशोरावस्था फिर यौवन बुढ़ापा आदि
धम्मपद में लिखा है बुद्ध चार तत्त्वों के पुनर्जन्म जन्म की बात करते हैं जबकि चार नही पांच होते है तत्व जिनसे शरीर का निर्माण हुआ है चलो ये अपना मत है बात को नकारने के लिए अब एक प्रश्न ये उठता है
बुद्ध कर्मफल का पूर्ण रूप से समर्थन करते थे या यूं कहो वो कर्म को ही सर्वोपरि मानते थे धम्मपद में लिखा अपने जीवन में ऐसे कर्म करो जिससे आपका आगामी जीवन सुगम बन सके मतलब कर्म का फल मिलता है🙏
इस बात को मद्देनजर रखते हुए एक प्रश्न मेरे दिमाग में आया अगर ऐसा ही है तो अभी हाल ही में एक घटना हुई एक 3 साल के बच्चे को एक बाघ उठा के ले गया उसको मार के खा गया अब मेरी समझ में ये नही आ रहा उस 3 साल के बच्चे ने ऐसा कौनसा कर्म कर दिया जिसके कारण उसे इतनी दर्दनाक सजा मिली छोटी छोटी बच्चियों का बलात्कार हो जाता है उनको किस कर्म की सजा मिलती है में आपसे नही बुद्ध से पूछना चाहता हूं🙏 दूसरी बात ये कर्मों के अनुसार आगामी जीवन का निर्धारण कौन करता है इंसान तो अपना जीवन लिख नही सकता क्योंकि ऐसा होगा तो अपने जीवन में बुरा कौन लिखना चाहेगा🙏
और एक प्रश्न आप कहते हो बौद्ध धर्म शांति और अहिंसा का मार्ग दिखाता है अगर ऐसा है तो चीन पूरा बौद्ध देश है उसकी शांति आज पूरी दुनियां देख रही है और अगर बौद्ध धर्म अहिंसा सिखाता है तो चीन दुनियां का सबसे शाकाहारी देश होता जबकि है इसका उल्टा ऐसा कोई सा जानवर नहीं जिसका मांस चीन में न खाया जाता हो👇👇 जो जैसा बोएगा ऐसा काटेगा
th-cam.com/video/c-qthiz97Vo/w-d-xo.html
❤️
सही कहा है ।।।।।।
लाॅकडाउन बन्द करो
लाॅकडाउन बन्द करो
लाॅकडाउन बन्द करो
गर्व से कहो हम भारतीय हैं
I do *VIPPASANA* meditation daily. It feels great. *Free from Anxiety, depression*
@RajRoS Mathematics ur every comment on this channel is either derogatory or unwanted. So don't waste yours and others energy. Rest in peace ⚡👍
@RajRoS Mathematics तो भाई बता भी दिया होता ?
बहुत ही सार गर्भित वचन है हमें समझना ही पड़ेगा।तभी हम मानव का दर्जा प्राप्त कर पाएंगे।
नमो बुद्धाय जय भीम जय भारत
आदमी लोभ-मोह और ईर्ष्या-डाह से ही कुमार्ग पर चल कर दूसरों का अहित करते हैं. उससे दूसरों को तो दुःख देते ही है, स्वयं भी दुःख झेलते हैं.
सही कहा आपने...
जो पूजा पाठ का मतलब नहीं समझेगा वह तो उसे बेकार बतायेगा ही ।
गैर ब्राह्मण को भी पुरोहित के कार्य की ट्रेनिंग देकर उन्हें भी इस कार्य को करने का अवसर देना चाहिए
🙏🌹 जय भीम जय संविधान नमो बुद्धाय 🌹🙏🌹🌹 बुद्धम शरणम गच्छामि
आप नहीं करते होंगे लेकिन सभी बुद्धिस्ट भगवान बुद्ध की पूजा करते हैं
ZAKI ANWAR पूजा का सही अर्थ है, पूरी जानकारी करना।
बुद्ध की राह पर चलने वाला यह पूजा करता है।
@@ushabaudh6688 tu ne budhha dekha hai ? Mujhey pata hai tuney shirf buddha ki image aur murti dekha hai.Ish hisab se buddha vi kalpanik hai.
Puja kaise kiya jata hi batane ki days kijiye
बौद्ध मठौं और मन्दीरो मे महात्मा बुद्ध की मूर्ति को पुजा जाता धुप बत्ति कर के इसे पुजा
कहे या श्रद्धा ,एक ही बात है,बजाय लोगो को बीच भ्रम पैदा करने की बहुत सारे प्रवचन देने कुछ विद्वानो को मजा आता हैै।
Aankhen kholne wala dhanawad
Jai bhim jai budha jai bharat
1. भगवान का अर्थ क्या हैं
2. भगवान नहीं तो बुद्ध को भगवान क्यूँ कहाँ गया हैं
Budhh log alag kya Kar rahe hai
1. आपके अनुसार भगवान का अर्थ क्या हैं
1. जो ऐश्वर्य युक्त श्रेष्ठ पुरुष है, उनको भगवान कहा गया है। (किन्तु परमात्मा निराकार है)
2. इसीलिए बुद्ध, राम, महावीर आदि को भगवान कहा गया है।
"भगवान" शब्द सबसे श्रेष्ठ है, पवित्र है, इसीलिए बुद्ध, राम, महावीर आदि को भगवान कहा गया है।
3. उम्मीद है आपको उत्तर मिल गया है। अधिक जानकारी के लिए Pt. Mahendra Pal Arya के videos TH-cam पर देखें ।
भग का मतलब भग्न करना अथवा नाश करना राग द्वेष अहंकार का वान का मतलब युक्त करूणा दया मेत्री
से
Too nice sir
Great sir ji 👏👏👏🙏🙏🙏
स्वर्ग का परमेश्वर की ओर लोटो। यीशु मसीह जीवित परमेश्वर हैं। वह हमारे पाप और अपराध के कारण मारा गया गाड़ा गया और तीसरे दिन जी उठा है और स्वर्ग उठा लिया गया है और फिर आने वाला है बादलों में यीशु मसीह आयेंगे और अपने चुने हुओ को ले जाएंगे। जो कोई उस पर विश्वास करे वह अनंत जीवन के लिए स्वर्ग में उठा लिया जाएगा। यीशु मसीह आने वाला है
Namobuddhay
माननीय जी, मूर्ति पूजा के मायने आप नहीं समझ पाओगे,, श्रृद्धा भाव शुद्ध विचार, अपने माता-पिता के लिए जैसे,, वेसे ही उस परमात्मा के लिए । अब आपने अपने से पहले तीन पीढ़ियों को या उससे पहले की अनगिनत को नहीं देखा,, ना ही प्रेम, करूणा है,, हमारे अन्दर है,, हम उस परमात्मा को, जिसने हमारे लिए साकार रूप रखा, हम उसको आदर सम्मान करते हैं, पूजते हैं, नतमस्तक होते हैं, हर काम के लिए धन्यवाद करते हैं । इसको अज्ञानी , अहंकारी नहीं जान सकते । कहने लिखने को बहुत है, पर , इतने से ही समझ लिजिए ,, हम हर , वस्तु, जड़ चेतन, हवा, पानी, पेड़, आदि, सभी का उपकार भी मानते हैं,, जगत में, इन्सान, पशु, पक्षी, कीड़े आदि का भी ध्यान रखते हैं ।।
जय श्री हरी नारायणा महादेवा
Namo budhay ji
Super Duper
Namobudhay. Ji
Namo budhay 🙏🙏
हमें गर्व है कि हमारे देश में आप जैसे मूर्ख भी पैदा होते हैं भगवान बुद्ध ने क्या कहा भगवान बुद्ध ने क्या किया इसी में उलझे रहते हैं अरे यह भी तो देखो कि भगवान बुद्ध थे कौन किसका अवतार थे अपने मन से कुछ भी सोच लिया अपने मन से कुछ भी लिख लिया उसी को पढ़ लिया पाठ कर लिया धन्य है. अगर किसी को हम बेवकूफ बना देते हैं तो कहते हैं उसे हमने बुद्धू बना दिया ऐसे ही यह बुद्धू सबको बुद्धू बनाना चाहते हैं
raj tiwari आप की अविद्या पर दुख होता है।
हमे गर्व है कि इस भारत देश में तीन हजार साल पहले आई एक विदेशी पर जाती के लोग जो 1500 सौ साल पहले तक कोई मूर्ति पूजा नही करते थे
केवल यज्ञ हवन करती थीं और
उस मे 36 तरह के पशुओं की बली देकर खाती थी
जिस में उन लोगो को खाने में गाय बडी अच्छी लगती थी
जिन लोगो पर गौतम बुद्ध ने और
मौर्य साम्राज्य के राजा लोगो ने पशु बलि को बंद करवाया था
आज वह लोग आज विदेशी विष्णु को बुद्ध का अवतार बताते है
जिन लोगो ने भारत देश के बुद्ध धर्म को अपने रिस्तेदार मुगलो से मिलकर
भारत देश से समाप्त कर के बुद्ध धम्म के मठो पर कब्जा कर के
आज काल्पनिक भगवान बना कर
देश मे पाखण्ड फैला रखा है
वह गाय खाने वाली अज्ञानी आज मूलनिवासी बुद्ध विचार धारा के लोगो को ज्ञान दे रहे है
पहले अपने पूर्वजो का सच्चा इतिहास देखो
बाद में तुम्मारे ज्ञान का प्रचार करना
ठीक है
जी,, पर इस प्रकार की बातें कोई मूर्खो का सरदार ही कर सकता है,,
@@rajtiwari668
यह जो बातें बता रहे है वह खुद बुद्ध ने अपने मुख से हजारो आदमियों बीच कहि है
ऊनि बातों को बता रहे है
यह कोई भी बात अपने मन से नही कहि है
@@मत्स्यजनपत 👌
VERY NICE VERY GOOD.VERY LIKE...
Namo Buddhaya
O
Sadhu sadhu
बुद्ध धम्म को अपणाने के बाद जाति और समाज छूट जाते हैं, हमारा दायरा बढ़ जाता हैं इसे मे बुद्ध धर्मानुयाइयों को अपने पुत्र पुत्रियों के विवाह के विज्ञापनों में जाति या समाज का उल्लेख नहीं करना चाहिये....
Tathagat Gautam Buddha ke time koi bhi murti nahi hua karti thi
Unke baad 600 saal baad Bharat me 1st time kisi ki murty bani hogi toh Buddha ki murty Kaniksha Raja ne banwayi
Puja ka matlab Tathagat Buddha ke Dhamma ko sikhani aur logo me batana
Baad me issaka meaning change kar diya gaya aur Phool chadhana apne liye Kuchh mangna
Murty thi hi nahi Tathagat Buddha ke time
Super speech
budh ko bagwan kahna galat h
डा.सिंह ने अच्छी बात बतलायी है. नमो बुद्धाय !!
True. Thanks
Very good sir
Sadhu sadhu sadhu 🙏🙏
Nmmo budhaay
तों बुध्द कि मुर्तियां क्यु बनाई।सम्मान में ही क्र्यू जलाते हों अगरबत्ती क्या बोलते हो मुर्ति के सामने बस हम तुम्हारे सम्मान करते हैं बुध्द।नवबुध्द जितना नफरत फैलाकर हिन्दू और बौद्ध में नफरत भरा दि है
जय श्री हरी
गुरू जी ने कहा है यथार्थ और वास्तविक ...
NICE AND INSPIRING VIDEO. BUDDHA DIDN'T BELIEVE IN GOD, SOUL OR ANYTHING SUPERNATURAL. HE BELIEVED IN FACTS OF LIFE.
Hindu Dharm hi tha puri duniya me ye to dikhta he sir combodiya myanamar Vietnam aur na jaane kaha hamare liye to Mahavir swami aur bhagvan Buddh ye sab pujniya he Jese 33koti to matlab Sanatan Dharm hindu bhi mox ka rasta hi batata he mere hisab se to bhagvan sabki raksha kare serve Devi devtabhyo namah har har Mahadev
jaybhim namobuddhay
Best sir speech
Jay bhim
jay.bhim
Poojaa and shraddhaa ke betcha me kyaa bhed hei
Buddh ki murti banane wale logon ko bata rahe gain ki murti puja pakhand hai ........kya jamana hai?
लिंग पूजा क्या बौद्ध धर्म जरूरी है जापान के बौद्ध पुरुष लिंग की पूजा करते है ।
अपने घरों के दीवारों pr pursho ka लिंग बनवाते है । ये कितना वैज्ञानिक है ।
Bahut khub jay bhim namo budhay
Budh bhagwan nhi the vo ek guru the
Jai bhim jai bharat
Very Good jay Bhim Namo Buddy
Buddh ki Kya pahichan,,,Manav Manav ek saman.
Panchshil me pahila hai ahinsa . Pashuhatya na karana . Lekin aaj Sabhi Buddhist desho me mansahar karte hai . Esaki vajah kya hai ?
Lekin baba saheb ne kha tha ki murti pooja kisi ki bhi kyu na ho wo hame shradha or gulami ki or le jati aaj bhi haam dekhte hai jis shakss ne sbse jayda murti pooja ka virod kiya aaj uniki murti haar ghar haar gao me lagai gae hai ky baba saheb ne islea sangarsh kiya ki vo raam ganpati hanuman vishnu inki murti niklva kr unki murti bhitaay jaay baba saheb ne kha tha murti rakhne or murti ki shraddha se sib Andvishvas nirman honga aaj aap bol toh rahe h ki haam murti pooja nhe karte Lekin hamare aise khai log hai jo baba saheb or gautam budh ko diya lgate hai, agarbatti lagate hai, or ek murti se umeed lagate hai. Gurunanak dev ji ne sikho ko kha tha murti pooja nhe karni chaiye sikh murti pooja nhe karte, prophet Muhammad ne kha tha murti pooja karna haram hai muslim murti pooja nhe karte, baba saheb or gautam budh ne message diya murti pooja nhe krna haamne toh unki baat maan li sb ki murti pooja chod di lekin jinonhe hame kha uniki murti pooja kr rahe hai is tarah se haam bhi Andbhkt huve me ye manta hu. Agar logo ko maana he kuch toh gautam budh ke holy books ko mano une mathe pe lagao, murti ke jagah dhamaa chakra rakho jo hamari pehchaan hai na ki dhamma chakra ki pooja karo, panchsheel ka parcham lagao, baba saheb ke savidhaan ko mano, baba saheb ke insaaf ka parcham dilo me or gharo pe lagao, mazboor logo ko sth lekr chalo, mazloom logo ka sth do, zulum ke khilaf ladna yahi hamare baap ki pehchaan hai or hame kisi ki murti ki jarurat nahi agar baba saheb murti lgvate toh haam khai mandir me hindutva ko bhdva de rahe hote aaj, aaj agar haam budh ki peace pr amal nhe krte toh trishul pakad rahe hote or zulum kr rahe hote logo pr lekin hamari pehchaan murti pooja karne me nhe zulum ke khilaf ldna or savidhaan ko hakk me rakhna yahi pehchaan hai hamari me garv se kehta hu me Ambedkarwadi hu meri pehchaan baba saheb ki manjil hai, meri pehchaan pachasheel hai, meri pehchaan insaaf ke sth deni ki hai or baba saheb ki batao ko agee le jani ki hai or pakhandwad se andvishvas se ladai jaybhim namo buddhay 💛💚💙💜🙌✨
आप तो वही वाली बात करते हैं कि तुम करो तो लीला हम करे तो करैक्टर ढीला यानी कि यह हिंदू लोग जो पूजा मूर्ति की करते हैं वो पूजा हो गई और आप बता रहे हैं कि मैं मूर्ति की पूजा नहीं करता हूं मैं तो श्रद्धा करता हूं अरे भाई वह भी श्रद्धा ही करते हैं उनमें आप में अंतर क्या है कुछ भी नहीं इसलिए ना आप मूर्ति को रखो ना वह रखें तो ज्यादा अच्छा होगा
सुसमाचार प्रचार ? पाखंड, को पूजा नही कहते।
लोभ, लालच, भय, त्रष्ना, अहंकार, घर्णा जैसे विकारों को निकाल कर मैत्री, करूना, को धारन करने की प्रैक्टिस ही पूजा कहलाती है।
@@ushabaudh6688 बहन आप क्या कहना चाहती हैं इस बात के द्वारा जो मैंने ऊपर कमेंट किया वह क्या गलत किया है या सही किया है आप क्या बताना चाहते हैं
sir aapki shakl baba saheb se milti ha.
आप मूर्ति बनाते है दीप प्रज्वलित करते है दान हिन्दू धर्म की तरह करते है, फिर भी महान है ।जब आपलोग इतने समृद्ध संस्कृति के थे फिर भी आज खुद को बचाने की लड़ाई क्यो लड़ रहे है। आपका धर्म इतना महान है तो आपको क्यू न बचा पाया क्योंकि आप अपने अंदर की लालच को नही छोड़ पाए।मैं सभी धर्म का आदर करती हू इसीसे आप के धर्म की कुरीति नही बताऊंगी ।आस्था सब की अपनी अपनी होती है अपने धर्म को महान सिद्ध करने के लिए ब्राह्मण या दूसरे धर्म को गाली देना छोडिये ।आपका धर्म घर परिवार को छोड़कर भागना सिखाता है सिर्फ खुद का खुशी सिखाता है समाज परिवार के लिए कुछ करना नही सिखाता है ।हिन्दू धर्म अपना परिवार समाज और देश देता है ।भाई-बहन पत्नी पति मा-बेटे का सम्बन्ध और प्यार देता है इसीसे हमलोग त्योहार मनाते है और खुशी का उपहार एक दूसरे को देते है ।हम हर उस चीज का एहसान मानते है जो हमारा इस दुनिया मे ज़िन्दा रहने की बजह है इसीसे हम नदी पहाड पेड गाया सभी की पूजा करते है ।बुद्ध धर्म यदि अपने से भागना नही सिखाता तो शायद मेरा देश इतना लम्बा गुलाम नही होता ।आज भी हम सोने की चिड़िया होते ।
ये पक्के भीमटे हैं
बुद्ध कोई चीज नही जो नष्ट हो जायेगी ।
बुद्ध एक सम्यक् विचारधारा है, जिसको पूरी दुनिया अपना रही है। सत्य को पाखंड की चादर से नही ढका जा सकता।
और बुद्ध को हर कोई समझ सके यह ज़रूरी नहीं, क्यों कि बुद्ध का धम्म धारा के विपरीत है, जिसको समझने के लिये प्रज्ञा की ज़रूरत होती है, जो सम्यक् करम से उत्पन्न होती है।
मुर्ती मतलब पुजा कि जाने वाली वस्तु
श्रद्धानिराकार आराधना
सम्मान महापुरुष के विचारधारा का पालन करना
आपको ज्ञान नही है
मुर्ती कि पुजा से श्रद्धा उत्पन्न होती है और श्रद्धा से विचारधारा का सम्मान उत्पन्न होता है
सबसे ज्यादा श्रद्धा भगवान बुद्ध ने ही लाई है लेकिन वो ज्ञान से लाई है नाकि पूजा,ईबादत से ।
Namo buddhay
हमारे भगवान बूध तमाम पुजा पाठ करम कांड पाखंड ओर मूरती पूजा काे पीछे छाेण दीये एैसे लाेग है हमारे ओर हम ऊके बूधम सरणम गछामी
Jai bhim
नमो बुधाय
Chota soch leke bari baat nehi samjhoge, murti bhagaban nehi yeh pujne walon ko bhi pata hai. Buddha ko khud tap se bana, aur insan se Buddha ko bhi bant diya.
Abhe gadhe if bhdha ji deny murti pooja .than why take statue of Buddha. Budha is guru and you can't get god without guru.
murti puja karna haram hai shirk hai
Yeh kaun bola, ek gawar ne?
Apne hisab se kuch bhi explain kro
Iske liye hi to Mna kra he
To tm kyu namaaj pdhte ho
Muktidata jesus christ hai .
Theory of Jesus is quite unscientific and against humanism.
Only "Knowledge" of "Science" can liberate us. The teaching of the Vedas and the Buddha are so far the most scientific.
वैसे तो मैं भी बहुत दूर पर मैं यीशु मसीह का प्रचार करता हूं क्योंकि बुद्ध परमात्मा को खोज रहे थे पर परमात्मा तो मिला नहीं उनको और लोगों ने उनको ही परमात्मा बना दिया लेकिन बुध परमात्मा नहीं है परमात्मा अगर कोई है तो वह ईशा मशी हैं क्योंकि सत्य मार्ग जीवन सिर्फ वही है उसके अलावा कोई और परमात्मा नहीं है ना कोई हिंदू ना कोई मुसलमान ना कोई शेख ना कोई इसाई ना कोई बात ना कोई जैन सब के सब इंसान हैं परमात्मा ने पहला इंसान आदम और हव्वा को बनाया था आदम और हव्वा से कहा तो मेरी बात मानना तुम्हारा मेरा संबंध बना रहेगा लेकिन इंसान ने कहा नहीं मैं अपनी मर्जी से चलूंगा मुझे तुम्हारी मर्जी से चलने की जरूरत नहीं तब इंसान दूर हो गया और इंसान को ही अपना परमात्मा बनाने लगा परमात्मा की बनाई चीजों को ही पेड़ पौधों जीव जंतु पशु नाला की तिरंगा सांप दुनिया भर की सब चीजों को इंसान अपना बना लिया पर परमपिता कोई अच्छा नहीं लगता था कि इंसान ऐसा करें तब वह स्वयं यीशु मसीह बनकर इस जगत में आए और एक कुमारी के द्वारा आए किसी पुरुष के द्वारा क्यों नहीं आए क्योंकि सब पुरुष पापी हैं पुरुष के द्वारा आते तो वह भी पुरुष होते लेकिन वह स्त्री के द्वारा इस जगत में आए और उनके बारे में बहुत पहले से बताया जाता था इसलिए हमें अब यीशु मसीह का प्रचार करता हूं वैसे मेरी जाती तो चमार है मैं चमार जाति में पैदा हुआ हूं मेरे 160 पर लिखा हुआ है पर मैं पर मैं अब यीशु मसीह का प्रचार करता हूं और इस कारण मुझे बहुत से लोग बुरा भला भी कहते हैं कि तुम बाबा साहब का प्रचार क्यों नहीं करते तुम बाबा साहब का दिया खाते हो तो मैं बाबा साहब ने नौकरी दी तुम्हें बाबा साहब ने यह दिया तुम्हें बाबा साहब ने बोल दिया मैं कहता हूं मुझसे ज्यादा कोई भी बाबा साहब की बात भी नहीं मानता होगा इसलिए यीशु मसीह ही परमेश्वर है यीशु मसीह के अलावा कोई नहीं है जो कोई भी भाई इसको पड़े मेरी विनती है हाथ जोड़कर उसे वह भी यीशु मसीह पर विश्वास जरूर करना तुम्हारी याद जाएगी सब ने ज्ञान बांटा प्रभु यीशु मसीह ने ज्ञान भी बांटा लेकिन साथ में अपनी जान दी है जान देना बड़ी बात है ज्ञान तो उस गली चलते हुए भी बांट देते हैं लेकिन यीशु मसीह ने ज्ञान भी है और यीशु मसीह ने आपके लिए रास्ता तैयार किया है आत्मा को शांति दे
Jesus ek insan tha jishko maarke Roman ne bahat branding kiya. Mukti kish se yeh toh pata karo pehele? aur aapne aapko atman ko samjho.
मैने कई विडियो मे वौद्द भिक्षुओं की ममी को पुजते देखा है
Jai bhim
Jai bhim