10 ईश्वर एक से अनेक होता है? ब्रह्मा विष्णु महेश? प्रकृति-पुरुष भेद? प्रलय क्यों? - मुनि सत्यजित् जी

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  • เผยแพร่เมื่อ 21 ก.ย. 2024
  • Aarsh Nyas - is organization driven by vedic scholars, which has sole purpose of making ved , upanishad and darshan understanding in easy and scientific way.
    विश्व के सभी मनुष्य दुःख को दूर कर सुख को प्राप्त करना चाहते हैं, दुःख का कारण अज्ञान है, सभी ज्ञान का मुख्य स्रोत वेद है. महर्षि मनु ने "सर्वज्ञानमयो हि स:" कह कर वेद को ही समस्त ज्ञान का मूल माना है, "वेदोsखिलो धर्ममूलम्" मनुस्मृति २-६ में वेद को धर्म का मूल उलेखित किया है, "धर्मं जिज्ञासमानानाम् प्रमाणम् परमं श्रुति: " अर्थात् जो धर्म का ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं उनके लिए परम प्रमाण वेद है.
    इन आर्ष ग्रंथों के सरलतम रूप में प्रचार प्रसार एवं इससे सम्बंधित कार्य में कार्यरत ब्रह्मचारी, संन्यासी आर्यवीरों के सहयोग हेतु आर्ष न्यास का गठन दिनांक 16 अगस्त 2011 को स्वामी Vishvang जी, आचार्य सत्यजित् जी, श्री सुभाष स्वामी, श्री आदित्य स्वामी एवं श्री रामगोपाल गर्ग के द्वारा अजमेर में किया गया.
    आर्ष न्यास आध्यात्मिक एवं व्यावहारिक विषयों को जिज्ञासा समाधान, उपनिषद् भाष्य, पुस्तक एवं कथा के माध्यम से प्रस्तुत करने में अग्रणी है।

ความคิดเห็น • 6

  • @narenderrustagi9809
    @narenderrustagi9809 4 หลายเดือนก่อน +2

    ईश्वर, जीव व प्रकृति के विभिन्न पहलुओं पर स्पष्टता प्रदान करने के लिए श्रद्धेय मुनि श्री को बारंबार सादर नमन।
    🙏🙏

  • @AashishNB975
    @AashishNB975 4 หลายเดือนก่อน

    om shanti shanti shanti

  • @pragatibachudasama8824
    @pragatibachudasama8824 3 หลายเดือนก่อน

    🙏

  • @ganeshchandrasuyal3576
    @ganeshchandrasuyal3576 4 หลายเดือนก่อน

    🚩🙏

  • @KamalSrivastava-e6k
    @KamalSrivastava-e6k 4 หลายเดือนก่อน

    गुरू जी सादर चरण स्पर्श

  • @trivenipadhiar571
    @trivenipadhiar571 4 หลายเดือนก่อน

    नमस्ते मुनि जी