बहुत ही अच्छी कहानी।लग ही नही रहा कि कहानी सुन रही हूँ। रक्षा बंधन या भाईदूज पर जब भी बुआ वगैरह इक्कठा होती इसी तरह की बातें, या पास पड़ोस की घटना जैसे किसकी कब सगाई है कब फलाने की शादी है, कब ढिमकाने के घर बच्चा होगा वगैरह वगैरह। सच में कहानी सुनकर बचपन में पहुँच गयी। आप की आवाज़ की जितनी भी प्रशंसा करू कम है सीमा दी 😊 😊 🌷 🌷 🙏 🙏
पुराने समय से अब तक शादी विवाह में किस प्रकार समीकरण बदले हैं और बदलते जा रहे हैं इसका लेखिका ने बहुत ही खूबसूरती से विश्लेषण किया है। 8 दिन तक गाना बजाना और रीति रिवाज के चलते शादी होने का आनंद हीअलग था। अब तो सब छू मंतर सा है। सच पूछा जाए तो वास्तविकता तो यह होती जा रही है कि अगर किसी की लड़की कोई अच्छा घर पर स्वयं तलाश लेती है तो मां बाप खुश ही होते हैं। सोचते हैं चलो हम से भी अच्छा घर लड़की ने खुद ढूंढ लिया है। जिसमें दान दहेज देने के लिए कोई बाध्यता नहीं रहती। प्रस्तुति बहुत बहुतअच्छी।😅😂❤👍
Bahut sunder kahani
बहुत सुन्दर, लाज़वाब वाचन सीमा जी
बहुत सुंदर कहानी
बहुत सुंदर। वदलाव अच्छाहो या बुरा, नियम है।
हम भी तो पहले पढते थे, आज सुनते हैं।❤
सही कहा आपने।
❤
बेहतरीन
यह बदलाव लड़कियों के हक में अच्छा है। बेहतरीन😊😊
✅️
बहुत उमदा कहानी
बहुत उम्दा, सकरात्मक कहानी👌👌 आपकी प्रस्तुति बहुत सटीक, सरल दीदी🙏
सही विद्या..बढ़िया कहानी.
बहुत ही अच्छी कहानी।लग ही नही रहा कि कहानी सुन रही हूँ। रक्षा बंधन या भाईदूज पर जब भी बुआ वगैरह इक्कठा होती इसी तरह की बातें, या पास पड़ोस की घटना जैसे किसकी कब सगाई है कब फलाने की शादी है, कब ढिमकाने के घर बच्चा होगा वगैरह वगैरह। सच में कहानी सुनकर बचपन में पहुँच गयी। आप की आवाज़ की जितनी भी प्रशंसा करू कम है सीमा दी 😊 😊 🌷 🌷 🙏 🙏
😁😁😁 सच मे.
Truth of our society reading of story is nice
बहुत सुंदर पाठ
🙏🏻🙏🏻❤️❤️
आजकल तो अपने समाज की लड़की मिलना भी भाग्य विधाता है🎉🎉
😁😁
Beautiful... perfectly concluded...need of the hour 👍
Thanks a lot 😊 Ankita.
पुराने समय से अब तक शादी विवाह में किस प्रकार समीकरण बदले हैं और बदलते जा रहे हैं इसका लेखिका ने बहुत ही खूबसूरती से विश्लेषण किया है।
8 दिन तक गाना बजाना और रीति रिवाज के चलते शादी होने का आनंद हीअलग था। अब तो सब छू मंतर सा है।
सच पूछा जाए तो वास्तविकता तो यह होती जा रही है कि अगर किसी की लड़की कोई अच्छा घर पर स्वयं तलाश लेती है तो मां बाप खुश ही होते हैं।
सोचते हैं चलो हम से भी अच्छा घर लड़की ने खुद ढूंढ लिया है।
जिसमें दान दहेज देने के लिए कोई बाध्यता नहीं रहती।
प्रस्तुति बहुत बहुतअच्छी।😅😂❤👍
हे भगवान! कितनी छोटी छोटी बाते, मगर छोटी बातका बतंगड क्यो बना लेते है लोग ? बाल की खाल निकालनेमे कितने माहिर है लोग!!
😁😁