सर व्हेरी गुड एक्सप्लेन है मगर कोई भी ग्रह अपने नैसर्गिक कारकत्व गुण जिस भाव मे बैठा है( उसे सोर्स कहते हैं )उसका फल वह ग्रह जिस नक्षत्र मे है उसका न.स्वा. जिस भाव कार्येश हो रहा है उसका फल (यह है न.स्वा का रिझल्ट होता है) अपने महादशा अंतर्दशा विदशा मे निश्चित रुप से देता है कुंडली मे जितने ग्रह ११ भाव कार्येश होते है उस जातक सभी तरह के बहुत अच्छा फल मिलता है ऐसे अनुभव आया है
So so accurate 🙏
Very nice video sir 🙏
Very clear and easy to understand 🙏
Namaste 🙏 sirji
सर व्हेरी गुड एक्सप्लेन है मगर कोई भी ग्रह अपने नैसर्गिक कारकत्व गुण जिस भाव मे बैठा है( उसे सोर्स कहते हैं )उसका फल वह ग्रह जिस नक्षत्र मे है उसका न.स्वा. जिस भाव कार्येश हो रहा है उसका फल (यह है न.स्वा का रिझल्ट होता है) अपने महादशा अंतर्दशा विदशा मे निश्चित रुप से देता है कुंडली मे जितने ग्रह ११ भाव कार्येश होते है उस जातक सभी तरह के बहुत अच्छा फल मिलता है ऐसे अनुभव आया है