इन विध साथ जी जागिए||श्रीमुख वाणी गायन||श्री सागर ग्रन्थ, प्रकरण-७||

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  • เผยแพร่เมื่อ 15 ต.ค. 2024
  • प्रस्तुत चौपाई महामति श्री प्राणनाथ जी प्रणीत श्री कृष्ण प्रणामी धर्म के पवित्र ग्रन्थ श्री तारतम सागर अन्तर्गत श्री सागर ग्रन्थ, प्रकरण-७ से लिया गया है ।🙏🙏

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